राष्ट्रीय समाचार
नवजोत सिंह सिद्धू के शनिवार को जेल से रिहा होने की संभावना

चंडीगढ़, 31 मार्च : पंजाब कांग्रेस के पूर्व प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू, जो 1988 के रोड रेज मामले में अपने गृहनगर पटियाला की जेल में एक साल के सश्रम कारावास की सजा काट रहे हैं, शनिवार को समय से 45 दिन पहले रिहा होने की संभावना है। सिद्धू के हैंडल से शुक्रवार को किए गए एक ट्वीट में कहा गया, ‘सभी को सूचित किया जाता है कि सरदार नवजोत सिंह सिद्धू को कल पटियाला जेल से रिहा कर दिया जाएगा। हालांकि, सेंट्रल जेल के अधिकारियों ने समय से पहले उनकी रिहाई की पुष्टि नहीं की है।
सिद्धू ने 20 मई, 2022 को 1988 के रोड रेज मामले में पटियाला की एक अदालत के सामने आत्मसमर्पण कर दिया था। घटना में 65 वर्षीय एक व्यक्ति की मौत हो गई थी।
जेल अधिकारियों ने आईएएनएस को बताया कि सिद्धू के अच्छे आचरण के कारण उन्हें समय से पहले रिहा कर दिया जाएगा। जेल से उनकी रिहाई 16 मई को निर्धारित थी।
इससे पहले जनवरी में आजादी का अमृत महोत्सव के तहत अन्य कैदियों के साथ सिद्धू की जल्द रिहाई हुई थी, लेकिन राज्य की आप सरकार ने उनकी सजा में छूट देने से इनकार कर दिया था।
सिद्धू को एक साधारण बैरक में रखा गया है, क्योंकि सरकार ने वीआईपी कैदियों के लिए जेलों में विशेष प्रकोष्ठों को बंद करने का फैसला किया है।
एक समय, शिरोमणि अकाली दल (शिअद) के सबसे शक्तिशाली नेताओं में से एक, बिक्रम सिंह मजीठिया, उसी जेल में न्यायिक हिरासत में हैं, जहां सिद्धू बंद हैं। ड्रग्स मामले के आरोपी मजीठिया कभी सिद्धू के करीबी दोस्त थे और अब राजनीतिक दुश्मन हैं।
पिछले विधानसभा चुनाव में वे अमृतसर (पूर्व) से मैदान में थे, लेकिन उन्हें आप की जीवन ज्योति कौर से हार का सामना करना पड़ा।
राजनीति
नया बिल संविधान की रक्षा के लिए, विपक्ष को डरने की जरूरत नहीं : श्रीकांत शिंदे

मुंबई, 25 अगस्त। शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की ओर से संसद में पेश किए गए तीन विधेयकों को लेकर अपनी बातें रखीं। उन्होंने सोमवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा कि यह बिल संविधान की रक्षा के लिए लाया जा रहा है, न कि किसी को जेल में डालने के लिए।
उन्होंने कहा, “हमने देखा है कि देश में कई बड़े नेता, यहां तक कि मुख्यमंत्री और मंत्री भी जेल गए। लेकिन, उन्होंने अपने पद से इस्तीफा नहीं दिया। लोकतंत्र में जब किसी पर आरोप लगता है, तो जांच और विचार-विमर्श जरूरी होता है। इसी सोच के साथ सरकार यह नया बिल ला रही है, जो संविधान की रक्षा के लिए है।”
उन्होंने जोर देकर कहा कि यह बिल किसी को निशाना बनाने के लिए नहीं, बल्कि संवैधानिक मूल्यों को मजबूत करने के लिए है।
उन्होंने विपक्ष के सवाल पर कहा, “अगर विपक्ष के नेताओं ने कुछ गलत नहीं किया, तो उन्हें इस बिल से डरने की क्या जरूरत है? यह बिल लोकतंत्र और संविधान के हित में है। सरकार का मकसद किसी को परेशान करना नहीं, बल्कि पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करना है।”
