व्यापार
शोरूम पर छापेमारी और वाहन जब्ती की रिपोर्ट्स से ओला इलेक्ट्रिक के शेयर 5 प्रतिशत से अधिक गिरकर हुए बंद

नई दिल्ली, 10 मार्च। दोपहिया इलेक्ट्रिक वाहन कंपनी ओला इलेक्ट्रिक के शेयर सोमवार को 5 प्रतिशत से अधिक फिसल कर बंद हुए। इसकी वजह कंपनी के शोरूम पर छापे और वाहनों की जब्ती को लेकर रिपोर्ट्स आना है।
कारोबार के अंत में ओला इलेक्ट्रिक का शेयर एनएसई पर 5.61 प्रतिशत की गिरावट के साथ 53.36 रुपये पर बंद हुआ।
रिपोर्ट्स में बताया गया कि दोपहिया इलेक्ट्रिक वाहन कंपनी नियामक मुद्दों का सामना कर रही है और कंपनी को भारत के मोटर वाहन अधिनियम के तहत नियमों का उल्लंघन करने के लिए सरकार से चेतावनी पत्र प्राप्त हुआ है।
रिपोर्ट्स के अनुसार, ग्राहकों की शिकायतों के कारण, कई राज्यों में परिवहन अधिकारियों ने कंपनी के शोरूम्स पर छापे मारे और वाहनों को जब्त किया।
रिपोर्ट्स में आगे कहा गया कि कंपनी को इन कथित उल्लंघनों के संबंध में कारण बताओ नोटिस भी प्राप्त हुआ है।
हालांकि, ओला के प्रवक्ता ने इन दावों को खारिज करते हुए रिपोर्टों को “पूर्वाग्रहपूर्ण” और “गलत” बताया।
कंपनी ने कहा कि भारत भर में उसके डिस्ट्रीब्यूटर सेंटर्स और गोदाम मोटर वाहन अधिनियम के दिशा-निर्देशों का पालन करते हैं और वह कानून के अनुपालन में इन स्थानों पर अपंजीकृत वाहनों को रखती है।
इसके अलावा कंपनी 1,000 से ज्यादा कर्मचारियों की छंटनी की तैयारी कर रही है।
2025 की शुरुआत से अब तक ओला इलेक्ट्रिक का शेयर 36 प्रतिशत गिर चुका है। वहीं, अपने अगस्त के ऑल-टाइम हाई से कंपनी का शेयर 60 प्रतिशत से अधिक नीचे आ चुका है।
उपलब्ध आंकड़ों के अनुसार, ओला इलेक्ट्रिक के 3,400 शोरूम में से केवल 100 के पास ही भारत के मोटर वाहन अधिनियम के तहत आवश्यक ट्रेड सर्टिफिकेट थे।
इस आंकड़ों से पता चलता है कि समीक्षा किए गए शोरूम में से 95 प्रतिशत से अधिक के पास अपंजीकृत वाहनों को डिस्प्ले करने, बेचने या टेस्ट राइड की पेशकश करने के लिए आवश्यक सर्टिफिकेट नहीं थे।
कम से कम छह परिवहन अधिकारी कथित तौर पर संभावित उल्लंघनों के लिए ओला इलेक्ट्रिक की जांच कर रहे हैं।
व्यापार
रियलमी 19 मार्च को अत्याधुनिक चिपसेट के साथ करेगा पी3 अल्ट्रा और पी3 स्मार्टफोन को लॉन्च

नई दिल्ली, 10 मार्च। आज के समय में स्मार्टफोन हमारे रोजमर्रा के जीवन का अहम हिस्सा बन गए हैं। ऐसे में यूजर को शानदार अनुभव देने के लिए फोन की परफॉरमेंस बहुत मायने रखते हैं। चाहे गेम खेलना हो, एक साथ कई काम करना हो या प्रोफेशनल काम के लिए फोन का इस्तेमाल करना हो, हर कोई ऐसा डिवाइस चाहता है जो तेजी के साथ-साथ स्थिरता और बेहतरीन अनुभव दे।
यूजर्स की बढ़ती उम्मीदों को पूरा करने के लिए कंपनियां लगातार नए इनोवेशन कर रही हैं। इस दिशा में रियलमी हमेशा नई तकनीक लाकर स्मार्टफोन की दुनिया में क्रांति ला रहा है। रियलमी का मकसद उन्नत तकनीक को हर किसी तक पहुंचाना है ताकि हर कोई बेहतर प्रदर्शन और शानदार गेमिंग का आनंद ले सके।
अब रियलमी अपने नए स्मार्टफोन रियलमी पी3 अल्ट्रा 5जी और रियलमी पी3 5जी के साथ एक बार फिर स्मार्टफोन तकनीक को नए स्तर पर ले जा रहा है। ये फोन अपने सेगमेंट में सबसे पावरफुल होंगे और कई नई खूबियों के साथ आएंगे।
