मनोरंजन
अपने बेटे का नाम जहांगीर रखने पर नफरत मिलने के बाद अभिनेता चिन्मय मंडलेकर की प्रतिक्रिया: ‘ट्रोलिंग ने मेरे परिवार को मानसिक रूप से प्रभावित किया’।
मराठी और हिंदी फिल्मों में अभिनय करने वाले लोकप्रिय अभिनेता चिन्मय मंडलेकर ने अपने बेटे के नाम के कारण आलोचना मिलने के बाद कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की है। चिन्मय ने 2009 में नेहा मांडलेकर के साथ शादी की और वे एक बेटे के माता-पिता हैं, जिसका नाम उन्होंने ‘जहांगीर’ रखा है। हालाँकि, अपने बेटे का नाम मुगल सम्राट के नाम पर रखने के लिए सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं के एक वर्ग ने उनकी आलोचना की।
चिन्मय और नेहा दोनों ने हाल ही में इंस्टाग्राम पर मिल रहे लगातार ट्रोलिंग और नफरत भरे संदेशों पर प्रतिक्रिया देने के लिए अपने-अपने सोशल मीडिया अकाउंट का सहारा लिया।
वीडियो में चिन्मय ने कहा कि ट्रोलिंग से उन्हें और उनके परिवार को परेशानी हुई है और ट्रोल हमले में उनके बेटे का नाम भी घसीटा गया है।”मैंने बार-बार अपना बचाव किया है और उचित ठहराया है कि मैंने अपने बेटे का नाम जहांगीर क्यों रखा। उसके नाम के कारण हमें हमेशा ट्रोल किया गया है और इससे हमारे परिवार को परेशानी हुई है। इसके कारण हमें हमेशा अभद्र, अशोभनीय और घृणास्पद टिप्पणियाँ मिली हैं।” उसने कहा।
फिल्मों में छत्रपति शिवाजी महाराज की भूमिका निभाने के लिए मशहूर अभिनेता ने कहा कि अब से वह उनकी भूमिकाएं नहीं निभाएंगे।
चिन्मय ने कहा, “छत्रपति शिवाजी महाराज की भूमिका निभाने के लिए मुझे न केवल महाराष्ट्र में बल्कि पूरे देश और यहां तक कि देश के बाहर भी बहुत प्यार और प्रशंसा मिली है। लेकिन अब, मैं बहुत विनम्रता से यह कहना चाहता हूं कि मैं ऐसा नहीं करूंगा।” छत्रपति शिवाजी महाराज की भूमिकाएँ करें।”
उन्हें मिल रही नफरत पर प्रतिक्रिया देते हुए, नेहा ने कहा कि यह उनका संवैधानिक अधिकार है कि वे अपने बेटे का जो भी नाम रखना चाहें, रखें और उसका जहांगीर नाम रखना कोई ‘अपराध’ नहीं है।नेहा ने नाम से जुड़ी सकारात्मक विशेषताओं के बारे में भी बात की और अपने बेटे का नाम जहांगीर रखने के अपने फैसले का बचाव किया।
जब करीना और सैफ को अपने बेटे के नाम पर आलोचना का सामना करना पड़ा।
अनजान लोगों के लिए, बॉलीवुड अभिनेता और पावर कपल सैफ अली खान और करीना कपूर खान की भी अपने बेटों का नाम तैमूर अली खान और जहांगीर अली खान रखने के लिए आलोचना की गई थी।
2016 में पैदा होने के बाद दंपति ने अपने पहले बेटे का नाम तैमूर रखा था और तब भी, एक तुर्की आक्रमणकारी के नाम पर उसका नाम रखने पर उन्हें नकारात्मकता के साथ स्वागत किया गया था। हालांकि, बेबो और सैफ ने कहा था कि इसका मतलब ‘लोहा’ है।
अपने लड़कों के नाम रखने के लिए मिली आलोचना पर अपनी राय साझा करते हुए, करीना ने 2021 में द गार्जियन को बताया, “ईमानदारी से कहूं तो, ये वे नाम हैं जो हमें पसंद आए; यह और कुछ नहीं है। वे सुंदर नाम हैं और वे सुंदर लड़के हैं। यह समझ से परे है कि कोई क्यों मैं बच्चों को ट्रोल करूंगा। मुझे इसके बारे में बहुत बुरा लगता है, लेकिन मुझे सिर्फ ध्यान केंद्रित करना है और इससे निपटना है। मैं अपने जीवन को ट्रोल के माध्यम से नहीं देख सकता।”
चिनमी मांडलेकर की फिल्में।
चिमय को आखिरी बार फरवरी 2024 में रिलीज हुई मराठी फिल्म शिवरायंचा छावा में छत्रपति शिवाजी महाराज के रूप में देखा गया था। वह द कश्मीर फाइल्स, सजिनी शिंदे का वायरल वीडियो, गांधी गोडसे – एक युद्ध, भावेश जोशी सुपरहीरो, शंघाई जैसी हिंदी फिल्मों का हिस्सा रहे हैं। , तेरे बिन लादेन, और अन्य।
