अंतरराष्ट्रीय
वैश्विक फिनटेक के बड़े नुकसान के बीच पेटीएम के आईपीओ ने शेयर बाजार में पकड़ मजबूत की

पेटीएम ने शेयर बाजार में धमाकेदार शुरूआत की है। कंपनी का 2.5 अरब डॉलर का आईपीओ न केवल भारत का सबसे बड़ा, बल्कि अब तक का सबसे बड़ा एपीएसी फिनटेक आईपीओ और विश्व स्तर पर 2021 का दूसरा सबसे बड़ा फिनटेक आईपीओ भी रहा है।
कुल मिलाकर, पेटीएम आईपीओ चौथा सबसे बड़ा फिनटेक स्टॉक डेब्यू है।
शेयर इंडिया के रिसर्च हेड डॉ. रवि सिंह ने कहा, “पेटीएम, जो 2,150 रुपये की पेशकश मूल्य पर खुला, उसने कठिन दिन पर बाजारों को प्रभावित किया और इसके शेयर की कीमत पर भी असर पड़ा। लेकिन पेटीएम अन्य फिनटेक कंपनियों की तुलना में मजबूत हुआ है।”
हाल ही में एक कार्यक्रम में, पेटीएम के सीईओ विजय शेखर शर्मा ने कहा, “वैश्विक स्तर पर, हम शायद ऐसे समय में गए, जब क्यूई, मुफ्त पैसा और कई अन्य पैरामीटर मूल्य निर्धारण के मामले में बाजार में थोड़ा सा झटका लाए। कुछ दक्षिण अमेरिकी कंपनियां 70 फीसदी नीचे हैं। ठीक है, इसका पूरी तरह से यही कारण नहीं है और यह एक मैक्रो (बड़ा) कारण है।”
शर्मा ने कहा, “हम एक भुगतान कंपनी हैं और हर कोई इसे समझता है और भुगतान का वित्तीय सेवाओं में एक व्युत्पन्न राजस्व लाइन आइटम है और यह क्रेडिट द्वारा संचालित होता है। पेटीएम की सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि हम वित्तीय सेवाओं के नेतृत्व में मुद्रीकरण के साथ क्या करते हैं। भुगतान एक राजस्व लाइन आइटम है जो बड़े पैमाने पर बढ़ रहा है।”
वैश्विक स्तर पर, फिनटेक दिग्गजों और उभरते बाजार के दिग्गजों को बाजारों से कमजोर समर्थन मिला, क्योंकि पेपाल, आफ्टरपे, एफर्म, स्क्वायर और कई अन्य औसतन लगभग 30 प्रतिशत नीचे थे।
हाल ही में, सिंगापुर स्थित कंपनी ग्रैब ने बाजार में अपनी शुरूआत की और यह एक सुपर ऐप भी है, जिसके शेयर की कीमत में लिस्टिंग के दिन 20 प्रतिशत से अधिक की गिरावट देखी गई।
सिंह ने कहा, “पेटीएम एक वित्तीय सेवाओं की दिग्गज कंपनी बन गई है, जो अपने साथ अधिक मुद्रीकरण के अवसर लाती है। कंपनी के बढ़ने पर कंपनी के शेयर की कीमत अपने आप सही हो जाएगी, जैसा कि फेसबुक और टेस्ला जैसी अमेरिकी टेक कंपनियों की बाजार यात्रा में देखा गया है।”
जेपी मॉर्गन, गोल्डमैन सैक्स और मॉर्गन स्टेनली के विश्लेषकों ने 1,630 रुपये से 1,875 रुपये के लक्ष्य मूल्य के साथ पेटीएम स्टॉक को खरीदने को लेकर (बाय) रेटिंग दी है।
कंपनी ने अपनी दूसरी तिमाही के आय परिणामों के दौरान दिखाया कि कैसे उसका राजस्व सालाना आधार पर 64 प्रतिशत बढ़कर 10.9 अरब रुपये हो गया।
जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान, पेटीएम ने वित्त वर्ष 2022 की दूसरी तिमाही में अपने योगदान लाभ में 2.6 अरब रुपये की वृद्धि देखी, जो साल-दर-साल 592 प्रतिशत की वृद्धि थी।
योगदान मार्जिन पिछले वर्ष के 5.7 प्रतिशत से राजस्व के 24 प्रतिशत तक पहुंच गया।
