राष्ट्रीय समाचार
मणिपुर : हिंसा में पुलिस कमांडो और महिला की मौत, कई घायल

इंफाल, 17 जनवरी। म्यांमार सीमा से लगे मणिपुर के मोरेह में संदिग्ध उग्रवादियों के हमले में मणिपुर पुलिस के एक कमांडो की मौत हो गई और तीन अन्य घायल हो गए।
पुलिस ने बुधवार को बताया कि जब सुरक्षाबलों ने तीन घायल सुरक्षाकर्मियों को इलाज के लिए अस्पताल ले जाने की कोशिश की तो महिलाओं सहित कुछ आदिवासियों ने इसमें बाधा डाली और उनके साथ झड़प की।
इस झड़प में इंफाल से 110 किमी दूर मोरेह की सीमा पर एक आदिवासी महिला की मौत हो गई और कुछ अन्य घायल हो गए।
इंफाल में पुलिस अधिकारियों ने कहा, ”संदिग्ध उग्रवादियों ने सुरक्षाबलों पर हमला कर दिया। जिसमें एक पुलिस कमांडो वांगखेम सोमरजीत की मौत हो गई और तीन अन्य घायल हो गए। सुरक्षाबल उग्रवादियों को पकड़ने के लिए तेंगनौपाल जिले के अंतर्गत मोरेह में विभिन्न वाहनों में तलाशी अभियान पर थे।”
सोमरजीत इंफाल पश्चिम जिले के मालोम इलाके के रहने वाले हैं। एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि बुधवार सुबह से सीमावर्ती मोरेह इलाकों में तीन अलग-अलग स्थानों पर सुरक्षाबलों और संदिग्ध उग्रवादियों के बीच फायरिंग की सूचना मिली है। उग्रवादियों ने सुरक्षाबलों पर रॉकेट-प्रोपेल्ड ग्रेनेड गोलों से भी हमला किया।
सीमावर्ती इलाकों में तनाव पैदा हो गया। स्थिति को शांत करने के लिए असम राइफल्स सहित अतिरिक्त सुरक्षा बल इलाकों में पहुंच गए हैं। ताजा हिंसा की आशंका के चलते जिला प्रशासन ने संकटग्रस्त तेंगनौपाल जिले में मंगलवार दोपहर से पूर्ण कर्फ्यू लगा दिया।
एक अधिसूचना में कहा गया, “तेंगनौपाल जिले के राजस्व क्षेत्राधिकार के भीतर शांति भंग होने, सार्वजनिक शांति में अशांति, मानव जीवन और संपत्ति के लिए गंभीर खतरे की संभावना के इनपुट के बाद जिले में पूर्ण कर्फ्यू लगाया गया।”
मोरेह भारत-म्यांमार सीमा पर एक बहुत पुराना और प्रमुख व्यापारिक शहर है।
इस बीच, पिछले साल अक्टूबर में उपमंडलीय पुलिस अधिकारी चिंगथम आनंद कुमार की हत्या के मामले में सत्तारूढ़ भाजपा के नेता हेमखोलाल मटे (36) और सेना के पूर्व सैनिक फिलिप खैखोलाल खोंगसाई (49) को सोमवार रात मोरेह से गिरफ्तार किया गया।
दोनों की गिरफ्तारी पर, सीमावर्ती शहर में आदिवासियों ने मंगलवार को उनकी रिहाई की मांग की थी। जबकि, इंफाल घाटी में मामले को राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) को सौंपने और बंदियों को सजा देने की मांग को लेकर व्यापक विरोध प्रदर्शन देखा गया।
30 दिसंबर के बाद से मोरेह में संदिग्ध कुकी उग्रवादियों के हमलों की विभिन्न घटनाओं में मणिपुर पुलिस के कम से कम 10 कमांडो और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का एक जवान घायल हो गए हैं।
राष्ट्रीय समाचार
छत्तीसगढ़ : सुरक्षाबलों ने 26 नक्सलियों को किया ढेर, एक जवान शहीद

नारायणपुर, 21 मई। छत्तीसगढ़ के नारायणपुर में सुरक्षाबलों को बड़ी कामयाबी मिली है। यहां कोंडागांव के अबूझमाड़ में सुरक्षाबलों ने बुधवार को मुठभेड़ में 26 नक्सलियों को मार गिराया है। इस मुठभेड़ में एक जवान शहीद भी हुआ है।
