राष्ट्रीय समाचार
एनएमडीएफसी ने 24.84 लाख लाभार्थियों को 9,228 करोड़ रुपये किए वितरित, 85 प्रतिशत महिलाएं शामिल
नई दिल्ली, 28 दिसंबर। राष्ट्रीय अल्पसंख्यक विकास एवं वित्त निगम (एनएमडीएफसी) ने अपनी स्थापना के बाद से 24.84 लाख से अधिक लाभार्थियों को 9,228.19 करोड़ रुपये से अधिक वितरित किए हैं, जिनमें से 85 प्रतिशत से अधिक लाभार्थी महिलाएं हैं। यह जानकारी सरकार ने शनिवार को दी।
एनएमडीएफसी अल्पसंख्यक मामलों के मंत्रालय के प्रशासनिक नियंत्रण में है। इसकी स्थापना अल्पसंख्यक समुदायों के बीच पिछड़े वर्गों के सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए की गई है।
वित्त वर्ष 2023-24 के दौरान एनएमडीएफसी ने 1.84 लाख से अधिक लाभार्थियों को 765.45 करोड़ रुपये का रियायती ऋण जारी किया।
एनएमडीएफसी ने आवेदकों, एससीए और एनएमडीएफसी के बीच ऋण लेखा प्रक्रियाओं को डिजिटल बनाने के लिए मिलन (एनएमडीएफसी के लिए अल्पसंख्यक ऋण लेखा सॉफ्टवेयर) ऐप लॉन्च किया है, जिसमें एनएमडीएफसी के एमआईएस पोर्टल का इंटीग्रेशन भी शामिल है। इस ऐप पर 14.57 लाख लाभार्थियों का डेटा उपलब्ध है।
मंत्रालय ने कहा कि मिलन मोबाइल ऐप का एंड्रॉइड और आईओएस एडिशन भी लॉन्च किया गया है।
हाल ही में, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन बैंक और पंजाब ग्रामीण बैंक ने रिफाइनेंस मोड पर एनएमडीएफसी योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए।
अपनी 100-दिवसीय कार्य योजना के तहत, मंत्रालय ने जुलाई में ‘लोक संवर्धन पर्व’ का आयोजन किया, जिसमें पूरे भारत के अल्पसंख्यक कारीगरों को एक साथ लाया गया।
इस मंच ने कारीगरों को अपनी स्वदेशी कला, शिल्प और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान किया।
पर्व में विभिन्न अल्पसंख्यक समुदायों से संबंधित 162 कारीगरों द्वारा बनाए गए विभिन्न राज्यों के 70 से अधिक हस्तशिल्प और हथकरघा उत्पादों का प्रदर्शन किया गया।
इसके अलावा, तीर्थयात्रा के अनुभव को बढ़ाने और सूचना प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने के लिए ‘हज सुविधा ऐप’ लॉन्च किया गया।
इस वर्ष 9,000 से अधिक शिकायतों और 2,000 से अधिक एसओएस मामलों का समाधान किया गया। इस वर्ष अब तक की सबसे अधिक संख्या 4,557 महिला तीर्थयात्रियों की रही।
‘जियो पारसी’ पारसी समुदाय की जनसंख्या में गिरावट को रोकने के लिए एक और योजना है। यह योजना 2013-14 में शुरू की गई थी।
मंत्रालय ने चिकित्सा घटक के तहत वित्तीय सहायता चाहने वाले पारसी जोड़ों के लिए एक पोर्टल भी शुरू किया है।
मंत्रालय द्वारा अगस्त में लोकसभा में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पेश किया गया। इसके बाद, विधेयक को संसद की संयुक्त समिति (जेपीसी) के पास भेज दिया गया है।
राष्ट्रीय समाचार
उत्तर प्रदेश के संभल में पुलिस चौकी निर्माण से पहले हुआ भूमि पूजन
