व्यापार
वनप्लस भारत में करेगा मेनलाइन नेटवर्क का विस्तार, 2024 में 50,000 रिटेलर स्टोर्स के साथ करेगा काम

ग्लोबल टेक्नोलॉजी ब्रांड वनप्लस के लिए भारत एक महत्वपूर्ण बाजार बना हुआ है और कंपनी का लक्ष्य 2024 में देश में लगभग 50,000 मेनलाइन रिटेलर स्टोर के साथ काम करने का है।
‘वनप्लस ने हाल ही में अपनी फ्लैगशिप 12 सीरीज लॉन्च की है, जो परफॉर्मेंस, डिस्प्ले इनोवेशन, चार्जिंग कैपेबिलिटीज, कैमरा टेक्नोलॉजी और डिजाइन एस्थेटिक्स में महत्वपूर्ण प्रगति की है। निश्चित रूप से इस साल और ज्यादा निवेश लाने के लिए तैयार हैं, ताकि इसका अधिक लाभ लोगों को हो सके।
सिंह ने कहा, ”इस साल, हम अपनी खुदरा रणनीति पर नए सिरे से काम करने के लिए उत्साहित हैं। वनप्लस 2024 में मेनलाइन चैनल में निवेश को दो गुना तक बढ़ाना चाहता है। हम 2024 में पूरे भारत में 200 से ज्यादा नए वनप्लस एक्सपीरियंस स्टोर खोलकर अपनी मुख्य उपस्थिति का विस्तार करने के लिए तैयार हैं।”
वनप्लस 12 दो कलर वेरिएंट फ्लोई एमराल्ड और सिल्की ब्लैक में आएगा। 64,999 रुपये की कीमत में 12 जीबी प्लस 256 जीबी और 69,999 रुपये की कीमत में 16 जीबी प्लस 512 जीबी मिलेगा। यह 30 जनवरी से खरीदने के लिए उपलब्ध होगा।
इसके अलावा, कंपनी ने वनप्लस 12आर को दो कलर्स कूल ब्लू और आयरन ग्रे में लॉन्च किया। 39,999 रुपये की कीमत में 8 जीबी प्लस 128 जीबी और 45,999 रुपये की कीमत में 16 जीबी प्लस 256 जीबी उपलब्ध होगा। वनप्लस 12आर 6 फरवरी से खरीद के लिए उपलब्ध होगा।
वनप्लस 12 5जी के मूल में पावरफुल स्नैपड्रैगन 8 जेन 3 मोबाइल प्लेटफॉर्म है, जो ट्रिनिटी इंजन द्वारा समर्थित है, और 512 जीबी यूएफएस 4.0 रोम के साथ 16जीबी तक एलपीडीडीआर5एक्स रैम है।
‘शानदार घड़ियों और हमारे चारों ओर मौजूद प्रकृति की सुंदरता से प्रेरित डिजाइन, टेक्नोलॉजी और एस्थेटिक अपील के सामंजस्यपूर्ण मिश्रण को दर्शाता है। चौथी पीढ़ी के हैसलब्लाड कैमरा सिस्टम में लगभग हर किसी के लिए कुछ न कुछ है, हमने एक्सपेरिमेंटल या प्रोफेशनल्स के लिए मास्टर मोड बनाने के लिए अपने प्रो मोड को भी बढ़ाया है।”
कंपनी ने पिछले साल फोल्डेबल सेगमेंट में कदम रखा और वनप्लस ओपन पेश किया।
सिंह के अनुसार, ”हमें अपने भारतीय समुदाय से अविश्वसनीय प्रतिक्रिया देखने को मिली। वनप्लस ओपन डिवाइस रिलायंस डिजिटल पर बिक्री के पहले दिन सबसे ज्यादा बिकने वाला फोल्डेबल स्मार्टफोन डिवाइस बनकर उभरा।”
इसी तरह, यह 1 लाख रुपये प्राइस सेगमेंट (जनवरी 2023-अक्टूबर 27 2023) में अपने ओपन सेल के दिन अमेजन पर सबसे ज्यादा बिकने वाला फोल्डेबल स्मार्टफोन बन गया।
हमने अपने वनप्लस पैड और पैड गो के साथ टैबलेट के बिल्कुल नए सेगमेंट में भी कदम रखा, दोनों को पूरे भारत में हमारे कंज्यूमर्स से उल्लेखनीय प्रतिक्रिया मिली है।”
आईडीसी के अनुसार, वनप्लस 400-600 डॉलर के प्राइस सेगमेंट में भारत में टॉप ब्रांड के रूप में उभरा है।
इसके अलावा, वनप्लस 11/11आर शिपमेंट के मामले में जनवरी-नवंबर 2023 की अवधि में मिड से हाई प्राइस सेगमेंट (400-600 डॉलर) में सबसे आगे रहा।