नक्सलियों के पास से सुरक्षाबलों ने बड़ी मात्रा में गोला बारूद और हथियार बरामद किए है। इसकी जानकारी खुद राज्य के गृह मंत्री विजय शर्मा ने दी।
उन्होंने मीडिया से बात करते हुए बताया कि सुरक्षाबलों को बड़ी सफलता मिली है, 26 से अधिक नक्सलियों को मार गिराया गया है। इस मुठभेड़ में कई बड़े नक्सली भी मारे गए हैं। विजय शर्मा ने बताया कि इस मुठभेड़ में एक जवान भी शहीद हुआ है, जबकि एक जवान घायल हुआ है। सर्च ऑपरेशन इलाके में जारी है।
इस मुठभेड़ में एक करोड़ के इनामी नक्सली नम्बाला केशवराव उर्फ वसवा राजू को भी ढेर कर दिया गया है। वह छत्तीसगढ़ के नारायणपुर और बीजापुर इलाके का कुख्यात नक्सली रहा है। उसके ऊपर 1 करोड़ का इनाम है। हालांकि अभी उसकी मौत की औपचारिक घोषणा नहीं हुई है। मुठभेड़ में मारे गए नक्सलियों की संख्या और बढ़ सकती है।
वहीं छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम अरुण साव ने मिडिया से बात करते हुए कहा कि राज्य में हमारी डबल इंजन की सरकार बनने के बाद नक्सलियों के उन्मूलन पर लगातार काम कर रही है। सुरक्षाबल के जवान दुर्गम इलाके में जाकर नक्सलियों का सफाया कर रहे हैं और नारायणपुर में 24 से ज्यादा नक्सली मारे गए हैं। निश्चित तौर बस्तर मार्च 2026 तक पूरी तरह से नक्सल मुक्त हो जाएगा।
इससे पहले सुरक्षा बलों ने कर्रेगुट्टा पहाड़ी क्षेत्र में चलाए गए संयुक्त अभियान में 31 नक्सलियों को मार गिराया था। इसके साथ ही भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद भी बरामद किए गए थे।
सीआरपीएफ के डीजी ने जानकारी दी थी कि नक्सल विरोधी अभियान की शुरुआत 2014 में हुई थी, लेकिन 2019 के बाद से इस अभियान ने अधिक गति पकड़ी है। जवानों के लिए देश भर में संयुक्त प्रशिक्षण की व्यवस्था की गई है, जिससे उनकी रणनीतिक और सामरिक क्षमताओं में वृद्धि हुई है।
उन्होंने बताया था कि जहां 2014 में 35 जिले नक्सली गतिविधियों के केंद्र हुआ करते थे, वहीं 2025 तक यह संख्या घटकर मात्र 6 जिलों तक सीमित रह गई है। सरकार और सुरक्षा एजेंसियों के समन्वित प्रयासों के चलते नक्सली हिंसा में उल्लेखनीय कमी दर्ज की गई है की गई है।
राजनीति
मुद्दे से ध्यान हटाने के लिए सरकार ने किया सांसदों का प्रतिनिधिमंडल भेजने का प्रयोग : संजय राउत

मुंबई, 21 मई। शिवसेना (यूबीटी) नेता और राज्यसभा सांसद संजय राऊत ने विदेशों में भारतीय सांसदों के प्रतिनिधिमंडल को भेजने पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार इस तरह का प्रयोग मुख्य मुद्दों से ध्यान हटाने के लिए करती रहती है। सबसे पहले हमें पड़ोसी देश में जाना चाहिए।
सांसद संजय राउत ने मिडिया से बातचीत के दौरान कहा कि चीन ने खुलकर पाकिस्तान का साथ दिया है। ऐसे में चीन जाकर पाकिस्तान को बेनकाब करना चाहिए। पड़ोसी देश आपको पूछता नहीं है। आप यूरोप, यूएस और अफ्रीकी देशों में जा रहे हैं, जिनका भारत और पाकिस्तान युद्ध से कोई लेना-देना नहीं है।
