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Tuesday,29-July-2025
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अदाणी समूह के एसवीपीआई एयरपोर्ट पर यात्रियों की संख्या दोहरे अंक में बढ़ी, कार्गो वॉल्यूम में भी उछाल

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अहमदाबाद, 7 जनवरी। अदाणी एयरपोर्ट होल्डिंग्स लिमिटेड (एएएचएल) द्वारा संचालित किए जाने वाले सरदार वल्लभभाई पटेल इंटरनेशनल (एसवीपीआई) एयरपोर्ट द्वारा मंगलवार को बताया गया कि वित्त वर्ष 25 की तीसरी तिमाही में एयरपोर्ट पर यात्रियों की संख्या में दोहरे अंक में इजाफा हुआ है।

चालू वित्त वर्ष की अक्टूबर-दिसंबर अवधि में एयरपोर्ट से 35 लाख से अधिक यात्रियों ने उड़ान भरी है। यह आंकड़ा पिछले वित्त वर्ष में 30 लाख था, जो सालाना आधार पर 18 प्रतिशत की वृद्धि को दर्शाता है।

एसवीपीआई एयरपोर्ट, जिसे अहमदाबाद इंटरनेशनल एयरपोर्ट के नाम से भी जाना जाता है, में एयरक्राफ्ट ट्रैफिक मूवमेंट्स (एटीएम) में भी 15 प्रतिशत की बढ़त देखी गई है।

अक्टूबर से दिसंबर तिमाही में एसवीपीआई एयरपोर्ट पर 27,000 से ज्यादा एटीएम हुए।

अदाणी एंटरप्राइजेज की सब्सिडियरी एसवीपीआई एयरपोर्ट ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के दौरान अब तक 22 दिसंबर सबसे व्यस्त दिन था, इस दौरान 44,253 यात्री एयरपोर्ट पर आए और एयरक्राफ्ट ट्रैफिक मूवमेंट्स 324 रहा। इसके बाद 13 दिसंबर को एयरपोर्ट पर 43,881 यात्री आए और एयरक्राफ्ट ट्रैफिक मूवमेंट्स की संख्या 325 रही।

एसवीपीआईए ने ‘राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण पुरस्कार 2024’ (एनईसीए 2024) में प्रतिष्ठित सर्टिफिकेट ऑफ मेरिट जीता है, जिससे यह भारत का एकमात्र एयरपोर्ट बन गया है, जिसे यह प्रतिष्ठित पुरस्कार मिला है।

एसवीपीआई एयरपोर्ट द्वारा आगे कहा गया कि पिछले वित्तीय वर्ष की इसी अवधि की तुलना में तीसरी तिमाही में कार्गो वॉल्यूम में 17 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई।

एसवीपीआई एयरपोर्ट ने 17,900 मीट्रिक टन (एमटी) से अधिक कार्गो को हैंडल किया है, जिसमें 1,850 मीट्रिक टन से अधिक अंतरराष्ट्रीय कार्गो शामिल है।

परिवहन और लॉजिस्टिक्स हब में अदाणी समूह की विशेषज्ञता का लाभ उठाते हुए, एएएचएल का लक्ष्य रणनीतिक हब-एंड-स्पोक मॉडल के माध्यम से भारत के प्रमुख शहरों को जोड़ना है।

एएएचएल देश की सबसे बड़ी निजी एयरपोर्ट ऑपरेटर कंपनी है। अहमदाबाद के अलावा कंपनी मुंबई, लखनऊ, मंगलुरु, जयपुर, गुवाहाटी और तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट का भी परिचालन करती है।

व्यापार

भारतीय कंपनियों का सीएसआर खर्च वित्त वर्ष 22 से वित्त वर्ष 24 के बीच 29 प्रतिशत बढ़ा : रिपोर्ट

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नई दिल्ली, 29 जुलाई। भारतीय कंपनियों के वार्षिक कॉर्पोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) खर्च में वित्त वर्ष 22 से वित्त वर्ष 24 के बीच में 29 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। यह जानकारी मंगलवार को जारी हुई एक रिपोर्ट में दी गई।

रिपोर्ट में कहा गया कि उसके सैंपल सेट में मौजूद कंपनियों ने संयुक्त रूप में मार्च 2024 तक 12,897 करोड़ रुपए खर्च किए हैं। औसत सीएसआर खर्च प्रति कंपनी 129 करोड़ रुपए रहा है।

रिपोर्ट में कहा गया कि वित्त वर्ष 22 से वित्त वर्ष 24 के बीच औसत शुद्ध मुनाफे में 37 प्रतिशत का इजाफा हुआ है, जबकि सीएसआर खर्च में 29 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

इसी अवधि के दौरान मुनाफे में गिरावट के बावजूद, 100 में से 16 कंपनियों ने अपने सीएसआर खर्च में वृद्धि की, जो अनुपालन से परे सामाजिक उत्तरदायित्व के प्रति उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। वहीं, 48 प्रतिशत कंपनियों ने मुनाफे में गिरावट के बावजूद अनिवार्य सीएसआर बजट को पार कर लिया है।

