व्यापार
न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक घोटाला: EOW ने मुख्य आरोपियों द्वारा उच्च ब्याज दर पर ऋण धोखाधड़ी का पर्दाफाश किया

मुंबई: मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक में हुए 122 करोड़ रुपये के घोटाले में चौंकाने वाले खुलासे कर रही है। ताजा जांच में पता चला है कि मुख्य आरोपी हितेश मेहता ने 2020 में कोविड-19 अवधि के दौरान जमाकर्ताओं को अवैध रूप से बैंक फंड को उच्च ब्याज दर पर ऋण के रूप में वितरित किया।
ईओडब्ल्यू सूत्रों के अनुसार, महामारी के दौरान कई छोटे व्यापारियों को भारी आर्थिक नुकसान हुआ और उन्हें तत्काल धन की आवश्यकता थी। उनकी कमजोरी का फायदा उठाते हुए, मेहता ने कानूनी बैंकिंग प्रक्रियाओं को दरकिनार करते हुए उन्हें अत्यधिक ब्याज दरों पर करोड़ों रुपये का ऋण प्रदान किया।
ईओडब्ल्यू अब उन व्यापारियों की सही संख्या की जांच कर रहा है जिन्हें ये अनधिकृत ऋण मिले और कुल कितनी राशि वितरित की गई। ईओडब्ल्यू के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि वाणिज्य स्नातक मेहता 1987 में बैंक में शामिल हुए और बाद में 2002 में उन्हें महाप्रबंधक और मुख्य लेखाकार के पद पर पदोन्नत किया गया। उन्हें इस साल अक्टूबर में सेवानिवृत्त होना था, लेकिन उनके बड़े पैमाने पर धोखाधड़ी का खुलासा पहले ही हो गया।
सूत्रों से पता चला है कि EOW की एक टीम जल्द ही भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के वरिष्ठ अधिकारियों से मिलने के लिए जाएगी। इस बैठक का उद्देश्य यह समझना है कि RBI ने 12 फरवरी को बैंक का अचानक निरीक्षण क्यों किया और अचानक ऑडिट क्यों किया गया।
इसके अलावा, ईओडब्ल्यू के अधिकारी आरबीआई से विस्तृत रिपोर्ट मांगेंगे और पूछेंगे कि 2019 से वित्तीय अनियमितताएं होने के बावजूद पहले कोई कार्रवाई क्यों नहीं की गई। जांच जारी है और आने वाले दिनों में और खुलासे होने की उम्मीद है।
राष्ट्रीय समाचार
ग्रेटर नोएडा में ‘इंटरनेशनल ट्रेड शो’ में उद्यमियों से मिले पीएम मोदी, उनके काम को लेकर ली जानकारी

नई दिल्ली, 25 सितंबर। पीएम मोदी ने गुरुवार को उत्तर प्रदेश के ग्रेटर नोएडा में ‘इंटरनेशनल ट्रेड शो’ का उद्घाटन करने के बाद ट्रेड शो में पहुंचे उद्यमियों से मुलाकात की। प्रधानमंत्री से बातचीत करने वाले उद्यमी अभिषेक ग्रोवर ने न्यूज एजेंसी मिडिया को बताया कि पीएम मोदी ने पीएम विश्वकर्मा योजना की अगली पहली सीएम युवा योजना को लेकर उनके काम की जानकारी ली।
ग्रोवर ने कहा, “हम इन दोनों ही योजनाओं से जुड़े हैं। पीएम मोदी और यूपी सीएम योगी ने हमसे जानकारी ली कि हमारी आगे की क्या योजना रहेगी, हम किस तरह जुड़े हैं और इसमें क्या चल रहा है। उन्होंने समझने की कोशिश की कि हम किस तरह से युवाओं को जोड़ पा रहे हैं। हम उत्तर प्रदेश सरकार से जुड़ें हैं ताकि युवाओं, महिलाओं और दिव्यांगों को सशक्त किया जा सके।”
उन्होंने आगे कहा कि ट्रेड शो जो कि एक बड़ा मंच है। यह एक ऐसा मंच जहां आप अपने ब्रांड को शोकेस करने का मौका पाते हैं। साथ ही, जनता को यह बताने का मौका मिलता है कि आपका बिजनेस क्या है और किसी खास तरह के बिजनेस में युवाओं की भागीदारी कैसे बढ़ सकती है। यह ट्रेड शो युवाओं को आगे बढ़ाने के लिए काफी महत्वपूर्ण है।
ट्रेड शो में दूसरी बार पहुंची निशात मिर्जा ने कहा कि पीएम मोदी का मुझसे बातचीत करना मेरे लिए एक गर्व का क्षण है।
उन्होंने कहा, “पीएम मोदी ने मुझसे जानने की कोशिश की कि हमारा सामान किस तरह बिक रहा है, हम कैसे काम करते हैं। उन्होंने हमारी सराहना की।”
