राष्ट्रीय समाचार
भारत में पेट्रोलियम की कीमत दुनिया में सबसे कम: केंद्रीय मंत्री
नई दिल्ली, 22 फरवरी। केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि भारत में पेट्रोलियम की कीमतें दुनिया में सबसे कम हैं।
आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में देश में ईंधन की कीमतें वास्तविक रूप से कम हुई हैं।
वैश्विक तेल आपूर्ति पर बोलते हुए पुरी ने कहा कि अब अधिक तेल अमेरिका, ब्राजील, गुयाना, सूरीनाम और कनाडा जैसे देशों से आ रहा है।
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि कच्चे तेल की कोई कमी नहीं है और मौजूदा समय में 40 देशों से आपूर्ति भारत को मिल रही है। पहले इनकी संख्या 27 थी। अगर और देश इसमें जुड़ना चाहते हैं तो हम उनका स्वागत करेंगे। इससे तेल की कीमतों को कम रखने में मदद मिलेगी।
केंद्रीय मंत्री के कहा,”पेट्रोलियम की कीमतें बीते तीन वर्षों में कम हुई हैं।”
उन्होंने आगे कहा कि पेट्रोल की कीमतों में -0.67 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। हालांकि, डीजल की कीमतों में 1.15 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
पुरी ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि पेट्रोलियम की कीमत में गिरावट से सरकार को कोई वित्तीय फायदा नहीं हुआ है। बल्कि सरकार ने तेल कंपनियों को 22,000 करोड़ रुपये की राहत दी है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में हुई आर्थिक प्रगति पर प्रकाश डालते हुए पुरी ने कहा कि 2014 में भारत 10 वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था और साथ ही पांच सबसे कमजोर अर्थव्यवस्थाओं में शामिल था। उस समय देश विकास के लिए विदेशी निवेश पर अधिक निर्भर था।
पुरी ने आगे कहा कि पीएम मोदी के कार्यकाल में भारतीय अर्थव्यवस्था में काफी सुधार आया है और देश दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। जल्द ही भारत 4 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन जाएगा।
मीडिया रिपोर्ट में कहा गया कि चालू वित्त वर्ष में भारत में पेट्रोलियम उत्पादों की मांग तीन से चार प्रतिशत बढ़ सकती है।
रिपोर्ट में बताया गया कि भारतीय ऑयल मार्केटिंग कंपनियों के रिफाइनरी मार्जिन वित्त वर्ष 25 में गिर सकते हैं। इसकी वजह अधिक आपूर्ति और कच्चे तेल में उतार-चढ़ाव के होने वाले फायदे का कम होना है।
राजनीति
महाराष्ट्र भाजपा ने बिहार में एनडीए की जीत का जश्न मनाया; चव्हाण ने कहा कि यह फैसला मुंबई के लिए गति का संकेत है

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की महाराष्ट्र इकाई ने शुक्रवार को पार्टी के राज्य मुख्यालय में बिहार विधानसभा चुनावों में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की प्रचंड जीत का जश्न मनाया। यह कार्यक्रम भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण की उपस्थिति में आयोजित किया गया, जिन्होंने बिहार में “अभूतपूर्व जनादेश” के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और एनडीए नेतृत्व को बधाई दी।
चव्हाण ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, जदयू प्रमुख और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और एनडीए के सभी घटक दलों के नेताओं को बधाई दी। उन्होंने गठबंधन के पक्ष में निर्णायक जनादेश देने के लिए बिहार के मतदाताओं का भी आभार व्यक्त किया।
पार्टी कार्यकर्ताओं ने ढोल नगाड़ों, “बिहार तो झांकी है, मुंबई अभी बाकी है” और “भारतीय जनता पार्टी का विजय असो” जैसे नारों के साथ उत्साहपूर्वक जश्न मनाया और पूरे परिसर में उत्सव जैसा माहौल रहा।
विधायक कुमार आयलानी, भाजपा के प्रदेश महासचिव विधायक विक्रांत पाटिल, प्रवक्ता अतुल शाह, मीडिया विभाग प्रमुख नवनाथ बान, अमरजीत मिश्रा और कार्यालय सचिव मुकुंद कुलकर्णी सहित कई नेता पार्टी के कई पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं के साथ समारोह में शामिल हुए।
कार्यक्रम में बोलते हुए, चव्हाण ने कहा कि बिहार के जनादेश ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जादू” पूरे देश में बरकरार है। उन्होंने आगे कहा कि हाल के वर्षों में एनडीए सरकार के विकास कार्यों ने समाज के सभी वर्गों का उत्थान किया है, जिसका परिणाम बिहार में व्यापक समर्थन के रूप में सामने आया है।
कांग्रेस पर निशाना साधते हुए चव्हाण ने कहा कि पार्टी दहाई का आंकड़ा भी पार नहीं कर सकी और ‘‘निर्दलीय उम्मीदवारों से प्रतिस्पर्धा कर रही है।’’
चव्हाण ने कांग्रेस पर हर चुनाव से पहले “फर्जी बयान” फैलाने का आरोप लगाया। उन्होंने बिहार चुनाव के दौरान “वोट चोरी” का आरोप लगाने के लिए राहुल गांधी की आलोचना की और दावा किया कि मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) ने उन आरोपों को निराधार साबित कर दिया है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की विकास-संचालित राजनीति ने प्रत्येक समुदाय के लिए “न्याय और प्रगति” सुनिश्चित की, जिससे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त हुई।
चव्हाण ने कहा कि बिहार का जनादेश आगामी मुंबई नगर निगम चुनावों में क्या होने वाला है, इसका एक प्रारंभिक संकेत है। उन्होंने कहा कि शहर को बुनियादी ढाँचे की परियोजनाओं के लिए पर्याप्त केंद्रीय धन प्राप्त हुआ है, और मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस का विकास-केंद्रित दृष्टिकोण मुंबई को बदल रहा है।
उन्होंने कहा कि आगामी चुनावों में महायुति की जीत महाराष्ट्र के भविष्य के लिए महत्वपूर्ण होगी और विश्वास व्यक्त किया कि गठबंधन जनता का समर्थन हासिल करेगा और यह सुनिश्चित करेगा कि केंद्र सरकार की योजनाएं प्रत्येक नागरिक तक पहुंचे।
दुर्घटना
महाराष्ट्र के बीड जिले में भीषण सड़क हादसा, दो मजदूरों की मौत, तीन घायल

