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Thursday,08-May-2025
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पीएम और अन्‍य नेताओं ने डीएमडीके नेता विजयकांत के निधन पर जताया दुख

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तमिल अभिनेता और देसिया मुरपोक्कू द्रविड़ कड़गम (डीएमडीके) नेता विजयकांत के निधन के बाद कई राजनीतिक हस्तियों ने अपनी संवेदना व्यक्त की। उनका 71 वर्ष की आयु में लंबी बीमारी के बाद चेन्नई के एक निजी अस्पताल में निधन हो गया।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने एक्‍स पर लिखा, डीएमडीके संस्थापक थिरु विजयकांत जी के निधन से गहरा दुख हुआ।

दिवंगत अभिनेता के सिनेमा और राजनीति में योगदान के बारे में बात करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि सिनेमा और राजनीति में उनके योगदान ने लाखों लोगों के दिलों पर एक अमिट छाप छोड़ी है। इस कठिन समय के दौरान उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना है।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी ‘कैप्टन’ कहे जाने वाले विजयकांत के लिए पोस्ट किया।

खड़गे ने लिखा, ‘डीएमडीके के संस्थापक और अध्यक्ष कैप्टन विजयकांत के निधन से हमें गहरा दुख हुआ है। एक शानदार अभिनेता और नेता जिनकी लोगों ने बहुत प्रशंसा की, तमिलनाडु के सामाजिक और राजनीतिक सशक्तीकरण में उनके योगदान को हमेशा याद किया जाएगा। उनके परिवार, दोस्तों, प्रशंसकों और अनुयायियों के प्रति हमारी गहरी संवेदना है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखा, “थिरु विजयकांत जी के निधन से बेहद दुखी हूं। तमिल फिल्म जगत के एक दिग्गज, उनके करिश्माई प्रदर्शन ने लाखों लोगों के दिलों पर कब्जा किया। एक राजनीतिक नेता के रूप में, विजयकांत सार्वजनिक सेवा के लिए गहराई से प्रतिबद्ध थे, जिन्होंने तमिलनाडु के राजनीतिक परिदृश्य पर एक स्थायी प्रभाव छोड़ा। उनका निधन एक खालीपन छोड़ गया है, जिसे भरना मुश्किल होगा। वह एक करीबी दोस्त थे और मैं वर्षों से उनके साथ अपनी बातचीत को याद करता हूं। इस दुख की घड़ी में मेरी संवेदनाएं उनके परिवार, प्रशंसकों और कई अनुयायियों के साथ हैं।”

गृह मंत्री अमित शाह ने भी एक्स पर लिखा, “डीएमडीके नेता और सम्मानित फिल्म दिग्गज विजयकांत जी के निधन के बारे में जानकर गहरा दुख हुआ। प्यार से कैप्टन कहे जाने वाले विजयकांत जी ने ऑन-स्क्रीन और ऑफ स्क्रीन से लोगों में देशभक्ति की भावना जगाई। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना है।”

महाराष्ट्र

2008 के मालेगांव बम विस्फोट मामले में फैसला 31 जुलाई को सुनाया जाएगा

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मुंबई: 29 सितंबर 2008 को हुए मालेगांव बम विस्फोट मामले में फैसला 31 जुलाई को सुनाया जाएगा। भाजपा नेता और पूर्व सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर, लेफ्टिनेंट कर्नल श्रीकांत प्रसाद पुरोहित, पूर्व मेजर रमेश उपाध्याय, सुधाकर द्विवेदी, सुधाकर चतुर्वेदी, स्वामी दयानंद पांडे, अजय राहिरकर और समीर कुलकर्णी पर अवैध गतिविधियों में शामिल होने का आरोप है। साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के स्कूटर में बम लगाया गया था, जिसके बाद महाराष्ट्र आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) ने इस मामले में 13 आरोपियों को गिरफ्तार किया था और 7 आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए थे। मालेगांव बम विस्फोट मामले की सुनवाई अप्रैल में पूरी होगी। उम्मीद थी कि फैसला आज सुनाया जाएगा, लेकिन अदालत ने बहाना बनाया कि एक लाख से अधिक पृष्ठों का अध्ययन किया जा रहा है और इसलिए मामले को 31 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दिया गया है।

