राजनीति
महायुति सरकार के नौ मंत्रियों ने अभी तक नहीं संभाला पदभार

मुंबई, 2 जनवरी। महाराष्ट्र में महायुति सरकार के गठन के बाद अभी तक नौ मंत्रियों ने पदभार नहीं संभाला है। इसको लेकर कुछ मंत्रियों में नाराजगी की बात कही जा रही है।
महाराष्ट्र में महायुति सरकार की गठन के पहले से शुरू हुईं मुश्किलें अभी तक खत्म होने का नाम नहीं ले रही हैं। नतीजे आए एक महीने से अधिक हो गए, लेकिन सरकार की मुश्किलें अभी भी बनी हुई हैं। सीट शेयरिंग से लेकर मंत्रिमंडल विस्तार होने तक महायुति में लगातार विवाद देखने को मिला। उम्मीद थी कि मंत्रिमंडल के बाद महायुति में सब कुछ ठीक हो जाएगा। लेकिन अब पालक मंत्री को लेकर भी सरकार में खींचतान जारी है।
नागपुर में विधानमंडल के शीतकालीन सत्र से पहले 25 नवंबर को 39 मंत्रियों को शपथ दिलाई गई थी और सत्र खत्म होने के बाद इन मंत्रियों के विभागों की घोषणा की गई थी। लेकिन अभी तक नौ मंत्रियों ने मुंबई पहुंचकर पदभार ग्रहण नहीं किया है।
सूत्रों के मुताबिक, कुछ मंत्री अपनी पसंद का विभाग नहीं मिलने से नाराज चल रहे हैं। वहीं, कई मंत्री नए साल का जश्न मनाने के लिए वेकेशन पर चले गए हैं। हालांकि सीएम देवेंद्र फडणवीस अपना पदभार ग्रहण करने के बाद से लगातार काम में व्यस्त हैं।
मुख्यमंत्री ने गुरुवार को कैबिनेट की बैठक बुलाई है और जिन मंत्रियों ने अपना पद नहीं संभाला है, उन्हें जल्द पदभार संभालने का निर्देश दिया।
महाराष्ट्र में नए सरकार के गठन में देरी के बाद अभी कुछ मंत्रियों के अपने विभाग का चार्ज नहीं लिए जाने पर एनसीपी (एसपी) प्रवक्ता महेश तापसे ने निशाना साधा। उन्होंने कहा, “वर्तमान सरकार के मंत्रियों को पता है कि सरकार के पास अभी आर्थिक नियोजन और सरकार चलाने के लिए जो प्लानिंग होती है, वो नहीं है। इसलिए अभी कुछ मंत्री आराम से बैठे हुए हैं।”
महाराष्ट्र
नेशनल हेराल्ड जमीन के हेराफेरी मामले में हो कार्रवाई- अनिल गलगली ने सीएम देवेन्द्र फड़णवीस से की मांग

मुंबई: मुंबई- गौतम चटर्जी समिति की जांच रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि वर्ष 1983 में बांद्रा (पूर्व) क्षेत्र में सर्वे क्रमांक 341 में एसोसिएटेड जर्नल्स लिमिटेड (एजेएल) को “नेशनल हेराल्ड” के कार्यालय, नेहरू लाइब्रेरी और रिसर्च सेंटर के लिए दी गई सरकारी जमीन का दुरुपयोग किया गया है। इस पृष्ठभूमि में आरटीआई कार्यकर्ता अनिल गलगली ने मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखकर तत्काल कार्रवाई की मांग की है।
जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि भूमि पर 83,000 वर्ग फुट निर्माण किया गया है, जिसमें 11,000 वर्ग फुट बेसमेंट और 9,000 वर्ग फुट ऊपरी मंजिल का अतिरिक्त निर्माण शामिल है, जो नियमों का उल्लंघन है। नियमों के अनुसार केवल 15 प्रतिशत व्यावसायिक उपयोग की अनुमति थी, लेकिन इसका भी उल्लंघन किया गया है। इसके अलावा छात्रावास के लिए आवंटित अतिरिक्त भूमि भी नियमों की अनदेखी कर संस्था को दे दी गई।
राजस्व विभाग के 2001 के एक विवादास्पद आदेश के तहत पट्टे पर दी गई भूमि को प्रत्यक्ष स्वामित्व में परिवर्तित कर दिया गया था तथा 2.78 करोड़ रुपये का ब्याज माफ कर दिया गया था, जिसे समिति ने नियमों के विरुद्ध बताया है तथा इसकी समीक्षा की सिफारिश की है।
अनिल गलगली ने मुख्यमंत्री को पत्र के माध्यम से निम्नलिखित मांगें की हैं। उक्त भूमि को सरकार को वापस लेने के लिए कानूनी कार्रवाई शुरू की जानी चाहिए।
माफ की गई ब्याज राशि एवं अतिरिक्त जुर्माना वसूला जाना चाहिए। भवन के एक तल पर पिछड़े वर्ग के छात्रों के लिए छात्रावास शुरू किया जाना चाहिए। शेष भूमि पर पुस्तकालय एवं शोध केन्द्र प्रारंभ करने के निर्देश दिए जाएं। गौतम चटर्जी की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक की जानी चाहिए।
अनिल गलगली ने कहा, “इस मामले में निष्पक्ष न्याय सुनिश्चित करना और सरकारी भूमि का उपयोग जनहित में किया जाना बहुत जरूरी है।”
महाराष्ट्र
मुंबई को बम से उड़ाने की धमकी देने वाला व्यक्ति गिरफ्तार

