महाराष्ट्र
मनसे प्रमुख राज ठाकरे औरंगाबाद के लिए हुए रवाना, रविवार को होनी है रैली, इन 16 शर्तों का करना होगा पालन

मनसे प्रमुख राज ठाकरे पुणे से औरंगाबाद के लिए रवाना हो चुके हैं..जानकारी के मुताबिक पुणे में शान्ति पाठ करने के बाद राज ठाकरे औरंगाबाद के लिए रवाना हुए और रास्ते में संभाजी महाराज की समाधि पर जाकर श्रध्दासुमन अर्पित किया…राज ठाकरे रविवार को औरंगाबाद में एक रैली को संबोधित करने वाले हैं..जिसे कामयाब बनाने की तैयारी में मनसे बड़े स्तर पर जुट गई है..राज ठाकरे के काफिले के साथ बड़ी संख्या में मनसे कार्यकर्ताओं का काफिला भी औरंगाबाद जा रहा है..

औरंगाबाद में होनी वाली इस रैली पर जहां सभी की नजरें हैं,वहीं सरकार ने सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए हैं..रविवार को होने वाली इस रैली की बात की जाए तो राज्य सरकार ने 16 शर्तों के साथ मनसे को इस रैली की अनुमति दी है…
- ये सभा 1 मई 2022 को शाम 4.30 से रात 9.45 बजे तक ही आयोजित हो, साथ ही सभा की जगह और समय में कोई बदलाव ना हो
- सभा में आने वाले और जाने वाले लोगों को अनुशासन का पालन करना चाहिए. सभा से वापस जाते वक्त किसी भी तरह की नारेबाजी ना की जाए.
- आने वाली सभी गाड़ियों को पुलिस द्धारा सुझाए गए मार्ग का ही इस्तेमाल करना होगा. कोई भी मार्ग ना बदले. मर्यादा में ही गाड़ी चलाएं. जहां गाड़ियों की पार्किंग की व्यवस्था की गई है वहीं गाड़ियां पार्क करें.
- कार्यक्रम के दौरान किसी भी तरह के शस्त्र, तलवार, विस्फोटक पदार्थ ना रखें या फिर उसका प्रदर्शन ना करें, आर्म्स एक्ट को भंग ना करें.
- शर्त क्रमांक 2,3,4 आने वाले लोगों की बताने की जिम्मेदारी आयोजकों की है.
- इस कार्यक्रम के लिए स्वयं सेवकों की नियुक्ति की जाए. उनके नाम, मोबाइल नम्बर और औरंगाबाद शहर के बाहर से आने वाले लोगों की संख्या, हर विभाग से कितने लोग आनेवाले हैं, उनके आनेजाने वाले मार्ग की जानकारी एक दिन पहले सिटी चौक पुलिस निरीक्षक को दी जाए.
- बैठने की व्यवस्था 15000 लोगों की है, तो उससे ज्यादा लोगों को आमंत्रित ना करें. अगर क्षमता से ज्यादा लोग आए तो वहां पर धक्का मुक्की या फिर भगदड़ जैसी कुछ घटनाएं हुई तो उसके लिए आयोजकों को जिम्मेदार ठहराया जाएगा.
- व्यवस्था बनी रहे इसलिए पुलिस निर्देश दे उस जगह मजबूत बैरिकेड्स लगाए जाएं. सुरक्षा के कारण से सभा में आने वाले हर व्यक्ति की चेकिंग का अधिकार पुलिस को है, इसमें कोई बाधा ना हो, इसका ख्याल रखा जाये.
- किसी भी वंश, जाति, भाषा, वर्ण, प्रदेश, जन्मस्थान, धर्म आदि को लेकर किसी भी व्यक्ति और व्यक्ति समूह का अपमान ना हो. विरोध में या उकसाने का कृत्य या नारेबाजी न हो इसका सख्ती से आयोजक पालन करें.
- सभा के लिए इस्तेमाल होने वाले लाउडस्पीकर की आवाज आवाज सुप्रीम कोर्ट से जारी दिशा निर्देश के मुताबिक हो. इसका उल्लंघन होने पर पर्यावरण कानून के तहत 5 साल की जेल और 1 लाख का जुर्माना हो सकता है.
- कार्यक्रम के दौरान किसी भी जरुरी सेवा जैसे सिटी बस सेवा, एम्बुलेंस, अस्पताल, मेडिकल, इलेक्ट्रिसिटी, पानी, यातायात में रुकावट न हो इसका ख्याल रखें.
- ट्रैफिक नियमन के लिए महाराष्ट्र पुलिस अधिनियमन 1951 धारा 36 के तहत निकली हुई अधिसूचना सभी आयोजक, वक्ता, और सभा में आने वाले लोगों पर लागू होगी.
- सभी महिला पुरुषों के लिए अलग अलग आसन व्यवस्था, पीने का पानी और टॉयलेट की स्वतंत्र व्यवस्था हो.
- इलेक्ट्रिसिटी सप्लाई, बैरिकेड्स, पंडाल, लाउडस्पीकर ठीक होना चाहिए. इलेक्ट्रिसिटी में अगर कोई दिक्कत हो तो जेनरेटर की सुविधा पहले से ही उपलब्ध की जाए.
- यह कार्यक्रम ठीक तरीके से होने के लिए दी गई शर्तो का उल्लंघन होने पर सभी आयोजक, वक्ता पर कानून के तहत कार्रवाई की जाएगी..
- ये नोटिस कोर्ट में सबूत के तौर पर पेश की जाएगी.
उधर राज ठाकरे की सभा रद्द करने और उनकी सभा का लाइव टेलीकास्ट न करने के लिए रिपब्लिक मोर्चा के जिलाध्यक्ष जयकिसान कांबले ने बॉम्बे हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल की थी जिसपर सुनावाई करते हुए कोर्ट ने याचिकाकर्ता पर एक लाख का जुर्माना लगाया है…
आपको बता दें कि राज ठाकरे महाराष्ट्र की सियासत में फिर से तब चर्चा में आ गए, जब उन्होंने राज्य की तमाम मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकर को हटाने का अल्टीमेटम दे दिया.. कुछ दिनों पहले एक बयान देकर उन्होंने तमाम मस्जिदों को अल्टीमेटम देते हुए कहा था कि आगामी 3 मई तक सभी लाउडस्पीकर हटा लिया जाएं, वरना मस्जिदों के बाहर मनसे कार्यकर्ता लाउडस्पीकर लगाकर हनुमान चालीसा का पाठ करेंगे… राज ठाकरे की इस चेतावनी के बाद महाराष्ट्र में लाउडस्पीकर विवाद भी अपने चरम पर पहुंच गया है…
महाराष्ट्र
महाराष्ट्र मराठी हिंदी विवाद: कानून हाथ में लेने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस

मुंबई: महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हिंदी-मराठी भाषाई विवाद पर साफ कर दिया है कि भाषाई भेदभाव और हिंसा बर्दाश्त नहीं की जा सकती। अगर कोई मराठी भाषा के नाम पर हिंसा भड़काता है या कानून अपने हाथ में लेता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी क्योंकि कानून व्यवस्था बनाए रखना सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि मीरा रोड हिंदी मराठी हिंसा मामले में पुलिस ने मामला दर्ज कर कार्रवाई की है। मराठी और हिंदी भाषा के मामले में एक कमेटी बनाई गई है। इसकी सिफारिश पर छात्रों के लिए जो भी बेहतर होगा, सरकार उसे लागू करेगी। किसी के दबाव में कोई फैसला नहीं लिया गया है।
उन्होंने कहा कि हिंदी भाषा के लिए सिफारिश महाविकास अघाड़ी शासन के दौरान ही की गई थी, लेकिन अब यही लोग विरोध कर रहे हैं। जनता सब जानती है। उन्होंने कहा कि इस चुनाव में भाजपा को 51 फीसदी मराठी वोट मिले हैं। भाषा के नाम पर हिंसा और भेदभाव बर्दाश्त नहीं की जा सकती। मराठी हमारे लिए गर्व का स्रोत है, लेकिन हम हिंदी का विरोध नहीं करते। अगर दूसरे राज्य में किसी मराठी व्यापारी को उनकी भाषा बोलने के लिए कहा जाए, तो क्या होगा? असम में उन्हें असमिया बोलने के लिए कहा गया। उन्होंने कहा कि कानून तोड़ने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
महाराष्ट्र
कई मॉल में आग लगने की घटनाओं के बाद, महाराष्ट्र सरकार ने सभी मॉल का 90 दिन का ऑडिट कराने का आदेश दिया, उपयोगिता कटौती की चेतावनी दी

