राजनीति
महात्मा गांधी की जयंती मौके पर राजघाट स्थित गांधी जी की समाधि पर सर्व-धर्म प्रार्थना का आयोजन

देश आज राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की 152वीं जयंती के साथ-साथ लाल बहादुर शास्त्री की जयंती भी मना रहा है। महात्मा गांधी की जयंती मौके पर शनिवार को राजघाट स्थित गांधी समाधि पर सर्व-धर्म प्रार्थना का आयोजन किया गया है। इस खास मौके पर राष्ट्रपति रामनाथ कोविन्द, उपराष्ट्रपति एम. वेंकैया नायडू, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने राजघाट पहुंचकर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि दी।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने गांधी जयंती की पूर्व संध्या पर देशवासियों को शुभकामनाएं दीं।
उन्होंने कहा, “गांधी जयंती सभी भारतीयों के लिए विशेष दिन है। भारत को महात्मा गांधी के सपनों का देश, बनाने के लिए हमें संकल्प लेना चाहिए। इस अवसर पर हम सभी के लिए गांधीजी के संघर्ष और बलिदान को याद करने का मौका है। ये अवसर हमें हमारे देश की समृद्धि और विकास के लिए काम करने की प्रेरणा देता है।”
वहीं महात्मा गांधी को जयंती पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, “राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को उनकी जन्म-जयंती पर विनम्र श्रद्धांजलि। पूज्य बापू का जीवन और आदर्श देश की हर पीढ़ी को कर्तव्य पथ पर चलने के लिए प्रेरित करता रहेगा। गांधी जयंती पर मैं आदरणीय बापू को नमन करता हूं। उनके महान सिद्धांत विश्व स्तर पर प्रासंगिक हैं और लाखों लोगों को ताकत देते हैं।”
वहीं कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा, “विजय के लिए केवल एक सत्याग्रही ही काफी है।
महात्मा गांधी को विनम्र श्रद्धांजलि।”
इसके साथ ही देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा, “मैं गांधी जयंती पर पूज्य बापू को नमन करता हूं। जबरदस्त इच्छाशक्ति और अपार ज्ञान के धनी एक विशाल व्यक्तित्व ने भारत के स्वतंत्रता आंदोलन को अनुकरणीय नेतृत्व प्रदान किया। आइए हम उनकी जयंती पर खुद को ‘स्वच्छता और आत्मनिर्भर भारत’ के लिए फिर से समर्पित करें।”
वहीं केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने कहा, “भारतीय स्वाधीनता संग्राम का नेतृत्व कर देश को एकजुट करने वाले महान नेता, दुनिया को अहिंसा का मार्ग दिखाने वाले ‘बापू’ महात्मा गांधी जी की जयंती पर उन्हें कोटि-कोटि नमन। पूज्य बापू का जीवन दर्शन और उनके विचार हम सभी के लिए सदैव प्रेरणादायी हैं।”
इसके साथ ही उत्तरप्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने गांधी जयंती पर कहा, “अंतरराष्ट्रीय अहिंसा दिवस की सभी प्रदेशवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं। आइए, हम सभी अहिंसा के सिद्धांतों और राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी के शिक्षा एवं आदशरें के अनुसरण का प्रण लेकर इस दिवस को सार्थकता प्रदान करें।”
उन्होंने एक अन्य ट्वीट में लिखा, “सत्य, अहिंसा एवं प्रेम का संदेश देता बापू का जीवन समरस समाज की स्थापना का मार्ग प्रशस्त करता है।”
राजनीति
तेजस्वी बिहार की जनता से फर्जी वोटर आईडी कार्ड न बनवाने का वादा करें: भाजपा सांसद संजय जायसवाल

नई दिल्ली, 5 अगस्त। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी एवं बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव बिहार में एक साथ पदयात्रा निकालने वाले हैं। मंगलवार को भाजपा सांसद संजय जायसवाल ने विपक्ष की पदयात्रा पर तंज कसते हुए कहा कि तेजस्वी को बिहार की जनता से फर्जी वोटर आईडी कार्ड नहीं बनवाने का वादा करना चाहिए।
