अंतरराष्ट्रीय
भारत के साथ साझेदारी हमारे लिए अहम : प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के बाद यूरोपीय संघ प्रमुख

नई दिल्ली, 28 फरवरी। यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने शुक्रवार को कहा कि उनकी यात्रा इस बात का प्रतीक है कि यूरोपीय संघ भारत के साथ अपनी साझेदारी को कितना महत्व देता है। यूरोपीय यूनियन (ईयू) कॉलेज ऑफ कमिश्नर्स की मेजबानी के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को धन्यवाद देते हुए उन्होंने यह बात कही।
वॉन डेर लेयेन ने हैदराबाद हाउस में प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात के बाद एक्स पर पोस्ट किया, “प्रिय नरेंद्र मोदी, नई दिल्ली में हमारी मेजबानी के लिए आपका बहुत-बहुत धन्यवाद। यूरोपीय आयोग की यात्रा इस बात का प्रतीक है कि हम भारत के साथ अपनी साझेदारी को कितनी अहमियत देते हैं। और मैं हमारी व्यक्तिगत दोस्ती को कितना महत्व देती हूं।”
बैठक के दौरान, दोनों पक्षों ने भारत-यूरोपीय संघ रणनीतिक साझेदारी को अधिक मजबूत करने और भारत-मध्य पूर्व-यूरोप कॉरिडोर जैसी अत्यधिक महत्वपूर्ण कनेक्टिविटी परियोजनाओं पर व्यापक चर्चा की।
यूरोपीय संघ प्रमुख ने कहा, “जब हम यूरोपीय संघ-भारत रणनीतिक साझेदारी के तीसरे दशक में प्रवेश कर रहे हैं, तो एक बात स्पष्ट है। अभी सबसे अच्छा आना बाकी है। साथ मिलकर, हम भविष्य को आकार दे सकते हैं और इस सदी की निर्णायक साझेदारियों में से एक बन सकते हैं।”
यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष यूरोपीय यूनियन (ईयू) कॉलेज ऑफ कमिश्नर्स के साथ प्रधानमंत्री मोदी के निमंत्रण पर दो दिवसीय भारत यात्रा पर गुरुवार दोपहर नई दिल्ली पहुंची।
उर्सुला वॉन डेर लेयेन ने भारत पहुंचने के बाद एक्स पर कहा, “कमिश्नर्स की अपनी टीम के साथ दिल्ली में उतरना। संघर्ष और तीव्र प्रतिस्पर्धा के युग में, आपको भरोसेमंद मित्रों की जरूरत होती है। यूरोप के लिए, भारत एक ऐसा दोस्त और रणनीतिक सहयोगी है। मैं नरेंद्र मोदी के साथ चर्चा करूंगी कि हमारी रणनीतिक साझेदारी को अगले स्तर तक कैसे ले जाया जाए।”
यूरोपीय यूनियन (ईयू) कॉलेज ऑफ कमिश्नर्स की यह पहली भारत यात्रा है।
यह उर्सुला वॉन डेर लेयेन की तीसरी भारत यात्रा है, इससे पहले वे अप्रैल 2022 में द्विपक्षीय आधिकारिक यात्रा के लिए देश आई थीं और बाद में सितंबर 2023 में जी20 नेताओं के शिखर सम्मेलन में भाग लेने आई थीं। प्रधानमंत्री मोदी और यूरोपीय संघ के अध्यक्ष बहुपक्षीय बैठकों के दौरान नियमित रूप से मिलते रहे हैं।
अंतरराष्ट्रीय
भारत ने मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण के लिए किया अनुरोध, बेल्जियम ने की पुष्टि

ब्रसेल्स, 14 अप्रैल। पंजाब नेशनल बैंक (पीएनबी) घोटाले में वांछित हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी बेल्जियम में पकड़ा गया। बेल्जियम की संघीय लोक न्याय सेवा (एफपीएस) ने सोमवार को इस बात की पुष्टि की कि चोकसी को 12 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया।