रोबोटिक्स में ग्लोबल लीडर एडवर्ब कंपनी में काम करने वाले राहुल त्यागी ने मिडिया से कहा, “आज सुबह पीएम मोदी हमारे बूथ में आए थे। उन्होंने हमारे सीईओ संगीत कुमार से बात की। उन्होंने हमारी कंपनी और हमारे उत्पादों के बारे में जानकारी ली। यह पल हमारे लिए काफी उत्साह भरा था। हमारी पूरी कंपनी में ही एक हर्ष और उत्साह का माहौल था।”
हाई-टेक मैन्युफैक्चरिंग कंपनी राफे एमफिब्र की ओर से पूजा मिश्रा ने मिडिया से कहा, “हमारे चेयरमैन विकास मिश्रा के साथ पीएम मोदी का वार्तालाप हुआ। हमने उन्हें अपने काम को लेकर आश्वासन दिया कि हम तत्परता से अपना काम कर रहे हैं। डिफेंस में हम भारत को आत्मनिर्भर बना सकते हैं। बिगुल बज चुका है।”
मिश्रा ने मिडिया को बताया कि पिछले महीने रक्षा मंत्री उनकी फैसिलिटी में आए थे।
उन्होंने कहा, “हमारी फैसिलिटी भारत में कई मामलों में नंबर एक स्थान पर है। हम रिसर्च ड्रिवन एयरक्राफ्ट मैन्युफैक्चरर्स हैं। हमारी सारी मशीनरी इन-हाउस है। हम अभी कुल मिलाकर काम करने वाले 700 लोग हैं। हमने यूपी सीएम योगी को यह आश्वासन दिया है कि आने वाले तीन-चार वर्षों में हमारे काम करने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 10 हजार हो जाएगी और हम स्किल डेवलपमेंट को बढ़ावा देते हुए काम करते रहेंगे।”
राजनीति
मतगणना प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने की पहल, चुनाव आयोग ने जारी किए निर्देश

नई दिल्ली, 25 सितंबर चुनाव आयोग ने गुरुवार को पिछले छह महीनों में अपने 30वें बड़े कदम के तौर पर एक नया निर्देश जारी किया। इसका उद्देश्य मतगणना प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करना है, खासकर डाक मतपत्रों की गिनती के लिए।
आयोग के प्रेस नोट में इस कदम के बारे में बताया गया, जिसका उद्देश्य वोटों की गिनती में देरी को कम करने के साथ-साथ पारदर्शिता और एकरूपता सुनिश्चित करना है।
चुनाव आयोग का यह फैसला पोस्टल बैलेट की संख्या में हुई भारी बढ़ोतरी के मद्देनजर लिया गया है। यह बढ़ोतरी विकलांग व्यक्तियों (पीडब्ल्यूडी) और 85 वर्ष से अधिक उम्र के वरिष्ठ नागरिकों के लिए घर पर मतदान जैसी हाल की पहलों का परिणाम है।
हालांकि, आमतौर पर पोस्टल बैलेट की गिनती इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) से वोटों की गिनती से पहले पूरी हो जाती है, लेकिन यह नया नियम इस प्रक्रिया को औपचारिक बनाने के लिए है।
नए निर्देश के अनुसार, चुनाव आयोग ने कहा कि ईवीएम/वीवीपैट की मतगणना का दूसरा अंतिम चरण तब तक शुरू नहीं होगा जब तक डाक मतपत्रों (पोस्टल बैलट) की गिनती पूरी नहीं हो जाती उस मतगणना केंद्र पर जहां डाक मतपत्रों की गिनती हो रही है।
चुनाव आयोग ने यह भी निर्देश दिया कि जहां डाक मतपत्रों की संख्या अधिक हो, वहां रिटर्निंग ऑफिसर (आरओ) को यह सुनिश्चित करना होगा कि पर्याप्त संख्या में टेबल और गिनती कर्मचारी उपलब्ध हों ताकि कोई देरी न हो और मतगणना प्रक्रिया को और सुचारू बनाया जा सके।
प्रेस नोट में इस बात पर जोर दिया गया है कि यह पूरी प्रक्रिया को और अधिक सुव्यवस्थित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
यह पहल चुनाव आयोग की ओर से पिछले छह महीनों में किए गए व्यापक चुनावी सुधारों की श्रृंखला का एक हिस्सा है।
आयोग के पिछले 29 उपायों में मतदाताओं की सुविधा बढ़ाने, चुनावी प्रणाली को मजबूत करने और तकनीक के उपयोग को बेहतर बनाने की पहल शामिल रही हैं।
