राजनीति
प्रधानमंत्री मोदी और जेपी नड्डा आज एनडीए के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार का चयन करेंगे

नई दिल्ली, 12 अगस्त। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा मंगलवार को उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के उम्मीदवार का चयन करेंगे।
नई दिल्ली में गुरुवार को एनडीए नेताओं की एक उच्च स्तरीय बैठक के बाद यह घोषणा की गई थी।
इस बैठक की अध्यक्षता रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने की। इसमें प्रधानमंत्री मोदी और भाजपा अध्यक्ष नड्डा को अधिकृत करने का प्रस्ताव पास किया गया। संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने बैठक के बाद मीडिया को बताया कि प्रधानमंत्री और भाजपा अध्यक्ष जिस भी उम्मीदवार का चुनाव करेंगे, उसे एनडीए के सभी सहयोगी दलों का समर्थन मिलेगा।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, शिवसेना के श्रीकांत शिंदे, लोक जनशक्ति पार्टी के चिराग पासवान, टीडीपी के लवू कृष्ण देवरायलु और रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया के रामदास अठावले भी बैठक में शामिल हुए। शिवसेना नेता और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम एकनाथ शिंदे ने बुधवार को ही भाजपा के उम्मीदवार को बिना शर्त समर्थन देने की घोषणा कर दी थी।
एनडीए के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार की आधिकारिक घोषणा मंगलवार को होने की उम्मीद है, जो नामांकन दाखिल करने की अंतिम तिथि 21 अगस्त से पहले है।
स्वास्थ्य कारणों को लेकर उपराष्ट्रपति पद से जगदीप धनखड़ ने बीच कार्यकाल में ही इस्तीफा दे दिया, जिसके चलते उपराष्ट्रपति चुनाव की जरूरत पड़ी। हालांकि, उनके इस्तीफे से सरकार और उनके बीच अंदरूनी मतभेदों की अटकलें तेज हो गई हैं।
उपराष्ट्रपति चुनाव 9 सितंबर को होगा।
भारत के उपराष्ट्रपति का चुनाव लोकसभा और राज्यसभा के सदस्यों से मिलकर बने एक निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाता है। संसद में स्पष्ट संख्याबल के साथ, एनडीए के पास अपने चुने हुए उम्मीदवार की जीत सुनिश्चित करने की पर्याप्त ताकत है।
उपराष्ट्रपति भारत के राज्यसभा के पदेन सभापति के रूप में भी कार्य करते हैं, जिससे यह पद राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है।
राजनीति
उद्धव ठाकरे के ‘ईवीएम हैक’ वाले दावे को राम कदम ने बताया ‘नौटंकी’

RAM KADAM
मुंबई, 12 अगस्त। शिवसेना (यूबीटी) अध्यक्ष और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने सोमवार को ईवीएम हैक होने का दावा किया। महाराष्ट्र भाजपा के विधायक राम कदम ने मंगलवार को उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए उनके आरोप को नौटंकी बताया।