एफपीएस ने कहा, “बेल्जियम की संघीय लोक न्याय सेवा पुष्टि कर सकती है कि मेहुल चोकसी को शनिवार, 12 अप्रैल को गिरफ्तार किया गया। उन्हें हिरासत में रखा गया है और उनके वकीलों को इसकी जानकारी दी गई है।”
एफपीएस ने कहा कि भारत सरकार की ओर से मेहुल चोकसी के प्रत्यर्पण के लिए पहले ही अनुरोध किया जा चुका है। चूंकि मामला न्यायिक प्रक्रिया में है, इसलिए इस पर और कोई विवरण साझा नहीं किया जा सकता।
सूत्रों के अनुसार, मेहुल चोकसी को मीडिया के अनुरोध पर बेल्जियम पुलिस ने एंटवर्प में गिरफ्तार किया गया। वह वहां अपनी पत्नी प्रीति चोकसी के साथ रह रहा था और उसके पास बेल्जियम का ‘रेजिडेंसी कार्ड’ भी था।
माना जा रहा है कि 65 वर्षीय चोकसी अब जमानत के लिए याचिका दाखिल कर सकता है, जिसमें वह स्वास्थ्य कारणों का हवाला दे सकता है।
मेहुल चोकसी और उसका भतीजा नीरव मोदी पीएनबी के 13,850 करोड़ रुपये के घोटाले में सीबीआई और ईडी द्वारा वांछित हैं। उन पर मुंबई के ब्रैडी हाउस ब्रांच के अधिकारियों को रिश्वत देकर फर्जी लेटर ऑफ अंडरटेकिंग और फॉरेन लेटर ऑफ क्रेडिट के जरिए धोखाधड़ी करने का आरोप है।
यह दोनों जनवरी 2018 में भारत से फरार हो गए थे, ठीक उसी समय जब पीएनबी घोटाला सामने आया।
मेहुल चोकसी ने एंटीगुआ और बारबुडा की नागरिकता ले ली थी और बाद में वहां से इलाज के बहाने निकल गया। 2021 में वह एंटीगुआ से अचानक गायब हो गया था और बाद में डोमिनिका में पाया गया था। चोकसी ‘गीतांजलि जेम्स’ का संस्थापक है। वहीं, नीरव मोदी अभी भी ब्रिटेन की जेल में बंद है और भारत प्रत्यर्पण के खिलाफ कानूनी लड़ाई लड़ रहा है।
सूत्रों ने बताया कि इंटरपोल द्वारा चोकसी के खिलाफ रेड नोटिस हटाए जाने के बावजूद भारतीय एजेंसियों ने नया प्रत्यर्पण अनुरोध भेजा, जिसके बाद उसकी गिरफ्तारी संभव हो पाई। अब भारतीय एजेंसियां उसे जल्द से जल्द भारत लाने का प्रयास कर रही हैं, हालांकि बेल्जियम की अदालतों में कानूनी प्रक्रिया लंबी चल सकती है।
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गाजा के अस्पताल को निशाना बनाने पर मिस्र ने की इजरायल की निंदा

काहिरा, 14 अप्रैल। मिस्र ने गाजा के अल-अहली अरब अस्पताल पर हुए इजरायली हवाई हमले की कड़ी निंदा की है। मिस्र ने इस हमले को अंतरराष्ट्रीय मानवता कानून और सभी वैश्विक नियमों का गंभीर उल्लंघन बताया है।
मीडिया के मुताबिक, मिस्र के विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर गाजा पट्टी पर हो रहे सभी इजरायली हमलों को तुरंत रोकने की मांग की है। मिस्र ने वहां फंसे लोगों तक जल्दी से जल्दी मानवीय मदद और राहत सामग्री पहुंचाने की भी अपील की है।
मिस्र ने अंतर्राष्ट्रीय समुदाय से अपील की है कि वो दुश्मनी खत्म करने के लिए ठोस कदम उठाए। खास तौर पर उसने युद्धविराम समझौते को दोबारा शुरू करने और तनाव कम करने के लिए क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मिलकर काम करने की जरूरत पर बल दिया है।
इससे पहले, इजरायली सेना ने कहा कि उसने अस्पताल के परिसर में मौजूद “हमास के कमांड और नियंत्रण केंद्र” को निशाना बनाया था।