दरअसल, पिछले दिनों केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने संसद के मानसून सत्र में तीन अहम बिल पेश किए थे। उनकी ओर से पेश किए गए बिल में मुख्य रूप से संविधान (130वां संशोधन) विधेयक, 2025, संघ राज्य क्षेत्र सरकार (संशोधन) विधेयक, 2025 और जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2025 शामिल थे।
लोकसभा में पेश किए गए बिल का मुख्य उद्देश्य यह है कि अगर कोई केंद्रीय मंत्री, किसी राज्य का मुख्यमंत्री या किसी केंद्र शासित प्रदेश का मुख्यमंत्री किसी आपराधिक मामले में आरोपी पाया जाता है, तो उसे तत्काल अपने पद से इस्तीफा देना होगा। लेकिन, केंद्रीय मंत्री की ओर से पेश किए गए इस बिल का विपक्ष की ओर से विरोध किया जा रहा है।
राष्ट्रीय समाचार
सीएसडीएस एनालिस्ट संजय कुमार को ‘सुप्रीम’ राहत, महाराष्ट्र वोटर डेटा मामले में एफआईआर पर रोक

SUPRIM COURT
नई दिल्ली, 25 अगस्त। ‘सेंटर फॉर द स्टडी ऑफ डेवलपिंग सोसायटीज’ (सीएसडीएस) के एनालिस्ट संजय कुमार को सुप्रीम कोर्ट से बड़ी राहत मिली है। सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से जुड़े एक मामले में उनके खिलाफ दर्ज एफआईआर पर स्टे लगा दी है।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव से संबंधित वोटर डेटा पर कथित रूप से भ्रामक जानकारी प्रकाशित करने को लेकर संजय कुमार के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई थी। इस मामले में संजय कुमार ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया और याचिका दायर कर अपने खिलाफ दर्ज एफआईआर को रद्द करने की मांग की।
सुप्रीम कोर्ट ने सीएसडीएस के एनालिस्ट संजय कुमार की याचिका पर सुनवाई करते हुए महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने साफ किया है कि अगली सुनवाई तक पुलिस उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं करेगी। मामले की अगली सुनवाई तक सुप्रीम कोर्ट ने संजय कुमार को राहत दी है।
इससे पहले, संजय कुमार ने इस मामले में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट के जरिए माफी भी मांगी थी। उन्होंने पोस्ट में लिखा था, “महाराष्ट्र चुनावों के संबंध में पोस्ट किए गए ट्वीट के लिए मैं तहे दिल से माफी चाहता हूं। 2024 के लोकसभा और 2024 के विधानसभा चुनावों के आंकड़ों की तुलना करते समय त्रुटि हुई। पंक्ति में दिए गए आंकड़ों को हमारी डेटा टीम ने गलत पढ़ा था। ट्वीट को अब हटा दिया गया है। मेरा किसी भी प्रकार की गलत सूचना फैलाने का कोई इरादा नहीं था।”
आपको बताते चलें, संजय कुमार ने 2024 के लोकसभा चुनाव और महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की मतदाता सूची का जिक्र करते हुए मतदाताओं की संख्या में भारी बदलाव होने का दावा किया था। उन्होंने कहा था कि रामटेक विधानसभा क्षेत्र में मतदाताओं की संख्या में 38.45 फीसदी की कमी आई। वहीं, देवलाली में भी उन्होंने 36.82 फीसदी मतदाताओं की कमी का दावा किया था।
राजनीति
शिरसाट ने 5 करोड़ रुपए का घोटाला किया, सीएम करें सिडको रिपोर्ट की जांच : रोहित पवार

मुंबई, 25 अगस्त। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एसपी) के नेता रोहित पवार ने सोमवार को शिवसेना विधायक संजय शिरसाट पर हजारों करोड़ रुपए का घोटाला करने का आरोप दोहराया। उन्होंने मुख्यमंत्री से सिडको (शहर एवं औद्योगिक विकास निगम) रिपोर्ट दस्तावेजों को देखने की मांग की।
