राष्ट्रीय समाचार
छत्रपति शिवाजी की जयंती के बीच पीएम मोदी की पुरानी तस्वीर वायरल

महान वीर योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज की सोमवार को 394वीं जन्म जयंती है। इस मौके पर कई जगहों पर कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। खासकर महाराष्ट्र में शिवाजी महाराज की जयंती बड़े धूमधाम के साथ मनाई जाती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की।
खास बात यह है कि छत्रपति शिवाजी महाराज की जयंती पर प्रधानमंत्री मोदी की पुरानी फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसमें वह शिवाजी महाराज को श्रद्धांजलि दे रहे हैं, इसके अलावा उनकी प्रतिमा का अनावरण भी कर रहे हैं। यह फोटो उस समय की है, जब नरेंद्र मोदी गुजरात के मुख्यमंत्री थे।
यह फोटो सोशल मीडिया पर @मोदीआर्काइव एक्स अकाउंट से शेयर की गई है। फोटो शेयर करते हुए बताया गया है कि प्रधानमंत्री मोदी बचपन से ही महान योद्धा छत्रपति शिवाजी महाराज के प्रशंसक रहे हैं। इतना ही नहीं उनकी मां हीराबेन प्रसिद्ध लोरी ‘शिवाजी नु हालरडु’ गाती थीं। इसका जिक्र पीएम मोदी ने खुद एक ब्लॉग के जरिए भी किया था, जब उनकी मां हीराबेन का 100वां जन्मदिन था।
उन्होंने अपने ब्लॉग में बताया था कि अक्सर उनकी मां ‘शिवाजी नु हालरडु’ लोरी गुनगुनाती रहती थी। पीएम मोदी अपने पूरे जीवनकाल में हमेशा शिवाजी महाराज की विरासत को बनाए रखने के लिए समर्पित रहे हैं, और अक्सर उनकी स्मृति का सम्मान करते हुए उन्हें देखा गया है।
बता दें कि पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर वीडियो शेयर करते हुए लिखा, ”छत्रपति शिवाजी महाराज को उनकी जयंती पर श्रद्धाजंलि। दूरदर्शी नेता, निडर योद्धा, संस्कृति के संरक्षक और सुशासन के प्रतीक, उनका जीवन पीढ़ियों के लिए प्रेरणा से भरा रहा।”
2 मिनट के इस वीडियो में पीएम मोदी कह रहे हैं, आज से करीब 350 वर्ष पूर्व, जब छत्रपति शिवाजी महाराज का राज्याभिषेक हुआ था। तो उसमें स्वराज की ललकार और राष्ट्रीयता की जय-जयकार समाहित थी। उन्होंने हमेशा भारत की एकता और अखंडता को सर्वोपरि रखा। आज एक भारत, श्रेष्ठ भारत के विजन में छत्रपति शिवाजी महाराज के विचारों का प्रतिबिंब देखा जा रहा है।
राजनीति
डिंपल यादव के अपमान पर एनडीए सांसदों का फूटा गुस्सा, संसद परिसर में मौलाना रशिदी के खिलाफ किया प्रदर्शन

नई दिल्ली, 28 जुलाई। समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव के खिलाफ एक टीवी शो के दौरान आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में मौलाना साजिद रशीदी के खिलाफ एनडीए की महिला सांसदों ने मकर द्वार पर प्रदर्शन किया। भाजपा महिला सांसद माया नारोलिया ने कहा, “यह समस्त नारी शक्ति का अपमान है। हम इस अपमान के खिलाफ एकजुट हैं।”
माया नारोलिया ने कहा, “महिला सांसद के खिलाफ इस तरह की टिप्पणियां शोभा नहीं देतीं। भारतीय संस्कृति में प्राचीन काल से ही नारी का सम्मान होता रहा है। शास्त्रों में कहा गया है, ‘यत्र नार्यस्तु पूज्यन्ते रमन्ते तत्र देवताः,’ अर्थात जहां नारियों का सम्मान होता है, वहां देवता निवास करते हैं। एक महिला सांसद के खिलाफ इस तरह की टिप्पणियां करके न केवल उनका, बल्कि समस्त नारी शक्ति का अपमान किया गया है। हम इस अपमान के खिलाफ एकजुट हैं और मानते हैं कि नारी का सम्मान करना हमारा कर्तव्य है। भारत में नारियों को प्रथम स्थान दिया जाता है। कन्या पूजन की परंपरा है और नारियों को देवी के समान माना जाता है।”
