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प्रियंका ने हमास के ठिकानों पर इजरायली हमलों पर कहा, निर्मम हत्या
 
												नई दिल्ली, 19 मार्च। कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने बुधवार को गाजा में हमास के ठिकानों पर इजरायल के हालिया सैन्य हमलों की निंदा की और इसे “निर्मम हत्या” का कृत्य बताया।
इजरायल ने मंगलवार को गाजा पट्टी में कई स्थानों पर भारी हवाई हमले किए, जो 19 जनवरी को शुरू हुए युद्धविराम के बाद से उसका पहला बड़ा हमला था। इजरायल और हमास के बीच वार्ता विफल होने के बाद फिर से हमला किया गया।
गाजा में चिकित्सा अधिकारियों के अनुसार, उत्तरी गाजा, देइर अल-बलाह, खान यूनिस, राफा और गाजा सिटी में हमलों में 350 से अधिक लोग मारे गए और 150 से अधिक अन्य घायल हो गए।
एक्स पर अपना आक्रोश व्यक्त करते हुए, प्रियंका ने पोस्ट किया, “इजरायली सरकार द्वारा 130 बच्चों सहित 400 से अधिक निर्दोष नागरिकों की निर्मम हत्या से पता चलता है कि मानवता उनके लिए कोई मायने नहीं रखती। उनके कार्य एक अंतर्निहित कमजोरी और अपनी सच्चाई का सामना करने में असमर्थता को दर्शाते हैं।”
उन्होंने पश्चिमी देशों की प्रतिक्रिया की आलोचना करते हुए कहा, “पश्चिमी शक्तियाँ इसे पहचानना चाहें या फ़िलिस्तीनी लोगों के नरसंहार में उनकी मिलीभगत को स्वीकार करें या नहीं, दुनिया के सभी नागरिक जिनके पास विवेक है (जिनमें कई इज़राइली भी शामिल हैं), इसे देखते हैं।”
“इज़राइली सरकार जितना अधिक आपराधिक तरीके से काम करती है, उतना ही वे खुद को कायर साबित करते हैं। दूसरी ओर, फ़िलिस्तीनी लोगों की बहादुरी प्रबल होती है। उन्होंने अकल्पनीय पीड़ा सहन की है, फिर भी उनकी भावना दृढ़ और अडिग है,” उन्होंने कहा।
इज़राइल ने अपनी सैन्य कार्रवाई का बचाव करते हुए इस हमले के लिए हमास द्वारा बंधकों को रिहा करने से इनकार करने और अमेरिकी राष्ट्रपति के दूत स्टीव विटकॉफ और अन्य मध्यस्थों के युद्धविराम प्रस्तावों को अस्वीकार करने को जिम्मेदार ठहराया।
इज़राइली प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के कार्यालय ने मंगलवार को कहा, “प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और रक्षा मंत्री इज़राइल कैट्ज़ ने आईडीएफ को गाजा पट्टी में हमास आतंकवादी संगठन के खिलाफ़ कड़ी कार्रवाई करने का निर्देश दिया है।”
बयान में आगे कहा गया कि इजरायल अपने युद्ध उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए अपने सैन्य अभियान को तेज कर रहा है, जिसमें हमास द्वारा बंधक बनाए गए लोगों की रिहाई सुनिश्चित करना शामिल है।
इसमें कहा गया, “इजरायल अब से हमास के खिलाफ सैन्य ताकत बढ़ाकर कार्रवाई करेगा। परिचालन योजना सप्ताहांत में आईडीएफ द्वारा प्रस्तुत की गई थी और राजनीतिक नेतृत्व द्वारा अनुमोदित की गई थी।”
यह नवीनतम वृद्धि तब हुई जब संघर्ष विराम वार्ता संघर्ष विराम के अगले चरण पर असहमति के कारण टूट गई।
इजरायल ने तीन-चरणीय समझौते के प्रारंभिक चरण को आगे बढ़ाने की मांग की, जबकि हमास ने दूसरे चरण की ओर बढ़ने पर जोर दिया, जो 2 मार्च को शुरू होने वाला था और इसमें आगे बंधकों का आदान-प्रदान शामिल था।
युद्ध विराम के पहले चरण के दौरान, हमास ने लगभग 2,000 फिलिस्तीनी कैदियों के बदले में 33 इजरायली बंधकों और पांच थाई नागरिकों को रिहा किया। हालांकि, हमास अभी भी लगभग 59 बंधकों को बंदी बनाए हुए है।
