अपराध
‘नाबालिग संरक्षण कानून’- नाबलिगों की रक्षा करें

चीन दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देशों में से एक है और नाबालिगों की संख्या बहुत अधिक है। वर्ष 2021 में चीन की सातवीं जनगणना द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, 0 से 14 तक आयु की जनसंख्या 25.3 करोड़ है, जो 17.95 फीसदी है, और 15-59 आयु वर्ग की जनसंख्या 89.4 करोड़ है, जो 63.35 फीसदी है। लेकिन नाबालिग शारीरिक और बौद्धिक क्षमता में अपरिपक्व हैं, और सामाजिक संस्कृति, रीति-रिवाज, परंपराएं, आदतें और जीवन शैली नाबालिगों की चेतना और व्यवहार को प्रभावित कर सकते हैं। इसलिए उन्हें समाज, स्कूलों और परिवारों से विशेष देखभाल और प्यार की सख्त जरूरत है। हाल के वर्षों में, इंटरनेट नाबालिगों के लिए एक महत्वपूर्ण सीखने, सामाजिककरण और मनोरंजन उपकरण बन गया है, और नाबालिगों के विकास में इसकी भूमिका बढ़ रही है। नाबालिग नहीं जानते कि इंटरनेट उपकरणों का सही तरीके से उपयोग कैसे किया जाए और उनमें से अधिकांश का उपयोग केवल मनोरंजन और दोस्त बनाने के लिए किया जाता है। कुछ बेईमान व्यवसाय और उद्यम उन्हें कमाने के लक्ष्य के रूप में मानते हैं और जिससे नाबालिगों को इंटरनेट में लिप्त हुए हैं। यह नाबालिगों के जीवन, अध्ययन को प्रभावित करता है, जिसके परिणामस्वरूप माता-पिता-बच्चे के रिश्ते और पारिवारिक संघर्ष तनावपूर्ण हो जाते हैं, यहां तक कि नाबालिगों को कानून का उल्लंघन करने के गलत रास्ते पर ले जाता है। इस के लिए, चीन द्वारा संशोधित किया गया नाबालिग संरक्षण कानून (जो 1 जून, 2021 को लागू हुआ) भी नेटवर्क सुरक्षा के संदर्भ में स्पष्ट आवश्यकताओं को सामने रखता है। जिससे नाबालिगों के लिए एक सभ्य और स्वस्थ नेटवर्क वातावरण बना, नाबालिगों के साइबर स्पेस की सुरक्षा सुनिश्चित करना, नाबालिगों के वैध ऑनलाइन अधिकारों और हितों की रक्षा करना और नाबालिगों के स्वस्थ विकास को बढ़ावा दे सकता है।
राष्ट्रीय स्तर के अलावा, पारिवारिक शिक्षा अधिक महत्वपूर्ण है। नाबालिगों के इंटरनेट उपयोग और नेटवर्क सुरक्षा के लिए माता-पिता की एक अपरिवर्तनीय जिम्मेदारी है। माता-पिता को अपने बच्चों को वैज्ञानिक रूप से मार्गदर्शन और प्रबंधन करने की आवश्यकता है, ताकि बच्चे विभिन्न इंटरनेट उत्पादों का उचित उपयोग कर सकें और अच्छी आदतें विकसित कर सकें।
नाबालिग मातृभूमि के भविष्य के निर्माता और चीनी विशेषताओं वाले समाजवाद के उत्तराधिकारी हैं। नाबालिगों की सुरक्षा में अच्छा काम करने के लिए न केवल नाबालिगों के स्वस्थ विकास को बढ़ावा देने और सामाजिक स्थिरता बनाए रखने की आवश्यकता है, बल्कि भविष्य में देश के सतत विकास को सुनिश्चित करने के लिए एक रणनीतिक विकल्प भी है।
अपराध
जम्मू-कश्मीर : कठुआ में पुलिस ने अफीम की अवैध खेती नष्ट की, एक व्यक्ति गिरफ्तार