मनोरंजन
प्रदूषण के खिलाफ एकजुटता जरूरी, सीएम रेखा गुप्ता और भगवंत मान ठोस कदम उठाएं : कांग्रेस प्रवक्ता शमा मोहम्मद

नई दिल्ली, 10 नवंबर: दिल्ली की प्रदूषित हवा को लेकर राजनीति के गलियारों में चर्चा होने लगी है कि अगर ठोस कदम नहीं उठाए गए तो सांस लेना भी दुभर हो जाएगा। कांग्रेस प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने कहा कि प्रदूषण पर राजनीति नहीं होनी चाहिए, बल्कि सभी को साथ मिलकर काम करने की जरूरत है।
कांग्रेस प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने कहा कि लोगों को सांस लेने में तकलीफ होने लगी है।
सोमवार को मिडिया से बातचीत के दौरान कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि दिल्ली में प्रदूषण का स्तर इतना बढ़ गया है कि इसे अब मामूली नहीं कहा जा सकता, यह खतरनाक है, यहां तक कि जानलेवा भी है। उन्होंने बताया कि रविवार को मुझे इतनी तेज खांसी और जुकाम हुआ कि मुझे सांस लेने में तकलीफ़ होने लगी। मैं सोचती हूं कि इसका बच्चों और बुजुर्गों पर क्या असर हो रहा है। हमें एकजुट होकर काम करना होगा। इस मुद्दे पर कोई राजनीति नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने दिल्ली पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए कहा कि दिल्ली में प्रदूषण का स्तर खराब श्रेणी में बना हुआ है। हम लोग इसके विरोध में रविवार को शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रहे थे। इसके बावजूद पुलिस ने महिलाओं को डिटेन किया। दिल्ली पुलिस क्या संदेश देना चाहती है? क्या हम शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन भी नहीं कर सकते हैं?
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि हमारी जिंदगी के बारे में नहीं सोचा जा रहा है। एयर प्यूरीफायर का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि जो लोग बाहर निकलते है, साइकिल, मोटरसाइकिल, या पैदल चलते हैं, वे अपने साथ एयर प्यूरीफायर लेकर नहीं चलते हैं और गरीब के पास इतने पैसे नहीं हैं कि वे एयर प्यूरीफायर लगवाएं। सरकार की जिम्मेदारी बनती है कि प्रदूषण को लेकर ठोस कदम उठाए। हमें उन राज्यों से सीख लेनी चाहिए जहां किसान पराली को नहीं जलाते हैं।
उन्होंने कहा कि दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान को बैठकर इस पर ठोस कदम उठाने की जरूरत है। अगर आगे ऐसे ही प्रदूषण का स्तर बढ़ता गया तो यह दिल्ली के लोगों के लिए जानलेवा साबित होगा।
बॉलीवुड
बहोरनापुर गांव की दुर्दशा पर अभिनेता रितेश पांडे का वीडियो, पूछा- ‘बच्चों के लिए रास्ता क्यों नहीं?’

मुंबई, 6 नवंबर : भोजपुरी सिनेमा के जाने-माने गायक और अभिनेता रितेश पांडे करगहर सीट से प्रशांत किशोर के जनसुराज के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। गुरुवार को उन्होंने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट कर कुछ सवाल खड़े किए।
इंस्टाग्राम पर पोस्ट किए गए वीडियो में अभिनेता ने गांव के लोगों से वहां के हालात के बारे में जानकारी की। साथ ही उनसे बदलाव के बारे में भी कुछ सवाल किए, जिसके जवाब में लोग कहते हैं कि अभी तक गांव में कोई भी खास बदलाव नहीं हुआ है।
अभिनेता ने वीडियो के कैप्शन में लिखा, “देखिए, यहां है मौजूदा हालात में सरकार की नाकामी, भ्रष्टाचार और शिक्षा के प्रति घोर उदासीनता का जीता-जागता उदाहरण। आज जब जनसंपर्क के दौरान करगहर विधानसभा के अंतर्गत बहोरनापुर पहुंचे तो वहां के छोटे-छोटे बच्चे दौड़कर आए और बड़े दुखी स्वर में बोले, ‘भइया, हम लोगों को स्कूल जाने के लिए रास्ता ही नहीं है।'”