पेटीएम के कारोबार में भी विशेष रूप से वित्तीय सेवाओं के क्षेत्र में तेजी से वृद्धि देखी गई है। कंपनी ने हाल ही में एक फाइलिंग में कहा कि उसके उधार कारोबार में प्लेटफॉर्म के माध्यम से 44 लाख ऋण वितरण (वर्ष-दर-वर्ष 401 प्रतिशत की वृद्धि), और 21.8 अरब रुपये (1.2 अरब डॉलर की रन-रेट) (365 प्रतिशत की सालाना वृद्धि) का मूल्य देखा गया।
वित्त वर्ष 2022 की तीसरी तिमाही के लिए कंपनी का जीएमवी 2,501 अरब रुपये (33.6 अरब डॉलर) था। कंपनी ने अपनी नियामक फाइलिंग में कहा, वर्ष-दर-वर्ष जीएमवी पहले से ही वित्त वर्ष 2021 की तुलना में अधिक है, जो महत्वपूर्ण गैर-यूपीआई जीएमवी वृद्धि के नेतृत्व में है।
व्यापार
भारतीय शेयर बाजार लगातार आठवें दिन तेजी के साथ बंद, सेंसेक्स 355 अंक उछला

SHARE MARKET
नई दिल्ली, 12 सितंबर। भारतीय शेयर बाजार शुक्रवार के कारोबारी सत्र में लगातार आंठवें दिन तेजी के साथ बंद हुआ। बाजार में चौतरफा खरीदारी देखी गई। सेंसेक्स 355.97 अंक या 0.44 प्रतिशत की बढ़त के साथ 81,904.70 और निफ्टी 108.50 अंक या 0.43 प्रतिशत की मजबूती के साथ 25,114 पर था।
लार्जकैप के साथ मिडकैप और स्मॉलकैप में भी तेजी देखी गई। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 183.65 अंक या 0.32 प्रतिशत की तेजी के साथ 58,227.20 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 114.70 अंक या 0.64 प्रतिशत की मजबूती के साथ 17,989.90 पर था।
बाजार को ऊपर खींचने का काम डिफेंस, मेटल और फाइनेंस शेयरों ने किया। निफ्टी इंडिया डिफेंस इंडेक्स (4.38 प्रतिशत), निफ्टी मेटल (0.93 प्रतिशत), निफ्टी ऑटो (0.46 प्रतिशत), निफ्टी फाइनेंस सर्विस (0.70 प्रतिशत), निफ्टी फार्मा (0.53 प्रतिशत), निफ्टी प्राइवेट बैंक (0.41 प्रतिशत) और निफ्टी कमोडिटीज (0.41 प्रतिशत) की तेजी के साथ बंद हुआ।
निफ्टी पीएसयू (0.27 प्रतिशत), निफ्टी एफएमसीजी (0.71 प्रतिशत), निफ्टी मीडिया (0.39 प्रतिशत) और निफ्टी कंजप्शन (0.29 प्रतिशत) की कमजोरी के साथ बंद हुआ।
सेंसेक्स पैक में बीईएल, बजाज फाइनेंस, बजाज फिनसर्व, एक्सिस बैंक, मारुति सुजुकी, टाटा मोटर्स, आईसीआईसीआई बैंक, एलएंडटी, इन्फोसिस, टीसीएस, टेक महिंद्रा, टाटा स्टील, पावर ग्रिड, एनटीपीसी, कोटक महिंद्रा बैंक और अल्ट्राटेक सीमेंट टॉप गेनर्स थे। इटरलन (जोमैटो), एचयूएल, ट्रेंट, टाइटन, भारती एयरटेस, एशियन पेंट्स , आईटीसी, एमएंडएम, एचसीएल टेक, एचडीएफसी बैंक और एसबीआई टॉप लूजर्स थे।
एक्सपर्ट के मुताबिक, अमेरिकी फेड की ओर से ब्याज दरों में कटौती की संभावना के कारण बाजार में तेजी बनी हुई है। यूरोपीय संघ द्वारा रूसी तेल खरीदने पर भारत पर अमेरिकी टैरिफ प्रस्तावों को अस्वीकार करने की खबरों से धारणा में और सुधार हुआ। अमेरिका-भारत व्यापार वार्ता में प्रगति से भी निकट भविष्य में सकारात्मक गति बरकरार रहने की उम्मीद है। सत्र में रक्षा क्षेत्र ने बेहतर प्रदर्शन किया। इसकी वजह भारतीय खरीद अधिकारियों द्वारा अगली पीढ़ी की छह पारंपरिक पनडुब्बियों के लिए बातचीत शुरू करने की रिपोर्ट्स का आना है।
