राष्ट्रीय समाचार
विशेषज्ञों का कहना है कि मातृ एनीमिया माताओं और बच्चों के स्वास्थ्य, संज्ञानात्मक विकास को प्रभावित करता है

वरिष्ठ सरकारी अधिकारी और प्रमुख चिकित्सा विशेषज्ञ एनीमिया न्यूनीकरण पर राष्ट्रीय सम्मेलन के लिए लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) में एकत्र हुए, तथा उत्तर प्रदेश में मातृ एनीमिया से निपटने के प्रयासों को तेज करने का संकल्प लिया।
फेडरेशन ऑफ ऑब्सटेट्रिक एंड गायनेकोलॉजिकल सोसाइटीज ऑफ इंडिया (FOGSI) और सोसाइटी ऑफ प्रिसिजन मेडिसिन एंड इंटेंसिव केयर (PMIC) के सहयोग से आयोजित इस हाई-प्रोफाइल कार्यक्रम का उद्देश्य भारत की सबसे बड़ी सार्वजनिक स्वास्थ्य चुनौतियों में से एक के लिए नवीन रणनीतियों और साक्ष्य-आधारित समाधानों को आगे बढ़ाना था।
मातृ एनीमिया, जो उत्तर प्रदेश में लगभग आधी गर्भवती महिलाओं को प्रभावित करता है, माताओं और उनके बच्चों दोनों के लिए गंभीर जोखिम पैदा करता है, जिससे स्वास्थ्य, आर्थिक उत्पादकता और संज्ञानात्मक विकास प्रभावित होता है। इन चुनौतियों का समाधान करते हुए, कॉन्क्लेव ने परिणामों को बेहतर बनाने के लिए सटीक निदान और उन्नत उपचार विकल्पों जैसे कि अंतःशिरा लौह चिकित्सा के लिए डिजिटल स्क्रीनिंग उपकरणों के महत्व पर जोर दिया।
उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक ने एनीमिया से निपटने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता दोहराई और इसके सामाजिक-आर्थिक प्रभावों को रेखांकित किया।
उन्होंने कहा, “एनीमिया एक बड़ी चुनौती है और माताओं और बच्चों में इसकी व्यापकता को कम करना सर्वोच्च प्राथमिकता है। मुझे विश्वास है कि यहाँ होने वाली चर्चाओं से इस मुद्दे को व्यापक रूप से संबोधित करने के लिए प्रभावी समाधान निकलेंगे।”
सहयोग के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उन्होंने कहा, “माननीय प्रधानमंत्री मोदी के दूरदर्शी नेतृत्व में, हमने सार्वजनिक स्वास्थ्य में उल्लेखनीय उपलब्धियाँ हासिल की हैं। यह सम्मेलन उसी जमीनी स्तर पर ध्यान और संकल्प के साथ एनीमिया से निपटने के हमारे दृढ़ संकल्प को दर्शाता है।”
राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस-5) के आंकड़ों के अनुसार, उत्तर प्रदेश ने एनीमिया में कमी लाने में उल्लेखनीय प्रगति की है, जहाँ मातृ एनीमिया का प्रसार 2016 में 51% से घटकर 2021 में 45.9% हो गया है। हालाँकि, अधिकारियों ने प्रगति को और तेज़ करने के लिए निरंतर और अभिनव हस्तक्षेप की आवश्यकता पर ज़ोर दिया।
इस सम्मेलन में अग्रणी विशेषज्ञों के साथ तकनीकी चर्चा की गई। FOGSI के अध्यक्ष डॉ. जयदीप टैंक ने गंभीर एनीमिया से प्रभावी ढंग से निपटने के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणालियों में इंट्रावेनस फेरिक कार्बोक्सिमाल्टोज (IV FCM) जैसे उन्नत उपचारों को एकीकृत करने की क्षमता पर प्रकाश डाला।
सटीक और त्वरित निदान के लिए डिजिटल हीमोग्लोबिनोमीटर की भूमिका पर भी चर्चा की गई, साथ ही संक्रमण और भारी धातु के संपर्क जैसे योगदान कारकों से निपटने के लिए पर्यावरण सुरक्षा उपायों को बढ़ाने और लक्षित नीति सुधारों की सिफारिशें भी की गईं।
इस सहयोगात्मक प्रयास से भविष्य की नीतियों और कार्यक्रमों को दिशा मिलने की उम्मीद है, जिनका उद्देश्य एनीमिया की व्यापकता को कम करना है, तथा इससे उत्तर प्रदेश और उसके बाहर मातृ एवं शिशु स्वास्थ्य पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा।
राजनीति
‘आपके अधूरे सपनों को साकार करना ही मेरा संकल्प है’, राजीव गांधी को याद कर राहुल गांधी ने शेयर किया भावुक पोस्ट

नई दिल्ली, 21 मई। देश के पूर्व प्रधानमंत्री ‘भारत रत्न’ राजीव गांधी की 34वीं पुण्यतिथि पर लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने उन्हें याद किया है। राहुल गांधी ने अपने पिता के नाम एक भावुक पोस्ट भी शेयर किया। उन्होंने लिखा कि पापा, आपकी यादें हर कदम पर मेरा मार्गदर्शन करती हैं।
