अंतरराष्ट्रीय समाचार
अफगानिस्तान में नाटो की उपस्थिति स्थिति आधारित : स्टोलेनबर्ग
नाटो के महासचिव जेंस स्टोलेनबर्ग ने कहा कि दोहा में जारी मौजूदा वार्ता की स्थिति ‘कमजोर’ है और देश में अंतर्राष्ट्रीय बलों की उपस्थिति स्थिति आधारित है। टोलो न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, स्टोलेनबर्ग ने कहा, “शांति प्रक्रिया का भाग होने के कारण, नाटो ने अफगानिस्तान में अपनी उपस्थिति को समायोजित किया है और हमारी उपस्थिति स्थिति आधारित है। भविष्य में किसी भी प्रकार का समायोजन शांति वार्ता और जमीनी स्थिति पर निर्भर करेगा।”
उन्होंने कहा कि दोहा वार्ता अफगानिस्तान में शांति के लिए एक ऐतिहासिक अवसर है।
स्टोलेनबर्ग ने कहा कि नाटो अफगानिस्तान में शांति प्रक्रिया को अपना समर्थन देता है। दोहा वार्ता हालांकि कमजोर है, लेकिन यह शांति के लिए बेहतरीन अवसर है।
स्टोलेनबर्ग ने कहा, “तालिबान को संघर्षविराम के अस्वीकार्य स्तरों को निश्चित ही कम करना चाहिए। उन्हें साथ ही अलकायदा और आतंकवादी संगठनों के साथ संबंध तोड़ने चाहिए, ताकि अफगानिस्तान कभी भी हमारे देश में आतंकवादी हमलों का मंच नहीं बने।”
अंतरराष्ट्रीय समाचार
एक दिन में पाकिस्तान और ईरान से निकाले गए 4000 अफगान रिफ्यूजी

काबुल, 1 दिसंबर: 4000 से ज्यादा अफगान शरणार्थियों को ईरान और पाकिस्तान ने एक ही दिन में चलता कर दिया। इन्हें जबरदस्ती देश से निकाला गया और इसकी जानकारी तालिबान के हवाले से अफगान मीडिया ने दी।
पझवोक अफगान न्यूज ने अपनी रिपोर्ट में तालिबान के उप प्रवक्ता हमदुल्ला फितरत के एक्स पोस्ट का जिक्र किया। फितरत ने सोशल प्लेटफॉर्म पर प्रवासी मुद्दों को सुलझाने के लिए गठित उच्चायुक्त की रिपोर्ट शेयर की, जिसमें रविवार को 4,834 सदस्यों वाले 1,053 परिवारों के अफगानिस्तान लौटने का जिक्र था।
पोस्ट के मुताबिक, रिफ्यूजी नंगरहार में तोरखम क्रॉसिंग, हेरात में इस्लाम कला क्रॉसिंग, निमरोज में पुल-ए-अब्रेशम, कंधार में स्पिन बोल्डक और हेलमंद में बहरामचा के जरिए अफगानिस्तान में दाखिल हुए।
फितरत ने कहा कि 6,566 सदस्यों वाले 1,160 परिवारों को उनके अपने इलाकों में ले जाया गया, जबकि 780 परिवारों को मानवीय मदद दी गई। इसके अलावा, अफगानिस्तान लौटने वाले अफगान रिफ्यूजी को 827 सिम कार्ड दिए गए।
हमदुल्ला फितरत ने कहा कि शनिवार को पाकिस्तान और ईरान से 1,188 परिवारों (जिनमें 6,553 लोग शामिल थे) को जबरदस्ती अफगानिस्तान वापस भेज दिया गया।
पिछले हफ्ते, अफगान मीडिया ने बताया कि इस्लामाबाद पुलिस ने पाकिस्तान की राजधानी स्थित अर्जेंटीना पार्क में रात भर छापा मारा। कई अफगान शरणार्थियों और महिला एक्टिविस्ट्स को पहले पीटा गया, फिर उन्हें हिरासत में लिया गया।
अफगान मीडिया आउटलेट अमू टीवी ने सूत्रों के हवाले से बताया कि पुलिस ने रात में पूर्व सूचना के बगैर पार्क को घेर लिया और लगभग 200 अफगान परिवारों और एक्टिविस्ट्स के लगाए तंबू निकाल फेंके और उन्हें जबरदस्ती हटा दिया। सभी लगभग चार महीने से वहां रह रहे थे।
वीडियो संदेश में, एक प्रवासी ने कहा, “वे आए, सबको इकट्ठा किया, सारे टेंट हटा दिए और हमें गाड़ियों में भर दिया। कुछ बच्चे घायल हैं। हमें नहीं पता कि वे हमें कहां ले जा रहे हैं।”