वहीं भाजपा महिला सांसद धर्मशीला गुप्ता ने कहा, “जिस व्यक्ति ने हमारी सांसद डिंपल यादव का अपमान किया है, उसने केवल एक महिला सांसद का ही नहीं, बल्कि देश की समस्त मातृशक्ति का अपमान किया है। समाजवादी पार्टी के नेता इस मामले में चुप क्यों हैं? यह आश्चर्यजनक है कि जिस मातृशक्ति का अपमान हुआ, उनके पति भी चुप हैं। जिन नेताओं ने यह अपमान किया, उन्हें शर्मिंदगी महसूस करनी चाहिए। उन्हें तुरंत माफी मांगनी होगी, क्योंकि देश की मातृशक्ति इस अपमान को बर्दाश्त नहीं करेगी। उन्हें लंबे समय तक जवाब देना होगा।
उन्होंने आगे कहा, “जिन लोगों ने नारी शक्ति और महिला सांसद का अपमान किया है, उनके खिलाफ समाजवादी पार्टी के नेताओं का चुप रहना समझ से परे है। यह कैसी राजनीति है? अगर वे अपने घर की महिलाओं को सम्मान नहीं दे सकते, तो उन्हें राजनीति छोड़ देनी चाहिए।”
बता दें, समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव के खिलाफ एक टीवी शो के दौरान आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में मौलाना साजिद रशीदी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। उनकी टिप्पणी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया था।
सपा नेता प्रवेश यादव की शिकायत पर विभूतिखंड थाने में कल रात मामला दर्ज किया गया। एफआईआर में महिलाओं की गरिमा और सार्वजनिक शांति से जुड़ी भारतीय दंड संहिता की धारा 79, 196, 197, 299, 352, 353 और आईटी एक्ट की धारा 67 के तहत मामला दर्ज किया गया है। इंस्पेक्टर सुनील कुमार सिंह ने एफआईआर की पुष्टि की और बताया कि मामले की जांच जारी है।
अपराध
शारदा विश्वविद्यालय आत्महत्या मामला: आंतरिक जांच समिति आज सौंप सकती है पुलिस को रिपोर्ट

ग्रेटर नोएडा, 28 जुलाई। ग्रेटर नोएडा के शारदा विश्वविद्यालय में एक छात्रा की आत्महत्या मामले की जांच कर रही आंतरिक जांच कमेटी सोमवार को अपनी रिपोर्ट पुलिस को सौंप सकती है। इस जांच कमेटी ने अब तक छात्रा के परिवार, जेल में बंद प्रोफेसर और अन्य लोगों से पूछताछ कर जांच पूरी कर ली है। इस रिपोर्ट के बाद पुलिस कुछ और लोगों पर भी पुलिस कार्रवाई कर सकती है।
रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया जाएगा कि छात्रा की आत्महत्या के पीछे कौन-कौन सी वजहें रहीं और विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से किस स्तर पर लापरवाही बरती गई। ऐसा माना जा रहा है कि रिपोर्ट में कुछ और कर्मचारियों या प्रोफेसरों की भूमिका भी संदिग्ध पाई गई है, जिनके खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की जा सकती है। सूत्रों के मुताबिक, विश्वविद्यालय प्रशासन कुछ और लोगों को लापरवाही बरतने के आरोप में निलंबित करने की तैयारी कर रहा है।
इससे पहले, जांच समिति ने मृतक छात्रा के परिजनों, दोस्तों, सहपाठियों और विश्वविद्यालय के कुछ प्रोफेसरों से पूछताछ पूरी कर ली है। जेल में बंद आरोपियों से भी पूछताछ कर उनके बयान दर्ज किए जा चुके हैं।
पुलिस ने मृतक छात्रा का मोबाइल फोन, लैपटॉप, किताबें और आत्महत्या से पहले लिखा गया सुसाइड नोट बरामद किया है। ये सभी चीजें पुलिस ने अपने कब्जे में लेकर सील कर दी हैं और सुरक्षित रखी हैं। अब पुलिस इन सबको फॉरेंसिक जांच के लिए भेजने की तैयारी कर रही है, जिसके लिए कोर्ट से इजाजत ली जाएगी। फॉरेंसिक जांच के दौरान सुसाइड नोट की राइटिंग का मिलान भी किया जाएगा ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि वह सच में छात्रा की ही लिखावट है या किसी और की।
