पर्यावरण
मीरा-भायंदर: तेज गति से चलने वाले डंपरों के खिलाफ सड़कों पर उतरे लोग, जान को खतरा और वायु प्रदूषण का कारण
मीरा भयंदर: भयंदर (पश्चिम) में माहेश्वरी भवन रोड पर रहने वाले लोगों, विशेषकर महिलाओं ने लापरवाही से चलाए जा रहे डंपरों के खिलाफ सड़कों पर प्रदर्शन किया। ये डंपर न केवल उनकी जान के लिए खतरा बन रहे हैं, बल्कि भारी वायु प्रदूषण के कारण सांस संबंधी बीमारियों का कारण भी बन गए हैं।
सोमवार को स्वतःस्फूर्त आंदोलन में, निवासियों ने सड़कों पर उतरकर निर्माण स्थल की ओर जा रहे दर्जनों डंपरों को रोक दिया। स्थानीय निवासी और सामाजिक कार्यकर्ता विक्रम मुथालिया ने कहा, “चाहे दिन हो या रात, रेत और अन्य निर्माण सामग्री से भरे सैकड़ों डंपर इस सड़क पर बहुत तेज़ गति से चलते हैं, जिससे लोगों को बहुत परेशानी होती है।”
एक अन्य निवासी प्रिया सरावगी ने कहा, “हादसे के डर के अलावा, सड़क और उसके आस-पास की इमारतें धूल के गुबार से ढकी रहती हैं, जिससे स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं पैदा होती हैं। इसके अलावा, जब भी डंपर सड़क से गुजरता है, तो हमारी इमारतों में कंपन होता है।”
महिलाओं ने बताया कि जब वे अपने बच्चों को स्कूल छोड़ने या अन्य घरेलू काम के लिए अपने भवनों से बाहर निकलती हैं तो उन्हें चिंता होती है।
यह सड़क एक निर्माण स्थल की ओर जाती है, जो प्रभावशाली बिल्डरों के एक समूह से संबंधित है, जिन्हें स्थानीय राजनेताओं का आशीर्वाद प्राप्त है, जिसके कारण स्थानीय निवासियों द्वारा बार-बार अनुरोध किए जाने के बावजूद अधिकारी अवैध निर्माणों के खिलाफ कार्रवाई करने से कतराते रहे हैं।
यह आरोप लगाया गया है कि निर्माण कंपनी के मालिकों ने किसी भी प्रकार की आपत्ति को दबाने के प्रयास में कुछ स्थानीय राजनीतिक नेताओं और पूर्व पार्षदों को निर्माण कार्य और डंपिंग सामग्री को ले जाने का ठेका दे दिया था।
अंतरराष्ट्रीय
लॉस एंजिल्स के जंगल में आग लगने से 27 लोगों की मौत
लॉस एंजिल्स, 17 जनवरी। अमेरिका के दक्षिणी कैलिफोर्निया के लॉस एंजिल्स क्षेत्र में लगी भीषण आग में एक सप्ताह से अधिक समय में कम से कम 27 लोगों की मौत हो गई और 12,300 से अधिक संरचनाएं नष्ट हो गई। स्थानीय अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है।
मीडिया के अनुसार, लॉस एंजिल्स में दो बड़ी जंगल की आग पर काबू पाने के लिए अग्निशमन दल ने गुरुवार को भी काम जारी रखा, क्योंकि क्षेत्र में हवाएं धीमी पड़ गई है।
पालिसैड्स फायर लॉस एंजिल्स क्षेत्र में सबसे बड़ी सक्रिय जंगल की आग में से एक है, जिसने अब तक 23,713 एकड़ (95.96 वर्ग किमी) को चपेट में लिया है। 7 जनवरी को लगी आग पर 22 प्रतिशत काबू पा लिया गया है, जो एक दिन पहले 17 प्रतिशत था।
कैलिफोर्निया के वानिकी एवं अग्नि सुरक्षा विभाग (कैल फायर) ने गुरुवार को एक अपडेट में कहा, “मौसम की स्थिति सामान्य हो गई है, तथा आग के वर्तमान परिधि के भीतर ही रहने की उम्मीद है। इसमें कोई अतिरिक्त वृद्धि की उम्मीद नहीं है।”
कैल फायर ने कहा, “कर्मचारी फायर लाइन की स्थापना और सुधार, आग के संभावित स्थानों की तलाश और उन्हें बुझाने तथा जोखिम वाले क्षेत्रों में क्षति को सीमित करने के लिए नियंत्रण रेखाएं बनाने का काम जारी रखे हुए हैं।”
एक अन्य बड़ी और सक्रिय आग ईटन फायर ने अल्ताडेना और पासाडेना के पास 14,117 एकड़ (57.1 वर्ग किमी) को जला दिया है। आग पर काबू पाने का स्तर एक दिन पहले के 45 प्रतिशत से बढ़कर 55 प्रतिशत हो गया है।
कैल फायर के अनुसार, रात और सुबह की आसान मौसमी परिस्थितियों ने आग की गतिविधि को कम कर दिया, जिससे अग्निशामकों को अच्छी प्रगति करने में मदद मिली।
एजेंसी ने बताया कि सोमवार को हवाओं के लौटने के कारण, दक्षिणी कैलिफोर्निया के कुछ हिस्सों में व्यापक रूप से गंभीर आग लगने की मौसमी स्थितियां बनी हुई हैं।
यूएस नेशनल वेदर सर्विस ने कहा, “हम उम्मीद कर रहे हैं कि इस सप्ताह आग संबंधी चिंताओं से राहत मिलेगी।”
यूएस नेशनल वेदर सर्विस ने इस सप्ताह की शुरुआत में एक “विशेष रूप से खतरनाक स्थिति” की चेतावनी जारी की थी।
एजेंसी ने कहा, “अगला सप्ताह चिंता का विषय है। हालांकि हमें विश्वास है कि पिछले सप्ताह जैसी घटनाएं नहीं होंगी, लेकिन आग लगने की स्थिति में खतरनाक मौसम की स्थिति बनी रहने की आशंका है।”