राहुल गांधी ने अपने आधिकारिक एक्स अकाउंट पर दो तस्वीरों को शेयर किया। एक तस्वीर में वह अपने पिता के साथ बैठे हुए दिखाई दे रहे हैं, जबकि दूसरी तस्वीर राजीव गांधी की समाधि स्थल की है, जहां राहुल अपने पिता को हाथ जोड़कर श्रद्धांजलि देते हुए नजर आ रहे हैं।
राहुल गांधी ने इन तस्वीरों के साथ एक भावुक संदेश भी साझा किया। उन्होंने लिखा, “पापा, आपकी यादें हर कदम पर मेरा मार्गदर्शन करती हैं। आपके अधूरे सपनों को साकार करना ही मेरा संकल्प है और मैं इन्हें पूरा करके रहूंगा।”
इससे पहले कांग्रेस ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर कुछ तस्वीरें साझा की थीं। उन्होंने लिखा, “स्वर्गीय राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर, विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने वीर भूमि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। राजीव गांधी के दूरदर्शी नेतृत्व ने हमारे राष्ट्र की नींव को बदल दिया, जो न्याय, स्वतंत्रता, समानता और बंधुत्व पर आधारित है। उनकी स्थायी विरासत हमारे दृष्टिकोण का मार्गदर्शन करती रहती है।”
इससे पहले, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूर्व पीएम राजीव गांधी की पुण्यतिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि दी।
पीएम मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “आज उनकी पुण्यतिथि पर मैं हमारे पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं।”
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी प्रमुख ममता बनर्जी ने भी राजीव गांधी को याद किया। उन्होंने एक्स पर लिखा, “आज भारत के पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी को उनकी पुण्यतिथि पर भावभीनी श्रद्धांजलि। राजीव गांधी एक दूरदर्शी व्यक्ति थे और भारत के लिए शहीद हो गए।”
बता दें कि भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की आज पुण्यतिथि है। 21 मई 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबदूर में एक आत्मघाती हमले में उनकी हत्या कर दी गई थी।
राष्ट्रीय समाचार
यूपी सरकार ‘मुख्यमंत्री युवा उद्यमी योजना’ के माध्यम से प्रदेश को बना रही उद्यमिता का मॉडल राज्य

लखनऊ, 20 मई। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने युवाओं को आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने की दिशा में एक बड़ी पहल करते हुए ‘मुख्यमंत्री युवा उद्यमी (सीएम युवा) योजना’ के माध्यम से प्रदेश को उद्यमिता का मॉडल राज्य बना दिया है। इस योजना के माध्यम से सरकार न केवल युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित कर रही है, बल्कि उन्हें बिना ब्याज और बिना गारंटी के ऋण उपलब्ध कराकर उनके सपनों को हकीकत में बदलने का अवसर भी दे रही है।
इसी क्रम में अब तक सरकार 53,000 से अधिक युवाओं के ऋण आवेदनों को स्वीकृत करते हुए 40,000 को ऋण वितरित भी कर चुकी है।
इस योजना को पूरे देश के लिए एक मिसाल माना जा रहा है, जो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘आत्मनिर्भर भारत’ के विजन को साकार कर रही है। योजना के तहत बिना ब्याज और बिना गारंटी के 5 लाख रुपए तक का ऋण प्रदान किया जाता है, जिससे युवा सूक्ष्म और लघु उद्योग स्थापित कर अपने सपनों को उड़ान दे रहे हैं।
‘हर कदम उद्यमिता की ओर, हर युवा आत्मनिर्भरता की ओर’ के मिशन के साथ शुरू की गई इस योजना का लक्ष्य अगले 10 वर्षों में 10 लाख युवाओं को स्वरोजगार के अवसर प्रदान करना है। उद्योग एवं उद्यम प्रोत्साहन निदेशालय के अनुसार, 16 मई 2025 तक इस योजना के तहत कुल 2,44,045 आवेदन प्राप्त हुए, जिनमें से 1,10,105 आवेदनों को बैंकों को अग्रेषित किया गया। इनमें से 53,649 आवेदनों को स्वीकृति मिल चुकी है और 39,835 युवाओं को अब तक ऋण वितरित किया जा चुका है।
योजना की उल्लेखनीय विशेषता यह है कि इसमें महिलाओं और पिछड़े वर्गों को विशेष रूप से प्रोत्साहित किया जा रहा है। ऋण प्राप्त करने वालों में लगभग 30 प्रतिशत महिलाएं हैं, जो उद्यमिता के क्षेत्र में अपनी पहचान बना रही हैं।
