अंतरराष्ट्रीय
पाक मंत्री भारत के खिलाफ उगल रहे थे जहर, विदेशी मीडिया ने करा दी बोलती बंद, याद दिलाया उनके रक्षा मंत्री का बयान
												नई दिल्ली, 7 मई। भारत के एयर स्ट्राइक को लेकर पाकिस्तान के सूचना मंत्री अताउल्लाह तरार विदेशी मीडिया के सामने गिड़गिड़ाते दिखे। अपना पक्ष रखने की कोशिश में भारत पर अनर्गल आरोप लगाने लगे, लेकिन उन्हें करारा जवाब दिया गया। एंकर ने उन्हें पाकिस्तान के रक्षा मंत्री का बयान याद दिला दिया।
तरार ने दावा किया कि पाकिस्तान में कोई आतंकी शिविर नहीं है और उसने हमेशा पश्चिमी सीमा पर आतंकियों से लड़ाई की है।
उनसे सवाल किया गया कि भारत आतंकी शिविरों को निशाना बनाने की बात कर रहा है, हमारे यहां ऐसा नहीं है। इस पर एंकर ने रोकते हुए रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ के हाल ही में दिए बयान का जिक्र किया।
याद दिलाया कि खुद पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने एक सप्ताह पहले इसी शो में स्वीकार किया था कि पाकिस्तान ने दशकों तक आतंकी गुटों को समर्थन, फंडिंग और प्रशिक्षण दिया है। इसके अतिरिक्त, पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ और पूर्व प्रधानमंत्री बेनजीर भुट्टो भी इस नीति की सार्वजनिक रूप से स्वीकार कर चुके हैं। यहां तक कि बिलावल भुट्टो भी स्वीकार कर चुके हैं।
एंकर ने कहा, “2018 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान की सैन्य सहायता यह कहते हुए बंद कर दी थी कि पाकिस्तान आतंकियों को आश्रय दे रहा है। ऐसे में ‘पाकिस्तान में कोई आतंकी कैंप नहीं हैं’ कहना आपके ही वरिष्ठ नेताओं के बयानों के विपरीत है। आतंकवाद और आतंकवादी संगठनों को फंडिंग और समर्थन देना पाकिस्तान के इतिहास का हिस्सा रहा है और यह अब भी है।”
इसके जवाब में मंत्री ने कहा, “पाकिस्तान में कोई आतंकी शिविर नहीं हैं। हम खुद आतंकवाद के सबसे बड़े शिकार हैं। हमने आतंकवाद के खिलाफ जंग में 90,000 जानें गंवाई हैं। आज भी बलूचिस्तान और अन्य इलाकों में हमारे जवान शहीद हो रहे हैं।” पाकिस्तानी मंत्री ने दावा किया कि पाकिस्तान आतंक के खिलाफ फ्रंटलाइन स्टेट है और उसने हमेशा पश्चिमी सीमा पर आतंकियों से लड़ा है।
एंकर ने फिर इतिहास याद दिलाया तो मंत्री ने कहा, ‘जो रक्षा मंत्री ने कहा, मुझे लगता है कि उनका मतलब गलत समझा गया है। 9/11 के बाद, पाकिस्तान आज भी आतंकवाद के खात्मे में लगा सबसे अग्रणी देश है। हम दुनिया की शांति के गारंटर हैं, क्योंकि हम आतंकवादियों और बाकी दुनिया के बीच दीवार के रूप में खड़े हैं। आपको, मैं आपको पाकिस्तान आने का निमंत्रण देना चाहता हूं, आकर देखिए।’
इस पर एंकर ने कहा, “मैंने पाकिस्तान का दौरा किया है और हम जानते हैं कि ओसामा बिन लादेन भी पाकिस्तान के एबटाबाद में पाया गया था।”
एंकर ने प्रश्न किया कि भारत ने 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले का ज़िम्मेदार पाकिस्तान को ठहराया था। उस हमले में सुरक्षाबलों पर घातक हमला हुआ था, जिसकी जिम्मेदारी ‘द रेसिस्टेंस फ्रंट’ नामक समूह ने ली थी, जिसे लश्कर-ए-तैयबा का सहयोगी संगठन माना जाता है। इस पर पाक मंत्री ने कहा, “भारत के पास कोई सबूत नहीं है। हम जांच के लिए तैयार थे, हमने यहां तक कहा कि यूएन, यूके जैसे देशों को शामिल करें लेकिन भारत ने जांच से इनकार कर दिया और सीधे हमला कर दिया।”
व्यापार