उन्होंने कहा कि यह डेलिगेशन छोटे छोटे देशों में भेजे जा रहे हैं। इससे हमारी विदेश नीति से क्या संबंध है, खासकर भारत और पाकिस्तान के संदर्भ में। पड़ोसी देश के साथ आपके रिश्ते अच्छे नहीं हैं, इसलिए आप वहां नहीं जाना चाहते हैं।
संजय राउत ने कहा कि केंद्र सरकार यह कैसे तय कर सकती है कि किस पार्टी से कौन सा सांसद प्रतिनिधिमंडल में जाएगा। आपने आनन-फानन में नाम तय कर लिया है। ममता बनर्जी की टीएमसी से आपने यूसुफ पठान का नाम तय कर दिया, ममता ने साफ मना कर दिया कि यह नहीं चलेगा। उन्होंने अभिषेक बनर्जी का नाम दिया। अभिषेक इन मामलों में अधिक अनुभवी हैं।
पार्टी के फैसले से खुश रहने के सवाल पर संजय राउत ने कहा कि मैं पार्टी का फैसला हमेशा से मानता रहा हूं, लेकिन इस डेलिगेशन वाले मसले से कुछ हासिल होने वाला नहीं है।
बता दें कि ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और पाकिस्तान को बेनकाब करने के लिए भारत सरकार ने दुनिया के प्रमुख देशों में सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल भेजने का फैसला किया है। इसको लेकर हालांकि राजनीति शुरू हो चुकी है। खासकर विभिन्न पार्टियों के सांसदों के नाम को लेकर विपक्षी दलों ने आपत्ति जताई है।
अपराध
मुंबई : बिना पहचान के सिम बेचने का खेल हुआ खत्म, आरोपी को पुलिस ने किया गिरफ्तार

मुंबई , 21 मई। मुंबई क्राइम ब्रांच ने बिना दस्तावेज के सिम कार्ड देने वाला युवक गिरफ्तार किया है। पुलिस ने आरोपी के पास से 75 सिम कार्ड्स और 2 मोबाइल जब्त किए हैं। पुलिस ने उसके खिलाफ बीएनएस की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
मुंबई पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार आरोपी का नाम समीर मेहबूब खान है, जिसकी उम्र महज 23 साल है।
पहलगाम हमले के बाद, मुंबई शहर को हाई अलर्ट पर रखने के दौरान मुंबई क्राइम ब्रांच को ऐसे गिरोह की जानकारी मिली जो मोटी रकम लेकर बिना दस्तावेज में सिम कार्ड मुहैया करवाता है। मुंबई क्राइम ब्रांच के पुलिस अधिकारी को एक गुप्त सूचना मिली थी कि एक शख्स वीआई, एयरटेल और जियो जैसी टेलीकॉम कंपनियों के अधिकृत सिम कार्ड वितरक के रूप में काम करता है।
मुंबई पुलिस के मुताबिक, इस दौरान आरोपी ग्राहकों की आंखों की स्कैनिंग और अंगूठे के निशान को बार-बार लेकर अवैध रूप से सिम कार्ड जारी कर रहा है। अधिकारी ने आगे बताया कि वह बिना वैध केवाईसी प्रक्रिया पूरी किए सिम कार्ड अधिक कीमत पर बेच रहा था।
इस जानकारी के आधार पर आगे की कार्रवाई करने के लिए क्राइम ब्रांच ने एक जाल बुना। एक नकली ग्राहक को तैयार कर समीर के पास भेजा गया। पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी ने उस ग्राहक से बिना किसी वैध दस्तावेज के अधिक पैसे लेकर सिम कार्ड बेच दिया। इसके बाद तुरंत ही आरोपी को हिरासत में लिया गया और उसके पास से सिम कार्ड्स और अन्य दस्तावेज बरामद किए गए।
बता दें कि पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद से कई शहर हाई अलर्ट पर हैं। इस दौरान देश में अवैध रूप से रह रहे लोगों की तलाश की जा रही है और ऐसे लोगों की पहचान कर उन्हें देश से बाहर निकाला जा रहा है।
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