एनसीपी (एसपी) नेता रोहित पवार ने मिडिया से कहा, “सिडको प्रमुख शिरसाट ने 5 हजार करोड़ रुपए का घोटाला किया है। सिडको की कानूनी रिपोर्ट में ही जमीन के हस्तांतरण का विरोध किया गया है। जब मामला सुप्रीम कोर्ट में है, तो राज्य सरकार और सिडको एक ही व्यक्ति को जमीन क्यों बेच रहे हैं? दो दिन में 42 टेबलों पर फाइल चली, शिरसाट ने कागजात पर हस्ताक्षर किए। अगर आप दस्तावेजों को पढ़ेंगे तो समझ आ जाएगा। मैं मुख्यमंत्री से अनुरोध करूंगा कि वे दस्तावेजों को देखें।”
उन्होंने भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर के उस बयान पर निशाना साधा, जिसमें उन्होंने स्कूली बच्चों से बातचीत के दौरान चांद पर सबसे पहले कदम रखने वाले व्यक्ति के बारे में पूछा और बाद में खुद जवाब दिया कि हनुमान जी थे। रोहित पवार ने कहा, “हम सभी को शुभांशु शुक्ला पर गर्व है, वे अंतरिक्ष से लौटे हैं। प्रधानमंत्री ने उनका स्वागत किया, उन्हें अनुराग ठाकुर के साथ बैठकर बहस करनी चाहिए। हम सभी जानते हैं कि पहला अंतरिक्ष यात्री कौन था। यह विज्ञान पर आधारित तथ्य है, जिसका अध्ययन जरूरी है, लेकिन अनुराग ठाकुर ने राजनीतिक बयान दिया है।”
भारत और पाकिस्तान के बीच क्रिकेट एशिया कप को लेकर उन्होंने कहा, “पहलगाम आतंकी हमले में 26 से 27 लोगों की जान चली गई। दूसरी ओर, जब पाकिस्तानी अधिकारी अमेरिका जाते हैं, तो वे ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बारे में अपनी ही बात कहते हैं, जो पूरी तरह से गलत है। हम बीसीसीआई से अपील करते हैं कि भारत और पाकिस्तान के बीच एशिया कप मैच नहीं होना चाहिए।”
प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को उनके पद से हटाए जाने वाले विधेयक पर उन्होंने कहा, “जब प्रवर्तन निदेशालय से जुड़ा विधेयक पेश किया गया था, तो हमें उम्मीद थी कि यह एक स्वतंत्र संस्था होने के नाते भ्रष्ट व्यवसायों के खिलाफ काम करेगा, लेकिन बाद में प्रवर्तन निदेशालय क्या कर रहा है? विपक्ष को निशाना बनाकर 98 प्रतिशत कार्रवाई विपक्ष के खिलाफ की गई। सरकार की ओर से प्रवर्तन निदेशालय काम कर रहा है, इसलिए उन्हें जो कहना है, कहने दीजिए, लेकिन यह विधेयक लोकतंत्र विरोधी है।”
उन्होंने कहा, “मुख्यमंत्री को यह तय करने का अधिकार है कि किसे मंत्रिमंडल में रखना है। आप मुख्यमंत्री की शक्ति छीन रहे हैं, यह लोकतांत्रिक व्यवस्था के विरुद्ध है। आपने जेपीसी का गठन किया है, लेकिन उसमें आप केवल हमारी बात सुनते हैं, जबकि हमारी राय पर कभी अमल नहीं करते। प्रधानमंत्री के खिलाफ कौन आपत्ति करेगा? यह बहुत अस्पष्ट विधेयक है। यह विपक्ष पर दबाव बनाने की रणनीति मात्र है; उन्हें लगता है कि 2029 में वे महाराष्ट्र में सत्ता खो देंगे, इसलिए नेताओं को नियंत्रित करने के लिए वे यह विधेयक ला रहे हैं।”
महाराष्ट्र सरकार के कैबिनेट मंत्री एवं भाजपा नेता नितेश राणे के वराह जयंती मनाने वाले बयान पर रोहित पवार ने कहा, “नितेश राणे को खबरों में रहना पसंद है। यही एकमात्र कारण है कि वे वराह जयंती मना रहे हैं।”
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