अपराध
मीरा भयंदर: भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो ने 19 साल से रिश्वत मांगने और लेने के आरोप में 22 एमबीएमसी कर्मियों को पकड़ा; एक बरी, कोई दोषी नहीं

मीरा भयंदर: मीरा भयंदर नगर निगम (एमबीएमसी) में विभिन्न विभागों से जुड़े दस अधिकारियों सहित कुल 22 कर्मचारी पिछले उन्नीस वर्षों में रिश्वत मांगने और स्वीकार करने के आरोप में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) के जाल में फंस गए हैं।
एमबीएमसी में कुछ निर्वाचित प्रतिनिधियों पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। हाल ही में एक अधिकारी को 14 साल पुराने रिश्वतखोरी के मामले में बरी कर दिया गया है, लेकिन बाकी मामलों की जांच अभी भी जारी है, जबकि दोषसिद्धि की संख्या शून्य है। यह जानकारी सामाजिक कार्यकर्ता कृष्ण गुप्ता द्वारा सूचना के अधिकार (आरटीआई) अधिनियम के तहत प्राप्त की गई।
दागी कार्मिकों के बारे में
गौर करने वाली बात यह है कि जांच के घेरे में आए दागी कर्मियों में से अधिकांश न केवल कुछ समय के निलंबन के बाद नियमित सेवा में वापस आ गए हैं, बल्कि उन्हें अच्छी-खासी पोस्टिंग भी मिल गई है। विडंबना यह है कि आरटीआई के जवाब में एक सहायक आयुक्त ने जवाब दिया है, जो खुद 2013 में एक होटल व्यवसायी से 1.75 लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में एसीबी की हिरासत में आ गया था।
गुप्ता ने आरोप लगाया, “जिन 22 मामलों में कर्मियों को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया है, उनके अलावा एसीबी ने पिछले पांच सालों में भ्रष्टाचार और धन के दुरुपयोग से जुड़ी करीब 27 शिकायतों की जांच करने की अनुमति मांगी थी, जिसमें एंबुलेंस घोटाला भी शामिल है। हालांकि, सभी मामलों में अनुमति देने से इनकार कर दिया गया, जिससे एमबीएमसी द्वारा भ्रष्टाचार के प्रति तथाकथित शून्य सहनशीलता पर गंभीर सवालिया निशान लग गया है।”
अभियोजन स्वीकृति प्राप्त हुई
आरटीआई जवाब से यह भी पता चलता है कि 21 मामलों में सक्षम प्राधिकारी से अभियोजन स्वीकृति प्राप्त कर ली गई है, एक स्वीकृति प्राप्त करने का प्रस्ताव अभी भी लंबित है। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 19 अभियोजन स्वीकृति प्राप्त करना अनिवार्य बनाती है, क्योंकि इसी अधिनियम की धारा 17 (ए) लोक सेवकों को अपने कर्तव्यों का निर्वहन करते समय कुछ स्वतंत्रताएं प्रदान करती है।
इस बीच, एसीबी की आधिकारिक वेबसाइट पर अपलोड किए गए सांख्यिकीय रिकॉर्ड पर एक सरसरी नजर डालने से पता चलता है कि 1 जनवरी से 14 अक्टूबर 2024 के बीच राज्य भर में कुल 545 ट्रैप दर्ज किए गए हैं, जबकि पिछले साल इसी अवधि में 661 मामले दर्ज किए गए थे, जो मामलों की संख्या में 18 फीसदी की गिरावट दर्शाता है।
अपराध
अभिनेता एजाज खान की पत्नी, फॉलन गुलीवाला को मिली जमानत, सोमवार को होगी रिहाई।

मुंबई: अभिनेता एजाज खान की पत्नी, फॉलन गुलीवाला, जिन्हें नवंबर 2024 में उनके आवास से मादक पदार्थों की बरामदगी के मामले में गिरफ्तार किया गया था, को मुंबई की एक विशेष अदालत ने जमानत दे दी है। गुलीवाला पिछले चार महीने से अधिक समय से हिरासत में थीं।
अदालत ने जमानत देते हुए कुछ शर्तें लगाई हैं, जिनमें उनका पासपोर्ट जमा करना, यात्रा पर प्रतिबंध और जांच अधिकारी के समक्ष सप्ताह में तीन बार उपस्थित होना शामिल है, जब तक कि आरोप पत्र दाखिल नहीं हो जाता।
गुलीवाला के वकील, अयाज खान, ने दलील दी कि उन्हें बरामद वस्तुओं की जानकारी नहीं थी और वह उस परिसर की अकेली निवासी नहीं थीं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि छापे के दौरान सीसीटीवी सिस्टम बंद कर दिया गया था और कोई वीडियोग्राफी या फोटोग्राफी नहीं की गई थी।
विशेष लोक अभियोजक विभावरी पाठक ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए तर्क दिया कि गुलीवाला के खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला बनता है।
अदालत ने यह देखते हुए कि जब्ती प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, गुलीवाला को जमानत दी, लेकिन सख्त शर्तों के साथ।
अंतरराष्ट्रीय समाचार
कनाडा में भारतीय नागरिक की चाकू घोंपकर हत्या

