अपराध
मुंबई समाचार: ईडी ने मनी लॉन्ड्रिंग मामले में एनसीपी नेता, शरद पवार के करीबी सहयोगी से जुड़े 9 परिसरों की तलाशी ली

मुंबई: प्रवर्तन निदेशालय ने गुरुवार और शुक्रवार को नौ स्थानों पर तलाशी ली, जिसमें जलगांव स्थित तीन आभूषण फर्मों के आधिकारिक और आवासीय परिसर शामिल थे। इन कंपनियों के प्रमोटरों और निदेशकों पर बैंक धोखाधड़ी के तीन मामलों के सिलसिले में ये तलाशी ली गई। इन मामलों में पूर्व राज्यसभा सदस्य और शरद पवार के करीबी सहयोगी ईश्वरलाल जैन शामिल हैं। ईश्वरलाल जैन पार्टी के पूर्व कोषाध्यक्ष के पद पर भी रह चुके हैं. प्रवर्तन निदेशालय द्वारा जलगांव, मुंबई, ठाणे, औरंगाबाद, नागपुर और कुछ अन्य स्थानों सहित कई स्थानों पर तलाशी ली गई। ईडी की तलाशी कथित बैंक धोखाधड़ी मामले से संबंधित मनी लॉन्ड्रिंग जांच पर आधारित थी, जिससे भारतीय स्टेट बैंक को कुल 353 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था।
ईडी की मौजूदा तलाशी ईश्वरलाल जैन और अन्य से जुड़ी एक आभूषण फर्म के खिलाफ 2022 में सीबीआई द्वारा दर्ज की गई एफआईआर में निहित है। यह एफआईआर भारतीय स्टेट बैंक द्वारा दर्ज की गई शिकायतों के आधार पर की गई थी। एसबीआई ने तीन आरोपी फर्मों: राजमल लखीचंद ज्वैलर्स प्राइवेट लिमिटेड, मनराज ज्वैलर्स प्राइवेट लिमिटेड और आरएल गोल्ड प्राइवेट लिमिटेड से जुड़े लेनदेन में अनियमितताओं का आरोप लगाया। ये अनियमितताएं 2002 से 2014 की अवधि के दौरान एसबीआई के साथ लेनदेन से संबंधित हैं। उनके प्रमोटर, निदेशक और गारंटर – ईश्वरलाल शंकराला जैन लालवानी, मनीष ईश्वरलाल जैन लालवानी, पूसादेवी ईश्वरलाल जैन लालवानी और नीकिता मनीष जैन लालवानी जिन्हें सीबीआई की शिकायत में आरोपी के रूप में नामित किया गया था। एसबीआई की ओर से सीबीआई को दी गई शिकायत के मुताबिक, राजमल लखीचंद ज्वैलर्स ने बैंक को 206.73 करोड़ रुपये, आरएल गोल्ड ने 68.19 करोड़ रुपये और मनराज ज्वैलर्स ने 76.57 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया।
ईडी के सूत्रों ने बैंक धोखाधड़ी से संबंधित तलाशी के दौरान महत्वपूर्ण दस्तावेज और डिजिटल साक्ष्य जब्त किए जाने की सूचना दी। दिसंबर 2022 में, सीबीआई ने एफआईआर दर्ज की और उस समय आभूषण फर्म पर छापा भी मारा, जिसमें बैंक धोखाधड़ी से संबंधित कागज के कई टुकड़े बरामद हुए। ईश्वरलाल जैन लालवानी एनसीपी पार्टी के एक प्रमुख नेता थे और शरद पवार के साथ उनके करीबी संबंध माने जाते थे। दर्ज प्राथमिकी के अनुसार, तीनों आरोपी कंपनियों ने कथित तौर पर रुपये का सामान बेचा। 2010-11 से 2017-18 के दौरान एक पार्टनरशिप फर्म को 10,187 करोड़ रुपये का सामान खरीदा। 9,925 करोड़। फोरेंसिक ऑडिट के अनुरोध के बावजूद, कंपनी राजमल लखीचंद की वित्तीय जानकारी कथित तौर पर प्रमोटरों द्वारा प्रदान नहीं की गई थी। बैंक ने आरोप लगाया था कि आरोपियों ने मिलीभगत की और अवैध गतिविधियां कीं, जिसमें हेराफेरी करके जालसाजी करना और फर्जी वित्तीय विवरण प्रस्तुत करना और फर्जी लेनदेन तैयार करना शामिल था।
पूरा मामला लोन डिफॉल्ट से जुड़ा है. बैंक ने शिकायत में आरोप लगाया कि गिरवी रखी गई संपत्तियों को उसकी अनुमति के बिना बेच दिया गया, जिसके परिणामस्वरूप दिए गए ऋण के खिलाफ सुरक्षा खो गई और ऋण की वसूली गंभीर रूप से खतरे में पड़ गई। बैंक ने यह भी आरोप लगाया कि आरोपी फर्मों ने एसबीआई से क्रेडिट सुविधा का लाभ उठाया, लेकिन गैर-विभाजित उद्देश्यों के लिए उन्हें डायवर्ट करके उनकी प्रक्रिया का दुरुपयोग किया। ऋण खाते गैर-निष्पादित परिसंपत्तियों में बदल गए थे।