भाजपा सांसद संजय जायसवाल ने आईएएनएस से कहा, “उन दोनों नेताओं को हर नागरिक के सामने वादा करना चाहिए कि वे अपना फर्जी वोटर आईडी कार्ड नहीं बनवाएंगे। दोनों नेता गड़बड़ करते हैं। एक साहब राहुल गांधी को लेकर पासपोर्ट का विवाद होता है। वहीं, दूसरे साहब तेजस्वी यादव हैं, जिन्होंने बताया कि उनके पास दो-दो वोटर आईडी कार्ड हैं। ऐसे में बिहार यात्रा के दौरान तेजस्वी सभी नागरिकों से कहें कि एक-एक राजद कार्यकर्ता, जिनके पास 8-10 फर्जी वोटर आईडी कार्ड हैं, वे सभी सरेंडर करें। भारत के हर नागरिक को एक वोट देने का अधिकार है। तेजस्वी यादव के चक्कर में पड़कर दो-चार वोटर आईडी कार्ड नहीं बनाने चाहिए, ऐसा करने पर भविष्य में उनके परिवार को नुकसान हो सकता है, तेजस्वी तो बच जाएंगे।”
बिहार की मतदाता सूची में विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) मुद्दा गर्माया हुआ है। विपक्ष के संसद में एसआईआर पर चर्चा की मांग करने को लेकर भाजपा सांसद ने कहा, “यह चुनाव आयोग का मुद्दा है, लेकिन विपक्ष आयोग के पास नहीं जा रहा है। इससे पहले भी विपक्ष ने एसआईआर के खिलाफ एक रैली निकाली थी, लेकिन चुनाव आयोग के दफ्तर से पहले भाग खड़े हुए थे। बिहार की एक भी जनता को एसआईआर पर संशय नहीं है।”
आरजेडी के दबाव में बिहार शिक्षक भर्ती में डोमिसाइल बहाली करने वाले तेजस्वी के बयान पर उन्होंने कहा, “आरजेडी का विजन कमीशन खाने और घोटाले करने का है। उन्हें सभी को यह विजन बताना चाहिए। जब तेजस्वी 17 महीने ग्रामीण विकास के मंत्री थे, तो एक भी गांव की सड़क क्यों नहीं बनी? नगर विकास के भी मंत्री वही थे, लेकिन एक भी शहर की सड़क नहीं बनी। तेजस्वी को यह लूट बंद करनी चाहिए। उन्हें घोषणा करनी चाहिए कि अगली बार वो विभागीय कमीशन मंत्रालय बनाएंगे, जिससे वह सारे विभागों से अच्छे से कमीशन ले सकें।”
राजनीति
अमित शाह बने भारत के सबसे लंबे समय तक केंद्रीय गृह मंत्री, लाल कृष्ण आडवाणी को पीछे छोड़ा

AMIT SHAH
नई दिल्ली, 5 अगस्त। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के लिए 5 अगस्त का दिन ऐतिहासिक है। वह भारत के इतिहास में सबसे लंबे समय तक केंद्रीय गृह मंत्री पद पर रहने वाले राजनेता बने हैं। वरिष्ठ भाजपा नेता लाल कृष्ण आडवाणी को पीछे छोड़ते हुए अमित शाह ने यह रिकॉर्ड बनाया है।
अमित शाह ने 30 मई 2019 को देश के गृह मंत्री पद पर अपनी जिम्मेदारी संभाली थी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल में राजनाथ सिंह गृह मंत्री बनाए गए थे। 2019 लोकसभा चुनाव में जब भाजपा ने रिकॉर्ड जीत हासिल की, उसके बाद प्रधानमंत्री मोदी के दूसरे कार्यकाल में अमित शाह को गृह मंत्री बनाया गया था और वर्तमान में भी वह इस पद पर कार्यरत हैं। 10 जून 2024 को अमित शाह ने दूसरी बार गृह मंत्री पद की शपथ ली थी।
फिलहाल, गृह मंत्री के तौर पर अमित शाह ने 2,258 दिन (30 मई 2019 से 5 अगस्त 2025 तक) पूरे किए हैं। इससे पहले, सबसे लंबे समय तक गृह मंत्री रहने का रिकॉर्ड लाल कृष्ण आडवाणी के नाम था। उन्होंने इस पद पर 2,256 दिनों (19 मार्च 1998 से 22 मई 2004 तक) तक सेवाएं दीं। तब अटल बिहारी वाजपेयी देश के प्रधानमंत्री थे।