रियलमी पी3 अल्ट्रा 5जी दुनिया का पहला स्मार्टफोन है जिसमें मीडियाटेक डाइमेंसिटी 8350 अल्ट्रा चिपसेट दिया गया है। यह चिपसेट फोन के प्रदर्शन को एक नए मुकाम पर ले जाता है। इसका एनटीयूटीयू स्कोर 1.45 मिलियन से अधिक है, जो इसे अपनी कीमत में सबसे शक्तिशाली बनाता है। यह फोन अन्य ब्रांडों की तुलना में दोगुनी तेजी से काम करता है।
यह स्मार्टफोन खासतौर पर उन लोगों के लिए बनाया गया है, जो गेमिंग, वीडियो एडिटिंग या मल्टीटास्किंग जैसी भारी प्रोसेसिंग वाली चीजें करते हैं। इसमें 6000 एमएएच बैटरी दी गई है, जो पूरे दिन चलती है और पांच साल तक टिकाऊ रहती है। गेमिंग के दौरान फोन को ठंडा रखने के लिए इसमें 6050 एमएम2 वीसी कूलिंग सिस्टम मौजूद है।
एलपीडीडीआर 5एक्स रैम की वजह से मल्टीटास्किंग आसान हो जाती है और स्टोरेज की भी कोई कमी नहीं होती। फोन में 2500 हर्ट्ज टच सैंपलिंग रेट है, जिससे गेमिंग के दौरान सबसे तेज टच रिस्पॉन्स मिलता है। साथ ही, 80 वाट एआई बाईपास चार्जिंग दी गई है, जिससे बैटरी ज्यादा गर्म हुए बिना चार्ज होती है और ज्यादा समय तक चलती है।
अगर आप गेमिंग के शौकीन हैं, तो यह फोन आपके लिए बेस्ट साबित होगा। यह बीजीएमआई में 90 एफपीएस पर तीन घंटे तक गेमप्ले दे सकता है। इसके अलावा, 4के 60 एफपीएस वीडियो रिकॉर्डिंग, 13% बेहतर मल्टी-कोर परफॉर्मेंस और 3.3 गुना तेज एआई प्रोसेसिंग जैसी खूबियां इसे एक पावरफुल स्मार्टफोन बनाती हैं।
इसके साथ ही, रियलमी पी3 5जी भी लॉन्च हो रहा है, जो भारत का पहला स्मार्टफोन होगा जिसमें स्नैपड्रैगन 6 जनरेशन 4 चिपसेट दिया गया है। यह एडवांस 4एनएम तकनीक पर आधारित है, जिससे बैटरी की खपत कम होती है और शानदार परफॉरमेंस मिलती है। इस फोन का बेंचमार्क स्कोर 750,000 है और यह 15% तेज सीपीयू परफॉर्मेंस देता है।
रियलमी पी3 5जी को बेहतरीन परफॉर्मेंस के लिए डिजाइन किया गया है। इसमें 120हर्टज एएमओएलईडी ईस्पोर्ट्स डिस्प्ले है, जिसकी ब्राइटनेस 2000 निट्स तक जाती है, जिससे देखने का अनुभव बेहद साफ और सुगम होता है। गेम खेलने वालों के लिए यह फोन खास है, क्योंकि इसमें बीजीएमआई के लिए 90एफपीएस सपोर्ट मिलता है, जिससे बिना रुकावट के स्मूथ गेमिंग का मजा लिया जा सकता है। इसमें एयरोस्पेस-ग्रेड कूलिंग सिस्टम दिया गया है, जो फोन को ज्यादा गर्म होने से बचाता है।
फोन में 6000 एमएएच की बड़ी टाइटन बैटरी दी गई है, जो 45 वाट फास्ट चार्जिंग के साथ आती है, जिससे बैटरी जल्दी चार्ज होती है और लंबे समय तक चलती है। नेटवर्क कनेक्टिविटी को बेहतर बनाने के लिए एंटीना एरे मैट्रिक्स 2.0 टेक्नोलॉजी दी गई है, जिससे मेट्रो या अंडरग्राउंड पार्किंग जैसी जगहों पर भी नेटवर्क 30% ज्यादा बेहतर रहता है।
रियलमी पी3 5जी फ्लैगशिप फीचर्स को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाने का प्रयास कर रहा है। रियलमी मोबाइल गेमिंग को नई ऊंचाइयों तक ले जाने के लिए पूरी तरह समर्पित है। पी3 अल्ट्रा 5जी और पी3 5जी में जीटी बूस्ट फीचर दिया गया है, जिसे क्राफ्टन के साथ मिलकर विकसित किया गया है। यह आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से संचालित गेमिंग अनुभव को और भी बेहतर बनाता है।
यह फोन आईपी69 रेटिंग के साथ आता है, जो इसे अपनी कैटेगरी का सबसे ज्यादा वाटर-रेसिस्टेंट फोन बनाता है। इस फोन में दिए गए एआई फीचर्स गेमिंग परफॉर्मेंस को और ज्यादा स्मूथ बनाते हैं। प्रोफेशनल गेमर जोनाथन ने जीटी बूस्ट को ऑप्टिमाइज करने में सहयोग दिया है, जिससे यह फीचर ई-स्पोर्ट्स और कैजुअल गेमिंग, दोनों के लिए बेहतरीन साबित होता है।
