अपराध
अत्यधिक मानसिक आघात में थे नरेंद्र गिरि : चार्जशीट

महंत नरेंद्र गिरी मौत मामले के तीनों आरोपियों ने उन्हें बदनाम करने और अत्यधिक मानसिक और मनोवैज्ञानिक आघात पहुंचाने के लिए एकआपत्तिजनक ऑडियो प्रसारित किया था जिसके कारण उन्होंने अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली थी।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने महंत नरेंद्र गिरि मौत मामले में दायर 19 पन्नों के आरोपपत्र में कहा है कि आरोपी आनंद गिरि, आद्या तिवारी और संदीप तिवारी आत्महत्या के लिए उकसाने के दोषी हैं।
महंत के अपनी मौत से पहले रिकॉर्ड किए गए एक वीडियो को सीबीआई ने सुबूत के रूप में माना है, जबकि फोरेंसिक और लिखावट विश्लेषण के लिए भेजे गए सात पन्नों के सुसाइड नोट की रिपोर्ट का इंतजार है।
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (एबीएपी) के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि 20 सितंबर को प्रयागराज के बाघंबरी गद्दी में मृत पाए गए थे।
चार्जशीट में कहा गया है कि 26 मई को लखनऊ में आनंद और महंत के बीच समझौता हुआ था, लेकिन बात नहीं बनी।
महंत नरेंद्र गिरि 2004 में बाघंबरी मठ के प्रमुख बने और आनंद 2005 में उनके शिष्य बने। उनके बीच मतभेद तब पैदा हुए जब आनंद ने ‘गंगा सेना’ बनाई और महंत की अनुमति के बिना एक शिविर आयोजिन किया।
महंत ने 7 जनवरी 2010 को अपने उत्तराधिकारी के रूप में स्वामी बलबीर गिरि को नामित किया लेकिन 29 अगस्त 2011 को आनंद को एक नई वसीयत में नामित किया गया।
महंत ने 4 जून, 2020 को फिर से अपनी वसीयत बदल दी, बलबीर को अपना उत्तराधिकारी नामित किया और कहा कि आनंद ने विदेशों का दौरा करना शुरू कर दिया है और एक अलग यूनिट बना ली है।
महंत ने अपनी वसीयत में कहा था कि आनंद ‘धार्मिक विरोधी’ गतिविधियों में शामिल था।
सीबीआई जांच में कहा गया है कि आनंद ने निरंजनी अखाड़े के महंत रवींद्र पुरी से वार्ताकार की भूमिका निभाने और उनका निष्कासन रद्द करने का अनुरोध किया।
रवींद्र ने महंत को 23 मई को फोन किया जिसे आनंद ने रिकॉर्ड कर लिया।
इस बातचीत के दौरान आनंद ने महंत को धमकी देते हुए कहा कि उनके पास कई आपत्तिजनक ऑडियो और वीडियो हैं।
नरेंद्र गिरि ने 11 सितंबर को अपने शिष्यों से ‘सल्फास’ और शरीर पर इसके प्रभाव के बारे में पूछा और 19 सितंबर को उन्होंने एक अन्य शिष्य को नायलॉन की रस्सी लाने के लिए कहा था।
सीबीआई की चार्जशीट में उल्लेख किया गया है कि महंत को अतिथि कक्ष के अंदर नायलॉन की रस्सी ले जाते हुए देखा गया था और अगले दिन उन्होंने अपने शिष्यों से कहा कि आनंद उनकी एक महिला के साथ आपत्तिजनक स्थिति मेंवीडियो जारी करने वाला हैं।
सीबीआई ने उल्लेख किया है कि महंत के फोन में मिले वीडियो से पता चला है कि वह साजिश के कारण गंभीर आघात में थे।
अपराध
अभिनेता एजाज खान की पत्नी, फॉलन गुलीवाला को मिली जमानत, सोमवार को होगी रिहाई।

मुंबई: अभिनेता एजाज खान की पत्नी, फॉलन गुलीवाला, जिन्हें नवंबर 2024 में उनके आवास से मादक पदार्थों की बरामदगी के मामले में गिरफ्तार किया गया था, को मुंबई की एक विशेष अदालत ने जमानत दे दी है। गुलीवाला पिछले चार महीने से अधिक समय से हिरासत में थीं।
अदालत ने जमानत देते हुए कुछ शर्तें लगाई हैं, जिनमें उनका पासपोर्ट जमा करना, यात्रा पर प्रतिबंध और जांच अधिकारी के समक्ष सप्ताह में तीन बार उपस्थित होना शामिल है, जब तक कि आरोप पत्र दाखिल नहीं हो जाता।
गुलीवाला के वकील, अयाज खान, ने दलील दी कि उन्हें बरामद वस्तुओं की जानकारी नहीं थी और वह उस परिसर की अकेली निवासी नहीं थीं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि छापे के दौरान सीसीटीवी सिस्टम बंद कर दिया गया था और कोई वीडियोग्राफी या फोटोग्राफी नहीं की गई थी।
विशेष लोक अभियोजक विभावरी पाठक ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए तर्क दिया कि गुलीवाला के खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला बनता है।
अदालत ने यह देखते हुए कि जब्ती प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, गुलीवाला को जमानत दी, लेकिन सख्त शर्तों के साथ।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
कनाडा में भारतीय नागरिक की चाकू घोंपकर हत्या

