राजनीति
प्रधानमंत्री ने कोरोनावायरस के आगे घुटने टेक दिए हैं : राहुल गांधी

देश में कोरोनावायरस महामारी से पीड़ित लोगों की संख्या में लगातार वृद्धि हो रही है। 18,000 से ऊपर नए मामलों के सामने आने के बाद देश में संक्रमित मरीजों की संख्या पांच लाख को पार कर गई है। ऐसे में पूर्व कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चुप्पी को लेकर यह कहते हुए उन पर निशाना साधा है कि उन्होंने सरेंडर कर दिया है और महामारी के खिलाफ लड़ाई लड़ने से इंकार कर रहे हैं।
राहुल ने एक न्यूज रिपोर्ट को संलग्न करते हुए एक ट्वीट किया है। इस रिपोर्ट में इस तथ्य को उजागर किया गया है कि सरकार अब कम सक्रिय नजर आ रही है।
राहुल ने अपने ट्वीट में लिखा, “कोविड-19 देश के नए हिस्सों में तेजी से फैल रहा है। भारत सरकार के पास इसे हराने की कोई योजना नहीं है। प्रधानमंत्री चुप हैं। उन्होंने आत्मसमर्पण कर दिया है और महामारी के खिलाफ लड़ाई लड़ने से इंकार कर रहे हैं।”
राहुल ने यह टिप्पणी उस वक्त की है जब बीते 24 घंटे में कोविड-19 के 18,000 मरीजों की पुष्टि हुई है, जिससे मामलों की कुल संख्या में काफी इजाफा देखने को मिल रहा है।
ज्ञात हो कि 18,552 नए संक्रमित मरीजों के साथ भारत में अब यह आंकड़ा 5,08,953 तक पहुंच गया है और इसके साथ ही भारत 213 अन्य देशों में वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित देशों की सूची में चौथे नंबर पर है।
रुस और भारत के बीच केवल एक लाख मामलों का ही अंतर है। रुस इस वक्त अमेरिका और ब्राजील के बाद तीसरे नंबर पर है।
स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटों में देश में 384 नई मौतों के साथ अब मरने वाले लोगों की संख्या 15,685 तक पहुंच गई है।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
गाजा शांति शिखर सम्मेलन में जाने से पहले ट्रंप ने की घोषणा- ‘युद्ध समाप्त हो गया है’

न्यूयॉर्क, 13 अक्टूबर: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ऐलान किया कि “अब युद्ध खत्म हो गया है।” इसके बाद वे मिस्र रवाना हुए, जहां सोमवार को गाज़ा में शांति प्रक्रिया पर एक अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन होने जा रहा है। यह सम्मेलन दो साल से जारी संघर्ष को खत्म करने के लिए आयोजित किया जा रहा है।
ट्रंप के दूसरे कार्यकाल में यह पहली बड़ी शांति पहल मानी जा रही है। उन्होंने इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और हमास दोनों पर दबाव डालकर 20 बिंदुओं वाला शांति समझौता करवाया है।
शिखर सम्मेलन के लिए शर्म अल-शेख जाने से पहले, वह पहले इजराइल में रुकेंगे, जहां उनके इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से मिलने और देश की संसद, नेसेट को संबोधित करने की उम्मीद है।
शुक्रवार को गाजा में संघर्ष विराम लागू होने के बाद हमास ने बचे हुए इज़रायली बंधकों को रिहा करने का वादा किया है। उम्मीद है कि सोमवार को रेड क्रॉस की निगरानी में यह प्रक्रिया पूरी होगी।