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बिहार चुनाव : सीएम नीतीश को लेकर क्या बोलीं अमेरिकी सिंगर मैरी मिलबेन?, मैथिली ठाकुर पर दिया बड़ा बयान

नई दिल्ली, 25 अक्टूबर : अमेरिका की मशहूर सिंगर मैरी मिलबेन ने बिहार में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर मिडिया से एक्सक्लूसिव बातचीत की। इस बातचीत के दौरान उन्होंने बिहार में एनडीए की जीत की उम्मीद जताई। इसके साथ ही उन्होंने बिहार की प्रसिद्ध लोक गायिका मैथिली ठाकुर को ना केवल राजनीति में कदम रखने के लिए शुभकामनाएं दी, बल्कि उनकी कला और संगीत की सराहना भी की।
बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर अमेरिकी सिंगर मैरी मिलबेन ने आईएएनएस को बताया, “मैं बिहार के बारे में जानती हूं। मैं उम्मीद करती हूं कि बिहार में भाजपा द्वारा चुनाव मैदान में उतारे गए पार्टी के सभी उम्मीदवार अच्छे होंगे। मैं सभी उम्मीदवारों से परिचित नहीं हूं। मुझे पता है कि वहां के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं। साल 2023 में एक वीडियो वायरल हो रहा था, जिसके बारे में मेरी टीम ने मुझे बताया। मुझे नीतीश कुमार के बयान से खुशी नहीं हुई थी। हालांकि, बाद में उन्होंने अपने बयान के लिए माफी मांगी थी। महिलाओं और छोटी लड़कियों को सशक्त बनाने के लिए नीतीश सरकार ने बहुत काम किए हैं। पीएम मोदी ने भारतीय राजनीति में महिलाओं को सशक्त किया है। बिहार के विकास के लिए पीएम मोदी की सोच और इसकी अपार सफलता की मैं उम्मीद करती हूं। मैं वहां आऊंगी तो बिहार जाना जरूर पसंद करूंगी। मैं उस क्षेत्र के कई लोगों से मिली हूं। अब मैं बिहार के बारे में और जानना चाहती हूं।”
बिहार की प्रसिद्ध लोक गायिका मैथिली ठाकुर को लेकर मैरी मिलबेन ने कहा, “मैं वहां की लोक गायिका को जानती हूं। मैं बहुत उत्साहित हूं यह देखकर कि उन्होंने राजनीति में कदम रखा है। मैं उनकी कला और गायकी को बहुत पसंद करती हूं। मुझे यह देखकर बहुत खुशी हुई कि उन्होंने इतनी कम उम्र में शास्त्रीय संगीत में अपने जीवन को समर्पित कर दिया है। उन्हें राजनीति में देखकर बहुत खुशी हो रही है। उन्हें और उनके परिवार को ढेर सारा आशीर्वाद। मैं उम्मीद करती हूं कि उनकी तरह और भी नौजवान राजनीति में आएंगे।”
मैरी मिलबेन ने कहा, ”पीएम मोदी भारत-अमेरिका के बीच संबंध के लिए सबसे अच्छे नेता हैं। वह लोगों को जोड़ते हैं, साथ लाते हैं। पीएम मोदी तनाव को कम करने की कोशिश करते हैं। वह बहुत दयालु और सरल हैं। वह अमेरिका के साथ कूटनीति अच्छे से कर रहे हैं। भारत के हित में जो अच्छा है, वो पीएम मोदी कर रहे हैं।”
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क्या रेयर अर्थ मिनरल्स और एलिमेंट्स को लेकर ट्रंप और जिनपिंग में बनेगी बात? मलेशिया पर टिकी सबकी नजर

न्यूयॉर्क, 25 अक्टूबर : अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अपने एशिया दौरे के पहले चरण में शनिवार को कुआलालंपुर पहुंचेंगे। वे मलेशिया, दक्षिण कोरिया और जापान जाएंगे, जबकि दोनों देशों के बीच व्यापार युद्ध जारी है।
पूरे क्षेत्र में व्यापार और निवेश समझौते होने की उम्मीद है, लेकिन इस दौरे का सबसे ज्यादा ध्यान दक्षिण कोरिया में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से उनकी मुलाकात पर होगा।