संभल, 28 दिसंबर। उत्तर प्रदेश के संभल में शाही जामा मस्जिद के पास स्थित खाली भूमि पर पुलिस चौकी के निर्माण के लिए शनिवार को भूमि पूजन हुआ। संभल एएसपी श्रीश चंद्र ने बताया कि सुरक्षा-व्यवस्था को देखते हुए पुलिस चौकी का निर्माण किया जा रहा है।
एएसपी श्रीश चंद्र ने बताया कि इसके आस-पास पुलिसकर्मियों की आवासीय व्यवस्था भी की जाएगी। भूमि पूजन सम्पन्न हो गया है। अब लेआउट के अनुसार काम होगा। यहां पर पर्याप्त पुलिस बल मौजूद रहेगा जिससे सुरक्षा व्यवस्था मुस्तैद रहे।
पंडित शोभित शास्त्री ने बताया कि किसी भवन के निर्माण से पहले हम लोग वास्तु मंडल देवता का पूजन करते हैं। यहां पर चौकी के निर्माण के लिए भूमि पूजन हुआ है। इसके निर्माण में कोई वास्तु दोष न रहे, भगवान से यही कामना की गई है। शुभ मुहूर्त में इसका स्थिर लग्न में पूजन हुआ है। बहुत शुभ नक्षत्र में इसका पूजन हुआ है। चौकी का नाम रखना प्रशासनिक निर्णय है। लेकिन सत्यव्रत रखते हैं तो अच्छा है।
उन्होंने बताया कि सत्यव्रत का अर्थ सत्य का संकल्प होता है। सत्यव्रत नाम का ऐतिहासिक महत्व है। प्रारंभिक समय में संभल को सतयुग के दौरान सत्यव्रत नाम से जाना जाता था।
पुलिस चौकी के निर्माण के लिए हुए भूमि पूजन के दौरान एडिशनल एसपी और एसएचओ महोदय भी शामिल रहे।
दरअसल, संभल में हुई हिंसा के बाद क्षेत्र में शांति और संवेदनशीलता बनाए रखने के उद्देश्य से यह कदम उठाया गया है। शाही जामा मस्जिद के गेट पर लंबे समय से पुलिस बल तैनात था। अब चौकी निर्माण के बाद क्षेत्र में पुलिस की उपस्थिति और प्रभाव और मजबूत होगी।
उल्लेखनीय है कि शुक्रवार को पुलिस प्रशासन ने जामा मस्जिद के सामने खाली पड़ी भूमि को पुलिस चौकी बनाने के लिए चिह्नित कर लिया था। साथ ही मजदूरों और बुलडोजर की मदद से नींव की खुदाई शुरू करा दी गई। नींव खुदाई का कार्य पहले ही पूरा हो चुका था। शनिवार को इस प्रस्तावित चौकी की नींव का विधिवत पूजन किया गया।
राजनीति
छह मेगावाट के फ्लोटिंग पावर से बिजली उत्पादन में अग्रणी बनेगा कोडरमा पावर प्लांट
कोडरमा, 28 दिसंबर। झारखंड में बिजली उत्पादन बढ़ाने में भारत सरकार के स्वामित्व वाला कोडरमा थर्मल पावर प्लांट अहम भूमिका निभा रहा है। इस प्लांट के जरिए सरकार बिजली उत्पादन के क्षेत्र में और रिन्यूएबल एनर्जी के तेजी से विकास की ओर कदम बढ़ा रही है।
इस पावर प्लांट में 6 मेगावाट क्षमता का फ्लोटिंग पावर प्लांट स्थापित किया जा रहा है, जिससे प्रदेश में बिजली उत्पादन को बढ़ाने में बहुत मदद मिलेगी। साथ ही प्लांट में पहले से ही स्थापित सोलर पैनल से 10 मेगावाट बिजली का उत्पादन सुचारू रूप से हो रहा है। इसके अलावा बिजली उत्पादन को और गति देने के लिए तिलैया डैम में 155 मेगावाट फ्लोटिंग पावर प्लांट स्थापित करने के लिए निर्माण एजेंसी को जिम्मेदारी सौंपी गई है। इस कदम से रिन्यूएबल एनर्जी का योगदान बढ़ेगा और कोडरमा थर्मल पावर प्लांट के 1600 मेगावाट एक्सटेंशन की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है। आने वाले समय में, यह प्लांट डीवीसी (दामोदर वैली कॉरपोरेशन) के सबसे बड़े बिजली उत्पादन केंद्रों में से एक बन जाएगा।