यह संघर्ष 7 अक्टूबर 2023 को शुरू हुआ था, जब हमास ने गाजा से इजरायल पर हमला किया था। इस हमले में लगभग 1,200 लोग मारे गए और 251 लोगों को बंधक बना लिया गया था। इसके जवाब में इजरायल ने भी भीषण हमले किए, जिनमें गाजा अधिकारियों के अनुसार अब तक लगभग 67,000 फ़िलिस्तीनी मारे जा चुके हैं।
ट्रंप के 20 बिंदुओं वाले इस शांति प्रस्ताव में मिस्र, कतर और तुर्किये ने मध्यस्थता की, जबकि अमेरिका की ओर से जेरेड कुशनर सहित कई अधिकारी इसमें शामिल रहे।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस, फिलिस्तीनी प्राधिकरण के राष्ट्रपति महमूद अब्बास, मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फ़तह अल-सीसी और फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर और कतर तथा संयुक्त अरब अमीरात के नेताओं के इस शिखर सम्मेलन में शामिल होने की उम्मीद है। कीर्ति वर्धन सिंह भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे।
ट्रम्प ने कहा कि गाजा और इजरायल दोनों ओर के लोग इस समझौते से खुश हैं। उन्होंने कहा, “पहली बार ऐसा हुआ है कि दोनों पक्ष जश्न मना रहे हैं।”
मिस्र के विदेश मंत्री बद्र अब्देलती ने भी शांति समझौते को लेकर विश्वास व्यक्त किया। समझौते के अगले चरण में हमास को अपने हथियार छोड़ने होंगे।
ट्रम्प की योजना के तहत, उनकी अध्यक्षता वाला एक शांति बोर्ड गाज़ा के स्थिरीकरण और पुनर्निर्माण की देखरेख करेगा। संयुक्त राष्ट्र के अनुसार, इजरायली हमलों में गाजा का 80 प्रतिशत हिस्सा नष्ट हो चुका है। इस पुनर्निर्माण कार्य का संचालन ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर करेंगे।
समझौते के तहत हमास अब गाजा के शासन में कोई भूमिका नहीं निभाएगा। इसके बजाय “योग्य फ़िलिस्तीनियों और अंतर्राष्ट्रीय विशेषज्ञों” का एक समूह इसका प्रभारी होगा।
ट्रंप ने एयर फोर्स वन में पत्रकारों से कहा, “सबसे पहले लोगों की जरूरतों को पूरा करना है, और यह काम तुरंत शुरू होगा।”
संयुक्त राष्ट्र के मुताबिक, इजरायल ने राहत सामग्री को गाजा में जाने की अनुमति दे दी है, और अब भोजन, दवाइयां और तंबू लेकर कई ट्रक गाजा पहुंच चुके हैं।
राष्ट्रीय समाचार
करूर भगदड़ मामले की स्वतंत्र जांच पर आज सुप्रीम कोर्ट सुनाएगा फैसला

नई दिल्ली, 13 अक्टूबर: सुप्रीम कोर्ट सोमवार को तमिलनाडु के करूर में विजय की रैली में हुई भगदड़ की स्वतंत्र जांच को लेकर दायर याचिकाओं पर अपना फैसला सुनाएगा। इस दर्दनाक घटना में 41 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 100 से अधिक लोग घायल हुए थे।
सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर प्रकाशित कॉज लिस्ट के अनुसार, जस्टिस जे. के. माहेश्वरी और जस्टिस एन. वी. अंजारिया की पीठ 13 अक्टूबर को इस मामले में दायर याचिकाओं पर अपना निर्णय सुनाएगी। याचिकाओं में घटना की स्वतंत्र जांच की मांग की गई है।
जहां अभिनेता-राजनीतिज्ञ विजय की पार्टी टीवीके ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज की अध्यक्षता में जांच की मांग की है, वहीं भाजपा नेता उमा आनंदन सहित कई अन्य लोगों ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की मांग की है।
यह त्रासदी हाल के वर्षों में तमिलनाडु में भीड़ नियंत्रण की सबसे गंभीर विफलताओं में से एक मानी जा रही है, जिसने राजनीतिक आयोजनों में सार्वजनिक सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
