अंतरराष्ट्रीय
पुनरुद्धार की तैयारी में मदर डेयरी, स्वास्थ्यवर्धक उत्पादों को लॉन्च करने की योजना
विभिन्न उत्पादों का एफएमसीजी प्रमुख मदर डेयरी कोविड-19 महामारी के कारण लगे लॉकडाउन के खत्म के होने के बाद कारोबार में फिर से जान फूंकने के लिए तैयार है। महामारी संबंधित प्रतिबंधों में ढील मिलने के कारण उत्पादों की मांगों में तेजी आई है। मदर डेयरी फ्रूट एंड वेजिटेबल के प्रबंध निदेशक संग्राम चौधरी ने आईएएनएस से खास बातचीत के दौरान न सिर्फ मांगों में वृद्धि होने पर अपने उत्साह को जाहिर किया, बल्कि नए स्वास्थ्य-आधारित उत्पादों को लॉन्च करने की कंपनी की योजनाओं के बारे में भी बताया।
चौधरी ने कहा, “अनलॉक चरणों के साथ चीजें धीरे-धीरे वापस जगह पर आ रही हैं और हम व्यापार में और साथ ही उपभोक्ताओं की भावनाओं में पुनरुद्धार देखने के लिए आशांवित हैं, जहां तक हमारी पहुंच हैं।”
उन्होंने कहा, “घरेलू सेगमेंट्स में उत्पादों की समग्र मात्रा कोविड के पहले के स्तरों के अनुरूप है। पुनरुत्थान की दिशा में किए जा रहे सकारात्मक कदमों को देखते हुए हम निश्चित रूप से आशावादी हैं।”
उन्होंने बताया कि डेयरी सेगमेंट में लॉकडाउन के शुरुआती चरणों में सीमित प्रभाव देखा गया। हालांकि यह आवश्यक वस्तुओं की श्रेणी में होने के कारण ऐसा नजर आया।
उन्होंने कहा, “कई सामान्य खुदरा और आधुनिक व्यापार आउटलेट का संचालन इस दौरान सीमित था, हालांकि, लॉकडाउन अवधि के दौरान उपभोक्ताओं की मांगों को हमारे स्वामित्व वाले विशेष आउटलेट के मौजूदा बुनियादी ढांचे के माध्यम से पूरा किया गया।”
उन्होंने आगे कहा, “इसके अलावा हमने करीब 100 एक्सक्लूसिव टच प्वाइंट के साथ अपनी बिक्री के बुनियादी ढांचे का विस्तार किया। इन आउटलेट्स ने अधिकतम उपभोक्ताओं तक पहुंच बनाने, दूध और आवश्यक खाद्य विकल्पों की आपूर्ति करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।”
हालांकि, पिछले 6-7 महीनों में प्रतिबंधों और नियमों के कारण डेयरी की मांग में गिरावट देखी गई।
फिर भी इन-हाउस खपत बढ़ने के साथ कंपनी ने लगातार आपूर्ति के साथ अपने घरों में रह रहे उपभोक्ताओं के खानपान पर ध्यान केंद्रित किया है।
कंपनी ने अपनी वेबसाइट पर मिलने वाले ऑर्डर्स के माध्यम से आइस क्रीम की होम डिलीवरी शुरू की।
उन्होंने कहा, हमने अपने हरे फल व सब्जियों के ब्रांड ‘सफल’ के साथ उपभोक्ताओं के घर तक ताजा फलों की आपूर्ति के लिए एक ई-कॉमर्स चैनल के साथ करार किया है।
इसके परिणामस्वरूप, कंपनी ने ऑनलाइन प्लेटफार्मों के माध्यम से बिक्री में 100 प्रतिशत से अधिक की वृद्धि देखी है।
चौधरी के अनुसार, उपभोक्ता वरीयता पोषण संबंधी उत्पादों की ओर ध्यान केंद्रित करने के साथ आवश्यक खाद्य विकल्पों में स्थानांतरित हो गई है।
उन्होंने कहा, लॉकडाउन अवधि ने सुविधाजनक और प्रतिरक्षा-संबंधी खाद्य उत्पादों की मांग को बढ़ावा दिया।