गृह मंत्री के रूप में सबसे लंबे कार्यकाल वाले नेताओं में कांग्रेस नेता गोविंद बल्लभ पंत भी शामिल हैं, जिन्होंने 10 जनवरी 1955 से 7 मार्च 1961 तक कुल 6 साल 56 दिन इस पद पर सेवाएं दीं। भारत के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल ने 1,218 दिनों (15 अगस्त 1947 से 12 दिसंबर 1950) तक गृह मंत्री के रूप में कार्य किया था।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का कार्यकाल अब तक साहसिक और ऐतिहासिक निर्णयों से भरा रहा है। उनके कार्यकाल में आतंकवाद पर कड़ी कार्रवाई और आंतरिक सुरक्षा को मजबूत करने की दिशा में कदम उठाए गए। ऐतिहासिक फैसलों में जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निरस्त करना, नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) देश में लागू करना, नए आपराधिक न्याय कानून के अलावा वामपंथी उग्रवाद और नक्सलवाद को मिटाने के लिए कई अहम ऑपरेशन शामिल हैं।
राष्ट्रीय समाचार
मुंबई: लोकल ट्रेनों में दिव्यांग कोच में भीड़भाड़; अवैध रूप से यात्रा कर रही 50 महिलाओं के खिलाफ कार्रवाई

मुंबई: मुंबई की लोकल ट्रेनों में दिव्यांगों के लिए आरक्षित डिब्बों में भीड़भाड़ बनी हुई है, जिससे ज़रूरतमंदों को असुविधा हो रही है। चूँकि दिव्यांगों के लिए आरक्षित डिब्बों में अक्सर महिला कोच के पास ही रहने वाली सक्षम महिलाओं की आवाजाही भी बढ़ गई है, इसलिए ठाणे आरपीएफ और रेलवे टीसी ने आज कुछ कार्रवाई की। 10 से 12 लोकल ट्रेनों में लगभग 50 महिलाओं के खिलाफ कार्रवाई की गई।
आज सुबह कल्याण रेलवे स्टेशन से मुंबई के लिए रवाना हुई लोकल ट्रेन का एक अज्ञात दिव्यांग व्यक्ति द्वारा बनाया गया वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है। इसमें पता चला है कि कुछ दिव्यांग यात्री दिव्यांगों के लिए आरक्षित डिब्बों में अवैध रूप से यात्रा कर रहे हैं।
यह बात सामने आई है कि व्यस्त समय में विकलांगों के लिए आरक्षित डिब्बों में विकलांग महिलाएं नियमों का उल्लंघन करते हुए यात्रा कर रही हैं। इसी बीच, आरपीएफ और महाराष्ट्र सुरक्षा बल के जवानों ने आज सुबह ठाणे रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 6 पर इन घुसपैठियों को रंगे हाथों पकड़ लिया। नियमों का उल्लंघन करने वाले यात्रियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की गई। इस साहसिक कार्रवाई का विकलांगों ने स्वागत किया है।
मुंबई लोकल ट्रेनों के विकलांग कोच में बिना किसी दिव्यांग व्यक्ति के साथ यात्रा करना गैरकानूनी और दंडनीय है। अनधिकृत यात्रा के लिए जुर्माना लगाया जा सकता है, जिसकी सामान्य राशि ₹500 या यात्रा के मूल स्थान से टिकट की कीमत, जो भी अधिक हो, निर्धारित की जाती है। गंभीर मामलों में, अपराधियों को छह महीने तक की कैद हो सकती है। सार्वजनिक रूप से शर्मिंदा करने वाले उपाय, जैसे कि अदालती कार्यवाही के दौरान अपराधियों को बैसाखी पर खड़े रहने की आवश्यकता, की खबरें आई हैं।
विशेष सुविधाओं की आवश्यकता वाले व्यक्तियों के लिए विकलांग कोच के पदनाम का सम्मान करना अत्यंत आवश्यक है, क्योंकि अनधिकृत उपयोग वास्तविक यात्रियों को आवश्यक बैठने और चढ़ने के अवसरों तक पहुँचने से रोक सकता है। इसके अलावा, कानूनों को लागू करने और गैरकानूनी यात्रा के परिणामों के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए निरंतर प्रयास किए जा रहे हैं।
हालाँकि नियम मौजूद हैं, फिर भी इन आरक्षित डिब्बों में शारीरिक रूप से सक्षम व्यक्तियों द्वारा यात्रा करने के मामले अक्सर देखे जाते हैं, जो नियमों के सख्त क्रियान्वयन की आवश्यकता को दर्शाता है। इसके अलावा, यदि जुर्माना नहीं भरा जाता है, तो अपराधी को आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए रेलवे पुलिस के हवाले किया जा सकता है। यह स्थिति विकलांग यात्रियों के अधिकारों की रक्षा और उनकी आरामदायक और सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करने के महत्व को रेखांकित करती है।
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