कठुआ, 10 अप्रैल। जम्मू-कश्मीर के कठुआ में पुलिस ने नशे के अवैध कारोबारियों के खिलाफ कार्रवाई करते हुए गुरुवार को बसोहली पुलिस स्टेशन के अंतर्गत एक गांव में अफीम की खेती को नष्ट कर भारी मात्रा में पौधे जब्त किए हैं। साथ ही, एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।
जम्मू-कश्मीर में कठुआ के एसएसपी शोभित सक्सेना आईपीएस की निगरानी में पुलिस ने अफीम की खेती को नष्ट करने के लिए एक सफल अभियान चलाया। पुलिस टीम ने थाना बसोहली के अधिकार क्षेत्र पलासी में उगाए गए लगभग 126 किलोग्राम अफीम के पौधे (पोस्त) जब्त किए और एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है।
गत 7 अप्रैल को बसोहली थाने की गश्ती टीम को विश्वसनीय सूत्रों से सूचना मिली थी कि पलासी निवासी माखन लाल अपने घर के पीछे कृषि भूमि में अवैध रूप से अफीम के पौधे उगा रहा है। सूत्रों ने बताया कि वह इन पौधों को बेचने और व्यावसायिक लाभ के लिए इस्तेमाल कर रहा था। सूचना के आधार पर बसोहली थाने की पुलिस टीम ने एसएचओ बसोहली की देखरेख में और एसडीपीओ बसोहली तथा ईएमआईसी बसोहली की निगरानी में मौके पर पहुंचकर छापा मारा।
पुलिस ने कार्रवाई के दौरान 126 किलोग्राम वजन के 1,700 अफीम के पौधे जब्त किए। साथ ही आरोपी माखन लाल को मौके से गिरफ्तार कर लिया। इस मामले में बसोहली थाने में संबंधित धाराओं में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की गई है। जांच अभी जारी है।
कठुआ पुलिस ने कहा कि वह कानून को बनाए रखने और ऐसी अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए प्रतिबद्ध है, जो समाज की सुरक्षा और संरक्षा को प्रभावित करती हैं। अफीम की खेती और इसका अवैध व्यापार गंभीर अपराध हैं। पुलिस ऐसे अपराधियों के खिलाफ सख्त कदम उठाएगी।
अपराध
ओडिशा: राउरकेला पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय साइबर धोखाधड़ी गिरोह का किया भंडाफोड़, 9 गिरफ्तार

राउरकेला, 10 अप्रैल। ओडिशा के राउरकेला में साइबर अपराध के खिलाफ पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। एक अंतरराष्ट्रीय साइबर धोखाधड़ी गिरोह का पर्दाफाश करते हुए राउरकेला पुलिस ने 9 लोगों को गिरफ्तार किया है।
यह गिरोह “ट्रेड नाउ” नामक फर्जी ट्रेडिंग ऐप के जरिए देशभर के लोगों को ठग रहा था और उच्च रिटर्न का लालच देकर लाखों रुपये की उगाही कर रहा था। स्मार्ट सिटी के रूप में पहचान रखने वाला राउरकेला अनजाने में इन साइबर अपराधियों का अड्डा बन गया था, जिनका नेटवर्क भारत से बाहर दुबई जैसे देशों तक फैला हुआ था।
पुलिस को मिली गुप्त सूचना के आधार पर कार्रवाई शुरू की गई। पहला छापा सिविल टाउनशिप इलाके के एक अपार्टमेंट में मारा गया, जहां से दो संदिग्धों को हिरासत में लिया गया। पूछताछ के बाद पुलिस ने बसंती कॉलोनी में एक अन्य अपार्टमेंट पर छापेमारी की, जिसके परिणामस्वरूप पांच और लोग पकड़े गए। जांच को आगे बढ़ाते हुए पुलिस छत्तीसगढ़ के रायपुर पहुंची, जहां दो और संदिग्धों को गिरफ्तार किया गया। इस तरह कुल 9 लोग पुलिस की गिरफ्त में आए। गिरोह से भारी मात्रा में सामान बरामद हुआ, जिसमें 68 बेनामी सिम कार्ड, 31 हाई-एंड मोबाइल फोन, 5 लैपटॉप, 19 एटीएम कार्ड, एक मारुति स्विफ्ट कार और एक स्कूटी शामिल हैं।
