राजनीति
बदायूं मामले पर टिप्पणी के लिए प्रियंका ने एनसीडब्ल्यू के सदस्य को फटकार लगाई

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने एनसीडब्ल्यू की सदस्य चंद्रमुखी देवी को उनके बयान के लिए फटकार लगाई है। चंद्रमुखी देवी ने कहा था कि बदायूं में एक महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म और जानलेवा हमला नहीं हुआ होता, अगर वह शाम को अकेले बाहर नहीं निकली होती या फिर उसके साथ एक बच्चा होता। कांग्रेस नेता ने कहा, “क्या आपको लगता है कि इस तरह के बयान के बाद महिला सुरक्षा सुनिश्चित की जाएगी? एनसीडब्ल्यू सदस्य अपराध के लिए पीड़िता को दोषी ठहरा रही हैं। प्रशासन परेशान है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट कैसे लीक हो गई? मुरादाबाद में, एक पीड़ित महिला अपने जीवन से जूझ रही है। “
राष्ट्रीय महिला आयोग की सदस्य चंद्रमुखी देवी ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले में 50 वर्षीय सामूहिक बलात्कार पीड़िता के गांव का दौरा किया, और कहा कि यह अपराध नहीं हुआ होता, अगर महिला शाम में अकेले बाहर नहीं निकलती।
एनसीडब्ल्यू की सदस्य ने कथित रूप से कहा, “यह एक ऐसा अपराध है जिसने मानवता को शर्मसार कर दिया है, लेकिन मैं यह भी कहना चाहूंगी कि महिलाओं को शाम के समय में अकेले बाहर नहीं निकलना चाहिए। मुझे लगता है कि महिला ने शाम को बाहर कदम नहीं रखा होता, या उसका एक बच्चा उसके साथ होता तो यह घटना नहीं होती। “
वहीं एनसीडब्ल्यू की चेयरपर्सन रेखा शर्मा ने कहा, “मुझे नहीं पता कि सदस्य ने यह कैसे और क्यों कहा है, लेकिन महिलाओं को अपनी मर्जी से, जब भी और जहां भी चाहें जाने का अधिकार है।”
राजनीति
संजय राउत ने राहुल गांधी के सवाल को बताया जनता की आवाज, बोले- पाकिस्तान पर नहीं कर सकते भरोसा

मुंबई, 23 मई। शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने शुक्रवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में केंद्र की मोदी सरकार और भारतीय जनता पार्टी पर निशाना साधा। उन्होंने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के सवालों का समर्थन करते हुए कहा कि राहुल गांधी ने जो सवाल पूछे हैं, वे देश के 140 करोड़ लोगों के मन की बात है।
संजय राउत ने कहा, “राहुल गांधी ने पूछा है कि पाकिस्तान पर भरोसा क्यों करें? यह सवाल गलत कैसे हो सकता है? पूरा विश्व जानता है कि पाकिस्तान पर भरोसा नहीं किया जा सकता। सिर्फ भाजपा के ट्रोलर्स को ही शायद यह सवाल नहीं समझ आता।”
संजय राउत ने पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप पर भी सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “ट्रंप से भारत को क्या फायदा हुआ? ट्रंप ने तो भारत को नुकसान ही पहुंचाया। हमारा आतंकवाद के खिलाफ युद्ध जमीन हड़पने के लिए नहीं, बल्कि देश की सुरक्षा के लिए था। हमने पाकिस्तान से आतंकवाद खत्म करने के लिए लड़ाई शुरू की थी, लेकिन ट्रंप ने हमारा साथ देने के बजाय नुकसान पहुंचाया। राहुल गांधी का यह सवाल जनता की आवाज है। अगर राहुल गांधी ने यह सवाल पूछा है, तो मैं समझता हूं कि यह जनता के मन की बात है।”
संजय राउत ने आगे कहा, “हमारा खून खौलता है। हमारी रगों में देशभक्ति और भारत प्रेम का खून दौड़ता है। जब हमारे 26 निर्दोष लोग मारे गए, जब हमारी महिलाओं का सिंदूर मिटा, तब भी हमारा खून खौलता है। हमारे पास खून के अलावा कुछ नहीं, और वही खून देश के लिए बहता है।”
संजय राउत ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा, “क्या भाजपा डोनाल्ड ट्रंप की पोस्टर बॉय बन गई है? राहुल गांधी ने क्या गलत सवाल पूछा है? पहले सवाल को समझिए। जब आपको सवाल की समझ नहीं होती तो आपको विपक्ष के सांसदों को विदेश भेजना पड़ता है ताकि वे देश की भूमिका स्पष्ट करें।”
