राष्ट्रीय समाचार
नई दिल्ली में शुरू हुआ माता वैष्णो देवी का प्रसाद एवं स्मृति चिह्न काउंटर
नई दिल्ली, 13 अक्टूबर : माता वैष्णो देवी श्राइन बोर्ड ने नई दिल्ली स्थित जेके हाउस, पृथ्वीराज रोड पर सोमवार को एक प्रसाद-सह-स्मृति चिह्न काउंटर की शुरुआत की है। यह काउंटर 25 अक्टूबर 2025 तक प्रतिदिन खुला रहेगा।
श्राइन बोर्ड ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर एक आधिकारिक पोस्ट के जरिए जानकारी दी कि यह पहल मां वैष्णो देवी के दिव्य आशीर्वाद से की गई है, ताकि दिल्ली और आसपास के क्षेत्रों में रहने वाले भक्त बिना यात्रा किए भी प्रसाद, पवित्र वस्तुएं और कीमती स्मृति चिह्न प्राप्त कर सकें।
इस काउंटर पर भक्तगण माता का प्रसाद, सोने और चांदी के पावन सिक्के तथा मंदिर से जुड़े विशेष स्मृति चिह्न खरीद सकते हैं। यह सभी वस्तुएं श्राइन बोर्ड द्वारा प्रमाणित और शुभ मानी गई हैं जो घर बैठे माता के आशीर्वाद को महसूस करने का एक पवित्र माध्यम बनेंगी।
यह प्रयास विशेष रूप से उन भक्तों को ध्यान में रखकर किया गया है जो किसी कारणवश अभी यात्रा नहीं कर पा रहे हैं, लेकिन माता के दर्शन और प्रसाद की अनुभूति चाहते हैं।
श्राइन बोर्ड ने आधिकारिक ‘एक्स’ पोस्ट के जरिए कहा है कि बुकिंग या किसी भी जानकारी के लिए 9906193093 और 7006236058 पर संपर्क कर सकते हैं।
श्राइन बोर्ड ने इस पोस्ट में जम्मू-कश्मीर सरकार, उपराज्यपाल कार्यालय और सूचना एवं जनसंपर्क विभाग जम्मू-कश्मीर को टैग भी किया है। बोर्ड ने पोस्ट के अंत में लिखा, “जय माता दी!”
सोशल मीडिया यूजर्स श्राइन बोर्ड के इस प्रयास को लेकर जमकर सराहना कर रहे हैं। एक यूजर ने लिखा, “जय माता दी। दिल्ली के भक्तों के लिए यह एक अद्भुत पहल है! दिव्य आशीर्वाद को और अधिक सुलभ बनाने के लिए एसएमवीडीएसबी का आभारी हूं। 25 अक्टूबर से पहले जरूर आऊंगा।”
राष्ट्रीय समाचार
मुंबई के बांद्रा कोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी, जांच में जुटी साइबर सेल

मुंबई, 18 दिसंबर: मुंबई के बांद्रा कोर्ट को बम से उड़ाने की धमकी मिलने से हड़कंप मच गया। कोर्ट प्रशासन को गुरुवार को एक धमकी भरा ईमेल प्राप्त हुआ, जिसमें कोर्ट परिसर को बम से उड़ाने की बात कही गई थी। धमकी भरे ईमेल के बाद मुंबई पुलिस, बम निरोधक दस्ता समेत अन्य सुरक्षा एजेंसियां मौके पर पहुंची।
पुलिस और बम स्क्वॉड की टीम ने कोर्ट परिसर और उसके आसपास के इलाकों की गहन तलाशी की। सुरक्षा कारणों से कोर्ट परिसर में मौजूद लोगों को सतर्क किया गया और जांच के दौरान किसी भी तरह की लापरवाही न बरतने के निर्देश दिए गए। काफी देर तक चली जांच के बाद कोई भी संदिग्ध वस्तु या विस्फोटक बरामद नहीं हुआ।
पुलिस अब उस ईमेल की तकनीकी जांच में जुट गई है, जिससे यह पता लगाया जा सके कि धमकी भरा मेल कहां से भेजा गया, किसने भेजा और इसके पीछे क्या मकसद था। साइबर सेल की मदद से मेल के स्रोत और आईपी एड्रेस की जांच की जा रही है।
गौरतलब है कि यह पहली बार नहीं है जब मुंबई या देश के अन्य हिस्सों में इस तरह की धमकियां सामने आई हैं।
इससे पहले, 1 दिसंबर को मुंबई के सांताक्रूज इलाके में स्थित एक स्कूल को बम से उड़ाने की धमकी भेजी गई थी। उस समय स्कूल प्रशासन ने तुरंत मुंबई पुलिस और बम निरोधक दस्ते को इसकी सूचना दी थी। मौके पर पहुंची टीमों ने स्कूल परिसर की गहन तलाशी ली थी, लेकिन वहां भी कोई विस्फोटक नहीं मिला था। पुलिस ने उस मामले में भी धमकी को झूठा बताया था।