पर्यावरण
दिल्ली एनसीआर : 21 और 22 जनवरी को होगी तेज बारिश, तब तक रहेगा घना कोहरा
नोएडा, 17 जनवरी। मौसम में फिर एक बार बदलाव देखने को मिला है। एक तरफ जहां मकर संक्रांति के बाद मौसम काफी साफ हो जाता है और लोगों को ठंड से निजात मिलती दिखाई देती है, वहीं इसके उलट न्यूनतम पारा लगातार गिर रहा है और घने कोहरे से भी लोगों का सामना हो रहा है।
मौसम विभाग की मानें तो आने वाले 21 और 22 जनवरी को तेज बारिश से एनसीआर के लोगों का सामना हो सकता है और तब तक लोग घने कोहरे, तेज हवा के कारण कड़कड़ाती ठंड से मुकाबला करेंगे। मौसम विभाग की तरफ से जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक 17 जनवरी को एनसीआर में घना कोहरा छाया हुआ है और अधिकतम तापमान 19 डिग्री और न्यूनतम तापमान 8 डिग्री दर्ज किया गया है।
वहीं पर मौसम विभाग के मुताबिक 18 जनवरी को अधिकतम तापमान 19 डिग्री और न्यूनतम तापमान 7 डिग्री रहने की संभावना जताई गई है। 19 जनवरी को भी मौसम विभाग के अनुसार अधिकतम तापमान 20 और न्यूनतम तापमान 6 डिग्री रहने की संभावना है। इसके अगले दिन 20 जनवरी को मौसम विभाग ने बताया है कि एनसीआर में घना कोहरा छाया रहेगा और अधिकतम तापमान 21 डिग्री और न्यूनतम तापमान 9 डिग्री बने रहने की संभावना है।
इसके बाद ऐसे ही 21 और 22 जनवरी को भी मौसम विभाग के मुताबिक तेज बारिश से एनसीआर के लोगों का सामना होगा और दोनों ही दिन अधिकतम तापमान 21 डिग्री और न्यूनतम तापमान 10 डिग्री रहने की संभावना जताई गई है। लगातार पश्चिमी विक्षोभ में हो रही गड़बड़ी के कारण एक तरफ पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी देखने को मिल रही है, तो दूसरी तरफ उसका असर पास के मैदानी इलाकों में भी हो रहा है। इसलिए अचानक एनसीआर में मौसम में बदलाव देखने को मिल रहा है।
पर्यावरण
दिल्ली-एनसीआर में घने कोहरे और बारिश के कारण 29 ट्रेनें लेट
नई दिल्ली, 16 जनवरी। दिल्ली-एनसीआर में गुरुवार को घने कोहरे और हल्की बारिश की वजह से यातायात प्रभावित हुआ, जिसके कारण 29 ट्रेनें देरी से चलीं और कई उड़ानों पर भी इसका असर देखने को मिला।
भारत मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने ‘येलो’ अलर्ट जारी किया है, जिसमें पूरे दिन घना कोहरा और हल्की बारिश की चेतावनी दी गई है।
मौसम की संभावित स्थिति ठंड को और बढ़ा सकती है, न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस और अधिकतम 17 डिग्री सेल्सियस के बीच रहेगा। शुक्रवार की सुबह भी घना कोहरा छाए रहने की आशंका है, जिससे विजिबिलिटी बेहद कम रहेगी।
सुबह, शाम और रात में विजिबिलिटी बेहद कम रहने की उम्मीद है। आईएमडी ने गुरुवार को हल्की बारिश की भी भविष्यवाणी की है, जिससे दिल्ली, नोएडा, गुरुग्राम और आसपास के इलाकों में चल रही शीतलहर और बढ़ सकती है।
लगातार जारी शीतलहर ने अधिकारियों को वायु गुणवत्ता संबंधी चिंताओं को दूर करने के लिए अतिरिक्त उपाय करने के लिए प्रेरित किया है। इससे पहले बुधवार को, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान के तहत स्टेज-III (“गंभीर”) और स्टेज-IV (“गंभीर”) वायु गुणवत्ता उपायों को लागू किया। वायु गुणवत्ता में गिरावट के बाद ये उपाय अब पूरे दिल्ली और राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में लागू हैं।
दिल्ली में बारिश के कारण एक्यूआई में सुधार होने के बाद वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग ने 12 जनवरी को स्टेज-3 प्रतिबंध हटा लिए थे। स्टेज-IV प्रतिबंधों में सभी निर्माण गतिविधियों पर प्रतिबंध, दिल्ली में गैर-आवश्यक प्रदूषणकारी ट्रकों का प्रवेश और कक्षा 10 और 12 को छोड़कर स्कूल की कक्षाओं को अनिवार्य रूप से हाइब्रिड मोड में स्थानांतरित करना शामिल है।
गैर-आवश्यक डीजल ट्रकों का दिल्ली में प्रवेश करने पर प्रतिबंध है, और स्टेज IV के तहत आवश्यक सेवाओं को छोड़कर दिल्ली में पंजीकृत बीएस-IV और पुराने डीजल से चलने वाले भारी माल वाहनों पर प्रतिबंध है।
चूंकि दिल्ली भीषण ठंड और प्रदूषण दोनों से जूझ रही है, इसलिए आईएमडी के मौसम पूर्वानुमान में नागरिकों से ठंड से बचने के लिए सावधानी बरतने को कहा गया है।
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