अपराध
जेएनपीए में 800 करोड़ रुपये की कथित भ्रष्टाचार: सीबीआई ने पूर्व चीफ मैनेजर, निजी कंपनियों पर केस दर्ज किया

सीबीआई ने जवाहरलाल नेहरू पोर्ट अथॉरिटी (जेएनपीए) के पूंजी ड्रेजिंग प्रोजेक्ट में 800 करोड़ रुपये से अधिक के नुकसान के आरोप में जेएनपीटी के तत्कालीन चीफ मैनेजर (पीपी डब्ल्यूडी), मुंबई और चेन्नई स्थित निजी कंपनियों व अन्य के खिलाफ 18 जून 2025 को एफआईआर दर्ज की है। आरोप है कि जेएनपीए अधिकारियों और निजी कंपनियों के बीच आपराधिक साजिश रची गई, जिससे ठेकों में भारी वित्तीय नुकसान हुआ।
यह मामला जेएनपीए के नेविगेशनल चैनल की गहराई बढ़ाने के लिए हुए पूंजी ड्रेजिंग प्रोजेक्ट से जुड़ा है, जिसमें मुंबई की एक निजी कंपनी और चेन्नई की एक अन्य कंपनी को ठेका दिया गया था। टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स (टीसीई) इस प्रोजेक्ट में प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंट के तौर पर शामिल थी।
आरोप है कि प्रोजेक्ट के पहले फेज में चैनल की मेंटेनेंस के दौरान ठेकेदारों को 365.90 करोड़ रुपये की अतिरिक्त भुगतान की गई। वहीं, दूसरे फेज में, जो पहले फेज की मेंटेनेंस अवधि से ओवरलैप करता था, ठेकेदार को 438 करोड़ रुपये की और अतिरिक्त राशि दी गई, जबकि दावा किया गया कि पहले फेज में कोई ओवर ड्रेजिंग नहीं हुई थी।
सीबीआई ने मुंबई और चेन्नई में जेएनपीए अधिकारियों, कंसल्टिंग कंपनी और आरोपी निजी कंपनियों के पांच ठिकानों पर छापेमारी की। इस दौरान प्रोजेक्ट से जुड़े कई दस्तावेज, डिजिटल डिवाइसेज और सार्वजनिक कर्मचारियों द्वारा किए गए निवेश के दस्तावेज बरामद किए गए हैं। सभी दस्तावेजों की जांच की जा रही है और मामले की जांच जारी है।
एफआईआर में नामजद आरोपी:
श्री सुनील कुमार मदाभावी, तत्कालीन चीफ मैनेजर (पीपी डब्ल्यूडी), जेएनपीटी
श्री देवदत्त बोस, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स
टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स, मुंबई
बोस्कालिस स्मिट इंडिया एलएलपी, मुंबई
जान डी नुल ड्रेजिंग इंडिया प्रा. लि., चेन्नई
अन्य अज्ञात सरकारी और निजी व्यक्ति
सीबीआई मामले की गहन जांच कर रही है और आगे की कार्रवाई जारी है।
अपराध
मुंबई पुलिस ने एमडी ड्रग्स के साथ तीन तस्करों को किया गिरफ्तार, पूछताछ जारी

मुंबई, 20 जून। मुंबई पुलिस की एंटी नारकोटिक्स सेल (एएनसी) की घाटकोपर यूनिट ने एक बड़ी कार्रवाई में तीन ड्रग तस्करों को गिरफ्तार किया है। उनके कब्जे से 1.18 किलोग्राम मेथमफेटामाइन (एमडी) ड्रग्स बरामद की गई, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 2.03 करोड़ रुपये से अधिक आंकी गई है। यह कार्रवाई मुंबई के अंधेरी और घाटकोपर इलाकों में की गई।
एएनसी की घाटकोपर यूनिट ने गुप्त सूचना के आधार पर घाटकोपर बस स्टॉप के पास नियमित गश्त के दौरान दो संदिग्धों को देखा। संदिग्धों की तलाशी लेने पर पुलिस ने 40 वर्षीय कांदिवली निवासी से 257 ग्राम एमडी और 29 वर्षीय अंधेरी (पश्चिम) निवासी से 156 ग्राम एमडी बरामद किया।
दोनों से पूछताछ के आधार पर पुलिस ने अंधेरी इलाके में तीसरे संदिग्ध को पकड़ा, जिसके पास से 605 ग्राम एमडी जब्त की गई। कुल मिलाकर 1.18 किलोग्राम ड्रग्स बरामद की गई, जो नशीली दवाओं के अवैध व्यापार पर एक बड़ा प्रहार है।
पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) एक्ट की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। सभी आरोपी वर्तमान में पुलिस हिरासत में हैं और उनसे गहन पूछताछ की जा रही है।
प्रारंभिक जांच में पता चला है कि ये आरोपी मुंबई के घाटकोपर और अंधेरी इलाकों में सक्रिय एक बड़े ड्रग तस्करी नेटवर्क का हिस्सा हो सकते हैं।
जांचकर्ताओं का मानना है कि यह गिरफ्तारी ड्रग तस्करी के एक संगठित रैकेट को उजागर करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। पुलिस अब आरोपियों के कनेक्शन, उनके आपराधिक इतिहास और संभावित बड़े सिंडिकेट की जांच कर रही है। इसके लिए डिजिटल रिकॉर्ड, कॉल डेटा और वित्तीय लेनदेन की गहन पड़ताल की जा रही है ताकि इस नेटवर्क के अन्य सदस्यों और उनके संचालन के तरीकों का पता लगाया जा सके।
मुंबई पुलिस की ड्रग तस्करी के खिलाफ उनकी कार्रवाई निरंतर जारी है। पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे इस तरह की गतिविधियों की सूचना तुरंत दें ताकि शहर को सुरक्षित बनाया जा सके।
अपराध
बिहार में युवक ने चार साल का प्यार भुलाकर प्रेमिका को उतारा मौत के घाट, गिरफ्तार

बिहारशरीफ, 18 जून। बिहार के नालंदा जिले में एक लड़की को प्यार करने की कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ी। पुलिस ने बुधवार को एक लड़की का शव नगर थाना क्षेत्र के कागजी मोहल्ला के सड़क किनारे एक नाले से बरामद किया।
आरोप है कि उसके प्रेमी ने ही उसकी हत्या कर शव को यहां फेंक दिया। पुलिस ने आरोपी प्रेमी को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि मृतक लड़की की पहचान नालंदा जिले के सारे थाना क्षेत्र के ओंदा गांव निवासी पूजा कुमारी (19) के रूप में हुई है। वह भागन बिगहा की रहने वाली थी और बीते कई महीनों से बिहारशरीफ में किराए के मकान में रह रही थी।
बिहारशरीफ सदर के पुलिस उपाधीक्षक नुरुल हक ने बताया कि पुलिस को मंगलवार की रात सूचना मिली कि एक युवक ने अपनी प्रेमिका की हत्या कर शव को कहीं छिपा दिया है। पुलिस ने रात को शव को काफी खोजने की कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली। इसके बाद पुलिस ने आरोपी युवक अमित कुमार को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो पूरा मामला सामने आ गया।
उन्होंने बताया कि पूछताछ में आरोपी ने स्वीकार किया कि वह पिछले चार वर्षों से पूजा को जानता था। दोनों की मुलाकात बरबीघा स्थित मिशन स्कूल में पढ़ाई के दौरान हुई थी।
उन्होंने बताया कि आरोपी युवक फिलहाल बिहार थाना क्षेत्र के कागजी मोहल्ला में विजय कुमार कुशवाहा के मकान में किराए पर रह रहा था।
बताया गया कि लड़की मंगलवार को यहां आई थी और किसी बात को लेकर दोनों में विवाद हुआ और आरोपी ने यहीं युवती की हत्या धारदार हथियार से कर दी। हत्या में प्रयुक्त हथियार को भी कमरे से बरामद किया गया है।
पुलिस का दावा है कि आरोपी ने स्वीकार किया है कि उसने शव को एक बड़े सूटकेस में रखकर ई-रिक्शा के जरिए कुछ दूरी पर जाकर नाले में फेंक दिया। पुलिस को घटनास्थल से खून के निशान भी मिले हैं, लेकिन सूटकेस अब तक बरामद नहीं हो सका है। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।
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