मुंबई: मुंबई पुलिस ने एक शराबी को गिरफ्तार करने का दावा किया है जिसने मुंबई को बम से उड़ाने की धमकी दी थी। मुंबई पुलिस को सुबह 4:30 बजे एक कॉल आया जिसमें मुंबई में बम विस्फोट की धमकी दी गई थी। इसके बाद मुंबई पुलिस ने इसकी जांच शुरू की और फिर बोरीवली इलाके से 37 वर्षीय शराबी सूरज जाधव को गिरफ्तार करने का दावा किया। उसने पहले भी धमकी भरे फोन कॉल किए थे। उसने बोरीवली, बीकेसी, वकोला में बम विस्फोट करने की धमकी दी थी और उसके खिलाफ इस तरह के फर्जी कॉल के तीन मामले भी दर्ज किए गए हैं। इस धमकी भरे कॉल मामले में आजाद मैदान पुलिस ने कार्रवाई की है।
मुंबई पुलिस ने बताया है कि आरोपी ने कई बार धमकी भरे फोन कॉल किए हैं। चूंकि उन्होंने यह फोन कॉल मुंबई पुलिस कंट्रोल रूम को किया था, इसलिए आजाद मैदान पुलिस ने इस संबंध में जांच शुरू कर दी है और उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है। धमकी भरे फोन कॉल मुंबई के लिए सिरदर्द बन गए हैं। पुलिस ऐसे फोन कॉल्स को बहुत गंभीरता से लेती है, क्योंकि इसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता। मुंबई पुलिस आयुक्त विवेक पनसलकर ने भी धमकी भरे कॉल को लेकर आवश्यक कार्रवाई के निर्देश जारी किए हैं, जिसके चलते पुलिस इस मामले में गंभीरता से कार्रवाई कर रही है।
राजनीति
लोगों को जोड़ने वाली कर्म की राजनीति से ही सभी की भलाई संभव : मायावती

लखनऊ, 16 अप्रैल। उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) अध्यक्ष मायावती ने बुधवार को उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड राज्य में पार्टी के वरिष्ठ पदाधिकारियों और जिला अध्यक्षों के साथ अहम बैठक की। इस बैठक में दोनों राज्यों में पार्टी संगठन की समीक्षा की गई।
बैठक में बसपा प्रमुख मायावती ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि डबल इंजन की भाजपा सरकार सर्वसमाज के करोड़ों गरीब बहुजनों के समुचित हित, कल्याण एवं विकास के हिसाब से कार्य न करके, सपा सरकार की तरह ही, केवल कुछ क्षेत्र व समूह विशेष के लोगों के लिए ही समर्पित है और वैसा ही दिखना भी चाहती है, जिससे यूपी का बहु-अपेक्षित व अति-प्रतीक्षित विकास प्रभावित हो रहा है। जबकि, बसपा की सभी चारों सरकारों में सर्वसमाज को न्याय दिलाने और विकास में उचित भागीदार बनाने के साथ-साथ कानून द्वारा कानून का राज सख्ती से स्थापित करके खासकर करोड़ों दलितों, पिछड़ों, महिलाओं, किसानों और बेरोजगारों आदि अन्य उपेक्षितों के हितों की रक्षा, सुरक्षा व उन्हें न्याय दिलाने पर विशेष बल दिया गया था, जिससे यहां हर तरफ अमन चैन का माहौल था। इसलिए यूपी और उत्तराखंड भाजपा सरकार को भी धर्म को कर्म के बजाय कर्म को धर्म मानकर कार्य करने का सही संवैधानिक दायित्व निभाना जरूरी है, जिसमें ही जन व देशहित पूरी तरह से निहित है।
उन्होंने कहा कि वैसे तो बहुजनों में भी खासकर दलित समाज के वोटों के स्वार्थ की खातिर बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर को उनकी जयंती आदि पर याद करने की होड़ सी लगी रही है, किंतु ऐसे समय में भी उनकी प्रतिमाओं का अनादर व उनके अनुयायियों को प्रताड़ित करने और हत्या आदि की वारदातें यह साबित करती हैं कि इन बीएसपी विरोधी पार्टियों में बाबा साहेब डॉ. अंबेडकर के प्रति आदर-सम्मान, निष्ठा व ईमानदारी राजनीति से प्रेरित छलावा है।
बैठक में “ट्रंप टैरिफ गेम” को लेकर पूरी दुनिया में मची आर्थिक खलबली और उथलपुथल का संज्ञान लेते हुए बसपा प्रमुख मायावती ने कहा कि दुनिया की सबसे विशाल आबादी वाला विकासशील देश होने के नाते भारत के करोड़ों गरीब व पिछड़े बहुजनों की महंगाई, गरीबी व बेरोजगारी आदि की विशेष समस्याएं व चिंताएं हैं, जिसका सरकार को अपनी नीति बनाते समय जरूर खास ध्यान रखना चाहिए। इसके साथ ही, ऐसे अकस्मात आए नए आर्थिक चुनौतियों का सामना करते समय भारत को अपने आत्म-सम्मान पर किसी प्रकार की कोई आंच नहीं आने देना चाहिए, यही सरकार से जन अपेक्षा है।
उन्होंने आगे कहा कि देश व खासकर उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड राज्य में भी द्वेष व विभाजन की संकीर्ण राजनीति खत्म होनी चाहिए तथा लोगों को जोड़ने वाली कर्म की राजनीति के जरिए जन व देशहित में कार्य करना जरूरी है।
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