राष्ट्रीय समाचार
मुंबई: पश्चिमी रेलवे यात्रियों के लिए डिजिटल लाउंज शुरू करने की तैयारी में
मुंबई: पश्चिमी रेलवे यूरोपीय रेलवे स्टेशनों पर इसी तरह की सुविधाओं से प्रेरित होकर चुनिंदा स्टेशनों और टर्मिनलों पर सह-कार्य स्थल शुरू करने की योजना बना रहा है। दफ़्तर जाने वालों को जल्द ही स्टेशनों पर अपनी ट्रेनों का इंतज़ार करते समय डिजिटल लाउंज में काम करने का विकल्प मिलेगा। भारतीय रेलवे स्टेशनों को आधुनिक बनाने की पहल के तहत, पश्चिमी रेलवे एक नया प्रयोग करने जा रहा है, जिसे गैर-किराया राजस्व (एनएफआर) योजना के तहत विकसित किया जाएगा।
पश्चिमी रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि 2025 में यात्रियों की सुविधाओं के लिए 1,000 करोड़ रुपये आवंटित किए जाएंगे, जिसमें प्रमुख टर्मिनल स्टेशनों पर कामकाजी व्यक्तियों के लिए डिजिटल लाउंज बनाने की योजना भी शामिल है। इन डिजिटल लाउंज का प्रस्ताव जल्द ही रेलवे बोर्ड को सौंपा जाएगा।
भारतीय रेलवे खानपान एवं पर्यटन निगम (आईआरसीटीसी) प्रमुख टर्मिनस स्टेशनों पर डीलक्स लाउंज शुरू करने जा रहा है, जिससे यात्रियों को आराम करने के लिए आरामदायक जगह मिलेगी। इन डिजिटल लाउंज में वातानुकूलित कार्यालय जैसा वातावरण होगा, जिसमें लैपटॉप और मोबाइल चार्जिंग पॉइंट जैसी सुविधाएँ होंगी, साथ ही वाई-फाई-सक्षम टेबल भी होंगी।
इसके अलावा, चाय और कॉफी की भी व्यवस्था होगी, जो इसे उन लोगों के लिए आदर्श स्थान बनाएगी जो शोरगुल वाले इलाकों से दूर काम करना चाहते हैं। प्रत्येक डिजिटल लाउंज में 40 लोगों के बैठने की जगह होगी, जिससे वे एक साथ काम कर सकेंगे। पश्चिमी रेलवे के अधिकारियों ने पहले ही उन स्टेशनों की पहचान शुरू कर दी है, जहाँ ये लाउंज बनाए जा सकते हैं।
गैर-किराया राजस्व मॉडल सार्वजनिक परिवहन ऑपरेटरों को ऐसे स्रोतों से आय उत्पन्न करने का एक तरीका प्रदान करता है जो किसी निश्चित किराया संरचना पर निर्भर नहीं होते हैं। ऑपरेटर विज्ञापन, किराया, दूरसंचार सेवाओं और अन्य सहित विभिन्न माध्यमों से एनएफआर कमा सकते हैं। पश्चिमी रेलवे के डिजिटल लाउंज को उनके गैर-किराया राजस्व मॉडल में एकीकृत किया जाएगा।
राजनीति
इंदिरा गांधी के मजबूत नेतृत्व ने आत्मनिर्भर राष्ट्र का निर्माण किया: कांग्रेस

Indira Gandhi
नई दिल्ली, 19 नवंबर: कांग्रेस नेताओं ने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जयंती पर बुधवार को उनके साहसिक फैसलों को याद करते हुए कहा कि पूर्व पीएम के मजबूत नेतृत्व ने आत्मनिर्भर राष्ट्र का निर्माण किया।
कांग्रेस पार्टी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया। पोस्ट में लिखा, ”उनकी जयंती पर, हम इंदिरा के निडर नेतृत्व, निर्णायक दूरदर्शिता और भारत की प्रगति के प्रति उनकी अटूट प्रतिबद्धता का सम्मान करते हैं। हरित क्रांति से लेकर बांग्लादेश की मुक्ति तक, उनके साहसिक नेतृत्व ने एक मजबूत, आत्मनिर्भर राष्ट्र का निर्माण किया, जिसने किसी भी महाशक्ति के आगे घुटने नहीं टेके।”
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा, “श्रीमती इंदिरा गांधी का अनुकरणीय और गतिशील नेतृत्व, जिसमें उन्होंने अपार राजनीतिक साहस का परिचय दिया, सदैव प्रेरणादायी रहेगा। लोक सेवा के प्रति उनका अटूट संकल्प और जीवन भर का समर्पण भारत की प्रगति की यात्रा पर एक अमिट छाप छोड़ गया है।
“राष्ट्र की एकता और अखंडता की रक्षा के लिए उनका सर्वोच्च बलिदान कोटि-कोटि नमन का पात्र है। उनकी जयंती पर, हम उनकी चिरस्थायी विरासत को सादर श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं।”
कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने एक्स पोस्ट में लिखा, “पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जयंती पर मैं उन्हें श्रद्धापूर्वक नमन करता हूं। उन्होंने अपने अदम्य साहस, दूरदर्शिता और निर्णय शक्ति के बल पर न केवल भारत को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया, बल्कि अपने नेतृत्व से अनेक ऐतिहासिक निर्णय लिए, जिन्होंने भारत को वैश्विक मंच पर एक सशक्त पहचान दिलाई। राष्ट्र निर्माण में उनका योगदान और राष्ट्रहित के प्रति उनका समर्पण सदैव प्रेरणास्रोत रहेगा।”
कांग्रेस नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने एक्स पोस्ट में लिखा, “युद्ध के मैदान से लेकर अंतरिक्ष तक देश के साहस और शक्ति का लोहा मनवाने वाली नेता, दुनिया का भूगोल और हिंदुस्तान की तकदीर बदलने वाली ‘आयरन लेडी’ इंदिरा गांधी की जयंती पर कोटि कोटि नमन। इंदिरा गांधी जी एक आदर्श हैं- साहस, संकल्प, समर्पण और देश के लिए अमर बलिदान का।”
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने एक्स पोस्ट में लिखा, “इंदिरा गांधी साहस का दूसरा नाम थीं। उनका हर फ़ैसला देश के हित की सोच से जुड़ा होता था। ग़रीबों के भले के लिए उनकी लगन हमेशा साफ़ दिखती थी। बैंकों का राष्ट्रीयकरण करके उन्होंने देश की आर्थिक ताक़त लोगों के हाथ में दी और आम परिवारों को सुरक्षा का भरोसा दिया। हर राज्य और हर समुदाय को उनका हक़ मिले, इसके लिए उन्होंने हमेशा बराबरी और न्याय की राह चुनी।
“देश की सुरक्षा की बात आई तो, 1971 में पाकिस्तान को दो हिस्सों में बांटकर उन्होंने न सिर्फ भारत को जीत दिलाई, बल्कि दुनिया के सामने देश की असली ताकत भी दिखा दी। इंदिरा गांधी की जयंती पर हम उन्हें श्रद्धा से नमन करते हैं। उनका साहस, उनका काम और देश के लिए उनका समर्पण आज भी हमें ईमानदारी, हिम्मत और जिम्मेदारी के साथ आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।”
राष्ट्रीय समाचार
सऊदी हादसे पर भारत सरकार ने जताया दुख, उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल करेगा दौरा

नई दिल्ली, 19 नवंबर: सऊदी अरब के मदीना शहर के पास हुए भीषण बस हादसे में कई भारतीय नागरिकों की मौत हो गई। इस दुखद घटना पर भारत सरकार ने गहरी संवेदनाएं व्यक्त की हैं।
विदेश मंत्रालय के अनुसार, भारत सरकार सऊदी अरब के मदीना के निकट भारतीय नागरिकों के साथ हुई दुखद दुर्घटना पर गहरा दुःख व्यक्त करती है। हम शोक संतप्त परिवारों के प्रति अपनी गहरी संवेदना व्यक्त करते हैं और घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं।
सरकार ने कहा कि हज एवं उमराह मंत्रालय सहित सऊदी अधिकारियों के साथ समन्वय में, पूर्ण सहायता प्रदान करने और राहत उपायों की निगरानी के लिए, आंध्र प्रदेश के राज्यपाल न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर के नेतृत्व में भारत सरकार का एक उच्च-स्तरीय प्रतिनिधिमंडल बुधवार को सऊदी अरब का दौरा करेगा। उनके साथ विदेश मंत्रालय के सचिव अरुण कुमार चटर्जी भी होंगे।
सरकार ने कहा कि रियाद स्थित भारतीय दूतावास और जेद्दा स्थित भारतीय महावाणिज्य दूतावास स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर पार्थिव शरीरों की पहचान में तेजी लाने के लिए काम कर रहे हैं।
भारत सरकार मृतकों के परिवारों की सऊदी अरब यात्रा में भी सहायता कर रही है। भारत सरकार इस त्रासदी से प्रभावित भारतीय नागरिकों की सहायता के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है और शीघ्र एवं प्रभावी सहायता सुनिश्चित करने के लिए प्रयासरत है।
इससे पहले केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य एवं संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि मदीना के निकट भारतीय हज यात्रियों से जुड़ी दुखद बस दुर्घटना में मृतकों के परिवारों को सहायता प्रदान करने के लिए मदीना स्थित भारतीय हज यात्री कार्यालय में एक शिविर कार्यालय स्थापित किया गया है। भारतीय हज यात्री कार्यालय, मदीना का पता: कमरा संख्या 104, प्रथम तल, सरूर तैयबा अल-दहबिया होटल, अल मसानी, मदीना 42313 है।