मुंबई: मुंबई के लिंक स्क्वायर मॉल (29 अप्रैल, 2025) और ड्रीम मॉल, भांडुप में बार-बार आग लगने की घटनाओं के मद्देनजर, महाराष्ट्र सरकार ने राज्य भर में अग्नि सुरक्षा उल्लंघनों पर सख्त कार्रवाई करने की घोषणा की है। मंत्री उदय सामंत ने राज्य विधान परिषद को सूचित किया कि महाराष्ट्र के सभी मॉल का अग्नि ऑडिट 90 दिनों के भीतर पूरा किया जाना चाहिए।
अग्नि सुरक्षा मानकों को पूरा न करने पर बिजली और पानी की आपूर्ति काट दी जाएगी, ऐसा सामंत ने एमएलसी कृपाल तुमाने द्वारा उठाए गए सवाल का जवाब देते हुए चेतावनी दी। मंत्री ने यह भी आश्वासन दिया कि आगे से अग्नि सुरक्षा में किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
सामंत ने कहा कि बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने पहले ही कार्रवाई शुरू कर दी है। ड्रीम मॉल, भांडुप सुरक्षा उल्लंघन के बाद बंद है। उन्होंने कहा कि सभी वर्ग ‘बी’, ‘सी’ और ‘डी’ नगर निगमों को मॉल में अग्नि सुरक्षा अनुपालन का सत्यापन शुरू करना चाहिए। जहां आवश्यक हो, महाराष्ट्र अग्नि निवारण और जीवन सुरक्षा उपाय अधिनियम, 2006 के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी।
सत्र के दौरान विपक्ष के नेता अंबादास दानवे ने सदस्यों अभिजीत वंजारी और मनीषा कायंडे के साथ मॉल को अग्नि अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) जारी करने में अनियमितताओं पर चिंता व्यक्त की। उन्होंने बांद्रा के लिंक स्क्वायर मॉल, ऑर्किड सेंट्रल मॉल (मुंबई सेंट्रल) और प्राइम मॉल (विले पार्ले) में आग लगने की घटनाओं सहित कई घटनाओं की ओर इशारा किया, जिससे इन परिसरों में अग्नि शमन प्रणालियों की कार्यक्षमता पर सवाल उठे।
विधान पार्षदों ने आरोप लगाया कि स्थानीय नगरपालिका अग्निशमन विभाग और नागरिक प्राधिकरण अग्नि सुरक्षा मानदंडों को लागू करने में लापरवाह रहे हैं, और यह जानने की मांग की कि इन आग की घटनाओं के बाद क्या जांच की गई?, अग्नि सुरक्षा को मजबूत करने के लिए क्या उपाय किए गए?, सुरक्षा चूक के लिए जिम्मेदार पाए गए लोगों के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई?
एक लिखित उत्तर में, शहरी विकास विभाग (उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के अधीन) ने पुष्टि की कि कई मॉलों में अग्निशमन प्रणालियाँ काम नहीं कर रही थीं, जिनमें शामिल हैं:
बांद्रा लिंक स्क्वायर मॉल, ड्रीम मॉल, भांडुप, ऑर्किड सेंट्रल मॉल, मुंबई सेंट्रल, प्राइम मॉल, विले पार्ले
बीएमसी ने इन मॉल के मालिकों के खिलाफ महाराष्ट्र अग्नि निवारण एवं जीवन सुरक्षा उपाय अधिनियम, 2006 के तहत कार्रवाई की है।
तब से, ऑर्किड सेंट्रल मॉल और प्राइम मॉल में अग्नि प्रणालियों को पुनः सक्रिय कर दिया गया है, ड्रीम मॉल और लिंक स्क्वायर मॉल में प्रणालियां निष्क्रिय बनी हुई हैं, जिसके कारण उन्हें लगातार बंद करना पड़ रहा है और कानूनी कार्रवाई की जा रही है।
राज्य सरकार ने मॉल में अग्नि सुरक्षा की अनदेखी के आरोपों से इनकार किया और स्पष्ट किया कि कार्यात्मक अग्नि प्रणालियों को बनाए रखने और कानून के अनुसार अर्धवार्षिक अग्नि ऑडिट कराने की जिम्मेदारी मॉल मालिकों की है।
सरकार ने कहा कि मुंबई फायर ब्रिगेड आकस्मिक निरीक्षण करती है और नियमों का पालन न करने वाली संपत्तियों के खिलाफ कार्रवाई करती है।
महाराष्ट्र
हिंदी मराठी विवाद आदेश की प्रति जलाने पर मामला दर्ज

मुंबई: मुंबई हिंदी भाषा को अनिवार्य करने संबंधी आदेश की प्रति जलाने के मामले में मुंबई पुलिस ने दीपक पवार, संतोष शिंदे, संतोष खरात, शशि पवार, योगिंदर सालुलकर, संतोष वीर समेत 200 से 300 कार्यकर्ताओं के खिलाफ बिना अनुमति के विरोध प्रदर्शन करने, निषेधाज्ञा और पुलिस अधिनियम का उल्लंघन करने का मामला दर्ज किया है। आरोपियों पर आजाद मैदान पुलिस स्टेशन में धारा 189(2), 190,223, महाराष्ट्र पुलिस अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। शिकायतकर्ता संतोष सूरज धुंडीराम खोत, 32 वर्ष की शिकायत पर मामला दर्ज किया गया है।
विवरण के अनुसार, 29 जून को दोपहर 2 से 3:30 बजे के बीच मराठी पाटकर सिंह से सटे बीएमसी रोड पर प्राथमिक शिक्षा में हिंदी यानी तीसरी भाषा को अनिवार्य करने के खिलाफ सरकारी आदेश की प्रति बिना अनुमति के जलाई गई और सरकारी आदेश का उल्लंघन किया गया। आरोपियों ने इस प्रदर्शन के लिए किसी भी तरह की अनुमति नहीं ली थी और निषेधाज्ञा का उल्लंघन किया था, जिसके बाद उनके खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, इसकी पुष्टि मुंबई पुलिस ने की है। शिकायतकर्ता का बयान दर्ज करने के बाद मामला दर्ज किया गया है।
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