उन्होंने कहा, “स्वास्थ्य और सुरक्षा को लेकर बढ़ती चिंता के साथ, उपभोक्ता विभिन्न श्रेणियों में पैकेज्ड फूड विकल्पों का सहारा ले रहे थे।”
इसके अलावा, उन्होंने खुले उत्पादों पर पैकेज्ड फूड की प्राथमिकता में वृद्धि को इंगित किया, क्योंकि सुरक्षा नया मानदंड बन गया है।
कंपनी के नवीनतम बेकरी व्यवसाय के संदर्भ में चौधरी ने कहा, “हमारे नए शुरू किए गए ब्रेड के प्रति उपभोक्ताओं की प्रतिक्रिया वास्तव में सकारात्मक और उत्साहजनक रही है।”
चौधरी ने आगे खुलासा किया कि कंपनी स्वास्थ्य आधारित उत्पादों जैसे कि सिर्फ गेहूं और मिश्रित अनाज वाली ब्रेड और वैल्यू एडेड उत्पादों जैसे बर्गर बन्स, कुल्चा आदि पूरे उत्पाद पोर्टफोलियो पर काम किया जा रहा है।
वहीं क्यूएसआर मोर्चे पर सेगमेंट में विस्तार करने से पहले कंपनी की योजना एनसीआर में अपने स्टैंडअलोन आउटलेट के लिए बाजार की प्रतिक्रिया का अध्ययन करने की है।
उन्होंने कहा, “चूंकि यह हमारे लिए एक पूरी तरह से नया सेगमेंट है और उन श्रेणियों से अलग है जो हम संचालित करते आ रहे हैं, ऐसे में उपभोक्ता प्रतिक्रिया, प्रवृत्ति और प्रतिक्रिया का आकलन करना हमारे लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है।”
उन्होंने आगे कहा, “मार्च 2020 में लॉकडाउन लागू होने के कारण प्रतिक्रिया का आकलन करने के लिए बहुत कम समय था। हमारे एक्शन का भविष्य इन पहलुओं से सीधे जुड़ा हुआ है।”
कंपनी ने जनवरी 2020 में क्यूएसआर सेगमेंट में कदम रखा था।
व्यापार
सीबीडीटी ने सीपीसी बेंगलुरु को कर सुधार और रिफंड में तेजी लाने का अधिकार दिया

TAX
बेंगलुरु, 10 नवंबर: इनकम टैक्स प्रोसेसिंग की गति और सटीकता में सुधार लाने के लिए केन्द्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने केन्द्रीयकृत प्रसंस्करण केन्द्र (सीपीसी), बेंगलुरु के आयकर आयुक्त को गलतियों को सुधारने और आयकर अधिनियम के तहत डिमांड नोटिस जारी करने का अधिकार दिया है।
नए निर्देश के साथ, सीबीडीटी ने बेंगलुरु में सीपीसी को आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 120(1) और 120(2) के तहत दी गई शक्तियों का प्रयोग करने के लिए अधिकृत किया है, जिससे कम्प्यूटेशन एरर या रिफंड मिसमैच से उत्पन्न करदाता शिकायतों का तेज समाधान सुनिश्चित हो सकेगा।
वित्त मंत्रालय द्वारा हाल ही में जारी एक अधिसूचना के अनुसार, आयकर आयुक्त, सीपीसी, बेंगलुरु को अब अधिनियम की धारा 156 के तहत डिमांड नोटिस जारी करने और धारा 154 के तहत रिकॉर्ड्स में पाई गई गलतियों को ठीक करने का अधिकार है।
इनमें गलत रिफंड कम्प्यूटेशन को ठीक करना, टीडीएस, टीसीएस या एडवांस टैक्स जैसे प्रीपेड टैक्स क्रेडिट को बाहर करना और डबल टैक्सेशन एग्रीमेंट या धारा 244ए के तहत ब्याज कम्प्यूटेशन के तहत रिफंड पर विचार न करना शामिल है।
यह निर्देश प्राधिकृत आयुक्त को अतिरिक्त या संयुक्त आयकर आयुक्तों को मूल्यांकन अधिकारियों को विशिष्ट सुधार या अनुवर्ती कार्य सौंपने का लिखित अधिकार भी देता है। इसका उद्देश्य जवाबदेही में सुधार लाना और समाधान प्रक्रिया में तेजी लाना है।