ओटावा, 5 अप्रैल। कनाडा के ओटावा के निकट रॉकलैंड इलाके में एक भारतीय नागरिक की चाकू घोंपकर हत्या कर दी गई, जिसके बाद स्थानीय अधिकारियों ने तुरंत कार्रवाई की। कनाडा में भारतीय दूतावास ने शनिवार सुबह घटना की पुष्टि करते हुए बताया कि एक संदिग्ध को हिरासत में ले लिया गया है।
भारतीय दूतावास ने एक बयान जारी कर घटना पर गहरा दुख व्यक्त किया और पीड़ित परिवार को सहायता देने का भी ऐलान किया।
दूतावास ने एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “ओटावा के निकट रॉकलैंड में चाकू घोंपने से एक भारतीय नागरिक की दुखद मौत से हम बहुत दुखी हैं। पुलिस ने बताया है कि एक संदिग्ध को हिरासत में ले लिया गया है। हम शोक संतप्त परिजनों को हर संभव सहायता प्रदान करने के लिए स्थानीय सामुदायिक संघ के माध्यम से निकट संपर्क में हैं।”
हालांकि चाकू मारने की घटना का विवरण अभी भी अस्पष्ट है, लेकिन स्थानीय मीडिया रिपोर्टों से पता चलता है कि यह घटना सुबह-सुबह क्लेरेंस-रॉकलैंड क्षेत्र में हुई।
अधिकारियों ने अभी तक इसकी पुष्टि नहीं की है कि क्या यह वही मामला है जिसका उल्लेख भारतीय दूतावास ने किया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, हत्या की चल रही जांच के तहत ओन्टारियो प्रांतीय पुलिस (ओपीपी) ने क्षेत्र में अपनी उपस्थिति बढ़ा दी है।
पुलिस ने रॉकलैंड निवासियों को भी चेतावनी जारी की है, जिसमें उन्हें सलाह दी गई है कि वे कानून प्रवर्तन की गतिविधियों में वृद्धि की अपेक्षा करें, जबकि अधिकारी अपराध से जुड़ी परिस्थितियों की जांच जारी रखेंगे।
कनाडा स्थित दूतावास ने जनता को आश्वासन दिया कि वह इस कठिन समय में पीड़ित परिवार को सभी आवश्यक सहायता प्रदान कर रहा है।
चाकू घोंपने के पीछे का मकसद अभी भी स्पष्ट नहीं है और जांच जारी है। दूतावास ने स्थानीय अधिकारियों के साथ निरंतर संपर्क बनाए रखने का वादा किया है, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि परिवार को उनकी ज़रूरत के मुताबिक सहायता मिले और मामले से जुड़ी आगे की कार्रवाई में मदद मिले।
अपराध
झारखंड में आयुष्मान भारत घोटाले में रांची सहित 21 ठिकानों पर ईडी की छापेमारी

रांची, 4 अप्रैल। आयुष्मान भारत योजना में गड़बड़ी के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीमों ने रांची में शुक्रवार सुबह से कई स्थानों पर छापेमारी शुरू की है। शहर के अशोक नगर, पीपी कंपाउंड, एदलहातु, बरियातू, लालपुर और चिरौंदी इलाके में कई ठिकानों पर कड़ी सुरक्षा के बीच तलाशी चल रही है।
बताया जा रहा है कि रांची के अलावा कुल 21 ठिकानों पर यह रेड चल रही है। ईडी ने आयुष्मान भारत योजना में झारखंड में हुई गड़बड़ियों को लेकर हाल में ईसीआईआर (इन्फोर्समेंट केस इन्फॉर्मेशन रिपोर्ट) दर्ज कर जांच शुरू की है। यह छापेमारी इसी मामले में उन लोगों के खिलाफ की जा रही है, जिनके घोटाले और मनी लॉन्ड्रिंग में संलिप्त होने की संभावना है।
एक हेल्थ इंश्योरेंस कंपनी के दफ्तर में भी तलाशी की जा रही है। संसद में पेश भारत के नियंत्रक महालेखा परीक्षक की रिपोर्ट (सीएजी) में भी आयुष्मान भारत योजना में गड़बड़ियों का खुलासा किया गया था। इसमें बताया गया था कि झारखंड में भी कई अस्पतालों ने मरीजों के फर्जी इलाज का बिल बनाकर सरकार से करोड़ों की राशि का भुगतान ले लिया।
यहां तक कि कई ऐसे लोगों के इलाज के नाम पर राशि निकाली गई, जिनकी मौत हो चुकी थी। सीएजी की इस रिपोर्ट के बाद ईडी ने झारखंड स्टेट हेल्थ सोसायटी और स्वास्थ्य विभाग से आयुष्मान योजना में गड़बड़ी करने वालों के खिलाफ की गई कार्रवाई का ब्योरा मांगा था। इस पर स्वास्थ्य विभाग ने कुछ अस्पतालों के खिलाफ दर्ज कराई गई एफआईआर की सूचना ईडी को भेजी थी।
बताया जा रहा है कि ईडी ने इसी एफआईआर के आधार पर ईसीआईआर के रूप में दर्ज कर जांच शुरू की है। झारखंड में आयुष्मान योजना के तहत करीब 750 से अधिक अस्पताल सूचीबद्ध हैं। इनमें से कई अस्पतालों में करोड़ों रुपए का फर्जीवाड़ा करने की शिकायतें हैं।
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