आईसीआरए ईएसजी रेटिंग्स की मुख्य रेटिंग अधिकारी शीतल शरद ने कहा, “संयुक्त राष्ट्र सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) के साथ बढ़ता तालमेल और सक्रिय सीएसआर खर्च समावेशी विकास के प्रति एक परिपक्व दृष्टिकोण को दर्शाता है। ये प्रयास न केवल पक्षकारों के मूल्य को बढ़ा रहे हैं, बल्कि भारत के व्यापक जलवायु और सामाजिक लक्ष्यों में भी सार्थक योगदान दे रहे हैं।”

रिपोर्ट में बताया गया कि महाराष्ट्र और गुजरात को कॉर्पोरेट्स द्वारा सबसे अधिक सीएसआर फंड्स के आवंटन प्राप्त हुआ, जबकि ओडिशा में सीएसआर खर्च में 85 प्रतिशत की अधिक वृद्धि दर्ज की गई, इसके बाद आंध्र प्रदेश में सीएसआर व्यय में 70 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई, जो उच्च विकास आवश्यकताओं वाले अविकसित क्षेत्रों पर कॉर्पोरेट फोकस में वृद्धि को दर्शाता है।

सीएसआर पर सबसे अधिक खर्च तेल और गैस रिफाइनरी, निजी क्षेत्र के बैंक, लोहा और इस्पात और सॉफ्टवेयर कंपनियों की ओर से किया गया।

रिपोर्ट में बताया गया कि आकांक्षी जिलों में सीएसआर खर्च वित्त वर्ष 2021 से वित्त वर्ष 2023 तक 115 प्रतिशत बढ़ा।

हालांकि, कुछ कंपनियों ने अपने सीएसआर बजट का आधा हिस्सा आकांक्षी जिलों के लिए निर्देशित किया है, लेकिन अधिकांश कंपनियों ने 5 प्रतिशत से भी कम आवंटन जारी रखा है, जो आकांक्षी जिलों में अधिक रणनीतिक फोकस और संसाधन आवंटन की आवश्यकता को दर्शाता है।

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राष्ट्रीय समाचार

बीएसएनएल की रिव्यू मीटिंग में बोले सिंधिया, परिचालन रणनीति में सेवा की गुणवत्ता और ग्राहक अनुभव को दें प्राथमिकता

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नई दिल्ली, 28 जुलाई। भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) की रिव्यू मीटिंग में सोमवार को केंद्रीय संचार मंत्री ज्योतिरादित्य एम.सिंधिया ने सोमवार को कहा कि कंपनी की परिचालन रणनीति में सेवा की गुणवत्ता (क्यूओएस) और ग्राहक अनुभव को प्राथमिकता मिलनी चाहिए।

मीटिंग के दौरान केंद्रीय ने कहा, “सेवा की गुणवत्ता और ग्राहक संबंध प्रबंधन में सुधार बीएसएनएल की परिचालन रणनीति का केंद्र बिंदु बने रहना चाहिए। अगर आप सेवा की गुणवत्ता में सुधार करते हैं, तो ग्राहक भी आपके पास आएंगे। प्रत्येक रणनीतिक योजना सेवा की गुणवत्ता में मापनीय सुधार और उपभोक्ता विश्वास को मजबूत करने पर आधारित होनी चाहिए।”

इस बैठक में राज्य मंत्री पेम्मासानी चन्द्र शेखर के साथ पूरे देश के 32 सर्किल में मौजूद सभी चीफ जनरल मैनेजर्स (सीजीएम) शामिल हुए।

सरकार की ओर से बताया गया कि इस उच्च-स्तरीय बैठक में बीएसएनएल की परिचालन प्रगति की समीक्षा की गई, क्षेत्रीय चुनौतियों का समाधान किया गया और कंपनी के नेटवर्क एवं सेवा वितरण के लिए आगे की रणनीति की रूपरेखा तैयार की गई। इस बैठक में संचार राज्य मंत्री पेम्मासानी चंद्रशेखर और दूरसंचार विभाग के अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहे।

बैठक में रिव्यू के दौरान बीएसएनएल की विकास रणनीति, नेटवर्क प्रदर्शन में सुधार, ग्राहक सेवा वितरण और संगठनात्मक आधुनिकीकरण पर व्यापक चर्चा हुई।

बयान में आगे कहा गया कि इस व्यापक चर्चा ने बीएसएनएल की एक उपभोक्ता-केंद्रित दूरसंचार सेवा प्रदाता के रूप में स्थिति को और मजबूत किया, जिसका स्पष्ट लक्ष्य सभी व्यावसायिक इकाइयों में “रेवेन्यू फर्स्ट” है।

बीएसएनएल अपने सभी सर्किलों, व्यावसायिक क्षेत्रों और इकाइयों में सेवाओं में बड़े बदलाव के दौर से गुजर रहा है। अपने “ग्राहक सर्वप्रथम” सिद्धांत को आगे रखने के लिए बीएसएनएल सक्रिय ग्राहक जुड़ाव, बेहतर सेवा जवाबदेही और त्वरित शिकायत निवारण पर जोर दे रहा है।

