अपराध
मुंबई न्यूज: जेजे अस्पताल के सर्जन रेजिडेंट डॉक्टरों को धमकाते हैं, एकाधिकार स्थापित करते हैं, जूनियर्स पर आरोप लगाते हैं

जमशेदजी जीजीभॉय (जेजे) अस्पताल में नेत्र विज्ञान विभाग के जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों ने डीन को पत्र लिखकर डॉ. टीपी लहाणे के बेटे डॉ. सुमीत लहाणे के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग करते हुए आरोप लगाया है कि वह लहंसों के खिलाफ अपनी शिकायत वापस लेने के लिए उन्हें डराने की कोशिश कर रहे हैं। जूनियर रेजिडेंट्स ने पहले डीन, डॉ. पल्लवी सपले को पत्र लिखकर दावा किया था कि डीएमईआर के सेवानिवृत्त निदेशक और पूर्व डीन डॉ. टीपी लहाणे शैक्षणिक गतिविधियों पर प्रतिकूल प्रभाव और दिशानिर्देशों के उल्लंघन के बावजूद विभाग में मोतियाबिंद की सर्जरी कर रहे हैं। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) द्वारा निर्धारित। डॉ सपले ने कहा कि उन्हें जूनियर रेजिडेंट डॉक्टरों से एक पत्र मिला है और वे तीन सदस्यीय जांच समिति का गठन करेंगे। उन्होंने कहा, “हम ऐसे सदस्यों की नियुक्ति करेंगे जो इस मामले को देखेंगे और उसके आधार पर कार्रवाई की जाएगी।” “यह हमारे संज्ञान में आया है कि डॉ टीपी लहाणे के पुत्र डॉ सुमीत लहाणे, जो वर्तमान में नेत्र विज्ञान विभाग में कोई पद नहीं रखते हैं, विभाग में अनायास आ रहे हैं और जूनियर निवासियों को अपनी शिकायत वापस लेने के लिए डराने की कोशिश कर रहे हैं। सोमवार को डीन को भेजा गया पत्र पढ़ें।
जूनियर निवासियों ने आरोप लगाया कि डॉ. सुमीत लहाणे, जो अस्पताल में तैनात नहीं हैं, “लेक्चरर अंडर डॉ आरपी” के नाम से नियमित रूप से मोतियाबिंद, कॉर्निया और ऑक्युलोप्लास्टी सर्जरी के लिए मरीजों का ऑपरेशन कर रहे हैं। “नेत्र विज्ञान विभाग से छुट्टी पाने वाले मरीजों की कई आईपीडी फाइलों में भी उनका नाम ओटी नोट्स में ऑपरेटिंग सर्जन के रूप में पाया जा सकता है। इस प्रकार, डॉ टीपी लहाणे और डॉ रागिनी पारेख के साथ, वे भी रेजिडेंट डॉक्टरों के बीच सर्जिकल हाथों की कमी के लिए समान रूप से जिम्मेदार हैं,” पत्र पढ़ा। एक जूनियर रेजिडेंट डॉक्टर ने कहा कि सर्जन ने व्हाट्सएप के माध्यम से कई निवासियों से संपर्क किया और स्पष्ट रूप से उन्हें अपनी शिकायतें वापस लेने के लिए कहा और निवासियों के पास स्क्रीनशॉट सहित ऐसी चैट के सबूत हैं। “हम आपसे अनुरोध करते हैं कि इस मामले को देखें और चल रही जांच समिति और एनएमसी के संज्ञान में उक्त नेत्र रोग विशेषज्ञ द्वारा उपरोक्त घटनाओं को लाएं। हम यह भी मांग करते हैं कि डॉ. सुमीत लहाणे को जांच पूरी होने तक कैंपस में नहीं आने दिया जाए और केवल तभी मरीजों का ऑपरेशन करने दिया जाए, जब वह आधिकारिक तौर पर फैकल्टी का हिस्सा हों।’ जूनियर रेजिडेंट्स ने तर्क दिया कि जिन नेत्र रोग विशेषज्ञों के खिलाफ शिकायत दर्ज की गई है, उनके एकाधिकार को विभाग में शैक्षणिक माहौल बहाल करने के लिए तत्काल संबोधित करने की आवश्यकता है, जो रेजिडेंट डॉक्टरों को कुशलता से प्रशिक्षित करने के लिए आवश्यक है।
अपराध
जेएनपीए में 800 करोड़ रुपये की कथित भ्रष्टाचार: सीबीआई ने पूर्व चीफ मैनेजर, निजी कंपनियों पर केस दर्ज किया