सिंह ने कहा, “जनवरी-नवंबर 2023 में हम 50 प्रतिशत से ज्यादा (आईडीसी के अनुसार) की वृद्धि के साथ टॉप 10 स्मार्टफोन ब्रांडों में सबसे तेजी से बढ़ने वाले ब्रांड के रूप में उभरे।”
वनप्लस 12 सीरीज के लॉन्च के साथ, कंपनी फ्लैगशिप टेक्नोलॉजी को फिर से परिभाषित करते हुए एक बार फिर अपने “नेवर सेटल” मंत्र को अपनाने के लिए तैयार है।
सिंह ने कहा, “और हमें विश्वास है कि हमारी कम्युनिटी को वह पसंद आएगा जो उनके लिए है।”
अपनी पहले की प्रतिबद्धता के अनुरूप, वनप्लस 2024 में टियर 2 और 3 मार्केट में विस्तार के साथ बाजार में पैठ बढ़ाना जारी रखेगा।
अपने खुदरा विस्तार के साथ, हम भारत में अपने व्यापक सामुदायिक आधार को अपने प्रोडक्ट्स के साथ-साथ वनप्लस कनेक्टेड इकोसिस्टम का प्रत्यक्ष प्रीमियम एक्सपीरियंस हासिल करने का मौका देना चाहते हैं।”
एक ब्रांड के रूप में, वनप्लस ने हमेशा अपने समुदाय और अपने प्रोडक्ट्स पर उनकी प्रतिक्रिया को सुना है।
उन्होंने कहा, ”2024 भी अलग नहीं होगा। हम अपनी कम्युनिटी के हित को सबसे पहले रखेंगे। हम बेहतर परफॉर्मेंस और टेक्नोलॉजी के साथ हाई-क्वालिटी प्रोडक्ट्स उपलब्ध कराने के अपने वादे को पूरा करेंगे।”
सिंह ने आगे कहा, ”एक यूजर-सेंट्रिक ब्रांड के रूप में, हम भारत में अपने कंज्यूमर्स के लिए एडवांस टेक्नोलॉजी लाने में निवेश करेंगे और हम अपने बढ़ते यूजर बेस की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अपने प्रोडक्ट पोर्टफोलियो में विविधता लाना जारी रखेंगे।
व्यापार
नीति आयोग ने राज्यों के साथ स्ट्रक्चर्ड एंगेजमेंट को बढ़ावा देने के लिए वर्कशॉप किया आयोजित

नई दिल्ली, 3 जून। नीति आयोग ने मंगलवार को जानकारी देते हुए बताया कि राज्यों के साथ स्ट्रक्चर्ड एंगेजमेंट को बढ़ावा देने के लिए देहरादून में स्टेट सपोर्ट मिशन (एसएसएम) के अंतर्गत एक दिवसीय रिजनल वर्कशॉप आयोजित की गई।
इस वर्कशॉप का आयोजन नीति आयोग ने उत्तराखंड सरकार के स्टेट इंस्टीट्यूट फॉर एम्पावरिंग एंड ट्रांसफोर्मिंग उत्तराखंड (सेतु) आयोग के सहयोग से किया था।
नीति आयोग की ओर से एक आधिकारिक बयान में कहा गया, “सेंट्रल सेक्टर स्कीम के तहत स्टेट इंस्टीट्यूशन फॉर ट्रांसफोर्मेशन (एसआईटी) के माध्यम से नीति आयोग और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों के बीच स्ट्रक्चर्ड एंगेजमेंट को बढ़ावा देने के लिए यह सीरीज की पहली वर्कशॉप है।”
इस वर्कशॉप का उद्देश्य राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एसएसएम पहलों पर अपने अनुभव साझा करने और एक-दूसरे से सीखने के लिए एक साथ एक मंच पर लाना है।
उद्घाटन सत्र में नीति आयोग के सदस्य डॉ. वी.के. सारस्वत, सेतु आयोग के उपाध्यक्ष राज शेखर जोशी, उत्तराखंड के मुख्य सचिव आनंद वर्धन, सेतु आयोग के सीईओ शत्रुघ्न सिंह और नीति आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।
उन्होंने राज्यों के विकास और राज्य के दृष्टिकोण को दिशा देने में परिवर्तन के लिए राज्य संस्थानों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया।