यह फ्रेमवर्क सीपीसी-बेंगलुरु को डिजिटल इंटरफेस के माध्यम से सुधार संबंधी मुद्दों को सीधे हल करने का अधिकार देता है, जिन्हें पहले सीपीसी और क्षेत्रीय मूल्यांकन अधिकारियों द्वारा संभाला जाता था। यह कदम प्रशासनिक प्राधिकरण का विकेंद्रीकरण और डिजिटलीकरण करके प्रभावी करदाता सेवाएं प्रदान करने के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।
यह अधिसूचना आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशन के साथ ही तत्काल प्रभावी हो जाएगी।
पिछले महीने की शुरुआत में, सीबीडीटी ने आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 139 की उप-धारा (1) के अंतर्गत आने वाले करदाताओं के लिए आयकर रिटर्न जमा करने की समय सीमा 31 अक्टूबर से बढ़ाकर 10 दिसंबर करने का निर्णय लिया था।
इसके अतिरिक्त, अधिनियम की धारा 139 की उप-धारा (1) के स्पष्टीकरण 2 के खंड (क) में सूचीबद्ध करदाताओं के लिए, आयकर अधिनियम, 1961 के प्रावधानों के तहत पिछले वर्ष 2024-25 (कर निर्धारण वर्ष 2025-26) के लिए ऑडिट रिपोर्ट प्रस्तुत करने की आखिरी तारीख को 30 सितंबर, 2025 से बढ़ाकर 31 अक्टूबर, 2025 कर दिया गया है।
व्यापार
भारतीय शेयर बाजार तेजी के साथ खुला, मेटल और फार्मा स्टॉक्स में खरीदारी

मुंबई, 10 नवंबर: भारतीय शेयर बाजार सोमवार के कारोबारी सत्र में तेजी के साथ खुला। शुरुआती कारोबार में बाजार के ज्यादातर सूचकांक हरे निशान में थे। सुबह 9:37 पर सेंसेक्स 248 अंक या 0.30 प्रतिशत की तेजी के साथ 83,469 और निफ्टी 78 अंक या 0.31 प्रतिशत की बढ़त के साथ 25,570 पर था।
शुरुआती कारोबार में बाजार में तेजी का नेतृत्व मेटल और फार्मा सेक्टर के शेयर कर रहे थे। निफ्टी मेटल (0.81 प्रतिशत), निफ्टी फार्मा (0.79 प्रतिशत), निफ्टी एनर्जी (0.69 प्रतिशत), निफ्टी रियल्टी (0.57 प्रतिशत), निफ्टी आईटी (0.45 प्रतिशत) और निफ्टी प्राइवेट बैंक (0.30 प्रतिशत) की तेजी के साथ हरे निशान थे।
सेंसेक्स पैक में बीईएल, एशियन पेंट्स, एलएंडटी, इन्फोसिस, टाइटन, बजाज फाइनेंस, बजाज फिनसर्व, एक्सिस बैंक, एचसीएल टेक, आईटीसी, एचयूएल, आईसीआईसीआई बैंक, सन फार्मा और टीसीएस टॉप गेनर्स थे। ट्रेंट, पावर ग्रिड, एमएंडएम, अल्ट्राटेक सीमेंट, इटरनल (जोमैटो), टाटा स्टील, एसबीआई, मारुति सुजुकी और कोटक महिंद्रा बैंक लूजर्स थे।
लार्जकैप के साथ मिडकैप और स्मॉलकैप भी तेजी के साथ कारोबार हो रहे थे। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 211 अंक या 0.35 प्रतिशत की तेजी के साथ 60,054 अंक पर और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 80 अंक या 0.45 प्रतिशत की बढ़त के साथ 18,156 अंक पर था।