ओटावा, 5 अप्रैल। कनाडा के ओटावा के निकट रॉकलैंड इलाके में एक भारतीय नागरिक की चाकू घोंपकर हत्या कर दी गई, जिसके बाद स्थानीय अधिकारियों ने तुरंत कार्रवाई की। कनाडा में भारतीय दूतावास ने शनिवार सुबह घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि एक संदिग्ध को हिरासत में ले लिया गया है।
भारतीय दूतावास ने एक बयान जारी कर घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और पीड़ित परिवार को सहायता देने का भी ऐलान किया।
दूतावास ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “ओटावा के निकट रॉकलैंड में चाकू घोंपने से एक भारतीय नागरिक की दुखद मौत से हम बहुत दुखी हैं। पुलिस ने बताया है कि एक संदिग्ध को हिरासत में ले लिया गया है। हम शोक संतप्त परिजनों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए स्थानीय सामुदायिक संघ के माध्यम से निकट संपर्क में हैं।”
हालांकि चाकू मारने की घटना का विवरण अभी भी अस्पष्ट है, लेकिन स्थानीय मीडिया रिपोर्टों से पता चलता है कि यह घटना सुबह-सुबह क्लेरेंस-रॉकलैंड क्षेत्र में हुई।
अधिकारियों ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है कि क्या यह वही मामला है जिसका उल्लेख भारतीय दूतावास ने किया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हत्या की चल रही जांच के तहत ओन्टारियो प्रांतीय पुलिस (ओपीपी) ने क्षेत्र में अपनी उपस्थिति बढ़ा दी है।
पुलिस ने रॉकलैंड निवासियों को भी चेतावनी जारी की है, जिसमें उन्हें सलाह दी गई है कि वे कानून प्रवर्तन की गतिविधियों में वृद्धि की अपेक्षा करें, जबकि अधिकारी अपराध से जुड़ी परिस्थितियों की जांच जारी रखेंगे।
कनाडा स्थित दूतावास ने जनता को आश्वासन दिया कि वह इस कठिन समय में पीड़ित परिवार को सभी आवश्यक सहायता प्रदान कर रहा है।
चाकू घोंपने के पीछे का मकसद अभी भी स्पष्ट नहीं है और जांच जारी है। दूतावास ने स्थानीय अधिकारियों के साथ निरंतर संपर्क बनाए रखने का वादा किया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि परिवार को उनकी ज़रूरत के मुताबिक सहायता मिले और मामले से जुड़ी आगे की कार्रवाई में मदद मिले।
अपराध
झारखंड में आयुष्मान भारत घोटाले में रांची सहित 21 ठिकानों पर ईडी की छापेमारी

रांची, 4 अप्रैल। आयुष्मान भारत योजना में गड़बड़ी के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीमों ने रांची में शुक्रवार सुबह से कई स्थानों पर छापेमारी शुरू की है। शहर के अशोक नगर, पीपी कंपाउंड, एदलहातु, बरियातू, लालपुर और चिरौंदी इलाके में कई ठिकानों पर कड़ी सुरक्षा के बीच तलाशी चल रही है।
बताया जा रहा है कि रांची के अलावा कुल 21 ठिकानों पर यह रेड चल रही है। ईडी ने आयुष्मान भारत योजना में झारखंड में हुई गड़बड़ियों को लेकर हाल में ईसीआईआर (इन्फोर्समेंट केस इन्फॉर्मेशन रिपोर्ट) दर्ज कर जांच शुरू की है। यह छापेमारी इसी मामले में उन लोगों के खिलाफ की जा रही है, जिनके घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग में संलिप्त होने की संभावना है।
एक हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी के दफ्तर में भी तलाशी की जा रही है। संसद में पेश भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट (सीएजी) में भी आयुष्मान भारत योजना में गड़बड़ियों का खुलासा किया गया था। इसमें बताया गया था कि झारखंड में भी कई अस्पतालों ने मरीजों के फर्जी इलाज का बिल बनाकर सरकार से करोड़ों की राशि का भुगतान ले लिया।
यहां तक कि कई ऐसे लोगों के इलाज के नाम पर राशि निकाली गई, जिनकी मौत हो चुकी थी। सीएजी की इस रिपोर्ट के बाद ईडी ने झारखंड स्टेट हेल्थ सोसायटी और स्वास्थ्य विभाग से आयुष्मान योजना में गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ की गई कार्रवाई का ब्योरा मांगा था। इस पर स्वास्थ्य विभाग ने कुछ अस्पतालों के खिलाफ दर्ज कराई गई एफआईआर की सूचना ईडी को भेजी थी।
बताया जा रहा है कि ईडी ने इसी एफआईआर के आधार पर ईसीआईआर के रूप में दर्ज कर जांच शुरू की है। झारखंड में आयुष्मान योजना के तहत करीब 750 से अधिक अस्पताल सूचीबद्ध हैं। इनमें से कई अस्पतालों में करोड़ों रुपए का फर्जीवाड़ा करने की शिकायतें हैं।
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