भारत में करीब 50 प्रतिशत मिलेनियल्स को एआई से नौकरी खोने का डर : रिपोर्ट

मुंबई, 3 नवंबर: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) के बढ़ते चलन के कारण भारत में 50 प्रतिशत मिलेनियल्स को अगले तीन से पांच वर्षों में नौकरी खोने का डर है। यह जानकारी सोमवार को एक रिपोर्ट में दी गई।
ग्रेट प्लेस टू वर्क इंडिया की ओर से जारी रिपोर्ट में बताया गया कि भारतीय कर्मचारी काम पर एआई के बढ़ते असर के साथ कैसे तालमेल बिठा रहे हैं।
रिपोर्ट में बताया गया कि पूरे भारत में 54 प्रतिशत कर्मचारियों का मानना है कि उनकी ऑर्गनाइजेशन अभी एआई इम्प्लीमेंटेशन के पायलट या इंटरमीडिएट स्टेज पर हैं। यह ज्यादा टेक-पावर्ड और कुशल काम के माहौल की ओर लगातार हो रही तरक्की को दिखाता है।
रिपोर्ट के मुताबिक, 10 में से चार कर्मचारियों को लगता है कि एआई अगले तीन से पांच सालों में उनकी जगह ले सकता है। यह डर किसी एक खास ग्रुप तक सीमित नहीं है, बल्कि हर स्तर के कर्मचारियों में है।
रिपोर्ट के अनुसार, एआई की वजह से अपनी नौकरी जाने को लेकर चिंतित कम से कम 40 परसेंट कर्मचारी अपनी मौजूदा कंपनी को छोड़ने की योजना बना रहे हैं। यह एचआर डिपार्टमेंट और सीनियर लीडरशिप के लिए एक जरूरी और गंभीर मुद्दा है।
ग्रेट प्लेस टू वर्क, इंडिया के सीईओ, बलबीर सिंह ने कहा, “जैसे-जैसे अलग-अलग इंडस्ट्रीज में ऑर्गनाइजेशन एआई को लागू करने में आगे बढ़ रहे हैं, लीडर्स ऐसे हाई-इम्पैक्ट एआई स्ट्रेटेजी बना रहे हैं जो इंसानी क्षमताओं को बढ़ाते हैं। अभी जिन रुकावटों पर ध्यान देने की जरूरत है, वह ऑर्गनाइजेशनल रेसिस्टेंस, साथ ही कर्मचारियों की तैयारी है।”
रिपोर्ट में आगे बताया गया कि इसके अलावा, जिन कंपनियों ने अभी तक एआई को नहीं अपनाया है, उनमें लगभग 57 प्रतिशत कर्मचारियों ने इनसिक्योर महसूस किया, जबकि एआई अपनाने के एडवांस्ड स्टेज वाली कंपनियों में यह आंकड़ा 8 प्रतिशत है।
व्यापार
भारतीय शेयर बाजार हल्की गिरावट के साथ खुला, सरकारी बैंकिंग शेयरों में तेजी

मुंबई, 3 नवंबर: भारतीय शेयर बाजार सोमवार के कारोबारी सत्र में हल्की गिरावट के साथ खुला। सुबह 9:19 पर सेंसेक्स 126 अंक या 0.15 प्रतिशत की गिरावट के साथ 83,811 और निफ्टी 20 अंक या 0.08 प्रतिशत की मामूली गिरावट के साथ 25,688 पर था।
शुरुआती कारोबार में सरकारी बैंकिंग शेयरों में तेजी देखी गई। निफ्टी पीएसयू बैंक करीब 2 प्रतिशत की बढ़त के साथ कारोबार कर रहा था। इसके अलावा निफ्टी फार्मा, निफ्टी मेटल, निफ्टी रियल्टी, निफ्टी हेल्थकेयर और निफ्टी ऑयल एंड गैस भी हरे निशान में थे। हालांकि, निफ्टी आईटी, निफ्टी एफएमसीजी और निफ्टी फाइनेंशियल सर्विसेज लाल निशान में थे।
लार्जकैप की अपेक्षा मिडकैप और स्मॉलकैप शेयर हरे निशान में थे। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 114 अंक या 0.19 प्रतिशत की तेजी के साथ 59,940 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 120 अंक या 0.66 प्रतिशत की मजबूती के साथ 18,501 पर था।
सेंसेक्स पैक में एमएंडएम, एसबीआई, टाटा मोटर्स पैसेंजर व्हीकल, भारती एयरटेल, सन फार्मा, टाटा स्टील और पावर ग्रिड हरे निशान में थे। मारुति सुजुकी, बीईएल, टाइटन, इटरनल (जोमैटो), बजाज फाइनेंस, एक्सिस बैंक, बजाज फिनसर्व, एनटीपीसी, ट्रेंट, कोटक महिंद्र बैंक, टीसीएस, टेक महिंद्रा, आईसीआईसीआई बैंक और एचडीएफसी बैंक लूजर्स थे।