बता दें कि ये हादसा रविवार को मदीना से मक्का जाते समय हुआ था। बस में अधिकांश यात्री भारत के तेलंगाना राज्य के थे। तेलंगाना सरकार ने सऊदी अरब में बस दुर्घटना में मारे गए राज्य के भारतीय नागरिकों के परिवारों को 5-5 लाख रुपए का मुआवजा देने का ऐलान किया। सोमवार को मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में यह निर्णय लिया गया।
अपराध
दिल्ली ब्लास्ट मामला: मुंबई में तीन संदिग्ध हिरासत में लिए गए, पूछताछ जारी

मुंबई, 18 नवंबर: दिल्ली में कार ब्लास्ट मामले के आरोपी से जुड़े तीन व्यक्तियों को मुंबई पुलिस ने हिरासत में लिया है। अधिकारियों के अनुसार, विशेष टीम द्वारा गुप्त अभियान में इन लोगों को शहर के अलग-अलग स्थानों से पकड़ा गया। पूछताछ के बाद इन्हें आगे की जांच के लिए दिल्ली भेजा जा रहा है।
अधिकारियों ने बताया कि हिरासत में लिए गए लोग सोशल मीडिया ऐप के माध्यम से ब्लास्ट केस के मुख्य आरोपी के संपर्क में थे। पुलिस का कहना है कि ये व्यक्ति भी ठीक उसी तरह संपन्न परिवारों से ताल्लुक रखते हैं, जैसे इस मॉड्यूल के दो प्रमुख आरोपी डॉ. उमर मोहम्मद और डॉ. मुज़म्मिल। राज्य के कई जिलों में भी इसी तरह की जांच जारी है।
सोमवार को सूत्रों ने बताया कि जांच में एन्क्रिप्टेड बातचीत और हथियार सप्लाई के सबूत मिले हैं, जो एक बेहद संगठित आतंकी नेटवर्क की ओर इशारा करते हैं। यह नेटवर्क उस मॉड्यूल से जुड़ा है जिसमें डॉ. उमर मोहम्मद की मौत 10 नवंबर को दिल्ली के लाल किले के पास हुए विस्फोट में हुई। इस धमाके में 13 लोगों की मौत हुई थी और दर्जनों घायल हुए थे।
सूत्रों के अनुसार, उमर ने करीब तीन महीने पहले सिग्नल ऐप पर एक एन्क्रिप्टेड ग्रुप बनाया था, जिसका नाम विशेष कैरेक्टरों से रखा गया था ताकि निगरानी से बचा जा सके। इस समूह में उसने मुज़म्मिल, आदिल राथर, मुज़फ्फर राथर और मौलवी इरफान अहमद वागे को जोड़ा था। यही चैनल आंतरिक समन्वय का मुख्य माध्यम था।
जांच में तब अहम मोड़ आया जब डॉ. शाहीन शाहिद की कार से एक असॉल्ट राइफल और पिस्तौल बरामद हुई। माना जा रहा है कि ये हथियार उमर ने ही 2024 में इरफ़ान को सौंपे थे। शाहीन पहले भी इरफ़ान के कमरे में मुज़म्मिल के साथ इन हथियारों को देख चुका था। संदेह है कि मॉड्यूल के संचालन के लिए सबसे ज़्यादा फंडिंग शाहीन ने ही की।
अब तक के प्रमाणों से स्पष्ट है कि मॉड्यूल के भीतर एक तय पदानुक्रम और ज़िम्मेदारियों का बंटवारा था। तीन डॉक्टर उमर, मुज़म्मिल और शाहीन मुख्य रूप से आर्थिक मदद जुटाते थे, जिसमें मुज़म्मिल प्रमुख भूमिका में था। इरफ़ान की जिम्मेदारी कश्मीरी युवाओं की भर्ती थी। उसी ने गिरफ्तार दो युवकों आरिफ़ निसार डार उर्फ़ साहिल और यासिर उल अशरफ को नेटवर्क में शामिल किया था।
जांचकर्ताओं ने कई बार हथियारों के इधर-उधर ले जाए जाने की घटनाएं भी रिकॉर्ड की हैं। अक्टूबर 2023 में आदिल और उमर एक मस्जिद में इरफ़ान से मिले थे और एक बैग में छिपी राइफल लेकर वहां पहुंचे थे। बैरल साफ करने के बाद वे लौट गए। नवंबर में आदिल फिर इरफ़ान के घर एक राइफल लेकर पहुंचा। उसी दिन मुज़म्मिल और शाहीन भी वहां पहुंचे। हथियार इरफ़ान के पास रखा गया और अगले दिन आदिल उसे लेने लौटा।
यह नेटवर्क फरीदाबाद के उस मॉड्यूल से जुड़ा पाया गया है, जिसे 9 नवंबर को तब उजागर किया गया था जब पुलिस ने अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े डॉ. मुज़म्मिल के किराए के कमरों से 2,900 किलो विस्फोटक और गोला-बारूद जब्त किया था।
10 नवंबर को लाल किले के पास जिस कार में विस्फोट हुआ, उसे अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़े दूसरे डॉक्टर उमर चला रहा था। इसी घटना के बाद मॉड्यूल की गहरी जांच शुरू हुई और कई राज्यों में छापेमारी तेज कर दी गई है और जांच जारी है।
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