ACCIDENT
कोरबा, 15 नवंबर: कोरबा जिले के बांकी मोंगरा क्षेत्र के दो युवकों की महाराष्ट्र में हुए एक भीषण सड़क हादसे में मौत हो गई, जबकि तीन अन्य मजदूर गंभीर रूप से घायल हो गए।
यह दुर्घटना महाराष्ट्र के बीड जिले में उस समय हुई, जब सभी मजदूर एक स्कॉर्पियो वाहन में सवार होकर जा रहे थे। रास्ते में स्कॉर्पियो गाड़ी गन्ने से भरे एक ट्रैक्टर के पीछे से तेज रफ्तार में जा टकराई, जिससे वाहन के परखच्चे उड़ गए।
प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, टक्कर इतनी जोरदार थी कि स्कॉर्पियो ट्रैक्टर के पिछले हिस्से में घुस गई और देखते ही देखते गाड़ी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। हादसे की आवाज सुनकर आसपास के ग्रामीण मौके पर पहुंचे और घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाया।
इस हादसे में सुशांत प्रसाद केवट और प्रशांत सिंह की मौके पर ही दर्दनाक मौत हो गई। दोनों ही बांकी मोंगरा निवासी थे और अपने परिवार के लिए मेहनत मजदूरी करने महाराष्ट्र गए थे। घरवालों का रो-रोकर बुरा हाल है, क्योंकि ये दोनों ही अपने परिवार की कमाई का एकमात्र सहारा थे।
हादसे में सनी चव्हाण, विशाल शब्बू और राजा यादव गंभीर रूप से घायल हुए हैं। तीनों का उपचार जिला मेडिकल कॉलेज में जारी है, जहां डॉक्टरों के अनुसार उनकी स्थिति गंभीर है, लेकिन उन्हें बचाने की हर संभव कोशिश की जा रही है। परिजन अस्पताल में मौजूद हैं और उनके जल्द ठीक होने की दुआ कर रहे हैं।
घटना की जानकारी मिलते ही बांकी मोंगरा में मातम छा गया। परिवार और स्थानीय लोगों की मौजूदगी में दोनों मजदूरों का अंतिम संस्कार किया गया।
स्थानीय प्रशासन ने भी हादसे पर दुख जताया है और घायलों के उपचार में हर संभव सहायता देने की बात कही है। वहीं ग्रामीणों ने सरकार से मृतकों के परिवार को आर्थिक सहायता उपलब्ध कराने की मांग की है।
राष्ट्रीय समाचार
राम मंदिर ध्वजारोहण कार्यक्रम : वनवासी क्षेत्रों के संत समाज को खास निमंत्रण, अयोध्या से जुटेंगे तीन हजार साधु-महात्मा

अयोध्या, 15 नवंबर: श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपत राय ने बताया है कि मंगलवार, 25 नवंबर का दिन, अयोध्या में भगवान राम के विवाह का पारंपरिक पवित्र दिन है। इस दिन, राम जन्मभूमि मंदिर के शिखर पर ध्वजारोहण होगा। इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल होंगे। राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगे।
उन्होंने बताया कि कार्यक्रम की शुरुआत दोपहर में करीब 12 बजे होगी और फिर ध्वजारोहण किया जाएगा। कार्यक्रम दोपहर लगभग दो बजे संपन्न होगा।
कार्यक्रम में आने वाले मेहमानों को लेकर चंपत राय ने बताया कि इस बार सिर्फ पूर्वी उत्तर प्रदेश के बंधु-बांधवों को बुलाया गया है। कुल छह हजार लोग आमंत्रित किए गए हैं, जिनमें अयोध्या जनपद से ही तीन हजार लोगों की संख्या हैं। अयोध्या के सभी संत कार्यक्रम में आएंगे, जिनमें जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों के संत भी होंगे। अनुमान है कि लगभग एक हजार संत-महात्मा इस कार्यक्रम में उपस्थित रहेंगे। बाकी संपूर्ण पूर्वी उत्तर प्रदेश के लोगों को आमंत्रित किया गया है।
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव ने बताया कि खासतौर पर वनवासी क्षेत्रों में रहने वाले संत समाज को बुलाया गया है। हमारी दृष्टि इस बार उस समाज पर है, जो सुदूर जंगलों, वनवासी क्षेत्रों, पर्वतों और समुद्र किनारे के गांवों में निवास करता है। उत्तर में समुद्र नहीं है, लेकिन गंगा और यमुना जैसी पवित्र नदियां हैं। उनके किनारे जीवन यापन करने वाले समाज में से लोगों का चयन किया गया है।
ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री समेत सभी प्रमुख व्यक्तियों के अयोध्या जिले से दोपहर लगभग 2 बजे या उससे थोड़ा पहले प्रस्थान करने की संभावना है। प्रशासन और हम सभी इस उत्सव के महत्व और इसके व्यस्त कार्यक्रम से अवगत हैं। इससे जनता को कोई असुविधा नहीं होगी। यह हमारी समारोह संबंधी तैयारियों का हिस्सा है।
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