एक और समाजसेवी, जिसकी आंख और माथे पर चोट थी, ने कहा कि पुलिस ने उसे पीटा। अमू टीवी ने उसके हवाले से कहा, “मैं अफगान हूं, और क्योंकि मैं एक महिला हूं, इसलिए यहां महिला अधिकारों और मानवाधिकार के लिए हूं। “
अफगान रिफ्यूजी और सामाजिक कार्यकर्ता ने कहा कि पुलिस ने लगभग 400 निर्बल परिवारों को जबरदस्ती अफगानिस्तान भेजने की धमकी दी। अधिकार समूहों ने इन कार्रवाइयों पर फिक्र जताते हुए कहा कि यह कार्रवाई शरणार्थी संरक्षण के अंतरराष्ट्रीय मानकों का उल्लंघन है।
मानवाधिकार समूहों के कार्यकर्ताओं ने अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार समूहों और मीडिया से अफगान शरणार्थियों के लिए आवाज उठाने की अपील की और इस मुद्दे पर लगातार चुप्पी को खतरनाक बताया। कहा, इस खामोशी का मतलब साफ है कि हम “उन लोगों का साथ छोड़ रहे हैं जिनका एकमात्र हथियार इंसाफ के लिए अपनी आवाज उठाना है। “
अंतरराष्ट्रीय समाचार
2026 में 35 देशों के फोरम इंटरनेशनल आईडीईए का नेतृत्व करेंगे सीईसी ज्ञानेश कुमार

नई दिल्ली, 27 नवंबर: मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार 2026 के लिए अंतरराष्ट्रीय लोकतंत्र और चुनावी सहायता संस्थान (इंटरनेशनल आईडीईए) के अध्यक्ष बनेंगे। वे 3 दिसंबर, 2025 को स्टॉकहोम, स्वीडन में होने वाली सदस्य देशों की परिषद की बैठक में इस पद का कार्यभार ग्रहण करेंगे।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ज्ञानेश कुमार अध्यक्ष के रूप में 2026 के दौरान सभी परिषद बैठकों की अध्यक्षता भी करेंगे।
इंटरनेशनल आईडीईए एक अंतर-सरकारी संगठन है, जिसे 1995 में स्थापित किया गया था। इसका मुख्य उद्देश्य विश्वभर में लोकतांत्रिक संस्थाओं और प्रक्रियाओं को मजबूत करना है। वर्तमान में इसके 35 सदस्य देश हैं, जबकि संयुक्त राज्य अमेरिका और जापान जैसे देशों को पर्यवेक्षक का दर्जा प्राप्त है। यह संगठन समावेशी, लचीली और जवाबदेह लोकतांत्रिक व्यवस्थाओं को बढ़ावा देने का काम करता है।
भारत की अध्यक्षता निर्वाचन आयोग की वैश्विक पहचान और सफलता का प्रतीक है। भारत ने शुरुआत से ही इस संगठन के संचालन, लोकतांत्रिक संवाद और संस्थागत पहल में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। ज्ञानेश कुमार के नेतृत्व में भारत का उद्देश्य इस संगठन के वैश्विक एजेंडे को आकार देना और चुनावी सुधारों को बढ़ावा देना है।
भारत का निर्वाचन आयोग, जो दुनिया का सबसे बड़ा और सबसे विश्वसनीय चुनाव प्रबंधन निकाय है, अपनी सर्वश्रेष्ठ पद्धतियों को दुनिया भर के निर्वाचन निकायों के साथ साझा करेगा।
इसके अलावा, आईआईआईईडीएम (भारत अंतर्राष्ट्रीय लोकतंत्र और चुनाव प्रबंधन संस्थान) और आईआईडीईए के सहयोग से चुनावी हिंसा, गलत सूचना और मतदाताओं के विश्वास में कमी जैसी समस्याओं से निपटने के लिए वैश्विक स्तर पर कार्य किए जाएंगे।
अब तक, आईआईआईडीईएम ने 28 देशों के साथ समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किए हैं और लगभग 142 देशों के 3,169 चुनाव अधिकारियों को प्रशिक्षित किया है। इस सहयोग के जरिए भारत निर्वाचन आयोग के नवाचारी प्रौद्योगिकीय उपायों और सर्वोत्तम पद्धतियों को वैश्विक स्तर पर बढ़ावा मिलेगा।