इनमें मतदाताओं के लिए मोबाइल डिपॉजिट सुविधा, 808 रजिस्टर्ड गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (आरयूपीपी) को सूची से हटाना, भीड़ कम करने के लिए एक मतदान केंद्र में 1,200 से अधिक मतदाता न रखना, बीएलओ को स्टैंडर्ड फोटो आईडी कार्ड जारी करना, ईआरओ, डीईओ और सीईओ स्तर पर देश भर में 4,719 सर्वदलीय बैठकें आयोजित करना, ईसीआईएनईटी डिजिटल प्लेटफॉर्म का शुभारंभ आदि शामिल हैं।
पोस्टल बैलेट पर नया निर्देश चुनाव आयोग की चुनावी प्रणाली की कार्यक्षमता और पारदर्शिता में सुधार के प्रति उसकी निरंतर प्रतिबद्धता को और मजबूत करता है।
व्यापार
एनएसई पर यूनिक निवेशकों की संख्या 12 करोड़ के पार, महिलाओं की हिस्सेदारी 25 प्रतिशत हुई

मुंबई, 25 सितंबर। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) पर यूनिक निवेशकों की संख्या (23 सितंबर तक) 12 करोड़ से अधिक हो गई है। यह जानकारी गुरुवार को एक्सचेंज की ओर से दी गई।
एनएसई ने बताया कि कुल निवेशक खातों (यूनिक क्लाइंट कोड्स) की संख्या 23.5 करोड़ हो गई है, जो कि जुलाई 2025 में 23 करोड़ को पार कर गई थी। इसमें आज तक हुई सभी ग्राहक पंजीकरण शामिल हैं।
ग्राहक एक से अधिक ट्रेडिंग मेंबर्स (ब्रोकर्स) के साथ पंजीकरण कर सकते हैं। इस कारण से निवेशक खातों की संख्या हमेशा यूनिक इन्वेस्टर्स से अधिक रहती है।
एनएसई के अनुसार, आज हर 4 निवेशकों में से एक (करीब 25 प्रतिशत) महिलाएं हैं। 12 करोड़ यूनिक निवेशकों की मीडियन ऐज 33 वर्ष हो चुकी है, जो कि 5 साल पहले 38 वर्ष थी और 40 प्रतिशत निवेशकों की संख्या 30 वर्ष से कम की है।
एनएसई के चीफ बिजनेस डेवलपमेंट ऑफिसर श्रीराम कृष्णन ने कहा, “इस साल, हमने अपने निवेशक आधार के मामले में एक और महत्वपूर्ण मानदंड पार कर लिया है। जनवरी में 11 करोड़ का आंकड़ा पार करने के बाद, यह सराहनीय है कि वैश्विक व्यापार और भू-राजनीति को लेकर लगातार बनी चिंताओं के बावजूद, एनएसई से जुड़ने वाले निवेशकों की संख्या लगभग आठ महीनों में एक करोड़ अतिरिक्त बढ़ गई है।”
इस स्थिर वृद्धि को कई प्रमुख कारकों का समर्थन प्राप्त है, जिसमें एक सुव्यवस्थित केवाईसी प्रक्रिया, हितधारकों के नेतृत्व वाले निवेशक जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से बढ़ी हुई वित्तीय साक्षरता, और निरंतर सकारात्मक बाजार धारणा शामिल है।
कृष्णन ने आगे कहा, “इक्विटी, एक्सचेंज-ट्रेडेड फंड (ईटीएफ), रियल एस्टेट इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (आरईआईटी), इंफ्रास्ट्रक्चर इन्वेस्टमेंट ट्रस्ट (इनविट), सरकारी बॉन्ड और कॉर्पोरेट बॉन्ड सहित एक्सचेंज-ट्रेडेड इंस्ट्रूमेंट्स में भागीदारी में वृद्धि इन कारकों को रेखांकित करती है।”
एनएसई के परिचालन शुरू होने के 14 साल बाद पंजीकृत निवेशक आधार 1 करोड़ के आंकड़े तक पहुंच गया था, अगले 1 करोड़ जुड़ने में लगभग सात साल लगे, उसके बाद 1 करोड़ जुड़ने में लगभग साढ़े तीन साल लगे और उसके बाद एक साल से थोड़ा ज्यादा समय लगा।
दूसरे शब्दों में, मार्च 2021 में पंजीकृत निवेशक आधार को 4 करोड़ के आंकड़े तक पहुंचने में 25 साल से ज्यादा का समय लगा और उसके बाद के 1 करोड़ निवेशक लगभग 6-7 महीनों में जुड़े।
भारत में निवेशकों की भागीदारी में तेजी से वृद्धि डिजिटलीकरण, फिनटेक तक बेहतर पहुंच, बढ़ते मध्यम वर्ग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सहायक नीतिगत उपायों के कारण है।
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