इससे पहले मद्रास हाईकोर्ट ने आईपीएस अधिकारी आसरा गर्ग की अगुवाई में विशेष जांच दल (एसआईटी) का गठन कर जांच के आदेश दिए थे और सीबीआई जांच की मांग वाली याचिका पर आगे सुनवाई से इनकार कर दिया था।
3 सितंबर को दिए आदेश में हाईकोर्ट ने टीवीके के राजनीतिक नेतृत्व की कड़ी आलोचना की थी और कहा था कि घटना के बाद नेताओं और आयोजकों ने अपने समर्थकों को घटनास्थल पर छोड़ दिया।
न्यायमूर्ति एन. सेंथिलकुमार की एकल पीठ ने कहा था, “चौंकाने वाली बात यह है कि कार्यक्रम आयोजक और पार्टी के नेता हादसे के बाद स्थल से फरार हो गए। न तो कोई पछतावा दिखा और न ही कोई जिम्मेदारी या खेद व्यक्त किया गया।”
हाईकोर्ट ने विजय, कार्यक्रम आयोजकों और पार्टी के सदस्यों के व्यवहार की “कड़ी निंदा” की थी और कहा था कि पार्टी को तत्काल राहत और बचाव कार्य में जुटना चाहिए था, क्योंकि भीड़ में कई बच्चे, महिलाएं और युवा फंस गए थे और अपनी जान गंवा बैठे।
राष्ट्रीय समाचार
मुंबई के कुर्ला इलाके में लगी भीषण आग, फायर ब्रिगेड ने संभाला मोर्चा

मुंबई, 13 अक्टूबर: मुंबई के कुर्ला इलाके में रविवार देर रात करीब 3 बजे भीषण आग लग गई। आग लगने से इलाके में हड़कंप मच गया।
आग इतनी तेज थी कि इसकी लपटें और धुआं दूर-दूर तक दिखाई दे रहा था। घटना की सूचना मिलते ही फायर ब्रिगेड की 12 से अधिक गाड़ियां तुरंत मौके पर पहुंची और आग पर काबू पाने में जुट गईं। राहत की बात यह है कि इस हादसे में अभी तक किसी के घायल होने या जानमाल के नुकसान की खबर नहीं मिली है।
यह आग कुर्ला के एक व्यावसायिक इलाके में लगी, जहां कई दुकानें और गोदाम मौजूद हैं। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, आग की शुरुआत किसी गोदाम या दुकान से हुई, लेकिन इसका सटीक कारण अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, लोगों का कहना है कि देर रात अचानक धमाके की आवाज सुनाई दी, जिसके बाद आग की लपटें दिखने लगीं। देखते ही देखते आग ने आसपास के क्षेत्र को अपनी चपेट में ले लिया।
फायर ब्रिगेड की टीमें आग बुझाने के लिए लगातार प्रयास कर रही हैं। कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काफी हद तक काबू पा लिया गया है, लेकिन पूरी तरह से इसे बुझाने में अभी समय लग सकता है। मौके पर पुलिस और स्थानीय प्रशासन भी मौजूद है, जो स्थिति को नियंत्रित करने और लोगों को सुरक्षित रखने में मदद कर रहा है। कई लोग अपने घरों से बाहर निकलकर सड़कों पर जमा हो गए। प्रशासन ने आसपास के इलाकों को खाली करा लिया है ताकि कोई अप्रिय घटना न हो।
प्राप्त जानकारी के मुताबिक, आग के कारणों की जांच की जा रही है। प्रारंभिक अनुमान में शॉर्ट सर्किट या ज्वलनशील पदार्थों को इसका कारण माना जा रहा है। जांच पूरी होने के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो पाएगी।
इससे पहले, 12 अक्टूबर को महाराष्ट्र के खारघर के सेक्टर-35 स्थित 19 मंजिला ट्राइसिटी सिम्फनी टॉवर में आग लग गई थी, जहां आग की लपटें इमारत की 19वीं मंजिल तक पहुंच गईं थीं।
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