बैठक में बीएसएनएल के सर्किल प्रमुखों को ग्राहक तक पहुंच और सेवा गुणवत्ता बढ़ाने के लिए कई प्राथमिकता वाले क्षेत्रों के बारे में जानकारी दी गई, जिसमें ग्रामीण, शहरी, उद्यम और खुदरा क्षेत्रों में ग्राहकों के साथ फिर से जुड़ना, मोबाइल नेटवर्क और फाइबर-टू-द-होम (एफटीटीएच) में सेवा की गुणवत्ता (क्यूओएस) में सुधार, बिलिंग और नेटवर्क अपटाइम में ग्राहकों की शिकायतों का समाधान करना, प्रत्येक परिचालन स्तर पर “रेवेन्यू फर्स्ट” लक्ष्यों के साथ जवाबदेही को बढ़ावा देना, कनेक्टिविटी, वीपीएन समाधान, लीज्ड लाइन सेवाएं और अन्य नए व्यावसायिक अवसरों जैसी उद्यम सेवाओं का विस्तार करना शामिल हैं।

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मनोरंजन

गूगल और मेटा को पेशी के लिए ईडी ने फिर भेजा समन, 21 जुलाई को नहीं पहुंचे थे इनके प्रतिनिधि

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नई दिल्ली, 28 जुलाई। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने अवैध ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप्स को बढ़ावा देने के मामले में टेक दिग्गज गूगल और मेटा को दोबारा 21 जुलाई को समन भेजा था। इन दोनों टेक कंपनियों के प्रतिनिधियों को 28 जुलाई (सोमवार) को ईडी मुख्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया गया है। इससे पहले इन दोनों टेक कंपनियों को 21 जुलाई को दिल्ली स्थित ईडी मुख्यालय में पूछताछ के लिए बुलाया गया था, लेकिन वे पेश नहीं हो पाए थे।

ऐसे में ईडी ने दोनों कंपनियों को दोबारा समन भेज कर 28 जुलाई को पेश होने के लिए कहा। बता दें कि ईडी की जांच उन ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप्स पर केंद्रित है जो कथित तौर पर अवैध जुए और मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल हैं। इनमें महादेव बेटिंग ऐप और फेयरप्ले आईपीएल जैसे ऐप्स शामिल हैं।

ईडी का आरोप है कि गूगल और मेटा ने अपने प्लेटफॉर्म्स पर इन अवैध सट्टेबाजी ऐप्स को विज्ञापनों के जरिए बढ़ावा दिया और इनकी पहुंच को व्यापक बनाने में मदद की। जांच में पाया गया कि ये ऐप्स स्किल-बेस्ड गेमिंग के नाम पर अवैध सट्टेबाजी को बढ़ावा देते हैं। इन प्लेटफॉर्म्स के जरिए करोड़ों रुपये की अवैध कमाई की गई, जिसे हवाला चैनलों के माध्यम से छिपाया गया ताकि जांच से बचा जा सके।

ईडी ने इन ऐप्स के विज्ञापनों को गूगल और मेटा के प्लेटफॉर्म्स पर प्रमुखता से प्रदर्शित होने का आरोप लगाया है, जिससे इनके यूजर्स बढ़े।

10 जुलाई को ईडी ने इस मामले में 29 मशहूर हस्तियों के खिलाफ कार्रवाई की थी। इनमें अभिनेता विजय देवरकोंडा, राणा दग्गुबाती, प्रकाश राज, निधि अग्रवाल, प्रणिता सुभाष, मंचू लक्ष्मी और अनन्या नगेला शामिल थें। इसके अलावा, टीवी कलाकार, होस्ट और सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर्स जैसे श्रीमुखी, श्यामला, वर्षिणी सौंदर्यराजन, वसंती कृष्णन, शोभा शेट्टी, अमृता चौधरी, नयनी पावनी, नेहा पठान, पांडु, पद्मावती, हर्षा साय और बय्या सनी यादव के नाम भी जांच में हैं।

इन पर जंगली रम्मी, ए23, जीतविन, परिमैच और लोटस365 जैसे प्लेटफॉर्म्स के प्रचार का आरोप है, जो मनी लॉन्ड्रिंग में शामिल हैं। यह जांच पब्लिक गैंबलिंग एक्ट, 1867 और मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत हो रही है। तेलंगाना और आंध्र प्रदेश में दर्ज पांच एफआईआर के आधार पर ईडी ने यह कार्रवाई शुरू की।

मार्च में, साइबराबाद पुलिस ने भी विजय देवरकोंडा, राणा दग्गुबाती और प्रकाश राज सहित कई हस्तियों के खिलाफ अवैध सट्टेबाजी ऐप्स के प्रचार का मामला दर्ज किया था। हालांकि, इन हस्तियों ने सफाई दी कि वे किसी अवैध ऐप का प्रचार नहीं कर रहे थे। ईडी अब इन सभी मामलों की गहन जांच कर रहा है और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की तैयारी में है।

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