राजनीति
मिजोरम विधानसभा चुनाव 2023: राहुल गांधी 16 अक्टूबर से राज्य के अपने 3 दिवसीय दौरे के दौरान कांग्रेस के लिए प्रचार करेंगे

आइजोल, 14 अक्टूबर: 7 नवंबर को मिजोरम विधानसभा चुनाव से पहले, कांग्रेस नेता राहुल गांधी 16 अक्टूबर से तीन दिनों तक राज्य में पार्टी के लिए प्रचार करेंगे, पार्टी नेताओं ने शुक्रवार को कहा। एआईसीसी के मीडिया समन्वयक और मिजोरम के प्रभारी मैथ्यू एंथोनी ने कहा कि गांधी 16 अक्टूबर से मिजोरम में रहेंगे और पहले दिन, चांदमारी जंक्शन से आइजोल में ट्रेजरी भवन तक लोगों के साथ बातचीत करेंगे और पैदल चलेंगे। 18 अक्टूबर को दिल्ली लौटने से पहले वह कई संगठनात्मक और अभियान संबंधी कार्यक्रमों में भाग लेंगे। 2018 में मिज़ो नेशनल फ्रंट (एमएनएफ) ने कांग्रेस को सत्ता से बाहर कर दिया था। प्रदेश कांग्रेस प्रमुख लालसावता ने हाल ही में कहा था कि पार्टी सभी 40 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेगी और केंद्रीय चुनाव समिति जल्द ही उम्मीदवारों के नामों की घोषणा करेगी. कांग्रेस ने हाल ही में दो स्थानीय पार्टियों – पीपुल्स कॉन्फ्रेंस (पीसी) और ज़ोरम नेशनलिस्ट पार्टी (जेडएनपी) के साथ ‘मिजोरम सेक्युलर एलायंस’ (एमएसए) का गठन किया है। लालसावता ने कहा कि एमएसए का गठन भाजपा के खिलाफ एकजुट होकर लड़ने के लिए किया गया था। कांग्रेस नेता ने एमएसए द्वारा अपनाए गए प्रस्ताव का जिक्र करते हुए अन्य राजनीतिक दलों से मिज़ोस और उनके धर्म के अस्तित्व के लिए गठबंधन में शामिल होने का आग्रह किया। “यह आरोप लगाया गया है कि जब से भगवा पार्टी और उसके सहयोगी 2014 में केंद्र में सत्ता में आए हैं, तब से अल्पसंख्यक समुदायों, विशेषकर आदिवासियों को ध्वस्त करने और कई कानूनों के माध्यम से हिंदू राज्य स्थापित करने के ठोस प्रयास किए गए हैं।” जिस पर मिजोरम सेक्युलर गठबंधन मूक दर्शक नहीं बने रहना चाहता है। एमएसए प्रस्ताव में कहा गया है, ”भारत उन शीर्ष देशों में से एक बन गया है जहां ईसाई सुरक्षित नहीं हैं।” मौजूदा विधानसभा में कांग्रेस के पांच सदस्य हैं जबकि पीसी और जेडएनपी का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है।
राजनीति
राहुल गांधी के ‘वोट चोरी’ वाले आरोप निराधार : संजय निरुपम

मुंबई, 8 अगस्त। शिवसेना नेता संजय निरुपम ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के ‘वोट चोरी’ के आरोपों पर जवाब दिया है। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी के नेताओं के आरोप निराधार हैं। खासकर महाराष्ट्र के विषय में विपक्षी दलों ने जो आरोप लगाए, लेकिन महाराष्ट्र में ‘वोट चोरी’ पर बात करते हुए राहुल गांधी कर्नाटक चले गए हैं।
संजय निरुपम ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि महायुति की जीत में महाराष्ट्र की जनता का योगदान है। इसे आप (राहुल गांधी) यह नहीं कह सकते हैं कि नए वोटर फर्जी तरीके से जोड़कर महायुति विधानसभा चुनाव जीती।