इसके अलावा, मोबाइल और लैपटॉप से यह पता लगाया जाएगा कि आत्महत्या करने से पहले छात्रा ने किन लोगों के संपर्क में थी और उसकी स्थिति कैसी थी। इस मामले में विश्वविद्यालय प्रशासन की भूमिका पहले से ही सवालों के घेरे में है। यदि आंतरिक जांच रिपोर्ट में लापरवाही की पुष्टि होती है, तो यह प्रकरण और गंभीर हो सकता है।
राजनीति
मानसून सत्र : लोकसभा में हंगामे के बीच 12 बजे तक कार्यवाही स्थगित

LOCKSABHA
नई दिल्ली, 28 जुलाई। संसद के मॉनसून सत्र का पहला सप्ताह हंगामे की भेंट चढ़ने के बाद सोमवार को भी लोकसभा में विपक्षी सांसदों के हंगामे के कारण सदन की कार्यवाही को दोपहर 12 बजे तक स्थगित करना पड़ा। बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) के मुद्दे पर विपक्ष के तीखे विरोध ने सत्र को फिर से बाधित कर दिया।
सुबह 11 बजे जैसे ही लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई, विपक्षी सांसदों ने बिहार में एसआईआर (एसआईआर) से जुड़ी प्रक्रिया को लेकर नारेबाजी शुरू कर दी। विपक्ष का कहना है कि इस प्रक्रिया की वजह से बहुत सारे लोग वोट देने से वंचित हो सकते हैं। सदन को शांत कराने की कोशिश करते हुए स्पीकर ओम बिरला ने नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी से कहा कि हंगामा करने वालों को समझाइए कि इन्हें सदन में पर्चे फेंकने और तख्तियां लाने के लिए नहीं भेजा गया है।
बता दें कि मॉनसून सत्र के शुरुआती हफ्ते में कई बार सदन की कार्यवाही स्थगित होने के बाद सोमवार को लोकसभा में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा होनी थी। जानकारी के अनुसार, लोकसभा में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में भारत की सैन्य कार्रवाई ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा की शुरुआत करने वाले थे। यह 16 घंटे की महत्वपूर्ण बहस होगी, जिसमें गृह मंत्री अमित शाह और विदेश मंत्री एस. जयशंकर भी शामिल होंगे। वे पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर के व्यापक प्रभावों पर सरकार का पक्ष रखेंगे। अनुराग ठाकुर और निशिकांत दुबे सहित भाजपा के प्रमुख सांसद भी इस बहस में हिस्सा लेंगे।
विपक्ष की ओर से कांग्रेस नेता राहुल गांधी और राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे के साथ समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव और कई अन्य नेताओं के भी इस बैठक में भाग लेने की उम्मीद है। कांग्रेस पार्टी की ओर से एक व्हिप जारी कर अपने सभी लोकसभा सांसदों को अगले तीन दिनों तक सदन में उपस्थित रहने का निर्देश दिया है।
मानसून सत्र की शुरुआत हंगामेदार रही, क्योंकि विपक्ष ने बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन संशोधन (एसआईआर) और अन्य मुद्दों पर कार्यवाही बाधित की।
इसके बाद, 25 जुलाई को संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बताया कि विपक्ष ने राष्ट्रीय सुरक्षा के मुद्दों पर चर्चा शुरू करने के लिए सहमति जताई है, जो सोमवार को लोकसभा में और मंगलवार को राज्यसभा में होगी।
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