पुलिस के मुताबिक, यह गिरोह एक रैकेट चला रहा था, जो हवाला नेटवर्क के जरिए प्रतिदिन 50 लाख रुपये से अधिक का लेनदेन करता था। जांच में खुलासा हुआ कि इस ऑपरेशन का मास्टरमाइंड किशन अग्रवाल है, जो दुबई से काम कर रहा है और दक्षिण व पश्चिम एशियाई देशों में इसके कनेक्शन फैले हुए हैं। अब तक की जांच में 23 बैंक खातों से 1.41 करोड़ रुपये जब्त किए गए हैं, जबकि 176 अन्य खातों की जांच जारी है।
राउरकेला पुलिस अधीक्षक (एसपी) ने इसे साइबर अपराध के खिलाफ लड़ाई में बड़ी सफलता करार दिया। उन्होंने कहा, “यह ऑपरेशन साइबर ठगी के बढ़ते खतरे से निपटने में हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। हम इस नेटवर्क के हर पहलू की गहराई से जांच कर रहे हैं।”
गिरोह का तरीका बेहद चालाकी भरा था। यह लोगों को फर्जी ऐप पर निवेश के लिए लुभाता था और फिर उनके पैसे हवाला के जरिए विदेश भेज देता था। पीड़ितों में ज्यादातर आम नागरिक थे, जो कमाई के झांसे में आ गए थे।
राउरकेला के निवासियों ने पुलिस की त्वरित और प्रभावी कार्रवाई की सराहना की है। एक स्थानीय नागरिक ने कहा, “पुलिस ने समय रहते कार्रवाई की, वरना यह गिरोह और लोगों को नुकसान पहुंचा सकता था।”
पुलिस अब किशन अग्रवाल तक पहुंचने के लिए अंतरराष्ट्रीय एजेंसियों के साथ संपर्क में है। साथ ही, इस रैकेट से जुड़े अन्य संदिग्धों की तलाश जारी है। यह घटना साइबर अपराध के बढ़ते खतरे और इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जरूरत को रेखांकित करती है।
अपराध
अभिनेता एजाज खान की पत्नी, फॉलन गुलीवाला को मिली जमानत, सोमवार को होगी रिहाई।

मुंबई: अभिनेता एजाज खान की पत्नी, फॉलन गुलीवाला, जिन्हें नवंबर 2024 में उनके आवास से मादक पदार्थों की बरामदगी के मामले में गिरफ्तार किया गया था, को मुंबई की एक विशेष अदालत ने जमानत दे दी है। गुलीवाला पिछले चार महीने से अधिक समय से हिरासत में थीं।
अदालत ने जमानत देते हुए कुछ शर्तें लगाई हैं, जिनमें उनका पासपोर्ट जमा करना, यात्रा पर प्रतिबंध और जांच अधिकारी के समक्ष सप्ताह में तीन बार उपस्थित होना शामिल है, जब तक कि आरोप पत्र दाखिल नहीं हो जाता।
गुलीवाला के वकील, अयाज खान, ने दलील दी कि उन्हें बरामद वस्तुओं की जानकारी नहीं थी और वह उस परिसर की अकेली निवासी नहीं थीं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि छापे के दौरान सीसीटीवी सिस्टम बंद कर दिया गया था और कोई वीडियोग्राफी या फोटोग्राफी नहीं की गई थी।
विशेष लोक अभियोजक विभावरी पाठक ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए तर्क दिया कि गुलीवाला के खिलाफ प्रथम दृष्टया मामला बनता है।
अदालत ने यह देखते हुए कि जब्ती प्रक्रिया पूरी हो चुकी है, गुलीवाला को जमानत दी, लेकिन सख्त शर्तों के साथ।
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