एक संयुक्त बयान में इजरायली सेना और मीडिया ने कहा कि हमास इस जगह का इस्तेमाल आतंकवादी हमलों की योजना बनाने और उनका समन्वय करने के लिए कर रहा था।
एक मेडिकल स्टाफ सदस्य ने अपना नाम न बताने की शर्त पर मीडिया को बताया कि इजरायली सेना ने हमले से थोड़ी देर पहले ही अस्पताल खाली करने की चेतावनी दी थी।
यह हमला अस्पताल के ऑपरेशन थिएटर और ऑक्सीजन बनाने वाली यूनिट पर हुआ, जिससे अस्पताल के कई हिस्सों को भारी नुकसान पहुंचा।
इजरायल ने जनवरी में हमास के साथ हुआ युद्धविराम समझौता खत्म कर दिया और 18 मार्च को गाजा में फिर से सैन्य कार्रवाई शुरू कर दी। गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों के मुताबिक, 7 अक्टूबर 2023 को संघर्ष शुरू होने के बाद से अब तक 50,944 फिलिस्तीनी मारे जा चुके हैं और 1,16,156 लोग घायल हुए हैं।
अंतरराष्ट्रीय
म्यांमार : विनाशकारी भूकंप के बाद से महसूस किए गए 468 झटके

बैंकॉक, 12 अप्रैल। 28 मार्च को आए 7.7 तीव्रता के शक्तिशाली भूकंप के बाद, शनिवार तक म्यांमार और आसपास के क्षेत्रों में कुल 468 झटके दर्ज किए गए।
थाई मौसम विभाग के भूकंप अवलोकन प्रभाग की एक रिपोर्ट के अनुसार, 1.0 और 2.9 के बीच तीव्रता वाले 184 झटके, 3.0 और 3.9 के बीच तीव्रता वाले 198 झटके, 4.0 और 4.9 के बीच तीव्रता वाले 73 झटके, 5.0 और 5.9 के बीच तीव्रता वाले 13 झटके आए।
थाईलैंड में मुख्य रूप से माई होंग सोन प्रांत में कुल 21 हल्के झटके महसूस किए गए, जिनकी तीव्रता 1.0 से 5.9 के बीच रही।
म्यांमार के राज्य प्रशासन परिषद सूचना दल के अनुसार, शुक्रवार तक देश में आए विनाशकारी भूकंप में 3,689 लोगों की जान चली गई, 5,020 लोग घायल हुए, 139 अन्य लापता हैं।
इस बीच यूएन ने म्यांमार में अधिक से अधिक जरुरतमंदों तक मदद पहुंचाने के लिए, वित्तीय समर्थन बढ़ाने और तत्काल युद्धविराम लागू किए जाने की अपील की। फरवरी 2021 में सैन्य तख्तापलट के बाद से म्यांमार की सेना और विपक्षी हथियारबंद गुटों के बीच गृह युद्ध के कारण, देश पहले से ही संकट से गुज़र रहा था।
संयुक्त राष्ट्र और उसके सहयोगियों ने विनाशकारी भूकंप के बाद म्यांमार का समर्थन करने के लिए 275 मिलियन डॉलर की अपील शुरू की।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव के प्रवक्ता स्टीफन दुजारिक ने दैनिक ब्रीफिंग में कहा कि यह फंड 2025-मानवीय आवश्यकताओं और प्रतिक्रिया योजना का एक हिस्सा है, जिसका उद्देश्य 1.1 मिलियन लोगों तक तत्काल सहायता पहुंचाना है।
संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों ने अपने साझेदारों के साथ मिलकर प्रभावित लोगों की मदद के लिए चिकित्सा देखभाल, आश्रय, पानी और भोजन सहित सहायता तेजी से जुटाई है।
दुजारिक ने कहा कि जमीनी स्तर पर प्रयासों को और मजबूत करने के लिए, संयुक्त राष्ट्र केंद्रीय आपातकालीन प्रतिक्रिया कोष ने अतिरिक्त 5 मिलियन डॉलर आवंटित किए हैं, जो कुछ सप्ताह पहले प्रदान किए गए 5 मिलियन डॉलर के अतिरिक्त है।
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