मुख्य निर्वाचन आयुक्त के नेतृत्व में इंटरनेशनल आइडिया और निर्वाचन आयोग मिलकर ईसीआई की तकनीकी एवं प्रशासनिक इनोवेटिव तथा सर्वश्रेष्ठ प्रथाओं को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दस्तावेजीकृत कर प्रसारित करेंगे। यह अध्यक्षता भारत की मजबूत लोकतांत्रिक परंपरा और निर्वाचन प्रबंधन में उसकी वैश्विक नेतृत्व क्षमता का प्रमाण है।
मुख्य चुनाव आयुक्त के नेतृत्व में इंटरनेशनल आईडीईए और चुनाव आयोग मिलकर ईसीआई के तकनीकी और प्रशासनिक नवाचारों तथा सर्वोत्तम प्रथाओं को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दस्तावेजित और प्रसारित करेंगे।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
ट्रंप ने नेशनल गार्ड्स पर हमले को बताया ‘आतंकी कृत्य’, वाशिंगटन में 500 और सैनिकों को भेजने का दिया आदेश

TRUMP
वाशिंगटन, 27 नवंबर: अमेरिका के वाशिंगटन में व्हाइट हाउस के पास हुई गोलीबारी में दो नेशनल गार्ड्समैन गंभीर रूप से घायल हो गए। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस हमले को ‘आतंकवादी कृत्य’ बताया। राष्ट्रपति ट्रंप ने वाशिंगटन में 500 और सैनिकों को भेजने का आदेश दिया है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने बुधवार शाम (स्थानीय समय) देश को संबोधित करते हुए कहा, “यह घिनौना हमला बुराई, नफरत और आतंक का काम था। यह देश और इंसानियत के खिलाफ एक जुर्म था।”
उन्होंने आगे कहा कि हिरासत में लिया गया संदिग्ध व्यक्ति अफगानिस्तान से हमारे देश में आया है, जो धरती पर एक नरक है।” इसके साथ ही उन्होंने हमलावर को शरणार्थी स्टेटस के तहत देश में आने देने के लिए पिछली बाइडेन सरकार को दोषी ठहराया।
इससे पहले अमेरिकी मीडिया ने कथित शूटर की पहचान रहमानुल्लाह लकनवाल के रूप में की थी। वह एक अफगानिस्तानी नागरिक है, जो 2021 में देश में आया था। राष्ट्रपति ट्रंप ने बाइडेन सरकार के तहत अफगानिस्तान से अमेरिका में आए हर एक नागरिक की फिर से जांच करने का भी वादा किया।
उन्होंने आगे कहा, “हमें अब अफगानिस्तान से हमारे देश में आए हर एक नागरिक की फिर से जांच करनी चाहिए, और हमें किसी भी देश से किसी भी नागरिक को हटाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाने चाहिए जो यहां का नहीं है या हमारे देश को फायदा नहीं पहुंचाता है। अगर वे हमारे देश से प्यार नहीं कर सकते तो हम उन्हें नहीं चाहते हैं।”
ट्रंप ने वाशिंगटन शहर की सुरक्षा में मदद के लिए 500 और सैनिकों की तैनाती की भी घोषणा की। गोलीबारी व्हाइट हाउस से 500 मीटर से भी कम दूरी पर हुई। पश्चिमी वर्जीनिया से वाशिंगटन में तैनात दो नेशनल गार्ड की हालत अभी भी गंभीर है।
अभी वाशिंगटन में लगभग 2,400 नेशनल गार्ड तैनात हैं, जिनमें डीसी डीसी नेशनल गार्ड के लगभग 958 और आठ दूसरे राज्यों के लगभग 1,300 सैनिक शामिल हैं।
एक घंटे पहले ट्रंप ने ट्रूथ सोशल पर लिखा, “मैं ठीक रात 9:15 बजे हमारे ग्रेट नेशनल गार्ड योद्धाओं पर हुए भयानक हमले पर बोलूंगा। इस मामले पर ध्यान देने के लिए आपका धन्यवाद। भगवान अमेरिका को आशीर्वाद दें!”
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