दरअसल, हाल के दिनों में दोनों देशों के बीच टैरिफ, रेयर अर्थ एलिमेंट, तकनीक और दवाओं को लेकर तनाव बढ़ा हुआ है। ऐसे में दोनों नेताओं की मुलाकात पर दुनिया की नजर होगी।
30 अक्टूबर को ट्रंप की मुलाकात दक्षिण कोरिया के ऐतिहासिक शहर ग्योंगजू में 21 सदस्यीय एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग समिट के दौरान होगी। बता दें, अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप की इस क्षेत्र की पहली यात्रा रविवार और सोमवार को कुआलालंपुर में आसियान शिखर सम्मेलन से शुरू होगी।
मलेशिया में आयोजित आसियान समिट में इसके दस सदस्यों के नेताओं और ट्रंप के अलावा, ब्राजील के राष्ट्रपति लुईज इनासियो लूला दा सिल्वा और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा, और चीन के प्रधान मंत्री ली कियांग, जापान की पीएम साने ताकाइची, ऑस्ट्रेलिया के पीएम एंथनी अल्बानीज और कनाडा के माइक कार्नी शामिल होंगे।
वहीं ट्रंप की टीम में विदेश मंत्री मार्को रुबियो, वित्त मंत्री स्कॉट बेसेंट और व्यापार प्रतिनिधि जैमीसन ग्रीर शामिल होंगे।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी इस समिट में आने के लिए आमंत्रित किया गया था। हालांकि, वह वर्चुअल माध्यम से समिट में भाग लेंगे। वहीं कार्यक्रम के दूसरे दिन विदेश मंत्री एस जयशंकर पीएम मोदी का प्रतिनिधित्व करेंगे।
बता दें, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जो टैरिफ बम फोड़ा है, उससे कई आसियान सदस्य परेशान हैं। खासकर लाओस और म्यांमार की बात करें तो उन पर 40 फीसदी टैरिफ चिंता का विषय है।
हाल ही में थाईलैंड और कंबोडिया के बीच एक छोटी झड़प हुई थी, जिसे राष्ट्रपति ट्रंप ने अपनी मध्यस्थता से सुलझा दिया था। ऐसे में संभव है कि राष्ट्रपति ट्रंप की मौजूदगी में दोनों देश एक शांति समझौते पर हस्ताक्षर कर सकते हैं।
एपीईसी शिखर सम्मेलन से इतर ट्रंप-शी की बैठक होने वाली है। रिपोर्टों के अनुसार, अमेरिकी नेता वास्तविक शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं होंगे, बल्कि समिट से इतर द्विपक्षीय बैठकों में शिरकत करेंगे।
एक तरफ चीन ने रेयर अर्थ मिनरल्स पर व्यापक निर्यात नियंत्रण की धमकी दी। दूसरी तरफ अमेरिका ने चेतावनी दी है कि वह पहले से लगाए गए शुल्कों में 100 प्रतिशत शुल्क जोड़ देगा, जिससे चीन पर कुल शुल्क 157 प्रतिशत तक बढ़ सकता है।
ट्रंप ने मांग की है कि चीन रेयर अर्थ मिनरल्स और चुम्बकों पर प्रतिबंध हटाए, सोयाबीन खरीदना शुरू करे, और फेंटेनाइल दवा और उसे बनाने में इस्तेमाल होने वाली सामग्री पर रोक लगाए।
हालात देखते हुए समिट में होने वाली इस मुलाकात के दौरान चीन-अमेरिका में समझौता केवल इस बात पर निर्भर करेगा कि ट्रंप और शी इन सभी लंबित व्यापार मुद्दों पर कोई समझौता कर पाते हैं या नहीं।
राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा, “दक्षिण कोरिया में हमारी बैठकें समाप्त होने के बाद, चीन और मैं एक बहुत ही निष्पक्ष और बेहतरीन व्यापार समझौता करेंगे।”
दक्षिण कोरिया राष्ट्रपति ट्रंप को सर्वोच्च नागरिक सम्मान, ग्रैंड ऑर्डर ऑफ मुगुनघ्वा, से सम्मानित कर सकता है। समिट के दौरान ट्रंप और किम जोंग उन की मुलाकात की चर्चाएं भी तेजी से हो रही थीं। हालांकि, इसकी कोई पुष्टि नहीं हुई है।