प्लांट के भीतर दो पौंड में लगभग 24 एकड़ क्षेत्र में फ्लोटिंग पावर प्लांट के लिए सोलर प्लेट लगाए जा रहे हैं। कुछ समय बाद, कोडरमा में सौर ऊर्जा से 171 मेगावाट बिजली उत्पादित की जाएगी। यह कदम राज्य को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। डीवीसी और एनटीपीसी के प्रयासों से तिलैया डैम को ग्रीन वैली के रूप में विकसित किया जाएगा, जहां फ्लोटिंग पावर प्लांट के जरिए बिजली उत्पादन से राज्य को और भी ऊर्जा सुरक्षा मिलेगी।
प्लांट के एचओपी मनोज ठाकुर ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, “कोडरमा में 10 मेगावाट का सोलर प्लांट पहले ही स्थापित किया जा चुका है और 6 मेगावाट का फ्लोटिंग सोलर प्लांट अब हमारे रिजर्वायर में लगाया जा रहा है, जो दिसंबर के अंत तक पूरा हो जाएगा या उसका कमीशनिंग शुरू हो जाएगा। हम जनवरी तक इसका कमीशनिंग पूरा कर लेंगे। इसके अलावा, हम 155 मेगावाट के फ्लोटिंग सोलर प्लांट का ऑर्डर भी ग्रीन वैली कॉर्पोरेशन के जरिए प्राप्त कर चुके हैं, जो डीवीसी और एनटीपीसी का संयुक्त उद्यम है। यह कार्य जल्दी शुरू होगा, और स्टर्लिंग कंपनी को यह काम सौंपा गया है।”
उन्होंने आगे कहा, “यह फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट झारखंड का सबसे बड़ा होगा, क्योंकि 155 मेगावाट का कोई अन्य प्रोजेक्ट राज्य में नहीं है। फ्लोटिंग सोलर पावर के कई फायदे हैं। इससे जलस्तर नियंत्रित रखने में मदद मिलती है और मछुआरों को होने वाले नुकसान की भी चिंता नहीं है, क्योंकि वे अब ‘केज फिशिंग’ की तकनीक का इस्तेमाल करके मछली पालन कर सकते हैं।”
उन्होंने कहा, “डीवीसी का यह फ्लोटिंग सोलर प्रोजेक्ट कोडरमा में स्थापित किया जाएगा, जो डीवीसी का सबसे बड़ा प्लांट होगा। फिलहाल, मेरे पास 500 मेगावाट के दो यूनिट चल रहे हैं, और आठ सौ मेगावाट के दो और यूनिट जुड़ने से कोडरमा में डीवीसी का कुल 1600 मेगावाट का प्रोजेक्ट बन जाएगा। यह ऑर्डर बीसीएल को दे दिया गया है और जनवरी-फरवरी तक इसका काम पूरा होगा।”
साइट इंचार्ज प्रिंस तिवारी ने कहा, “हमारे पास पहले 6 मेगावाट का एसी फ्लोटिंग प्रोजेक्ट है और 8 मेगावाट का एक अन्य डीसी प्रोजेक्ट है। हमारे पास दो पाउंड हैं, जिसमें तीन-तीन मेगावाट के दो प्रोजेक्ट हैं। कुल मिलाकर, हमारे प्लांट में कई मॉडल लगाए जाने हैं, और हम इस पर काम जुलाई 2024 से शुरू कर चुके हैं। इस फ्लोटिंग प्रोजेक्ट के कई फायदे हैं।”
