अपराध
मुंबई: जोगेश्वरी में नाबालिग लड़की से गैंगरेप, 5 आरोपी गिरफ्तार

मुंबई, 6 मार्च। मुंबई के जोगेश्वरी इलाके में एक नाबालिग लड़की के साथ गैंगरेप और छेड़खानी का मामला सामने आया है। पुलिस ने इस मामले में पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
जानकारी के मुताबिक, जोगेश्वरी ईस्ट में रहने वाली नाबालिग लड़की घर में झगड़े के बाद नाराज होकर स्टेशन की ओर चली गई थी। वहां उसे कुछ परिचित लोग मिले, जो उसे बहला-फुसलाकर अपने घर ले गए। वहां 26 फरवरी की रात तीन युवकों ने उसके साथ दुष्कर्म किया। अगली सुबह, 27 फरवरी को लड़की वहां से भाग निकली और घाटकोपर पहुंच गई।
घाटकोपर में दो अन्य युवकों ने उसे झांसे में लिया और पहले मरीन ड्राइव, फिर दादर ले गए।
पीड़िता के बयान के अनुसार, इन दोनों ने उसके साथ छेड़खानी और बदसलूकी की।
इस बीच, लड़की के परिवार ने जोगेश्वरी पुलिस में उसकी गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई। मुंबई पुलिस ने पूरे शहर में उसकी तलाश शुरू की और आखिर में वो दादर स्टेशन में मिली।
पुलिस ने दादर में मौजूद दोनों युवकों को गिरफ्तार किया, जो उसके साथ बदसलूकी कर रहे थे।
इसके बाद पीड़िता के बयान के आधार पर गैंगरेप के तीन अन्य आरोपियों को भी गिरफ्तार कर लिया गया।
इससे पहले तीन फरवरी को मुंबई के बांद्रा टर्मिनल से एक महिला से रेप का मामला सामने आया था। पुलिस ने इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार किया था।
पुलिस अधिकारी ने इस संबंध में बयान जारी किया था। पुलिस ने अपने बयान में बताया कि एक महिला और उसका दामाद रात को ट्रेन से बांद्रा टर्मिनल पहुंचे थे। ये दोनों मुंबई घूमने आए थे।
उन्होंने बांद्रा टर्मिनल के प्लेटफार्म नंबर 6/7 पर रात बिताने का फैसला किया था, क्योंकि उनके रिश्तेदार के पास रहने के लिए कोई जगह नहीं थी।
इसी का फायदा आरोपी ने उठाया और ट्रेन में ले जाकर महिला के साथ दुष्कर्म किया। पीड़ित का दामाद सो रहा था। इसी बीच, खाली प्लेटफॉर्म का फायदा उठाकर आरोपी ने इस कृत्य को अंजाम दिया था।
वहीं, महिला ने बांद्रा जीआरपी पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाई थी। रेलवे पुलिस ने स्टेशन पर लगे सीसीटीवी कैमरों को खंगाला और आरोपी को गिरफ्तार किया।
अपराध
मुंबई: 10 रुपये के किराए को लेकर विवाद, रिक्शा चालक पर चाकू से हमला, एक गिरफ्तार