भाजपा विधायक राम कदम ने मिडिया से बात करते हुए कहा, “उद्धव ठाकरे जब मुख्यमंत्री थे, तो उन्हें एयर कंडीशनर वाले आलीशान बंगले के बाहर निकलते हुए किसी ने नहीं देखा। वे कभी मुख्यमंत्री के दफ्तर में भी नहीं गए, जिसके कारण उनकी पार्टी टूट गई और बिखर गई। वहीं बचे हुए लोग कहीं एकनाथ शिंदे वाली असली शिवसेना के साथ न चले जाएं, इस डर और राजनीतिक मजबूरी के कारण वे सड़क पर उतरे थे।”
उन्होंने कहा, “उनकी याददाश्त और झूठ का पुलिंदा देखने लायक है। कई वर्ष पुरानी बात उन्हें अब याद आ रही है। उन्होंने इस बारे में पहले क्यों नहीं बताया? उन्होंने चुनाव आयोग या न्यायपालिका को पत्र क्यों नहीं लिखा? ऐसे में यह सभी झूठी बातें हैं, जो उन्हें मुंबई नगरपालिका चुनाव से ठीक पहले याद आ रही हैं। यह सच्चाई है कि विपक्ष के पास वर्तमान सरकार के खिलाफ कोई मुद्दे नहीं हैं। विपक्ष लोगों को भटका कर वोट जुटाने के प्रयास में जुटा हुआ है। ऐसा ही काम लोकसभा चुनाव के वक्त हुआ। संविधान को लेकर लोगों के बीच में झूठा भ्रम फैलाया गया। उसी प्रकार से अब चुनाव आयोग को लेकर झूठा भ्रम फैलाया जा रहा है।”
भाजपा नेता ने कहा, “विपक्ष के पास चुनाव लड़ने की हिम्मत नहीं है, जिसके कारण यह हो रहा है। अगर उनकी बातों में तर्क है, सत्यता है, और उनके पास कोई सबूत, दस्तावेज है, तो उसे चुनाव आयोग को दें। अगर उन पर विपक्ष को विश्वास नहीं है, तो देश में न्यायपालिका है। अब ऐसा तो नहीं कहा जा सकता कि उन्हें दोनों पर विश्वास नहीं है। अगर ऐसा है, तो इसका मतलब उन्हें संविधान पर भी विश्वास नहीं है। उद्धव ठाकरे पूरी तरह से नौटंकी कर रहे हैं।”
राष्ट्रीय समाचार
मुंबई लोकल ट्रेन: पश्चिम रेलवे सेवाएं बाधित, यात्रियों ने व्यस्त कार्यालय समय के दौरान 30-40 मिनट की देरी की सूचना दी

LOCAL TRAIN
मुंबई: पश्चिम रेलवे की लोकल ट्रेन सेवाओं में मंगलवार सुबह व्यस्ततम समय के दौरान एक बार फिर व्यवधान आया, यात्रियों ने 30-40 मिनट तक की देरी की सूचना दी। लोकप्रिय कम्यूटर एप्लिकेशन एम-इंडिकेटर पर देरी से परेशान यात्रियों की शिकायतों की बाढ़ आ गई।
पश्चिमी रेलवे की जनसंपर्क अधिकारी स्मिता रोसारियो के अनुसार, एक मेल ट्रेन में चेन खींचने की घटना और यात्रियों की भारी भीड़ के कारण एसी ट्रेनों में देरी, जिसके कारण दरवाजे बंद होने में दिक्कत हुई, व्यवधान के कारणों में शामिल थे।
यह ताज़ा असुविधा पश्चिमी लाइन पर कई तकनीकी खराबी के कारण सेवाओं के ठप होने के ठीक एक दिन बाद आई है। सोमवार को, विरार और बांद्रा में दो अलग-अलग बिंदुओं पर खराबी के कारण देरी और रद्दीकरण हुआ।
विरार में सुबह 10:45 बजे एक पॉइंट फेल होने से रेल सेवाएँ ठप हो गईं। रेलवे कर्मचारी और अधिकारी तुरंत मौके पर पहुँचे और 11:40 बजे तक परिचालन बहाल कर दिया। हालाँकि, एक घंटे की देरी के कारण पूरे नेटवर्क में रेल सेवाएँ बाधित हुईं और कई ट्रेनें रद्द करनी पड़ीं।
जैसे ही सेवाएँ सामान्य हो रही थीं, हार्बर लाइन पर दोपहर 1:45 बजे बांद्रा में दूसरी बार खराबी आ गई, जिससे अप और डाउन दोनों सेवाएँ प्रभावित हुईं। हालाँकि दोपहर 2:14 बजे तक मरम्मत पूरी हो गई, फिर भी ट्रेनें 10-15 मिनट देरी से चलती रहीं, जिससे शाम के यात्रियों, खासकर चर्चगेट से उपनगरों की ओर जाने वाले यात्रियों को असुविधा हुई।