उन्होंने आगे कहा, “सबसे पहला फायदा यह है कि हम पाउंड का उपयोग कर रहे हैं, क्योंकि अगर हम भूमि का इस्तेमाल करते तो कृषि भूमि या अन्य उपयोगहीन भूमि का चयन करना पड़ता, जो कि अतिरिक्त खर्च और परेशानी का कारण बनता। इस प्रोजेक्ट से हमें पहले से मौजूद पाउंड से बिजली उत्पादन करने का लाभ मिल रहा है। दूसरा फायदा यह है कि यह प्रोजेक्ट पानी के तापमान को नियंत्रित करने में मदद करता है, खासकर गर्मी के मौसम में जब पानी का तापमान बढ़ जाता है। फ्लोटिंग पैनल पानी पर रहते हैं, जिससे पानी का तापमान नियंत्रित रहता है और यह गर्मी से बचने का एक प्रभावी तरीका है। इसके अलावा, पैनल पर जमा धूल और गंदगी पानी के ऊपर बैठती है, जिससे पानी को साफ रखने में मदद मिलती है। इससे आसपास के जीव-जंतुओं, जैसे मछलियों और अन्य छोटे प्राणियों के पर्यावरण पर भी सकारात्मक प्रभाव पड़ता है।”
राष्ट्रीय समाचार
संभल : जामा मस्जिद के पास पुलिस के चौकी निर्माण में महिलाओं ने किया श्रमदान, खुद को बताया सौभाग्यशाली
संभल, 28 दिसंबर। उत्तर प्रदेश के संभल के शाही जामा मस्जिद के पास एक नई पुलिस चौकी का निर्माण किया जा रहा है। इस निर्माण कार्य में शनिवार को महिलाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया और श्रमदान किया। बड़ी संख्या में निर्माण स्थल पर पहुंची महिलाओं ने अपने हाथों से फावड़ा चलाकर ईंटें उठाईं, कंक्रीट डाला और अन्य निर्माण कार्यों में मदद की। यहां तक कि बुजुर्ग महिलाएं श्रमदान में उत्साह के साथ शामिल हुईं।
इस अवसर पर समाज सेविका दीपा वार्ष्णेय ने कहा कि उन्हें बहुत खुशी हो रही है कि यहां पुलिस चौकी का निर्माण हो रहा है। उन्होंने बताया कि पुलिस चौकी बन जाने से महिलाओं को काफी सुरक्षा का अहसास होगा, जिससे उन्हें अपने इलाके में और बाहर कहीं भी आने-जाने में सुरक्षा की भावना मिलेगी।
श्रमदान करने वाली माधुरी गुप्ता ने बताया, “मैंने शुभ काम में अपना कदम आगे बढ़ाया और इस दिशा में मुझे आप लोगों का सहयोग प्राप्त हुआ। मैं समझती हूं कि यह सब आपके सहयोग के बिना संभव नहीं था। मेरे पास आप सभी के सहयोग के लिए कोई शब्द नहीं हैं। मैं जब भी किसी शुभ काम के लिए अपने कदम बढ़ाती हूं, तो नारे जरूर लगाती हूं।”
इस तरह, महिलाओं ने न सिर्फ इस निर्माण कार्य में अपनी मेहनत से योगदान दिया, बल्कि इस बात को लेकर भी खुशी जाहिर की कि पुलिस चौकी के बनने से इलाके में शांति और सुरक्षा की स्थिति बेहतर होगी। उन्होंने इस अवसर पर “जय श्री राम” के नारे भी लगाए, जो उनके उत्साह और समाज में एकता की भावना को दर्शाता है।
इस मौके पर पंडित शोभित शास्त्री ने विधिपूर्वक मंत्रोच्चारण किया और पूजा-अर्चना कराई। इसके बाद, अपर पुलिस अधीक्षक श्रीश चंद्र ने पुलिस चौकी के निर्माण के लिए नींव में ईंटें स्थापित कीं। उन्होंने बताया कि भूमि पूजन के साथ पुलिस चौकी की नींव रखी गई है और इसके निर्माण का काम लेआउट के अनुसार किया जाएगा।
पं. शोभित शास्त्री ने बताया कि इस शुभ अवसर पर वास्तु दोष से बचने के लिए वैदिक मंत्रों से पूजा की गई। इसके साथ ही, उन्होंने सुझाव दिया कि चौकी का नाम “सत्यव्रत नगर चौकी” रखा जाए, क्योंकि सत्यव्रत संभल का प्राचीन नाम है।
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