रियलमी ने दुनिया की 8 से ज्यादा गेमिंग कंपनियों के साथ साझेदारी की है, जो यूजर्स अनुभव को और बेहतर बनाने के लिए विशेष तकनीकों और गेमिंग इवेंट्स को एकीकृत करती हैं। रियलमी पी3 अल्ट्रा 5जी और पी3 5जी स्मार्टफोन 19 मार्च 2025 को लॉन्च होंगे और स्मार्टफोन परफॉर्मेंस के एक नए युग की शुरुआत करने के लिए तैयार हैं।
इनका टैगलाइन है – “स्ले, द अल्ट्रा वे”, जो यह दर्शाता है कि रियलमी स्मार्टफोन टेक्नोलॉजी में नई क्रांति ला रहा है। रियलमी लगातार नए मानक स्थापित कर रहा है, जिससे हाई-परफॉर्मेंस और स्पीड हर यूजर की पहुंच में हो।
लॉन्च के दिन, “अल्ट्रा स्ले चैलेंज: बीट जोनाथन!” नाम का एक खास इवेंट भी होगा, जिसमें गेमिंग स्टार जोनाथन लाइव स्ट्रीम में पी3 अल्ट्रा का टेस्ट करेंगे। दर्शकों को इस दौरान रियलमी पी3 अल्ट्रा जीतने का मौका मिलेगा।
इस इवेंट को 19 मार्च को रियलमी इंडिया के यूट्यूब चैनल पर लाइव देखा जा सकता है। रियलमी पी3 अल्ट्रा 5जी और P3 5जी रियलमी डॉट कॉम और फ्लिपकार्ट डॉट इन पर उपलब्ध होंगे। तो आप शानदार परफॉर्मेंस अपग्रेड के लिए तैयार रहें!
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पिछले 10 वर्षों में भारत का अंतरिक्ष बजट लगभग तीन गुना बढ़ा: केंद्रीय मंत्री

नई दिल्ली, 8 मार्च। केंद्र सरकार ने शनिवार को जानकारी देते हुए कहा कि पिछले 10 वर्षों में भारत का अंतरिक्ष बजट लगभग तीन गुना बढ़ा है, जो कि 2013-14 में 5,615 करोड़ रुपये से बढ़कर 2025-26 में 13,416 करोड़ रुपये हो गया है।
केंद्रीय मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह के अनुसार, ”भारत की अंतरिक्ष टेक्नोलॉजी अब केवल रॉकेट के लॉन्च तक ही सीमित नहीं है, बल्कि पारदर्शिता, शिकायत निवारण और नागरिक भागीदारी को बढ़ावा देकर शासन में क्रांति लाने में भी प्रमुख भूमिका निभा रही है।”
उन्होंने ‘स्पेस टेक फॉर गुड गवर्नेंस’ सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, “इस प्रक्रिया में भ्रष्ट आचरण की गुंजाइश कम हुई है, समयसीमा का पालन करने में अधिक अनुशासन आया है और लालफीताशाही कम हुई है।”
अंतरिक्ष स्टार्टअप की संख्या एक से बढ़कर 300 से अधिक हो गई है, जिससे भारत वैश्विक अंतरिक्ष बाजार में प्रमुख राजस्व जनरेटर के रूप में स्थापित हो गया है।
भारत ने 433 विदेशी सैटेलाइट लॉन्च किए हैं, जिनमें से 396 को 2014 से लॉन्च किया गया है, जिससे 192 मिलियन डॉलर और 272 मिलियन यूरो का राजस्व प्राप्त हुआ है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व पर जोर देते हुए डॉ. सिंह ने बताया कि कैसे अंतरिक्ष टेक्नोलॉजी सुशासन के माध्यम से आम नागरिकों के जीवन को आसान बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि अंतरिक्ष टेक्नोलॉजी अब हर भारतीय घर का अभिन्न अंग बन गई है, जो अंतरिक्ष विभाग के सैटेलाइट द्वारा सक्षम विभिन्न शासन सेवाओं को सशक्त बना रही है।
डॉ. सिंह ने बताया कि अंतरिक्ष टेक्नोलॉजी राष्ट्रीय रक्षा, सीमा निगरानी और भू-राजनीतिक खुफिया जानकारी में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, जो भारत की सुरक्षा में महत्वपूर्ण योगदान देती है।