राहुल गांधी के आरोपों पर उन्होंने आगे कहा, “राहुल गांधी ने महाराष्ट्र चुनाव के संबंध में कहा था कि नए वोटर लाखों की संख्या में बनाए गए, उन सभी लोगों ने आखिर में वोटिंग की। शाम को साढ़े 5 बजे के बाद वोटिंग प्रतिशत अचानक बढ़ गया और इसका फायदा महायुति को हुआ। लेकिन साढ़े 5 बजे के आसपास मतदान प्रतिशत बढ़ना आम बात है। देश के चुनावों में अक्सर यह हुआ है कि शाम के समय ही वोट प्रतिशत बढ़ा है, क्योंकि बहुत मतदाता शाम को वोट डालने पहुंचते हैं।”
नागपुर की कामठी सीट को लेकर राहुल गांधी के दावे पर संजय निरुपम ने महाराष्ट्र की तीन और सीटों का जिक्र किया। निरुपम ने बताया कि माढ़ा में 18 वोट प्रतिशत शाम के समय बढ़ा था, जबकि वणी विधानसभा क्षेत्र में 13 प्रतिशत वोट और श्रीरामपुर में 12 प्रतिशत वोट बढ़ा। राहुल गांधी के संशय के हिसाब से यहां भी भाजपा जीतनी चाहिए थी, लेकिन माढ़ा में एनसीपी-एसपी, वणी में शिवसेना-यूबीटी और श्रीरामपुर में कांग्रेस का प्रत्याशी जीता था।”
शिवसेना नेता ने कहा कि एक खास समय में किसी भी एक राजनीतिक पार्टी के वोट बढ़े, इस तरह के आरोप निराधार हैं। उन्होंने सवाल उठाते हुए कहा कि महाराष्ट्र सरकार, खासकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दो महीने पहले यह डाटा साझा किया था, लेकिन कांग्रेस और राहुल गांधी ने इस पर जवाब नहीं दिया। राहुल गांधी ने अपना ‘एटम बम’ फोड़ते समय भी इस पर कोई जवाब नहीं दिया था।
राजनीति
चुनाव आयोग एक पार्टी प्रवक्ता की तरह बात न करे, राहुल के आरोपों का जवाब दे : कांग्रेस सांसद

नई दिल्ली, 8 अगस्त। बिहार एसआईआर प्रक्रिया पर घमासान के बीच कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के नए दावों ने सियासत को और भड़का दिया है। राहुल गांधी ने ‘वोट-चोरी’ के तथाकथित सबूत दिए। इसी क्रम में, कांग्रेस पार्टी पहले के मुकाबले और हमलावर है। कांग्रेस सांसदों ने कहा कि चुनाव आयोग को राहुल गांधी के सबूतों के आधार पर जवाब देना चाहिए।
कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने मीडिया से बातचीत में कहा कि एसआईआर पर चर्चा के लिए सरकार आज भी तैयार नहीं है। राहुल गांधी ने चुनाव आयोग के डॉक्यूमेंट से ही साबित कर दिया कि निश्चित साक्ष्य के साथ जबरदस्त गड़बड़ी हुई है। इसके बावजूद, मौजूदा सरकार इस विषय पर चर्चा के लिए तैयार नहीं है। उन्होंने कहा, “राहुल गांधी ने साक्ष्य के साथ जो सबूत रखे हैं, उनका जवाब सरकार को देना चाहिए। चुनाव आयोग भाजपा के प्रवक्ता की तरह बात न करे, बल्कि राहुल गांधी के आरोपों का जवाब दे।”
मिडिया से बातचीत में कांग्रेस के राज्यसभा सांसद राजीव शुक्ला ने कहा, “राहुल गांधी ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक-डेढ़ घंटे तक सिर्फ सबूत ही पेश किए थे, और क्या सबूत चाहिए? चुनाव आयोग की जिम्मेदारी बनती है कि देश में निष्पक्ष चुनाव कराए, लेकिन आप सूची नहीं दे रहे हैं। मतदाताओं के भ्रम को दूर करना चुनाव आयोग का कर्तव्य है।”
इसी तरह, रंजीत रंजन ने कहा कि चुनाव आयोग के डॉक्यूमेंट के आधार पर ही कर्नाटक में एक विधानसभा में 6 महीने तक जांच के बाद एक लाख से अधिक फर्जी मतदाता मिले। मतदाता सूची में किसी का पता सही नहीं है और किसी की फोटो सही नहीं है, इससे बड़ा सबूत क्या हो सकता है?
कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के दावों पर कहा, “राहुल गांधी ने सबूत दिखाए हैं, चुनाव आयोग को जिम्मेदारी लेनी चाहिए और संसद में एसआईआर पर चर्चा होनी चाहिए।” उन्होंने कहा, “राहुल गांधी और क्या प्रमाण दें? उन्होंने सबूत दिए हैं। चुनाव आयोग यह बताए कि क्या वह सबूत गलत हैं। राहुल गांधी ने अलग-अलग लोगों का नाम लिया, क्या वह लोग गलत थे? यह चुनाव आयोग बताए।”
गौरव गोगोई ने कहा कि राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद चुनाव आयोग ने जिस तरह से जवाब देना जरूरी समझा, उससे उनकी झिझक और बेचैनी साफ जाहिर होती है। वे राहुल गांधी के तीखे सवालों का सटीक जवाब नहीं दे पाए। अब वे सबूत और शपथ पत्र मांग रहे हैं, लेकिन राहुल गांधी पहले ही सारे सबूत सार्वजनिक रूप से पेश कर चुके हैं।
राष्ट्रीय समाचार
9 अगस्त 2012 का वो ऐतिहासिक दिन, जब ‘अग्नि-2’ ने भारत की रक्षा ताकत को दी नई उड़ान

नई दिल्ली, 8 अगस्त। 9 अगस्त, 2012, ये वो दिन था, जब भारतीय सेना ने देश की रक्षा क्षमता को और मजबूत करते हुए परमाणु हमला करने में सक्षम अग्नि-2 बैलेस्टिक मिसाइल का सफल परीक्षण किया था। यह परीक्षण भारत के मिसाइल विकास कार्यक्रम और रणनीतिक रक्षा नीति में एक महत्वपूर्ण कदम था। यह न केवल तकनीकी उपलब्धि थी, बल्कि भारत की रणनीतिक स्वायत्तता और क्षेत्रीय स्थिरता को बनाए रखने की प्रतिबद्धता का भी प्रतीक था।
दरअसल, अग्नि-2 भारत के एकीकृत निर्देशित मिसाइल विकास कार्यक्रम (आईजीएमडीपी) का हिस्सा है, जिसे डीआरडीओ द्वारा विकसित किया गया है। अग्नि-2 मध्यम दूरी की बैलेस्टिक मिसाइल है, जो अपनी लंबी रेंज और सटीकता के लिए जानी जाती है। यह परमाणु और पारंपरिक दोनों तरह के हथियार ले जाने में सक्षम है।
9 अगस्त, 2012 को ओडिशा के तट पर स्थित व्हीलर द्वीप (डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम द्वीप) से इसका सफल परीक्षण किया गया था।
रक्षा मंत्रालय के अनुसार, भारत ने 2012 में अपनी रक्षा क्षमताओं को और मजबूत करने के लिए सतह से सतह पर मार करने वाली बैलेस्टिक मिसाइल अग्नि-2 का सफल परीक्षण किया था। ये परीक्षण न केवल तकनीकी दक्षता को प्रदर्शित करते हैं, बल्कि भारत की रणनीतिक निवारक क्षमता और क्षेत्रीय स्थिरता को भी रेखांकित करते हैं।
अग्नि-2 की मारक क्षमता 2,000 से 2,500 किलोमीटर के बीच है। यह मध्यम दूरी की बैलेस्टिक मिसाइल है, जो अत्याधुनिक इनर्शियल नेविगेशन सिस्टम (आईएनएस), जीपीएस आधारित और 1,000 किलोग्राम तक पेलोड क्षमता से लैस है। यह लगभग 20 मीटर लंबी है और इसका वजन करीब 17 टन है, जो इसे अत्यंत सटीक बनाता है। इसे रेल और सड़क दोनों से मोबाइल लांचर के जरिए प्रक्षेपित किया जा सकता है, और यही इसे रणनीतिक रूप से लचीला बनाता है। दो चरणों वाली ठोस ईंधन प्रणाली मिसाइल की त्वरित तैनाती और विश्वसनीयता सुनिश्चित करती है।
9 अगस्त 2012 को जब इस मिसाइल का परीक्षण किया गया था, तो इसने अपने लक्ष्य को सटीक रूप से भेदा था, जिसकी रडार और टेलीमेट्री स्टेशनों द्वारा पुष्टि की गई थी। यह परीक्षण भारतीय सेना की परिचालन तत्परता को परखने का हिस्सा था।
अग्नि-2 का 2012 में किया गया सफल परीक्षण भारत की मिसाइल प्रौद्योगिकी और रक्षा तैयारियों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर था, जो एक तकनीकी उपलब्धि के साथ-साथ भारत की रणनीतिक स्वायत्तता और क्षेत्रीय स्थिरता को बनाए रखने की प्रतिबद्धता का भी प्रतीक था।
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