भारतीय शेयर बाजार तेजी के साथ बंद हुआ। सुबह 9.25 बजे तक, सेंसेक्स 114 अंक या 0.14 प्रतिशत बढ़कर 81,663 पर कारोबार कर रहा था और निफ्टी 39 अंक या 0.16 प्रतिशत बढ़कर 25,045 पर था।
व्यापार
मिश्रित वैश्विक संकेतों के बीच मामूली बढ़त के साथ कारोबार कर रहे सेंसेक्स-निफ्टी

मुंबई, 11 सितंबर। भारत और अमेरिका के बीच द्विपक्षीय व्यापार वार्ता में प्रगति और अन्य वैश्विक संकेतों के कारण गुरुवार को भारतीय शेयर बाजार हरे निशान में खुला। शुरुआती कारोबार में सेंसेक्स और निफ्टी मामूली बढ़त में रहे।
सुबह 9.25 बजे तक, सेंसेक्स 85 अंक या 0.11 प्रतिशत बढ़कर 81,510 पर और निफ्टी 24 अंक या 0.09 प्रतिशत बढ़कर 24,997 पर कारोबार कर रहे थे।
ब्रॉडकैप सूचकांकों में बेंचमार्क सूचकांकों से बेहतर प्रदर्शन के साथ निफ्टी मिडकैप 100 में 0.16 प्रतिशत और निफ्टी स्मॉलकैप 100 में 0.28 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
निफ्टी पैक में एनटीपीसी, ओएनजीसी, टीसीएस और एसबीआई टॉप गेनर्स रहे। जबकि एसबीआई लाइफ इंश्योरेंस, हीरो मोटरकॉर्प, डॉ रेड्डीज लैब्स, टेक महिंद्रा और ट्रेंट टॉप लूजर्स रहे।
सेक्टोरल फ्रंट पर निफ्टी मीडिया 1.46 प्रतिशत की तेजी के साथ कारोबार कर रहा था। निफ्टी पीएसयू बैंक 1.11 प्रतिशत और निफ्टी ऑयल एंड गैस 0.91 प्रतिशत की तेजी में रहे। अन्य सभी सूचकांकों में मामूली बढ़त या गिरावट दर्ज की गई।
अमेरिका के साथ द्विपक्षीय व्यापार वार्ता में उत्साहजनक प्रगति के कारण, निफ्टी ने बीते कारोबारी दिन लगातार छठे सत्र में अपनी तेजी जारी रखी।
मार्केट का सेंटीमेंट सतर्क और आशावादी बना हुआ है, हालांकि लगातार अस्थिरता और मिले-जुले वैश्विक संकेत निवेशकों के विश्वास पर दबाव बना रहे हैं।
विश्लेषकों ने कहा कि 25,160 से ऊपर एक निर्णायक कदम 25,340 की ओर रास्ता खोल सकता है, जबकि तत्काल समर्थन 24,950 और 24,850 के स्तर पर है।
एशिया-प्रशांत बाजारों में, अमेरिकी फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की उम्मीदें बढ़ीं, जबकि निवेशकों ने चीन के अगस्त मुद्रास्फीति के आंकड़ों का भी आकलन किया। नेशनल ब्यूरो ऑफ स्टेटिस्टिक्स के आंकड़ों के अनुसार, अगस्त में चीन में कंज्यूमर प्राइस में सालाना आधार पर 0.4 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई।
सुबह के सत्र में एशियाई बाजारों में शानदार बढ़त दर्ज की गई। चीन का शंघाई सूचकांक 0.92 प्रतिशत और शेन्जेन सूचकांक 2.32 प्रतिशत की बढ़त में रहे। जापान का निक्केई 0.99 प्रतिशत बढ़ा, जबकि हांगकांग का हैंग सेंग सूचकांक 0.41 प्रतिशत की गिरावट में रहा। दक्षिण कोरिया का कोस्पी 0.31 प्रतिशत की बढ़त में रहा।
विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) ने बुधवार को 115.69 करोड़ रुपए के शेयर बेचे, जबकि घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने 5,004.29 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे।
राजनीति
‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना से भारत की अर्थव्यवस्था को निरंतर मजबूत बनाने के लिए कार्य करें : राष्ट्रपति मुर्मू

नई दिल्ली, 8 सितंबर। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को निर्यातकों से अपील करते हुए कहा कि ‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना के साथ भारत की अर्थव्यवस्था को निरंतर मजबूत बनाने के लिए कार्य करें। साथ ही, वैश्विक व्यापार की चुनौतियों को हमारे देश में उपलब्ध असाधारण क्षमताओं का उपयोग करके अवसरों में बदलने की आवश्यकता है।
राष्ट्रीय राजधानी में इंजीनियरिंग एक्सपोर्ट्स प्रमोशन काउंसिल (ईईपीसी) के प्लेटिनम जयंती समारोह में संबोधन में राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा,”प्राचीन काल में भारत ने अध्यात्म और व्यापार दोनों में विश्व का नेतृत्व किया था। भारत को एक बार फिर ज्ञान और व्यापार का अग्रणी केंद्र बनाना सभी नागरिकों का संकल्प होना चाहिए। आर्थिक क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण हितधारक होने के नाते ईईपीसी को यह संकल्प दृढ़तापूर्वक लेना चाहिए।”
राष्ट्रपति ने इस बात पर खुशी जताई कि पिछले 10 वर्षों में भारत का इंजीनियरिंग निर्यात 70 अरब डॉलर से बढ़कर 115 अरब डॉलर से भी अधिक हो गया है।
उन्होंने कहा कि निर्यात में यह वृद्धि तब और भी प्रभावशाली लगती है, जब हम यह देखते हैं कि पिछले दशक के दौरान अंतरराष्ट्रीय व्यापार के क्षेत्र में कई चुनौतियां रही हैं। उन्होंने इस उपलब्धि में योगदान के लिए ईईपीसी की सराहना की।
राष्ट्रपति ने आगे कहा कि ईईपीसी अंतरराष्ट्रीय बाजार और भारतीय उत्पादकों के बीच एक सेतु का काम करता है। उन्होंने ईईपीसी से वैश्विक मूल्य श्रृंखला में भारत और भारतीय उद्यमियों की भूमिका का निरंतर विस्तार करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि विश्व व्यापार व्यवस्था और अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक व्यवस्था में हो रहे बदलावों के कारण इसकी भूमिका और भी महत्वपूर्ण हो गई है।
राष्ट्रपति के अनुसार, वैश्विक व्यापार की चुनौतियों को हमारे देश में उपलब्ध असाधारण क्षमताओं का उपयोग करके अवसरों में बदलने की आवश्यकता है। पिछले सात दशकों में भारत के इंजीनियरिंग निर्यात में बड़ा परिवर्तन आया है। ईईपीसी को परिवर्तन की इस प्रक्रिया को जारी रखना चाहिए और ‘राष्ट्र प्रथम’ की भावना के साथ भारत की अर्थव्यवस्था को निरंतर मजबूत बनाने के लिए कार्य करते रहना चाहिए।
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