उन्होंने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ के बयान पर भी आपत्ति जताई, जिसमें शरीफ ने कहा था कि उन्होंने 1971 की हार का बदला ले लिया है। उन्होंने कहा, “मैंने देखा है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने कहा है कि उन्होंने 1971 की हार का बदला ले लिया है। यह कहने की हिम्मत उन्हें कैसे हो गई? 1971 में जब इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान को हराया था, तब भी पाकिस्तान की भाषा ऐसी नहीं थी। 1965 में लाल बहादुर शास्त्री के नेतृत्व में हमने पाकिस्तान को लोहे के चने चबवाए थे। तब भी उनके नेताओं की भाषा इतनी उग्र नहीं थी। लेकिन आज मोदी सरकार के कार्यकाल में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ कह रहे हैं कि उन्होंने भारत से 1971 का बदला लिया है, यह सरकार के लिए शर्म की बात है।”
तमिलनाडु में टीएएसएमएसी छापों को लेकर प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को सुप्रीम कोर्ट की फटकार पर राउत ने कहा, “ईडी भाजपा, पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का हथियार है। मैं भी ईडी का शिकार रहा हूं। मेरे जैसे कई लोग इससे गुजर चुके हैं। जब तक ईडी है, तब तक मोदी-शाह और भाजपा का राज है।”
राजनीति
मध्य प्रदेश के स्कूली पाठ्यक्रम में ऑपरेशन सिंदूर को शामिल करने की उठी मांग

भोपाल 23 मई। भारतीय सेना ने अपने शौर्य और पराक्रम के बल पर पाकिस्तान को सबक सिखाया है। मध्य प्रदेश के राजनेताओं ने मांग की है कि स्कूली शिक्षा के पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाए। ताकि ऑपरेशन सिंदूर के बारे में अगली पीढ़ी जान सके।
दलगत राजनीति से ऊपर उठकर राज्य के भाजपा और कांग्रेस के नेता ऑपरेशन सिंदूर को भारतीय सेना की बड़ी सफलता मानते हैं। उनका मानना है कि सेना के शौर्य और पराक्रम को अगली पीढ़ी को भी जानना जरूरी है। यह तभी संभव है जब स्कूली शिक्षा के पाठ्यक्रम में इसे शामिल किया जाए।
उत्तराखंड मदरसा बोर्ड ने ऑपरेशन सिंदूर को पाठ्यक्रम में शामिल करने का निर्णय पहले ही ले लिया है। ऐसे ही भोपाल से भाजपा के सांसद आलोक शर्मा ने ऑपरेशन सिंदूर को स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाए जाने की मांग करते हुए कहा है कि ऑपरेशन सिंदूर को स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाए जाने से आने वाली पीढ़ी को पता चलेगा कि किस प्रकार से देश की सेना के वीर सैनिकों ने हिंदुस्तान की रक्षा की और पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब दिया।
उन्होंने आगे कहा कि पूरा देश सिंदूर विजय का उत्सव मना रहा है, जगह-जगह तिरंगा यात्राएं निकाली जा रही हैं, देश की जनता अपनी सेना का आभार व्यक्त कर रही है और देश के कई हिस्सों के पाठ्यक्रम में ऑपरेशन सिंदूर को शामिल किया जा रहा है। इसलिए मध्य प्रदेश में भी इसे स्कूली पाठ्यक्रम का हिस्सा बनाया जाए।
वहीं भोपाल के हुजूर क्षेत्र से भाजपा विधायक रामेश्वर शर्मा ने कहा है कि हमारी सेना ने उतनी देर में आतंकवादियों के नौ ठिकानों को नष्ट कर दिया जितनी देर में हम होटल में नाश्ता करते हैं। स्वदेशी हथियारों से दुश्मन के ठिकानों को कब्र में बदल दिया। अगली पीढ़ी इसे जान सके, इसके लिए जरूरी है कि स्कूल के पाठ्यक्रम में ऑपरेशन सिंदूर को शामिल किया जाए।