उन्होंने वहां के बरसात के दिनों की स्थिति पर अपने विचार व्यक्त किए, जिसके बारे में उन्होंने लिखा, “अभी तो यहां का मौसम कुछ ठीक है, लेकिन बरसात के दिनों में यहां की स्थिति इतनी भयावह हो जाती है कि बच्चों को कमर तक पानी में उतरकर स्कूल जाना पड़ता है।”
उन्होंने लिखा, “यह सिर्फ एक गांव की कहानी नहीं है, बल्कि यह तस्वीर है हमारे सिस्टम की लापरवाही और सरकार की असंवेदनशीलता की। सरकार बस दावे करती रहती है कि शिक्षा पर सभी का अधिकार है, लेकिन हमारे बच्चों को स्कूल जाने के लिए रास्ते ही साफ नहीं होंगे, तो यह अधिकार सिर्फ कागजों में रह जाता है। बहोरनापुर जैसे सैकड़ों गांव आज भी बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं। अब समय आ गया है बदलाव का ताकि बिहार के हर बच्चे का रास्ता उज्जवल भविष्य की ओर खुले न कि कीचड़ और पानी की ओर।”
अभिनेता की बात करें तो वे भोजपुरी सिनेमा के जाने-माने गायक भी हैं। उनका सबसे लोकप्रिय गीत है, ‘हैलो कौन।’ ये गाना लॉकडाउन के दौरान वायरल हुआ था।
बॉलीवुड
दुलकर सलमान की बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘कांथा’ का ट्रेलर रिलीज

मुंबई, 6 नवंबर : साउथ सिनेमा के सुपरस्टार दुलकर सलमान की बहुप्रतीक्षित पीरियड ड्रामा फिल्म ‘कांथा’ जल्द ही सिनेमाघरों में दस्तक देगी। गुरुवार को मेकर्स ने फिल्म का ट्रेलर रिलीज कर दिया।
अभिनेता दुलकर सलमान ने इंस्टाग्राम पर फिल्म के ट्रेलर की वीडियो को पोस्ट किया, जिसके साथ उन्होंने कैप्शन में लिखा, “कांथा की दुनिया आज खुल रही है! ट्रेलर जारी कर दिया गया है।”
फिल्म ‘कांथा’ तमिल सिनेमा के पहले सुपरस्टार एम.के. त्यागराज भगवतार के जीवन पर आधारित है। फिल्म में 1950 के समय में उनकी प्रसिद्धि और व्यक्तिगत संघर्षों को दिखाया गया है।
3 मिनट 10 सेकंड के ट्रेलर में सत्ता की भूख, वफादारी और प्यार पेश किए गए हैं। इसमें भव्य सेट, पुराने जमाने की ग्लैमरस दुनिया, डायलॉगबाजी और इमोशनल ड्रामा का परफेक्ट मिश्रण है। दुलकर की परफॉर्मेंस, समुथिरकानी की दमदार मौजूदगी और अभिनेत्री भाग्यश्री बोर्से की अदाकारी फिल्म को और खास बनाती है।
ट्रेलर की शुरुआत अय्या से होती है, जिसकी भूमिका समुथिरकानी निभा रहे हैं। वह टी.के. महादेवन (दुलकर सलमान) को बताते हैं कि उन्होंने निर्माताओं पर दबाव डालकर उन्हें हीरो बनवाया है। इसके बाद महादेवन उनके पैरों पर गिरकर शुक्रिया अदा करते हैं। कहानी तब मोड़ लेती है जब एक अखबार में छपी खबर और फोन कॉल दोनों के रिश्तों में दरार ला देती हैं। इसके बाद महादेवन अपने गुरु को छोड़कर फिल्म खुद बनाने लगते हैं और घोषणा करते हैं कि ‘फिल्म अब मेरे क्लाइमेक्स पर ही रिलीज होगी।’
इसमें सलमान का नया अंदाज देखने को मिल रहा है, जिसमें वे एम.के. त्यागराज भगवतार के किरदार में नजर आ रहे हैं। फिल्म में अभिनेत्री भाग्यश्री बोर्से और समुथिरकानी भी अहम किरदार में नजर आएंगी।
राणा दग्गुबाती की स्पिरिट मीडिया और दुलकर की वेफेयरर फिल्म्स मिलकर ‘कांथा’ को प्रोड्यूस कर रहे हैं। पहले इस फिल्म का नाम ‘सांथा’ था, लेकिन बाद में मेकर्स ने कुछ कारणों से फिल्म का नाम ‘कांथा’ रख दिया। इस फिल्म का निर्देशन सेल्वमणि सेल्वराज ने किया है, जो नेटफ्लिक्स डॉक्यूमेंट्री ‘द हंट फॉर वीरप्पन’ के लिए जाने जाते हैं। पहले दुलकर सलमान इससे बतौर अभिनेता जुड़े थे, लेकिन बाद में उन्होंने इसे प्रोड्यूस करने का भी फैसला किया।
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