केंद्रीय मंत्री ने स्टार्टअप और आजीविका सृजन के साथ शासन प्रथाओं को बदलने के लिए भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र के बढ़ते महत्व को एक आकर्षक अवसर के रूप में रेखांकित किया।
केंद्रीय मंत्री ने भारत के कृषि क्षेत्र में अंतरिक्ष टेक्नोलॉजी की भूमिका पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि यह निर्णय लेने, मौसम पूर्वानुमान, संचार, आपदा तैयारी, पूर्व चेतावनी प्रणाली, शहरी नियोजन और सुरक्षा में सुधार करने में एक अमूल्य शक्ति गुणक बन गया है।
व्यापार
केंद्र ने एक लाख से अधिक महिला पशुपालकों को जूनोटिक बीमारियों को लेकर किया जागरुक

नई दिल्ली, 8 मार्च। मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के तहत पशुपालन और डेयरी विभाग (डीएएचडी) ने शनिवार को कहा कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर 1 लाख से अधिक पशुपालक महिला किसानों को अलग-अलग जूनोटिक बीमारियों के बारे में जानकारी दी गई है।
विशेषज्ञों और पशु चिकित्सकों द्वारा महिलाओं को एक वर्चुअल कार्यक्रम के माध्यम से स्वच्छ दूध उत्पादन और रोग की रोकथाम में एथनोवेटरनरी दवाओं की भूमिका के बारे में जानकारी दी गई।
पशुपालन और डेयरी विभाग की सचिव अलका उपाध्याय ने वर्चुअल सेशन की अध्यक्षता करते हुए कहा, “डेयरी सहकारी समितियों (डीसीएस) में महिलाएं महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।”
उपाध्याय ने कहा, “महिला डेयरी किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ), समुदाय से जुड़े किसानों (सीएलएफ) और स्वयं सहायता समूहों (एसएचजी) के माध्यम से खुद को संगठित करने में सक्षम रही हैं, जहां डेयरी सहकारी समितियां (डीसीएस) मौजूद नहीं थीं।”
उन्होंने कहा, “डेयरी क्षेत्र में महिलाओं का योगदान बहुत बड़ा है, उन्हें इस क्षेत्र में केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ उठाने पर भी ध्यान केंद्रित करना चाहिए।”
उन्होंने कहा कि बकरी और भेड़ पालन की योजनाएं महिला किसानों को कम लागत पर अच्छा रिटर्न पाने में मदद कर सकती हैं।
कोविड महामारी का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि पशुओं से मनुष्यों में बीमारी फैलने और उत्पादकता में कमी को रोकने के लिए जूनोटिक बीमारियों की रोकथाम पर ध्यान देने की जरूरत है।
वर्चुअल सेशन में 21 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की महिलाओं ने भाग लिया। ग्राम स्तरीय उद्यमियों (विलेज लेवल एंटरप्रेन्योर) द्वारा लगभग 2,050 शिविर आयोजित किए गए।
डीएएचडी की अतिरिक्त सचिव वर्षा जोशी ने कहा, “महिला किसानों को पशुपालन प्रैक्टिस और सार्वजनिक स्वास्थ्य के बीच संबंध पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए।”
उन्होंने इस क्षेत्र में स्वच्छ, सस्टेनेबल प्रैक्टिस की जरूरत पर जोर दिया और स्वच्छ दूध उत्पादन के महत्व और पशुओं से मनुष्यों में बीमारियों के फैलने को रोकने के लिए जैव सुरक्षा उपाय करने पर चर्चा की।
हाल ही में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 3,880 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय के साथ पशुधन स्वास्थ्य एवं रोग नियंत्रण योजना (एलएचडीसीपी) के संशोधन को मंजूरी दी।
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