भोपाल से कांग्रेस विधायक आरिफ मसूद ने कहा है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पूरा देश एक साथ खड़ा था और इस दौरान भारत की ओर से लड़ी गई आजादी की लड़ाई की याद आ गई। भारत की दो महिला सैन्य अधिकारियों ने जिस तरह से देश का प्रतिनिधित्व किया, उसे भुलाया नहीं जा सकता। इसलिए ऑपरेशन सिंदूर को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया जाना चाहिए। साथ में यह भी शामिल किया जाना चाहिए कि मध्य प्रदेश के दो मंत्रियों ने किस तरह से महिला सैन्य अधिकारी का अपमान किया था, जिस पर सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की, बल्कि हाई कोर्ट ने कार्रवाई के निर्देश दिए।
महाराष्ट्र
ईद-उल-अजहा और लाउडस्पीकर मुद्दे पर अबू आसिम आज़मी की सफल पैरवी, मुख्यमंत्री से मुलाकात, सकारात्मक कार्रवाई का आश्वासन

मुंबई: मुंबई की मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाए जाने और मस्जिदों को नोटिस मिलने के बाद मुसलमानों में चिंता और अशांति का माहौल है। इस मुद्दे को सफलतापूर्वक उठाने के बाद विधायक अबू आसिम आज़मी ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मुलाकात की और मस्जिद के अधिकारियों और ट्रस्टियों की बैठक आयोजित करके इस संवेदनशील मुद्दे का समाधान करने की मांग की। जिस पर मुख्यमंत्री ने बैठक बुलाने का आश्वासन दिया। मस्जिदों में लाउडस्पीकरों के मुद्दे का समाधान खोजने तथा इस मुद्दे का राजनीतिकरण करने तथा धार्मिक घृणा भड़काने का प्रयास करने वालों पर अंकुश लगाने के लिए मुंबई पुलिस, मुस्लिम प्रतिनिधियों तथा मस्जिद ट्रस्टियों के साथ एक संयुक्त बैठक आयोजित की जानी चाहिए। इस संदर्भ में आज समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष एवं विधायक अबू आसिम आजमी के नेतृत्व में मस्जिद ट्रस्टियों एवं पार्टी पदाधिकारियों का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस से मिला और उन्हें अनुरोध ज्ञापन सौंपकर मामले पर चर्चा की।
इस पर बोलते हुए अबू आसिम आज़मी ने कहा कि मस्जिदों में अजान के लिए लाउडस्पीकर का इस्तेमाल सुप्रीम कोर्ट के नियमों के अनुसार किया जाता है। लेकिन कुछ नफरत फैलाने वाले उपद्रवी लोग जानबूझकर पुलिस और प्रशासन पर मस्जिदों से लाउडस्पीकर हटाने का दबाव बना रहे हैं। मुस्लिम समुदाय में इस प्रकार का व्यवहार अस्वीकार्य है। इस संबंध में आज हमने वरिष्ठ मुस्लिम प्रतिनिधियों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस से मुलाकात की और उनसे इस मुद्दे पर उचित दिशा-निर्देश तैयार करने का अनुरोध किया।
आजमी ने आगे कहा कि हमने प्रस्ताव रखा है कि हर शहर में पुलिस, मुस्लिम प्रतिनिधियों और मस्जिदों के ट्रस्टियों के साथ एक परामर्श बैठक आयोजित की जाए, ताकि इस संवेदनशील मुद्दे का शांतिपूर्ण समाधान निकाला जा सके और जो लोग इसका राजनीतिक इस्तेमाल कर रहे हैं उन पर लगाम लगाई जा सके। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मुंबई पुलिस आयुक्त देविन भारती से बात की और निर्देश दिया कि किसी भी कार्रवाई के दौरान कानून को अपने हाथ में नहीं लिया जाना चाहिए और कानून का पालन किया जाना चाहिए। उन्होंने हमें आश्वासन दिया कि हमारे अनुरोध पर शीघ्र ही विद्वानों, गैर सरकारी संगठनों और अन्य सदस्यों के साथ एक बैठक बुलाई जाएगी।
बैठक के दौरान, प्रतिनिधिमंडल ने ईद-उल-अजहा और कुर्बानी के मुद्दे पर भी चर्चा की, तथा पुलिस, मुंबई नगर निगम और प्रशासन से पूर्ण सहयोग का अनुरोध किया ताकि मुसलमान ईद-उल-अजहा पर अपने धार्मिक कर्तव्यों का सम्मान और आदर के साथ पालन कर सकें, ताकि यह त्योहार शांति, सद्भाव और व्यवस्था के साथ मनाया जा सके। उस समय समाजवादी पार्टी के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष यूसुफ अब्रानी, रजिया चश्मावाला, मुहम्मद. अली शेख, सैयद शौकत, फिरोज ऑरा, मेमन समुदाय के उपाध्यक्ष और मस्जिदों के ट्रस्टी उपस्थित थे।
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