भको चौक पर एक स्कूटर में हुए बम धमाके में 7 लोगों की मौत हो गई थी और 100 लोग घायल हो गए थे। एटीएस चीफ हेमंत करकरे ने इस मामले की जांच की थी और आरोपियों पर मकोका भी लगाया गया था, लेकिन बाद में 2011 में जांच एनआईए को सौंप दी गई थी। एनआईए ने इस मामले में आरोपियों के लिए मौत की सजा की मांग की है। इस मामले में 223 गवाहों के बयान दर्ज किये गये और 23 गवाह अदालत में अपने बयान से मुकर गये, जिनमें सेना और रक्षा विभाग के 8 गवाह शामिल थे। अदालत ने सभी आरोपियों को 31 जुलाई को उपस्थित रहने का आदेश दिया है और यदि कोई अनुपस्थित रहता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अदालत इस मामले में 31 जुलाई को ही अपना फैसला सुनाएगी क्योंकि मामले की सुनवाई पूरी हो चुकी है और अदालत ने अपना फैसला सुरक्षित भी रख लिया है।

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राष्ट्रीय समाचार

‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद 430 उड़ानें हुईं रद्द, 10 मई तक बंद रहेंगे 27 एयरपोर्ट्स

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नई दिल्ली, 8 मई। भारत की ओर से ‘ऑपरेशन सिंदूर’ सफलतापूर्वक किए जाने के बाद गुरुवार को करीब 430 नागरिक उड़ानों को रद्द कर दिया गया है। यह देश की कुल शेड्यूल उड़ानों का करीब 3 प्रतिशत है। इसके साथ ही 27 एयरपोर्ट्स 10 मई तक बंद रहेंगे।

फ्लाइटराडर24 प्लेटफॉर्म के फ्लाइट ट्रैकिंग डेटा के मुताबिक, पाकिस्तान और भारत के पश्चिमी गलियारे का एयरस्पेस का ज्यादातर हिस्सा नागरिक विमानों से फ्री था।

फ्लाइट को ट्रैक करने वाले पोर्टल के मुताबिक, पाकिस्तान के ऊपर हवाई क्षेत्र और जम्मू-कश्मीर एवं गुजरात के बीच भारत के पश्चिमी क्षेत्र में नागरिक हवाई यातायात नहीं था। इसकी वजह एयरलाइनों द्वारा संवेदनशील क्षेत्र से दूरी बनाए रखना है।

जिन एयरपोर्ट्स को बंद रखा गया है, उनमें श्रीनगर, जम्मू, लेह, चंडीगढ़, अमृतसर, लुधियाना, पटियाला, बठिंडा, हलवारा, पठानकोट, भुंतर, शिमला, गग्गल, धर्मशाला, किशनगढ़, जैसलमेर, जोधपुर, बीकानेर, मुंद्रा, जामनगर, राजकोट, पोरबंदर, कांडला, केशोद, भुज, ग्वालियर और हिंडन शामिल हैं।

बुधवार को 300 से अधिक उड़ानों को रद्द कर दिया गया था। इस दौरान उत्तर और पश्चिमी भारत के 21 एयरपोर्ट्स बंद थे।

एयर इंडिया ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि उसके संपर्क केंद्रों पर वर्तमान में बहुत अधिक कॉल आ रही हैं।

एयरलाइन ने कहा, “हमारे सभी प्रतिनिधि सक्रिय रूप से ग्राहकों की सहायता कर रहे हैं, कुछ मामलों में संपर्क होने में अपेक्षा से अधिक समय लग सकता है। कृपया निश्चिंत रहें, हम आपकी सहायता के लिए यहां हैं।”

एयरलाइन ने कहा, “जिन ग्राहकों की उड़ानें वर्तमान व्यवधानों से प्रभावित हैं, उनके लिए एयर इंडिया कैसिंलेशन पर फुल रिफंड और रीशेड्यूलिंग पर वन-टाइम छूट की पेशकश कर रही है। यह 10 मई, 2025 तक प्रभावित उड़ानों पर बुक की गई टिकटों के लिए मान्य है।”

एयर इंडिया ने कहा कि हम हमारे सैन्य और रक्षा कर्मियों की निस्वार्थ सेवा और समर्पण के लिए आभारी है।

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राष्ट्रीय समाचार

पाकिस्तान का झूठ बेनकाब : गुजरांवाला में भारतीय ड्रोन गिराने का दावा फर्जी

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नई दिल्ली, 8 मई। पाकिस्तान द्वारा भारतीय ड्रोन को गुजरांवाला में गिराने का दावा पूरी तरह से झूठा साबित हुआ है। प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) फैक्ट चेक ने इस दावे को खारिज करते हुए खुलासा किया कि पाकिस्तानी सोशल मीडिया हैंडल्स द्वारा शेयर की जा रही तस्वीर 2022 की यूक्रेन-रूस युद्ध की है।