चॉइस ब्रोकिंग के मुताबिक, निफ्टी एक सीमित दायरे में कारोबार कर रहा है और गिरावट के बाद भी 25,800 के ऊपर बना हुआ है, जो दिखाता है बाजार में आने समय में एक छोटा कंसोलिडेशन देखने को मिल सकता है। निफ्टी के लिए सपोर्ट 25,600 से लेकर 25,500 पर है, जबकि रुकावट का स्तर 25,800 से लेकर 26,000 के बीच है।
ब्रोकिंग फर्म ने आगे कहा कि अगर निफ्टी 26,000 के पार निकलता है, तो यह 26,100 से लेकर 26,300 तक जा सकता है।
लगातार तीन महीनों तक बिकवाली के बाद, विदेशी निवेशकों ने अक्टूबर में भारतीय शेयर बाजार में मजबूत वापसी की है और करीब 14,610 करोड़ रुपए का निवेश किया।
विदेशी निवेशकों की वापसी की वजह कॉरपोरेट आय में उछाल, अमेरिकी फेड की ओर से ब्याज दरों में कटौती करना और अमेरिका-भारत के बीच ट्रेड डील की संभावना है।
व्यापार
भारत में इस वर्ष अक्टूबर में आईपीओ से रिकॉर्ड 46,000 करोड़ की फंड रेजिंग हुई

मुंबई, 31 अक्टूबर: भारत के प्राइमरी मार्केट के लिए अक्टूबर का महीना काफी शानदार रहा है, जो कि मुख्य आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) का एक व्यस्त महीना रहा। अब तक 14 कंपनियां 46,000 करोड़ रुपए से अधिक जुटाने के लक्ष्य के साथ बाजार में प्रवेश कर चुकी हैं।
घरेलू पूंजी बाजारों में इस महीने मंथली फंडरेजिंग को लेकर एक नया रिकॉर्ड स्थापित हुआ है, जो कि टाटा कैपिटल और एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया की लिस्टिंग के साथ संभव हो पाया है। टाटा कैपिटल और एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया ने मिलकर कुल फंड रेजिंग में आधे से ज्यादा का योगदान दर्ज करवाया।
जहां, टाटा कैपिटल की ओर से 15,512 करोड़ रुपए की राशि जुटाई गई वहीं, एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया ने 11,607 करोड़ रुपए आरंभिक शेयर बिक्री के माध्यम से जुटाए गए।
इस गति को रफ्तार देते हुए लेंसकार्ट सॉल्यूशन ने 31 अक्टूबर को अपना 7,278 करोड़ रुपए का इश्यू जारी किया, जो कि 4 नवंबर तक सब्सक्रिप्शन के लिए खुला रहेगा। इस महीने वीवर्क इंडिया, केनरा एचएसबीसी लाइफ इंश्योरेंस, ओर्कला इंडिया और रूबिकॉन रिसर्च के ऑफर भी शामिल थे।
इससे पहले बीते वर्ष 2024 अक्टूबर में छह आईपीओ ने 38,690 करोड़ रुपए जुटा कर एक मंथली हाई रिकॉर्ड दर्ज करवाया था, जिसे इस बार के रिकॉर्ड-तोड़ प्रदर्शन ने पीछे छोड़ दिया। लेटेस्ट आकंड़ों ने पिछले सभी रिकॉर्ड को तोड़ दिया है, जब नवंबर 2021 के दौरान नौ आईपीओ से 35,665 करोड़ रुपए, और नवंबर 2024 में आठ आईपीओ से 31,145 करोड़ रुपए जुटाए गए थे।
वर्ष 2025 की बात करें तो अब तक 89 आईपीओ ने 1.38 लाख करोड़ रुपए से अधिक की राशि जुटाई है, जो इसे एक मजबूत वर्ष के रूप में दर्ज करता है। जबकि अभी साल के आखिरी महीने नवंबर और दिसंबर में कई और आईपीओ प्राइमरी मार्केट में आने वाले हैं, जिससे बीते वर्ष 2024 का रिकॉर्ड टूटने की उम्मीद की जा रही है। वर्ष 2024 में फंड रेजिंग 1.60 लाख करोड़ रुपए के आकंड़े को पार कर गई थी।
विश्लेषकों का कहना है कि यह महत्वपूर्ण उपलब्धि भारत के प्राइमरी मार्केट की मजबूती और लिक्विडिटी की गहराई को दर्शाती है, जो कि वैश्विक स्तर पर अनिश्चितता के बीच असमान सेकेंडरी मार्केट सेंटीमेंट के बावजूद भी वाइब्रेंट बना हुआ है।
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