बिहार, चंडीगढ़, दिल्ली, गुजरात, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र, पंजाब और उत्तराखंड के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी विचार-विमर्श में भाग लिया।
डेटा-ड्रिवन गवर्नेंस पर सेशन में साक्ष्य-आधारित निर्णय लेने के लिए एनआईटीआई फॉर स्टेट्स पोर्टल और नीति आयोग में विकसित भारत स्ट्रैटेजी रूम जैसे प्लेटफार्मों पर प्रकाश डाला गया।
इस रिजनल वर्कशॉप में क्लाइमेट मिटिगेशन, मॉनिटरिंग एंड इवैल्यूएशन, स्टेट विजन फॉरम्यूलेशन, कैपेसिटी बिल्डिंग जैसी महत्वपूर्ण प्राथमिकताओं पर चर्चा की गई। साथ ही, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एसआईटी कार्यान्वयन पर विचार करने महत्वपूर्ण अंतर्दृष्टि साझा करने और सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक मंच प्रदान किया गया।
व्यापार
भारत का मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई मई में 57.6 रहा : एचएसबीसी

नई दिल्ली, 2 जून। भारत के मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की गतिविधियां मजबूत बनी हुई है और मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई मई में 57.6 पर रहा। यह जानकारी एचएसबीसी इंडिया की ओर से सोमवार को दी गई।
एसएंडपी ग्लोबल द्वारा संकलित किए गए डेटा में बताया गया कि मई में पीएमआई अप्रैल के 58.2 से मामूली रूप से कम रहा है। जब भी पीएमआई 50 से ऊपर होता है तो यह वृद्धि को दिखाता है।
एचएसबीसी के भारत में मुख्य अर्थशास्त्री प्रांजुल भंडारी ने कहा, “भारत के मैन्युफैक्चरिंग पीएमआई में एक और महीने मजबूत वृद्धि दर्ज की गई है।”
उन्होंने आगे कहा, “मई में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में रोजगार वृद्धि दर एक और नए उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है, जो कि एक सकारात्मक बदलाव है। हालांकि, इस दौरान इनपुट कॉस्ट में इजाफा हुआ है और लेकिन मैन्युफैक्चरर्स आउटपुट की कीमतों को बढ़ाकर, इसे ग्राहकों तक स्थानांतरित कर रहे हैं।”
यह मजबूत वृद्धि घरेलू और विदेशी मांग के साथ-साथ सफल मार्केटिंग प्रयासों के कारण हुई, जिसने निर्यात ऑर्डर को पिछले तीन वर्षों के सबसे उच्च स्तर पर पहुंचा दिया।
एचएसबीसी की ओर से किए गए पीएमआई सर्वेक्षण में देश भर की फर्मों ने एशिया, यूरोप, पश्चिम एशिया और अमेरिका के प्रमुख बाजारों से बढ़ती रुचि के बारे में बताया है।
मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों में मई में भर्ती में भी तेजी लाई है, जिससे पीएमआई सर्वेक्षण शुरू होने के बाद से रोजगार सृजन रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया।
सर्वेक्षण में सामने आया कि व्यवसायों ने अपने स्थायी कर्मचारियों को बढ़ाने और सुचारू संचालन एवं कार्यभार के अधिक कुशल प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित किया।
एल्युमीनियम, सीमेंट, लोहा, चमड़ा, रबर और रेत जैसी वस्तुओं के साथ-साथ माल ढुलाई और श्रम के कारण इनपुट लागत में मामूली वृद्धि देखी गई।
