अपराध
मुंबई: शिवड़ी और रे रोड स्टेशनों पर महिला कोच पर पथराव, दो महिलाएं घायल

मुंबई: मुंबई में उपनगरीय लोकल ट्रेनों पर पत्थर फेंकने की दो घटनाओं में कई महिलाएं घायल हो गईं। ये घटनाएँ शिवड़ी और वडाला रेलवे स्टेशनों पर हुईं। पहली घटना गुरुवार, 18 सितंबर को हुई, जब वडाला में बाहर निकलने के लिए दरवाजे के पास पहुँचते समय अनुराधा साव (39) की आँख में पत्थर लगने से चोट लग गई। पत्थर उनके मोबाइल फोन पर लगा और फिर उनकी बाईं आँख पर लगा, जिससे उन्हें मामूली चोटें आईं और उन्हें लोकमान्य तिलक अस्पताल में इलाज कराना पड़ा। ठीक होने के बाद, उन्होंने वडाला रेलवे पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई।
दूसरी घटना सोमवार को वडाला स्टेशन के पास हुई, जिसमें 21 वर्षीय हर्षदा पवार, जो एक खचाखच भरी ट्रेन के फुटबोर्ड पर खड़ी थीं, घायल हो गईं। कॉटन ग्रीन और रे रोड स्टेशनों के बीच ट्रेन के चलते एक अज्ञात व्यक्ति ने पत्थर फेंका, जिससे उनके चेहरे पर चोट लग गई। उन्हें भी इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया।
लोकसत्ता की रिपोर्ट के अनुसार, वडाला रेलवे पुलिस ने दोनों घटनाओं के लिए मामले दर्ज किए हैं और अपराधियों की पहचान के लिए सीसीटीवी फुटेज की जाँच कर रही है। इन घटनाओं के कारण यात्रियों, खासकर महिलाओं में भय व्याप्त है। प्रतिक्रियास्वरूप, रेलवे अधिकारियों ने रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) और राजकीय रेलवे पुलिस (जीआरपी) द्वारा गश्त बढ़ा दी है, साथ ही जोखिम वाले इलाकों में और सीसीटीवी कैमरे भी लगाए हैं।
स्थानीय निवासियों में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक अभियान चलाया जा रहा है। फिर भी, पथराव की लगातार हो रही घटनाओं ने लोकल ट्रेनों में यात्रियों की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएँ पैदा कर दी हैं।
मुंबई के उपनगरीय रेलवे स्टेशन पर रविवार सुबह लोकल ट्रेन से गिरकर दो लोगों की दर्दनाक मौत हो गई। पहली घटना सुबह 6:35 बजे वसई रोड और नालासोपारा के बीच हुई, जहाँ एक 35 वर्षीय व्यक्ति बेहोशी की हालत में पटरी पर पाया गया और अस्पताल में उसे मृत घोषित कर दिया गया।
दूसरी घटना सुबह 7:52 बजे ठाणे क्रीक ब्रिज पर हुई, जहाँ 30 वर्षीय आकाश गोस्वामी गिर गए और गंभीर रूप से घायल हो गए, जिसके बाद ठाणे सिविल अस्पताल में उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। प्रारंभिक जाँच से पता चलता है कि दोनों दुर्घटनाएँ गिरने के कारण हुईं, जिससे बढ़ती मौतों के बीच सुरक्षा बढ़ाने के लिए ट्रेनों में स्वचालित दरवाज़ा बंद करने वाली प्रणाली लगाने की योजना बनाई जा रही है।
अपराध
दिल्ली: पुलिस ने सुलझाया स्नैचिंग केस, चोरी के 12 मोबाइल और स्कूटी बरामद

नई दिल्ली, 23 सितंबर। दिल्ली पुलिस की नई उस्मानपुर थाना टीम ने स्नैचिंग की एक वारदात का खुलासा करते हुए तीन स्नैचर और चोरी का माल खरीदने वाले एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया। साथ ही, एक किशोर को हिरासत में लिया।
आरोपियों के कब्जे से चोरी के 12 मोबाइल फोन और वारदात में इस्तेमाल की गई चोरी की स्कूटी भी बरामद की है।
दरअसल, 15 सितंबर को थाना न्यू उस्मानपुर में एक स्नैचिंग की घटना दर्ज हुई थी। शिकायतकर्ता, जो 11वीं कक्षा का छात्र है, ने बताया कि जब वह इंजीनियरिंग कॉलेज जीरो पुस्ता के पास अपने घर की ओर जा रहा था, तभी 2–3 लोग स्कूटी पर आए और उसका मोबाइल फोन छीनकर फरार हो गए। इस संबंध में न्यू उस्मानपुर थाना में धारा 304(2)/3(5) बीएनएस के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की गई।
थाना न्यू उस्मानपुर के एसएचओ इंस्पेक्टर राजेंद्र कसाना की अगुवाई में एक विशेष टीम का गठन किया गया। टीम ने तकनीकी और मानवीय स्रोतों से मिले सुरागों के आधार पर इस कार्रवाई में सफलता हासिल की। गिरफ्तार आरोपियों में अरबाज (19), अरमान उर्फ कालिया (19) और विकास उर्फ छोटू (19) शामिल है।
पूछताछ में आरोपियों ने वारदात को अंजाम देने की बात स्वीकार की। उनके कब्जे से चोरी की स्कूटी बरामद हुई।
गहन पूछताछ में आरोपियों ने चोरी का माल खरीदने वाले व्यक्ति का नाम बताया। जानकारी के आधार पर पुलिस ने अली हसन उर्फ राजू (25) को गिरफ्तार किया। उसकी तलाशी में 12 चोरी के मोबाइल फोन बरामद हुए।
पुलिस ने बताया कि बरामद मोबाइल फोन और स्कूटी की पुष्टि की जा रही है और जांच आगे बढ़ाई जा रही है ताकि आरोपियों के आपराधिक नेटवर्क का पर्दाफाश किया जा सके।
इससे पहले, दिल्ली पुलिस की आउटर नॉर्थ जिला साइबर पुलिस ने 21 सितंबर को फर्जी क्रेडिट कार्ड जारी करने और फिर उसे एक्टिवेट करने का झांसा देकर खाते से 1 लाख रुपए की ठगी के मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया था। आरोपी की पहचान अमित (27) के रुप में हुई।
अपराध
दिल्ली दंगा मामला : सुप्रीम कोर्ट ने उमर खालिद, शरजील इमाम की जमानत याचिका पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया

suprim court
नई दिल्ली, 22 सितंबर। सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को 2020 दिल्ली दंगा साजिश मामले में जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद, शरजील इमाम, मीरान हैदर और गुलफिशा फातिमा की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। इस मामले पर 7 अक्टूबर को अगली सुनवाई होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद, शरजील इमाम, मीरान हैदर और गुलफिशा फातिमा की जमानत याचिका पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया। याचिकाकर्ताओं की तरफ से कहा गया कि इनमें से अधिकतर लोग छात्र हैं और 5 साल से जेल में बंद हैं।
इससे पहले, इस मामले पर 19 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी थी, लेकिन किसी कारण टल गई थी। जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एन वी अंजारिया की बेंच जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही है।
जमानत के लिए याचिका दायर करने वालों पर गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत आरोप हैं, जो फरवरी 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा के पीछे कथित बड़ी साजिश से जुड़ा है।
इससे पहले, दिल्ली हाई कोर्ट ने 2 सितंबर को इमाम, खालिद और मीरान हैदर, गुलफिशा फातिमा, अतर खान, शिफा-उर-रहमान, मोहम्मद सलीम खान, शादाब अहमद और खालिद सैफी समेत 7 अन्य आरोपियों को जमानत देने से इनकार कर दिया था। एक अन्य आरोपी, तस्लीम अहमद, को भी अलग बेंच ने जमानत देने से इनकार कर दिया था।
दिल्ली पुलिस ने जमानत याचिका का कड़ा विरोध किया है। पुलिस का दावा है कि 2020 में हुए दंगे पूर्व नियोजित और सुनियोजित साजिश का नतीजा थे। पुलिस के अनुसार, आरोपियों ने हिंसा भड़काने में सक्रिय भूमिका निभाई थी।
आरोपियों को जमानत देने से इनकार करते हुए हाईकोर्ट ने कहा था कि प्रथम दृष्टया उमर खालिद और शरजील इमाम की गंभीर संलिप्तता प्रतीत होती है। कोर्ट ने उन पर लगाए गए आरोपों का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि उन्होंने जो भाषण दिए, वे सांप्रदायिक प्रकृति के थे और उनका मकसद बड़ी भीड़ इकट्ठा करना था।
2020 की हिंसा नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (एनआरसी) के खिलाफ देश भर में हो रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच शुरू हुई थी। इस हिंसक घटना में 53 लोगों की मौत हो गई और 700 से अधिक लोग घायल हो गए।
अपराध
मुंबई: पैसे न देने पर पति ने पत्नी की हत्या की, पुलिस ने आरोपी को दबोचा

CRIME
मुंबई, 22 सितंबर। मुंबई के चारकोप इलाके से एक दिल दहला देने वाली वारदात सामने आई है। दरअसल, एक मजदूर ने अपनी पत्नी को केवल इसलिए मौत के घाट उतार दिया, क्योंकि उसने गांव जाने के लिए पैसे देने से इनकार कर दिया था। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है।
चारकोप पुलिस के बयान के मुताबिक आरोपी की पहचान दसा राणा (41) के रूप में हुई है। वह पेशे से मजदूर है। उसकी पत्नी का नाम हिमांद्री था। दोनों कांदिवली स्थित एक निर्माणाधीन इमारत में पिछले एक साल से काम कर रहे थे।
पुलिस ने बताया कि रविवार दोपहर करीब 2:30 बजे दसा राणा और उसकी पत्नी के बीच पैसों को लेकर विवाद शुरू हुआ। आरोपी ओडिशा स्थित अपने गांव जाना चाहता था और पत्नी से पैसे मांग रहा था। लेकिन, जब पत्नी ने इनकार कर दिया तब दोनों के बीच तीखी बहस हुई। गुस्से में आकर आरोपी ने पहले पत्नी की बुरी तरह पिटाई की और फिर चादर से गला घोंटकर उसकी हत्या कर दी।
झगड़े के दौरान शोर सुनकर वहां मौजूद अन्य मजदूरों ने जब कमरे का दरवाजा खटखटाया तो राणा ने दरवाजा खोलने से इनकार कर दिया। कुछ देर बाद जब दरवाजा खोला गया तो हिमांद्री अचेत अवस्था में जमीन पर पड़ी थी। तुरंत उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया।
दंपति का नाबालिग बेटा इस घटना का गवाह बन गया। बेटे ने पुलिस को बताया कि उसके पिता ने किस तरह मां की जान ली। पुलिस के मुताबिक, बेटे का बयान इस मामले की अहम कड़ी बना। चारकोप पुलिस ने आरोपी दसा राणा को गिरफ्तार कर लिया है। राणा के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 103(1) (हत्या) के तहत मामला दर्ज कर लिया गया है।
मुंबई पुलिस का कहना है कि यह मामला पूरी तरह से घरेलू विवाद और गुस्से का परिणाम है। आगे की जांच जारी है।
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