अपराध
एमएससी बैंक घोटाला मामला: ईडी अपराध की आय के अंतिम प्राप्तकर्ताओं की पहचान करना चाहता है
मुंबई: जबकि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हाल ही में तत्कालीन एमएससीबी (महाराष्ट्र राज्य सहकारी) द्वारा 2010 में सतारा के जरांदेश्वर सहकारी चीनी कारखाना (जरंदेश्वर एसएसके) की कथित धोखाधड़ी बिक्री से संबंधित अपने मनी-लॉन्ड्रिंग मामले में अपनी पहली चार्जशीट पेश की थी। बैंक) के अधिकारी, अपराध की आय के वास्तविक लाभार्थियों और अन्य व्यक्तियों की भूमिका की जांच अभी भी चल रही है। एजेंसी ने अब तक केवल तीन अभियुक्तों को नामित किया है, जिसमें कारखाने के तत्कालीन खरीदार, गुरु कमोडिटी सर्विसेज प्राइवेट लिमिटेड (जीसीएसपीएल), इसके चार्टर्ड एकाउंटेंट और बाद में जरंदेश्वर शुगर मिल्स प्राइवेट लिमिटेड (जेएसएमपीएल) को लीज पर दी गई फर्म शामिल है। ईडी के मुताबिक आरोपी फर्मों ने कथित तौर पर एमएससीबी के तत्कालीन अधिकारियों को प्रभावित किया था। एजेंसी के सूत्रों ने कहा कि एजेंसी आरोपों की पुष्टि कर रही है कि एक अन्य फर्म, स्पार्कलिंग सॉइल प्राइवेट लिमिटेड, जिसके पास उस समय जेएसएमपीएल के अधिकांश शेयर थे, एनसीपी नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री अजीत पवार से जुड़ी हुई थी।
ईडी की जांच 26 अगस्त, 2019 की एक प्रथम सूचना रिपोर्ट के आधार पर शुरू की गई थी, जिसे मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) द्वारा भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज किया गया था, जिसमें आपराधिक साजिश और धोखाधड़ी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम शामिल हैं। ईओडब्ल्यू का मामला बॉम्बे हाईकोर्ट के 22 अगस्त, 2019 के आदेश के अनुपालन में दर्ज किया गया था। ईओडब्ल्यू की प्राथमिकी में आरोप लगाया गया था कि एमएससीबी के तत्कालीन अधिकारियों और निदेशकों द्वारा कई एसएसके को धोखाधड़ी से उनके रिश्तेदारों / निजी व्यक्तियों को कम कीमतों पर बेच दिया गया था, बिना वित्तीय संपत्तियों के प्रतिभूतिकरण और पुनर्निर्माण और सुरक्षा हित अधिनियम के प्रवर्तन के तहत निर्धारित प्रक्रिया का पालन किए बिना। ईडी के एक अधिकारी ने कहा। “पीएमएलए के तहत की गई जांच से पता चला है कि एमएससीबी ने वर्ष 2010 में जरंदेश्वर एसएसके की नीलामी 65.75 करोड़ रुपये के कम मूल्य पर और उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना की थी। अजीत पवार प्रासंगिक समय में एमएससीबी के निदेशक मंडल के प्रमुख और प्रभावशाली सदस्यों में से एक थे, ”अधिकारी ने कहा।
एजेंसी ने जुलाई 2021 में, जरांदेश्वर एसएसके की भूमि, भवन/संरचना और संयंत्र-मशीनरी सहित संपत्तियों को अस्थायी रूप से कुर्क किया था। संपत्ति जीसीएसपीएल के नाम पर थी और जेएसएमपीएल को पट्टे पर दी गई थी। ईडी ने तब दावा किया था कि स्पार्कलिंग सॉइल के पास जेएसएमपीएल के बहुमत शेयर हैं और इसकी जांच से पता चला है कि पूर्व कथित रूप से पवार और उनकी पत्नी सुनेत्रा से संबंधित था। पवार और सुनेत्रा को आरोपी के रूप में नामित नहीं किया गया था। चूंकि मामले में विधायिका द्वारा कोई आरोप पत्र दायर नहीं किया गया है, एजेंसी के अनुसार, कंपनी, जेएसएमपीएल के वास्तविक लाभार्थियों की पहचान करने के लिए ईडी की जांच जारी है। सूत्रों ने कहा कि जेएसएमपीएल के स्वामित्व और शेयरहोल्डिंग पैटर्न में पिछले कई वर्षों में कई बार बदलाव आया है और जेएसएमपीएल और जीसीएसपीएल के बीच सटीक संबंध की भी जांच की जा रही है ताकि अपराध की आय के अंतिम प्राप्तकर्ताओं पर नज़र रखी जा सके।
अपराध
दिल्ली के आउटर इलाकों से 9 जुआरी पकड़े गए, हजारों रुपए कैश बरामद

CRIME