चॉइस ब्रोकिंग के मुताबिक, निफ्टी इंडेक्स के 25,500 के स्तर से ऊपर न टिक पाने के बाद हल्का दबाव देख रहा है, जो संभावित रूप से साइडवेज कंसोलिडेशन के संकेत देता है। नीचे की ओर, सपोर्ट 25,400 और 25,300 पर है, जो गिरावट पर खरीदारी के अवसर प्रदान करता है। ऊपर की ओर, रुकावट का स्तर 25,600 और 25,700 पर है, जबकि 25,800 से ऊपर का ब्रेकआउट होने पर यह 26,000-26,200 की रेंज की ओर जा सकता है।
लगातार छह सत्रों की बिकवाली के बाद, एफआईआई 7 नवंबर को फिर से खरीदार बन गए थे और इस दौरान उन्होंने 4,581 करोड़ रुपए मूल्य की इक्विटी खरीदी, जबकि डीआईआई ने 11वें सत्र के लिए अपनी खरीदारी जारी रखी और 6,674 करोड़ रुपए का निवेश किया।
व्यापार
एफपीआई ने अक्टूबर में भारतीय शेयर बाजारों में की वापसी, फ्रांस रहा सबसे आगे

मुंबई, 7 नवंबर: एनएसडीएल के डेटा के अनुसार, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) ने अक्टूबर में भारतीय शेयर बाजारों में अपनी जोरदार वापसी दर्ज करवाई है, जो कि उनकी तीन महीनों की लगातार बिकवाली के बाद एक महत्वपूर्ण बदलाव है।
एफपीआई द्वारा भारतीय शेयर बाजारों में निवेश को लेकर फ्रांस सबसे आगे रहा है, जिसने 2.58 अरब डॉलर का निवेश भारतीय शेयरों और 152 मिलियन डॉलर का निवेश डेट इंस्ट्रूमेंट में किया है।
एफपीआई की ओर से संयुक्त रूप से भाारतीय शेयरों में बीते महीने 1.66 अरब डॉलर का निवेश किया गया है। जबकि इससे पहले सितंबर में एफपीआई की ओर से 2.7 अरब डॉलर की बिकवाली दर्ज की गई थी।
फ्रांस के अलावा, अमेरिका और जर्मनी भी भारतीय शेयरों में निवेश करने को लेकर आगे रहे हैं। दोनों ही देशों में प्रत्येक ने भारतीय शेयरों में 520 मिलियन डॉलर का निवेश किया है।
इसके अलावा, अमेरिका की ओर से डेट इंस्ट्रूमेंट में 765 मिलियन डॉलर और जर्मनी की ओर से 309 मिलियन डॉलर का निवेश दर्ज किया गया है।
कुछ और देशों का भारतीय शेयर बाजारों की ओर सकारात्मक रुख दर्ज किया गया। आयरलैंड ने 400 मिलियन डॉलर इक्विटी में और 138 मिलियन डॉलर का निवेश डेट इंस्ट्रूमेंट में किया। मलेशिया की ओर से 342 मिलियन डॉलर इक्विटी में और 68 मिलियन डॉलर का निवेश डेट इंस्ट्रूमेंट में किया।
हांग कांग ने भारतीय इक्विटी में 177 मिलियन डॉलर का निवेश किया और डेनमार्क और नॉर्वे दोनों की ओर से करीब 100 मिलियन डॉलर का निवेश भारतीय इक्विटी में किया गया।
मजबूत कॉर्पोरेट अर्निंग, यूएस फेडरल द्वारा ब्याज दरों में कटौती और भारत-अमेरिका के बीच संभावित व्यापार वार्ता जैसे कारकों के कारण एफपीआई की ओर से खरीदारी दर्ज की गई।
हालांकि, सिंगापुर की ओर से इस महीने इक्विटी से 98 मिलियन डॉलर की बिकवाली दर्ज की गई है, जबकि 260 मिलियन डॉलर का निवेश डेट मार्केट में किया गया है। जिससे सिंगापुर की नेट पॉजिशन सकारात्क दर्ज की गई। इसके अलावा, अन्य देशों की ओर से 3 अरब डॉलर की बिकवाली रही।
विदेशी निवेशकों की वापसी के साथ बीते महीने अक्टूबर में भारतीय बेंचमार्क सूचकांकों सेंसेक्स और निफ्टी में प्रत्येक ने 4.5 प्रतिशत की बढ़त दर्ज करवाई।
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