मुंबई, 3 मार्च। मुंबई के पवई इलाके में 10 रुपये के किराए को लेकर शुरू हुआ मामूली झगड़ा हिंसक घटना में बदल गया। इस विवाद में एक व्यक्ति ने रिक्शा चालक पर चाकू से हमला कर उसे घायल कर दिया। पुलिस ने इस मामले में एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है, जबकि दूसरा आरोपी अभी फरार है।
यह घटना तब हुई जब रिक्शा चालक शाहनवाज शेख अपने शेयरिंग रिक्शे में यात्रियों को ले जा रहा था। शेख प्रति यात्री 30 रुपये किराया लेता है। आरोपी अवधेश सरोज अपने भाई पवन सरोज और तीन बच्चों के साथ रिक्शे में सवार हुआ। यात्रा के बाद शेख ने पांच लोगों का किराया जोड़कर 90 रुपये मांगे। लेकिन, अवधेश ने कुल किराए पर सवाल उठाया और 10 रुपये की छूट मांगते हुए सिर्फ 80 रुपये देने की बात कही। शेख ने कम पैसे लेने से इनकार कर दिया। इसी बात पर दोनों के बीच बहस शुरू हो गई, जो जल्द ही हाथापाई में बदल गई।
गुस्से में आकर अवधेश ने शेख पर चाकू से हमला कर दिया, जिससे वह घायल हो गया। हमले के बाद अवधेश का भाई पवन मौके से भाग निकला। घायल शेख ने पास के पवई पुलिस स्टेशन पहुंचकर दोनों के खिलाफ शिकायत दर्ज की।
पुलिस ने मामले की जांच शुरू की और घटना के दो दिन बाद अवधेश सरोज को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि, दूसरा आरोपी पवन सरोज अभी भी फरार है और पुलिस उसकी तलाश में जुटी है।
पवई पुलिस के मुताबिक, यह घटना छोटी सी बात से शुरू हुई। शेख को मामूली चोट आई है और उसका इलाज चल रहा है। पुलिस ने अवधेश के खिलाफ चाकू से हमले का केस दर्ज किया है और फरार आरोपी को पकड़ने के लिए छापेमारी कर रही है। इस घटना ने इलाके में किराए को लेकर होने वाले झगड़ों पर सवाल उठाए हैं।
अपराध
अगर आपने इस कॉम्प्लेक्स में घर ले लिया है, तो सावधान हो जाइए।

मुंबई: बिल्डर जगत में अवैध रूप से चल रहे कारोबार पर मुंबई प्रेस लगातार नजर बनाए हुए है। मुंबई प्रेस अपनी हर खबर में साधारण लोगों को जागरूक करने और उन्हें धोखेबाज बिल्डरों से बचाने की कोशिश करती रहती है।

इन दिनों मुंबई में लगभग 5,000 से अधिक फुटपाथ झोपड़वासियों की फाइलों को अलग-अलग प्रोजेक्ट्स में लोड करने का काम चल रहा है, और बिल्डर और उनके करीबी इस फाइल को कौड़ी के भाव बीएमसी अधिकारियों के जरिए खरीदने और बेचने का काम कर रहे हैं।
मझगांव के अल्फा माना रेजिडेंसी मझगांव (ए एम रेजिडेंसी) का मामला भी कुछ इसी तरह का है। बीएमसी के दस्तावेजों के अनुसार, इस प्रोजेक्ट में बिल्डर ने 20 फुटपाथ झोपड़ा मालिकों को घर दिए हैं, लेकिन सवाल यह उठता है कि क्या ये वास्तव में वहां रहने वाले झोपड़ीवासी थे?
दरअसल, ए एम रेजिडेंसी के ऊपर यह आरोप लग रहा है कि बिल्डर सलीम मोटरवाला और उनके पार्टनर सुहैल इश्क़ ने बड़े पैमाने पर घोटाला किया है। अल्फा माने ग्रुप ने बीएमसी ई वार्ड को एक पत्र लिखकर अपने प्रोजेक्ट में चुने गए 20 झोपड़ा मालिकों को घर देने की इच्छा व्यक्त की, और ई वार्ड के भ्रष्ट अधिकारी परवीन मुलूक और अमजद खान ने अपने वरिष्ठ अधिकारियों को गुमराह करके उन्हें पास करवा लिया। इन 20 झोपड़ीवासियों को घर देने के बदले बिल्डर को भारी एफ.एस.आई. मिली। जानकारी के मुताबिक जिस दिन ए एम रेजिडेंसी में नए झोपड़ा मालिकों के घर के अनुबंध रजिस्टर किए गए, उसी दिन उन सभी 20 झोपड़ी फाइलों के घरों को केवल 14 लाख रुपये में बेचा बताकर बिल्डर और उनके परिवारवालों के नाम ट्रांसफर कर दिया गया, और अब यह सभी 20 घर मार्केट रेट से बेचे जा रहे हैं।
बहुत से बिल्डर मस्जिदों के, मदरसो के ट्रस्टी और जिम्मेदार बनते हैं, मगर अपने ही प्रोजेक्ट में गरीबों को उनके हक का घर देने के मामले में धोखा कर देते हैं।
इस पूरे खेल में ई विभाग के परवीन मुलूक और अमजद खान ने मुख्य भूमिका निभाई।
अब ये कैसे पता चले कि आपने जो घर लिया है, वह सेल का है या झोपड़ा अलॉटमेंट का। आपको यह देखना होगा कि घर खरीदते समय आपका पैसा अल्फा माने ग्रुप को जा रहा है या किसी थर्ड पार्टी के नाम से बिल्डर आपसे चेक ले रहा है। कानून के मुताबिक, झोपड़ा के बदले जिसको घर अलॉट किया गया है, वह बेच नहीं सकता। लेकिन बिल्डर अल्फा माने ग्रुप ने झोपड़ा धारकों के नाम चेक लेकर उन सभी घरों को थर्ड पार्टी को बेच दिया और खरीदारों के साथ धोखा किया। यही नहीं, उन हकदार झोपड़ा धारकों के साथ भी धोखा हुआ, जिन्होंने अपनी जिंदगी का एक बड़ा हिस्सा अच्छे घर की आस में फुटपाथ पर बिताया।
मुंबई प्रेस आपको सूचित करता है कि फ़्रॉड बिल्डरों से घर लेते समय पूरी जांच कर लें कि वे अपना पैसा किसके नाम पर ले रहे हैं।
अपराध
कोलकाता में अवैध कॉल सेंटर पर छापेमारी, 1.18 करोड़ कैश के साथ 4 गिरफ्तार