नई दिल्ली, 30 दिसंबर: दिल्ली के आउटर जिला पुलिस ने संगठित अपराध और अवैध जुए के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति के तहत बड़ी कार्रवाई करते हुए अलग-अलग इलाकों से 9 आरोपियों को गिरफ्तार किया। इस कार्रवाई में हजारों रुपए नकद और जुए से जुड़ा सामान बरामद किया गया। पुलिस ने दिल्ली पब्लिक गैंबलिंग एक्ट के तहत कुल 5 मामले दर्ज किए हैं।
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, आउटर जिला के पुलिस उपायुक्त (डीसीपी) के निर्देश पर सभी थाना क्षेत्रों में तैनात फील्ड स्टाफ को सतर्क और सक्रिय रहने के निर्देश दिए गए थे। खास तौर पर संगठित अपराध, अवैध सट्टा और जुआ गतिविधियों पर कड़ी नजर रखने को कहा गया था। इसी सतर्कता का नतीजा यह कार्रवाई है।
इसी कड़ी में 28 दिसंबर को राज पार्क थाने के हेड कॉन्स्टेबल प्रेम और हेड कॉन्स्टेबल योगेश रात में गश्त पर थे। इसी दौरान उन्हें मंगोलपुरी के नवरिया पार्क में अवैध जुए की सूचना मिली। पुलिस टीम तुरंत मौके पर पहुंची। पुलिस को देखकर आरोपी भागने लगे, लेकिन तत्परता दिखाते हुए दो लोगों को मौके पर ही दबोच लिया गया। तलाशी के दौरान हजारों रुपए नकद और जुए से जुड़ा सामान बरामद हुआ। इस मामले में एफआईआर संख्या 699/2025 के तहत केस दर्ज कर दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया।
उसी दिन दूसरे ऑपरेशन में हेड कॉन्स्टेबल प्रमोद और कॉन्स्टेबल राजेंद्र गश्त के दौरान एफ-ब्लॉक पार्क, मस्जिद के पास पहुंचे, जहां कुछ लोग जुए में लिप्त थे। पुलिस को देखते ही आरोपी भागने लगे, लेकिन दो आरोपियों को पकड़ लिया गया। मौके से नकद राशि और जुए का सामान मिला। एफआईआर संख्या 911/2025 दर्ज कर दोनों को गिरफ्तार किया गया।
28 दिसंबर को ही हेड कॉन्स्टेबल सुभाष और कॉन्स्टेबल मनजीत ने एक्स-ब्लॉक, मंगोलपुरी में एक मकान के पास जुए की गतिविधि देखी। पुलिस की कार्रवाई में दो आरोपी पकड़े गए। हजारों रुपये नकद और जुए से जुड़ी सामग्री जब्त की गई। इस मामले में एफआईआर संख्या 910/2025 दर्ज की गई।
इसी दिन, हेड कॉन्स्टेबल रवि राठी और हेड कॉन्स्टेबल दीपक चंदर विहार इलाके में गश्त कर रहे थे। वीर बाजार चौक के पास कुछ लोग जुआ खेलते मिले। पुलिस को देखकर वे भागने लगे, लेकिन दो आरोपियों को पकड़ लिया गया। मौके से नकद राशि और जुए का सामान बरामद हुआ। एफआईआर संख्या 975/2025 के तहत केस दर्ज किया गया।
25 अक्टूबर को हेड कॉन्स्टेबल जितेंद्र और कॉन्स्टेबल रविंदर विकास नगर के बालाजी रोड पर गश्त कर रहे थे। वहां एक व्यक्ति जुए में शामिल पाया गया। पुलिस ने एक आरोपी को मौके पर गिरफ्तार किया। इस संबंध में एफआईआर संख्या 834/2025 दर्ज की गई।
गिरफ्तार किए गए आरोपियों में चांद मोहम्मद, किशन, संजीत, पूरन, राकेश, अभिषेक, धर्मेंद्र, कमल किशोर और बॉबी सिंह शामिल हैं। सभी आरोपी दिल्ली के मंगोलपुरी, विकास नगर और निहाल विहार इलाके के निवासी हैं।
पुलिस ने जुए में लगाए गए हजारों रुपए नकद, सट्टा पर्चियां, बेटिंग टोकन और रिकॉर्ड बुक्स जब्त की हैं।
अपराध
उन्नाव रेप केस: सेंगर की सजा सस्पेंड करने के खिलाफ सीबीआई की याचिका पर ‘सुप्रीम’ सुनवाई

SUPRIM COURT
नई दिल्ली, 29 दिसंबर: सुप्रीम कोर्ट की 3 जजों की बेंच सोमवार को सीबीआई की उस याचिका पर सुनवाई करेगी, जिसमें दिल्ली हाई कोर्ट के उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसने उन्नाव रेप केस में भाजपा से निकाले गए नेता कुलदीप सिंह सेंगर की उम्रकैद की सजा को सस्पेंड करते हुए उन्हें जमानत दे दी थी।
सुप्रीम कोर्ट की वेबसाइट पर पब्लिश कॉजलिस्ट के अनुसार, भारत के चीफ जस्टिस (सीजेआई) सूर्यकांत और जस्टिस जेके माहेश्वरी और ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह की वेकेशन बेंच सोमवार को इस मामले की सुनवाई करेगी।