पाकिस्तानी अकाउंट्स ने दावा किया था कि पाक सेना ने गुजरात के डिंगा गांव झंड पीर के पास एक भारतीय मानव रहित विमान (यूएवी) को गिरा दिया। हालांकि, पीआईबी ने अपनी जांच में पाया कि यह तस्वीर पुरानी है और इसका भारत-पाकिस्तान से कोई संबंध नहीं है। पीआईबी ने एक न्यूज रिपोर्ट का हवाला देते हुए इसकी पुष्टि की, जिसमें यह तस्वीर 2022 में यूक्रेन-रूस संघर्ष के दौरान प्रकाशित हुई थी।

पीआईबी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक्स पोस्ट पर लिखा, “क्या यह भारतीय ड्रोन वास्तव में पाकिस्तान में इंटरसेप्ट किया गया? पाकिस्तान आधारित सोशल मीडिया हैंडल्स एक पुरानी तस्वीर साझा कर रहे हैं, जिसमें दावा किया गया है कि पाकिस्तान सेना ने गुजरांवाला, पाकिस्तान में एक यूएवी ड्रोन को इंटरसेप्ट किया है। वायरल हो रही तस्वीर वर्ष 2022 के यूक्रेन-रूस संघर्ष से संबंधित है।”

पीआईबी ने 2022 की एक समाचार रिपोर्ट का लिंक भी पोस्ट में दिया है जो स्पष्ट करती है कि ये तस्वीर यूक्रेन-रूस युद्ध से संबंधित है, न कि भारत-पाकिस्तान संघर्ष से।

ज्ञात हो कि ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारत के सफल आतंकवाद विरोधी हमलों के मद्देनजर, पाकिस्तान सरकार से जुड़े कई मीडिया आउटलेट और सोशल मीडिया अकाउंट्स को ऑपरेशन से जुड़े तथ्यों को विकृत करने के स्पष्ट प्रयास में भ्रामक और मनगढ़ंत कंटेंट प्रसारित करते हुए बेनकाब किया गया है। बुधवार को, भारतीय सशस्त्र बलों ने पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के प्रतिशोध में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में नौ आतंकवादी ठिकानों पर सटीक हमले किए, जिसमें काफी लोग हताहत हुए।

यह ऑपरेशन सीमा पार आतंकवाद के खिलाफ भारत की निरंतर लड़ाई का एक महत्वपूर्ण क्षण था। हमलों के बाद, पाकिस्तान की ओर से सोशल मीडिया पर फर्जी खबरों की बाढ़ सी आ गई। इसमें पाकिस्तानी मीडिया हाउस और संबद्ध हैंडल शामिल रहे, जिन्होंने सोशल प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर असत्यापित और झूठी कहानियां गढ़ीं। ऐसे ही एक झूठे दावे में बताया गया कि पाकिस्तान ने अमृतसर में एक भारतीय सैन्य अड्डे पर बमबारी की थी। पीआईबी के फैक्ट जांच प्रभाग ने इस गलत सूचना को तुरंत संबोधित किया और अपील की कि असत्यापित जानकारी साझा करने से बचें और सटीक जानकारी के लिए केवल भारत सरकार के आधिकारिक स्रोतों पर भरोसा करें। शेयर किया जा रहा वीडियो 2024 में जंगल की आग का है।

वहीं, सोशल मीडिया पर एक पाकिस्तानी नागरिक का भी वीडियो वायरल हो गया है, जिसमें उसने पाकिस्तानी सेना की रक्षा प्रणाली में बड़ी खामियों और किसी भी हमले को विफल करने की तैयारी के बारे में खुलकर बात की है। वीडियो में पाकिस्तानी नागरिक कह रहा है कि भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ 24 मिसाइल हमले किए और हैरानी की बात है सारे टारगेट पर जाकर लगे। इंडिया ने अपना टारगेट हासिल कर लिया और हम एक भी मिसाइल को रोक नहीं सके। भारत की एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान में रातभर अफवाहों का दौर चलता रहा कि हमने भारत के विमान गिरा दिए। कई तस्वीरें वायरल होने लगीं, लेकिन मैंने खुद चेक किया तो पता चला कि सभी फोटो कई महीने पुराने हैं। अंत में हमारी ओर से भारतीय विमानों को गिराने के दावे फेक न्यूज ही साबित हुए।

गलत सूचनाओं की बाढ़ के जवाब में, भारत सरकार ने जनता और प्रेस से आधिकारिक स्रोतों से सत्यापित अपडेट पर विशेष रूप से भरोसा करने का आह्वान दोहराया। अधिकारियों ने असत्यापित या फर्जी खबरों के प्रसार के खतरों के प्रति सचेत रहने की अपील की है।

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