कोलकाता, 26 फरवरी। कोलकाता के गार्डेन रीच थाना क्षेत्र में स्थित आयरन गेट रोड पर व्हाइट हाउस बिल्डिंग में एक बड़े साइबर अपराध नेटवर्क का पर्दाफाश हुआ है। मंगलवार को एक जांच टीम ने यहां छापेमारी की। मौके से चार लोगों को पकड़ा गया और लगभग 1.18 करोड़ रुपये का कैश तथा कुछ स्वर्णाभूषण जब्त किए गए।
कोलकाता पुलिस के संयुक्त सीपी (अपराध) के अनुसार, यह छापेमारी 25 फरवरी को की गई थी। मामले में आरोपितों पर आईटी एक्ट की विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है। आरोपियों के खिलाफ बीएनएस की धारा 66/66सी/66डी/43 के तहत अपराध दर्ज किया गया, साथ ही अन्य धाराओं जैसे 61(2)/319(2)/318(4)/336(2)/336(3)/338/340(2) के तहत भी जांच की जा रही है। इन आरोपियों पर अवैध कॉल सेंटर चलाने का आरोप है, जिसमें लाखों की धोखाधड़ी करने का मामला सामने आया है।
छापेमारी के दौरान पुलिस को यहां से कई लैपटॉप, राउटर और अन्य दस्तावेज भी मिले, जो इस घोटाले में शामिल गतिविधियों को उजागर करने के लिए अहम साक्ष्य हो सकते हैं। गिरफ्तार किए गए आरोपियों में मुर्शील खान (28), जस्टिन पॉल (28), मोहम्मद शाहरुख (33), और खालिद यूसुफ खान (29) शामिल हैं। ये सभी आरोपी कॉल सेंटर के जरिए लोगों को धोखा देने के काम में लगे हुए थे।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों को एलडी सीजेएम अदालत में पेश किया जाएगा, जहां पुलिस कस्टडी मांगी जाएगी। पुलिस अधिकारियों के अनुसार, यह गिरफ्तारी साइबर अपराध की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है और आगे भी ऐसे अपराधों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी।
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