सीबीआई ने दिल्ली हाई कोर्ट के 23 दिसंबर के उस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में अपील की है, जिसमें सेंगर की अपील पेंडिंग रहने तक सजा सस्पेंड करने की अर्जी मंजूर की गई थी।
इससे पहले, यह जानकारी सामने आई थी कि सीबीआई और पीड़ित परिवार ने सुप्रीम कोर्ट में दिल्ली हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने का इरादा जताया था।
पीड़िता के परिजनों ने महिला अधिकार कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर सेंगर की सजा निलंबित किए जाने का विरोध किया। उन्होंने कहा कि जमानत के आदेश ने लोगों का भरोसा हिला दिया है और महिलाओं के खिलाफ अपराधों के बारे में गलत संदेश भेजा है।
दिल्ली हाई कोर्ट में सीबीआई ने अपराध की गंभीरता और इसमें शामिल संभावित जोखिमों को बताते हुए सेंगर की याचिका का जोरदार विरोध किया था।
बता दें कि जस्टिस सुब्रमण्यम प्रसाद और हरीश वैद्यनाथन शंकर की डिवीजन बेंच ने सेंगर की उम्रकैद की सजा को निलंबित करते हुए उनकी अपील लंबित रहने तक उन्हें कड़ी शर्तों के साथ सशर्त जमानत दे दी थी।
उन्नाव रेप केस ने पूरे देश में गुस्सा पैदा कर दिया था। दिसंबर 2019 में ट्रायल कोर्ट ने सेंगर को एक नाबालिग लड़की के अपहरण और रेप का दोषी ठहराया था और उसे उम्रकैद की सजा सुनाई थी। साथ ही, 25 लाख रुपए का जुर्माना भी लगाया था।
सुप्रीम कोर्ट ने पहले इस घटना से जुड़े सभी मामलों को उत्तर प्रदेश से दिल्ली ट्रांसफर कर दिया था और निर्देश दिया था कि ट्रायल रोजाना के आधार पर किया जाए।
अपराध
दिल्ली: ज्वेलरी चमकाने का झांसा देकर धोखाधड़ी में दो आरोपी गिरफ्तार

नई दिल्ली, 26 दिसंबर: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के सरोजिनी नगर पुलिस स्टेशन पुलिस ने ज्वेलरी चमकाने का झांसा देकर धोखाधड़ी के मामले में दो अपराधियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस को उनके पास से 10,000 रुपए और अपराध में इस्तेमाल किया गया वाहन बरामद किया गया है।
दोनों बदमाश महिलाओं को निशाना बनाकर धोखाधड़ी करते थे। आरोपियों की पहचान हर्ष विहार दिल्ली निवासी विनोद प्रसाद साह और नंद नगरी निवासी मोहम्मद सत्तार के रूप में हुई।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि यह मामला 17 दिसंबर 2025 को सरोजिनी नगर पुलिस स्टेशन में दर्ज किया गया था। महिला शिकायतकर्ता के अनुसार, आरोपियों ने उसे गहने पॉलिश करने का ऑफर दिया। उन्होंने महिला से एक सोने का पेंडेंट और एक अंगूठी ली और फिर उसे गर्म पानी लाने के लिए कहा। जैसे ही महिला ने पानी लाने के लिए रसोई में कदम रखा, आरोपी गहने लेकर भाग गए।
इंस्पेक्टर अतुल त्यागी और एसीपी मेल्विन वर्गीस की देखरेख में मुकेश कुमार के नेतृत्व में एक टीम बनाई गई। टीम ने आसपास लगे सीसीटीवी फुटेज, तकनीकी जांच और फोटोग्राफिक रेकग्निशन सिस्टम का उपयोग करके लगातार जांच की। इसके बाद दोनों आरोपियों का पता लगाया गया और 21 दिसंबर 2025 को उन्हें गिरफ्तार किया गया।
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वे अच्छे और सभ्य कपड़े पहनकर रिहायशी इलाकों में महिलाओं को गहने पॉलिश करने का झांसा देते थे। गहने लेने के बाद वे महिला से गर्म पानी लाने को कहते थे और फिर गहने लेकर फरार हो जाते थे। उन्होंने यह भी कबूल किया कि गहनों को बेच दिया गया था और कुछ पैसे जुए में खो दिए थे।
विनोद प्रसाद साह और मोहम्मद सत्तार पहले भी धोखाधड़ी के मामलों में शामिल थे।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि आरोपियों से पूछताछ की जा रही है और पता लगाया जा रहा है कि इनके गिरोह में और कितने लोग शामिल थे और कहां-कहां इस तरह की घटना को अंजाम दिया है। पुलिस ने लोगों की सलाह दी है कि इस तरह लोगों के बहकावे में आकर अपने गहने न दें।
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