इसके अलावा, 48.5 प्रतिशत से अधिक लाभार्थी अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) से हैं, जबकि 15 प्रतिशत अनुसूचित जाति (एससी) और 2.5 प्रतिशत अल्पसंख्यक समुदाय के युवाओं को इस योजना का लाभ मिला है। यह समावेशी दृष्टिकोण योजना को अधिक प्रभावी भी बनाता है।
योजना के तहत प्राप्त धनराशि का उपयोग युवा विभिन्न क्षेत्रों में कर रहे हैं। आंकड़ों के अनुसार, 36 प्रतिशत से अधिक ऋण का उपयोग मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में किया गया है, जिसमें फर्नीचर निर्माण, आटा चक्की और डेयरी उत्पादन जैसे उद्योग शामिल हैं। वहीं, 64 प्रतिशत लाभार्थियों ने सेवा क्षेत्र में निवेश किया है, जिसमें टेंट हाउस, मोबाइल रिपेयरिंग, प्रिंटिंग प्रेस और फिटनेस सेंटर जैसे व्यवसाय शामिल हैं।
योजना के तहत ऋण वितरण में कानपुर नगर सबसे आगे है, जहां 1,339 युवाओं ने इस योजना का लाभ उठाया है। इसके बाद बरेली (1,032), आगरा (1,016), महराजगंज (988), और वाराणसी (961) टॉप-5 जिलों में शामिल हैं।
ऋण वितरण में बैंकों की भूमिका भी सराहनीय रही है। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने सर्वाधिक 6,684 युवाओं को ऋण प्रदान किया है। इसके बाद बैंक ऑफ बड़ौदा (5,489), पंजाब नेशनल बैंक (4,770), इंडियन बैंक (4,459) और बड़ौदा उत्तर प्रदेश ग्रामीण बैंक (3,624) शीर्ष पांच बैंकों में शामिल हैं। इन बैंकों ने योजना की सफलता में महत्वपूर्ण योगदान दिया है।
राष्ट्रीय समाचार
गुजरात: चंडोला इलाके में अवैध अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई, 3 हजार से ज्यादा पुलिसकर्मी तैनात

गांधीनगर, 20 मई। गुजरात के चंडोला इलाके में दूसरे दिन भी अवैध अतिक्रमण के खिलाफ कार्रवाई जारी है। इस कार्रवाई के तहत 2.5 लाख वर्ग मीटर से अधिक क्षेत्र से अतिक्रमण हटाया जा रहा है। इसके मद्देनजर 3 हजार पुलिसकर्मी मौके पर मौजूद हैं। इस कार्रवाई के बारे में संयुक्त पुलिस आयुक्त (क्राइम) शरद सिंघल ने मिडिया से बातचीत में जानकारी दी।
उन्होंने कहा, “ध्वस्तीकरण के पहले चरण के तहत हमने यह लक्ष्य निर्धारित किया था कि सबसे पहले बांग्लादेशी और भू-माफिया बाहुल्य इलाके में अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इससे पहले डेढ़ लाख स्क्वायर मीटर की जमीन को नगर निगम की तरफ से मुक्त कराया गया था, जिसमें पुलिस ने अपनी तरफ से पूरा सहयोग दिया था।”
उन्होंने आगे बताया कि नगर निगम की तरफ से पिछले 20 दिनों से सर्वे किया जा रहा था, जिसके तहत यह पता किया जा रहा था कि वो कौन से लोग हैं, जो 2010 से पहले यहां रह रहे हैं। यह फैसला किया गया है कि 2010 से पहले यहां रह रहे लोगों को ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के बाद रहने के लिए वैकल्पिक स्थान उपलब्ध कराया जाएगा। यहां लगभग आठ हजार झुग्गियां हैं, जिन्हें हटाने की कवायद जारी है। इस कार्रवाई में नगर निगम की 50 टीमें कार्यरत हैं। कल सीपी सर ने इस पूरी जगह का निरीक्षण करने के बाद वरिष्ठ अधिकारियों के साथ निरीक्षण किया था। उसी के आधार पर ध्वस्तीकरण की पूरी प्रक्रिया निर्धारित की गई, जिसके तहत हम लोग सुबह सात बजे काम कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि नगर निगम की सभी टीमों के साथ पुलिस और एसआरपी की टीम है। रेस्क्यू टीम भी घर खाली करने से पहले पूरी पड़ताल कर रही है कि कहीं उसमें कोई व्यक्ति रह तो नहीं गया है, ताकि किसी भी प्रकार की जानहानि नहीं हो।
उन्होंने बताया कि पुलिस की पूरी कोशिश है कि इस कार्रवाई के दौरान किसी भी प्रकार की जानहानि नहीं हो और कानून-व्यवस्था की स्थिति नहीं बिगड़े। इस कार्रवाई के दौरान तीन हजार से ज्यादा पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है, ताकि ध्वस्तीकरण के दौरान किसी भी प्रकार की अप्रिय स्थिति पैदा न हो। पुलिस को अलग-अलग टीमों में बांट दिया गया है और सभी को अपने काम दे दिए गए हैं, वो सभी उसी के आधार पर काम कर रहे हैं।
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