रिपोर्ट में कहा गया है कि सर्वेक्षण में निर्माताओं ने अच्छे मार्जिन बनाए रखने के लिए बिक्री मूल्यों में तेज गति से वृद्धि की है, यह दिखाता है कि मांग मजबूत बनी हुई है।
राष्ट्रीय
भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 6.99 बिलियन डॉलर बढ़कर 692.7 बिलियन डॉलर के पार

नई दिल्ली, 31 मई। आरबीआई के लेटेस्ट साप्ताहिक आंकड़ों के अनुसार, 23 मई को समाप्त सप्ताह के दौरान भारत के विदेशी मुद्रा भंडार में 6.99 बिलियन डॉलर की शानदार वृद्धि दर्ज की गई, जो बढ़कर 692.72 बिलियन डॉलर हो गया।
आंकड़ों के अनुसार, विदेशी मुद्रा भंडार का एक प्रमुख घटक, विदेशी मुद्रा परिसंपत्तियां 4.52 बिलियन डॉलर बढ़कर 586.17 बिलियन डॉलर हो गईं।
आरबीआई के आंकड़ों के अनुसार, इस सप्ताह के दौरान स्वर्ण भंडार घटक के मूल्य में भी जबरदस्त वृद्धि हुई, जो 2.37 बिलियन डॉलर बढ़कर 83.58 बिलियन डॉलर हो गई।
स्पेशल ड्राइंग राइट्स (एसडीआर) 81 मिलियन डॉलर बढ़कर 18.571 बिलियन डॉलर हो गए।
आंकड़ों के अनुसार, सप्ताह के दौरान आईएमएफ के साथ भारत की आरक्षित स्थिति 30 मिलियन डॉलर बढ़कर 4.401 बिलियन डॉलर हो गई।
16 मई को समाप्त हुए पिछले सप्ताह में देश का विदेशी मुद्रा भंडार 4.89 बिलियन डॉलर घटकर 685.73 बिलियन डॉलर रह गया था।
हालांकि, इससे पहले 9 मई को समाप्त सप्ताह में विदेशी मुद्रा भंडार 4.5 बिलियन डॉलर बढ़कर 690.62 बिलियन डॉलर हो गया था।
देश के विदेशी मुद्रा भंडार में किसी भी तरह की मजबूती से अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपए को मजबूती मिलती है।
विदेशी मुद्रा भंडार में वृद्धि अर्थव्यवस्था की मजबूत बुनियाद को दर्शाती है और आरबीआई को अस्थिर होने पर रुपए को स्थिर करने के लिए अधिक गुंजाइश देती है।
मजबूत विदेशी मुद्रा भंडार आरबीआई को रुपए को गिरने से रोकने के लिए अधिक डॉलर जारी कर स्पॉट और फॉरवर्ड करेंसी मार्केट में हस्तक्षेप करने में सक्षम बनाता है।
इसके विपरीत, गिरता विदेशी मुद्रा भंडार आरबीआई को रुपए को सहारा देने के लिए बाजार में हस्तक्षेप करने के लिए कम जगह देता है।
इस बीच, वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, भारत का बाह्य क्षेत्र मजबूत होकर उभरा है। वस्तुओं एवं सेवाओं के कुल निर्यात में अप्रैल में 12.7 प्रतिशत की जोरदार वृद्धि दर्ज की गई तथा यह 73.8 अरब डॉलर के स्तर को छू गया, जबकि पिछले साल इसी महीने में यह 65.48 अरब डॉलर था।
देश का वस्तु निर्यात इस महीने में 9.03 प्रतिशत बढ़कर 38.49 अरब डॉलर हो गया, जिसमें उच्च मूल्य वाले इलेक्ट्रॉनिक्स और इंजीनियरिंग सामान में सर्वाधिक वृद्धि दर्ज की गई, जो देश के बढ़ते विनिर्माण आधार को दर्शाता है।
इलेक्ट्रॉनिक सामान का निर्यात अप्रैल में 39.51 प्रतिशत बढ़कर 3.69 अरब डॉलर हो गया, जबकि पिछले साल इसी महीने यह 2.65 अरब डॉलर था।
इंजीनियरिंग सामान का निर्यात इस महीने में 11.28 प्रतिशत बढ़कर 9.51 अरब डॉलर हो गया, जबकि पिछले साल अप्रैल में यह 8.55 अरब डॉलर था।
आभूषण निर्यात 10.74 प्रतिशत बढ़कर 2.26 बिलियन डॉलर से 2.5 बिलियन डॉलर हो गया।
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