दोनों शिखर सम्मेलनों के बीच ट्रंप सोमवार से बुधवार तक जापान दौरा भी करेंगे। यह यात्रा व्यापार और निवेश के मुद्दों पर केंद्रित होगी और इसमें सम्राट नारुहितो से मुलाकात के लिए शाही महल का दौरा भी शामिल होगा।
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बांग्लादेश में खालिदा जिया की पार्टी के नेता पर बड़ा हमला, एक की मौत, कई घायल

नई दिल्ली, 23 अक्टूबर : बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के गिरने के बाद से अराजकता की स्थिति बनी हुई है। राजनीतिक उथल-पुथल के बीच बुधवार रात सावर में हुए एक हमले में बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के स्थानीय नेता की मौत हो गई और चार अन्य घायल हो गए।
मारे गए शख्स की पहचान अबू सईद के रूप में हुई। वह बोंगा यूनियन बीएनपी के अंतर्गत वार्ड संख्या 4 के सहायक कार्यालय का सचिव था।
बांग्लादेशी मीडिया ने स्थानीय लोगों के हवाले से बताया कि बोंगा यूनियन बीएनपी के संगठन सचिव जाहिरउद्दीन बाबुल और स्थानीय निवासी जाकिर हुसैन के बीच राजनीतिक और व्यक्तिगत विवादों को लेकर लंबे समय से तनातनी चल रही थी।
आरोप है कि हाल ही में जाकिर हुसैन और उसके साथियों ने संगठन सचिव बाबुल पर हमला किया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया था। कई दिनों तक अस्पताल में इलाज कराने के बाद बाबुल बुधवार को अपने घर लौटा। बाबुल की वापसी के साथ ही इलाके में फिर से तनाव का माहौल बन गया।
हालांकि, पुलिस ने दोनों पक्षों को शांति बनाए रखने के लिए कहा। बताया गया कि संगठन सचिव बाबुल अपने 10-12 समर्थकों के साथ रात करीब 9 बजे कोंडा बाजार से घर लौट रहा था।
इस दौरान जाकिर ने अपने क्लब के सामने अचानक से बाबुल और उसके समर्थकों पर हमला कर दिया, जिसमें कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए।
घायलों को आनन-फानन में सावर के इनाम मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने अबू सईद को मृत घोषित कर दिया। वहीं बाबुल और तीन अन्य लोगों की हालत गंभीर बताई जा रही है। उन्हें आईसीयू में भर्ती कराया गया। पुलिस हमलावरों की गिरफ्तारी के लिए अभियान चला रही है।
यह मामला तब सामने आया है, जब पूर्व पीएम खालिदा जिया के बेटे और बीएनपी के कार्यकारी अध्यक्ष तारिक रहमान ने आगामी चुनाव में अपनी वापसी का ऐलान किया है।
बांग्लादेश में हाल के दिनों में पाकिस्तान और आईएसआई काफी सक्रिय हो चुके हैं। यूनुस सरकार ने सेना और डीजीआईएफ की जगह इस्लामिक रिवोल्यूशनरी आर्मी को लाने के लिए एक्शन तेज कर दिया है। आधिकारिक जानकारी के अनुसार आईआरए की स्थापना के लिए पहले चरण का काम भी शुरू हो गया। आईआरए में जिन लोगों को शामिल किया जा रहा है, उन्हें आईएसआई ट्रेनिंग दे रहा है। अब तक 8850 लोगों की भर्ती या ट्रेनिंग दी गई है।
वहीं दूसरी ओर बांग्लादेश में सेना के 15 अधिकारियों पर शिकंजा कस दिया गया है। बांग्लादेश के अंतर्राष्ट्रीय अपराध न्यायाधिकरण (आईसीटी) ने बुधवार को 15 सैन्य अधिकारियों को जेल भेजने का आदेश दिया। जिन अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की गई है, वे शेख हसीन के करीबी माने जाते थे।
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