सीबीआई ने जवाहरलाल नेहरू पोर्ट अथॉरिटी (जेएनपीए) के पूंजी ड्रेजिंग प्रोजेक्ट में 800 करोड़ रुपये से अधिक के नुकसान के आरोप में जेएनपीटी के तत्कालीन चीफ मैनेजर (पीपी डब्ल्यूडी), मुंबई और चेन्नई स्थित निजी कंपनियों व अन्य के खिलाफ 18 जून 2025 को एफआईआर दर्ज की है। आरोप है कि जेएनपीए अधिकारियों और निजी कंपनियों के बीच आपराधिक साजिश रची गई, जिससे ठेकों में भारी वित्तीय नुकसान हुआ।
यह मामला जेएनपीए के नेविगेशनल चैनल की गहराई बढ़ाने के लिए हुए पूंजी ड्रेजिंग प्रोजेक्ट से जुड़ा है, जिसमें मुंबई की एक निजी कंपनी और चेन्नई की एक अन्य कंपनी को ठेका दिया गया था। टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स (टीसीई) इस प्रोजेक्ट में प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंट के तौर पर शामिल थी।
आरोप है कि प्रोजेक्ट के पहले फेज में चैनल की मेंटेनेंस के दौरान ठेकेदारों को 365.90 करोड़ रुपये की अतिरिक्त भुगतान की गई। वहीं, दूसरे फेज में, जो पहले फेज की मेंटेनेंस अवधि से ओवरलैप करता था, ठेकेदार को 438 करोड़ रुपये की और अतिरिक्त राशि दी गई, जबकि दावा किया गया कि पहले फेज में कोई ओवर ड्रेजिंग नहीं हुई थी।
सीबीआई ने मुंबई और चेन्नई में जेएनपीए अधिकारियों, कंसल्टिंग कंपनी और आरोपी निजी कंपनियों के पांच ठिकानों पर छापेमारी की। इस दौरान प्रोजेक्ट से जुड़े कई दस्तावेज, डिजिटल डिवाइसेज और सार्वजनिक कर्मचारियों द्वारा किए गए निवेश के दस्तावेज बरामद किए गए हैं। सभी दस्तावेजों की जांच की जा रही है और मामले की जांच जारी है।
एफआईआर में नामजद आरोपी:
श्री सुनील कुमार मदाभावी, तत्कालीन चीफ मैनेजर (पीपी डब्ल्यूडी), जेएनपीटी
श्री देवदत्त बोस, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स
टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स, मुंबई
बोस्कालिस स्मिट इंडिया एलएलपी, मुंबई
जान डी नुल ड्रेजिंग इंडिया प्रा. लि., चेन्नई
अन्य अज्ञात सरकारी और निजी व्यक्ति
सीबीआई मामले की गहन जांच कर रही है और आगे की कार्रवाई जारी है।
अपराध
मुंबई पुलिस ने एमडी ड्रग्स के साथ तीन तस्करों को किया गिरफ्तार, पूछताछ जारी

मुंबई, 20 जून। मुंबई पुलिस की एंटी नारकोटिक्स सेल (एएनसी) की घाटकोपर यूनिट ने एक बड़ी कार्रवाई में तीन ड्रग तस्करों को गिरफ्तार किया है। उनके कब्जे से 1.18 किलोग्राम मेथमफेटामाइन (एमडी) ड्रग्स बरामद की गई, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 2.03 करोड़ रुपये से अधिक आंकी गई है। यह कार्रवाई मुंबई के अंधेरी और घाटकोपर इलाकों में की गई।
एएनसी की घाटकोपर यूनिट ने गुप्त सूचना के आधार पर घाटकोपर बस स्टॉप के पास नियमित गश्त के दौरान दो संदिग्धों को देखा। संदिग्धों की तलाशी लेने पर पुलिस ने 40 वर्षीय कांदिवली निवासी से 257 ग्राम एमडी और 29 वर्षीय अंधेरी (पश्चिम) निवासी से 156 ग्राम एमडी बरामद किया।
दोनों से पूछताछ के आधार पर पुलिस ने अंधेरी इलाके में तीसरे संदिग्ध को पकड़ा, जिसके पास से 605 ग्राम एमडी जब्त की गई। कुल मिलाकर 1.18 किलोग्राम ड्रग्स बरामद की गई, जो नशीली दवाओं के अवैध व्यापार पर एक बड़ा प्रहार है।
पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) एक्ट की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। सभी आरोपी वर्तमान में पुलिस हिरासत में हैं और उनसे गहन पूछताछ की जा रही है।
प्रारंभिक जांच में पता चला है कि ये आरोपी मुंबई के घाटकोपर और अंधेरी इलाकों में सक्रिय एक बड़े ड्रग तस्करी नेटवर्क का हिस्सा हो सकते हैं।
जांचकर्ताओं का मानना है कि यह गिरफ्तारी ड्रग तस्करी के एक संगठित रैकेट को उजागर करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। पुलिस अब आरोपियों के कनेक्शन, उनके आपराधिक इतिहास और संभावित बड़े सिंडिकेट की जांच कर रही है। इसके लिए डिजिटल रिकॉर्ड, कॉल डेटा और वित्तीय लेनदेन की गहन पड़ताल की जा रही है ताकि इस नेटवर्क के अन्य सदस्यों और उनके संचालन के तरीकों का पता लगाया जा सके।
मुंबई पुलिस की ड्रग तस्करी के खिलाफ उनकी कार्रवाई निरंतर जारी है। पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे इस तरह की गतिविधियों की सूचना तुरंत दें ताकि शहर को सुरक्षित बनाया जा सके।
अपराध
बिहार में युवक ने चार साल का प्यार भुलाकर प्रेमिका को उतारा मौत के घाट, गिरफ्तार

बिहारशरीफ, 18 जून। बिहार के नालंदा जिले में एक लड़की को प्यार करने की कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ी। पुलिस ने बुधवार को एक लड़की का शव नगर थाना क्षेत्र के कागजी मोहल्ला के सड़क किनारे एक नाले से बरामद किया।
आरोप है कि उसके प्रेमी ने ही उसकी हत्या कर शव को यहां फेंक दिया। पुलिस ने आरोपी प्रेमी को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि मृतक लड़की की पहचान नालंदा जिले के सारे थाना क्षेत्र के ओंदा गांव निवासी पूजा कुमारी (19) के रूप में हुई है। वह भागन बिगहा की रहने वाली थी और बीते कई महीनों से बिहारशरीफ में किराए के मकान में रह रही थी।
बिहारशरीफ सदर के पुलिस उपाधीक्षक नुरुल हक ने बताया कि पुलिस को मंगलवार की रात सूचना मिली कि एक युवक ने अपनी प्रेमिका की हत्या कर शव को कहीं छिपा दिया है। पुलिस ने रात को शव को काफी खोजने की कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली। इसके बाद पुलिस ने आरोपी युवक अमित कुमार को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो पूरा मामला सामने आ गया।
उन्होंने बताया कि पूछताछ में आरोपी ने स्वीकार किया कि वह पिछले चार वर्षों से पूजा को जानता था। दोनों की मुलाकात बरबीघा स्थित मिशन स्कूल में पढ़ाई के दौरान हुई थी।
उन्होंने बताया कि आरोपी युवक फिलहाल बिहार थाना क्षेत्र के कागजी मोहल्ला में विजय कुमार कुशवाहा के मकान में किराए पर रह रहा था।
बताया गया कि लड़की मंगलवार को यहां आई थी और किसी बात को लेकर दोनों में विवाद हुआ और आरोपी ने यहीं युवती की हत्या धारदार हथियार से कर दी। हत्या में प्रयुक्त हथियार को भी कमरे से बरामद किया गया है।
पुलिस का दावा है कि आरोपी ने स्वीकार किया है कि उसने शव को एक बड़े सूटकेस में रखकर ई-रिक्शा के जरिए कुछ दूरी पर जाकर नाले में फेंक दिया। पुलिस को घटनास्थल से खून के निशान भी मिले हैं, लेकिन सूटकेस अब तक बरामद नहीं हो सका है। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।
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