राजनीति
रणदीप सिंह सुरजेवाला ने राज्यसभा में नोटिस ऑफ मोशन दिया, चुनावी प्रक्रिया की पारदर्शिता पर चर्चा की मांग

नई दिल्ली, 12 अगस्त। कांग्रेस नेता और राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने राज्यसभा में चुनावी प्रक्रियाओं की पारदर्शिता और निष्पक्षता पर तत्काल चर्चा की मांग करते हुए नियम 267 के तहत नियम निलंबन का नोटिस दिया।
सुरजेवाला ने राज्यसभा के महासचिव को लिखे पत्र में कहा है कि वे 12 अगस्त को सदन में निर्धारित शून्यकाल, प्रश्नकाल और दिन के अन्य कार्यों को स्थगित कर केवल इस मुद्दे पर चर्चा चाहते हैं।
अपने नोटिस में सुरजेवाला ने कहा, “सदन को चुनावी प्रक्रियाओं की अखंडता को लेकर गंभीर चिंताओं पर विचार करना चाहिए। खासतौर पर, बिना पर्याप्त सुरक्षा उपायों, पारदर्शिता और उचित प्रक्रिया के लागू की जा रही व्यवस्थाओं के कारण पहले से ही हाशिए पर खड़े समुदायों को मतदाता सूची से बाहर करने की घटनाओं पर ध्यान देने की आवश्यकता है।”
उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह मुद्दा केवल तकनीकी नहीं बल्कि लोकतंत्र की बुनियाद से जुड़ा सवाल है और यदि समय रहते इस पर कार्रवाई नहीं हुई तो इससे देश में चुनावी व्यवस्था पर जनता का भरोसा डगमगा सकता है।
नियम 267, राज्यसभा के कार्य संचालन के नियमों के तहत, किसी भी सांसद को यह अधिकार देता है कि वह सदन की मौजूदा कार्यसूची को स्थगित कर किसी तात्कालिक और महत्वपूर्ण विषय पर चर्चा की मांग कर सके। सुरजेवाला का यह कदम विपक्ष की उस व्यापक चिंता का हिस्सा माना जा रहा है, जिसमें हाल के दिनों में मतदाता सूची में अनियमितताओं, नाम कटने और संवेदनशील वर्गों के अधिकारों पर खतरे के मुद्दे उठाए गए हैं।
यह प्रस्ताव ऐसे समय में आया है जब देश में मतदाता सूची और चुनावी प्रक्रियाओं की निष्पक्षता को लेकर कई सवाल उठ रहे हैं।
इससे पहले, 6 अगस्त को रणदीप सिंह सुरजेवाला ने चुनावी प्रक्रियाओं की अखंडता को लेकर गंभीर चिंता जताते हुए राज्य सभा में नियम 267 के तहत स्थगन प्रस्ताव पेश कर इस पर चर्चा की मांग की है। इस प्रस्ताव में उन्होंने सदन के शून्यकाल, प्रश्नकाल और अन्य कार्यों को निलंबित कर चुनावी प्रक्रिया से जुड़े मुद्दों पर तत्काल चर्चा की मांग की थी।
अपने प्रस्ताव में सुरजेवाला ने कहा था कि मतदाता सूची से कुछ समुदायों को बाहर किए जाने की खबरें चिंताजनक हैं। उन्होंने पारदर्शिता की कमी और सुरक्षा उपायों के अभाव पर सवाल उठाते हुए कहा था कि इससे लोकतांत्रिक प्रक्रिया की विश्वसनीयता को खतरा है। उनका कहना था कि सदन को इस मुद्दे पर गहन विचार-विमर्श करना चाहिए ताकि चुनाव में उचित प्रक्रिया और पारदर्शिता सुनिश्चित की जा सके।
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