इसी तरह नवंबर में देश की राजधानी दिल्ली में भी बम धमकियों की घटनाएं सामने आई थीं। दिल्ली के दो स्कूलों और तीन अदालतों को धमकी भरे ईमेल मिले थे। जानकारी के अनुसार, द्वारका स्थित एक सीआरपीएफ स्कूल और प्रशांत विहार के एक अन्य स्कूल को धमकी मिली थी। इसके अलावा, साकेत कोर्ट, पटियाला हाउस कोर्ट और रोहिणी कोर्ट को भी बम से उड़ाने की धमकियां मिली थीं।
बम की सूचना मिलते ही दिल्ली पुलिस, अग्निशमन विभाग और बम निरोधक दस्ते मौके पर पहुंचे थे और छात्रों व अधिकारियों को सुरक्षित बाहर निकाला गया था। हालांकि, उन मामलों में भी कोई विस्फोटक बरामद नहीं हुआ था।
राष्ट्रीय समाचार
यूपीआई पेमेंट में रिकॉर्ड बढ़ोतरी, एक्टिव क्यूआर कोड की संख्या बढ़कर हुई 70.9 करोड़

UPI
मुंबई, 18 दिसंबर: भारत में डिजिटल लेनदेन तेजी से बढ़ रहा है और अब रोजमर्रा की खरीदारी में खासकर दुकानों पर लोग इसका ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं। जुलाई से सितंबर के बीच यूपीआई (यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस) माध्यम से 59.33 अरब ट्रांजैक्शन हुए, जो पिछले साल के मुकाबले 33.5 प्रतिशत ज्यादा है।
इस अवधि में कुल 74.84 लाख करोड़ रुपए का लेन-देन हुआ, जो पिछले साल की तुलना में 21 प्रतिशत ज्यादा है। यह वृद्धि देश में डिजिटल पेमेंट्स के तेजी से बढ़ने को दिखाता है।
वर्ल्डलाइन इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, भारत में अब 70.9 करोड़ सक्रिय यूपीआई क्यूआर कोड हो गए हैं। यह संख्या जुलाई, 2024 से अब तक 21 प्रतिशत बढ़ी है। इन क्यूआर कोड्स का इस्तेमाल अब किराना दुकानों, दवाइयों की दुकानों, बस-रेलवे स्टेशनों और गांवों तक पहुंच चुका है। इ
इस रिपोर्ट के मुताबिक, यूपीआई का इस्तेमाल अब दुकानों पर भुगतान (पीटूएम– पर्सन टू मर्चेंट) के लिए ज्यादा हो रहा है। दुकानों पर होने वाले लेन-देन में 35 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, जो कि 37.46 अरब ट्रांजैक्शन तक पहुंच गई है। लोगों के बीच होने वाले लेन-देन (पीटूपी– पर्सन टू पर्सन) में 29 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, जो कि 21.65 अरब ट्रांजैक्शन तक पहुंच गई है।
हालांकि अगर हम एक ट्रांजैक्शन की औसत रकम देखें तो वह घटकर 1,262 रुपए रह गई है, जो पहले 1,363 रुपए थी। इसका मतलब यह है कि लोग अब यूपीआई का ज्यादा इस्तेमाल छोटी-मोटी खरीदारी जैसे खाना, यात्रा, दवाइयां और अन्य रोजमर्रा की चीजों के लिए कर रहे हैं।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में पॉइंट ऑफ सेल (पीओएस) मशीनों की संख्या भी बढ़ी है। ये मशीनें अब 35 प्रतिशत बढ़कर 12.12 मिलियन हो गई हैं। हालांकि, भारत क्यूआर की संख्या में थोड़ी कमी आई है, क्योंकि लोग अब यूपीआई क्यूआर कोड का ज्यादा इस्तेमाल कर रहे हैं। इसके साथ ही क्रेडिट कार्ड और डेबिट कार्ड से होने वाले लेन-देन में भी बदलाव आया है। क्रेडिट कार्ड से लेन-देन में 26 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है, जबकि डेबिट कार्ड से लेन-देन में 22 प्रतिशत की कमी आई है, क्योंकि लोग अब छोटी रकम के लेन-देन के लिए यूपीआई का अधिक इस्तेमाल कर रहे हैं।
मोबाइल और टैप आधारित पेमेंट्स भी तेजी से बढ़ रहे हैं। खासकर शहरों में और मेट्रो, टैक्सी जैसी सेवाओं में लोग अब बिना कार्ड स्वाइप किए मोबाइल से पेमेंट करना ज्यादा पसंद कर रहे हैं।
आने वाले समय में भारत में यूपीआई का इस्तेमाल और भी बढ़ने की संभावना है। रिपोर्ट के अनुसार 2025 के अंत और 2026 की शुरुआत में इंटरऑपरेबल क्यूआर कोड को आम इस्तेमाल में लाया जाएगा, जिससे लोग पेट्रोल पंप, अस्पतालों, सार्वजनिक सेवाओं और यात्रा जैसे स्थानों पर एक ही क्यूआर कोड से पेमेंट कर सकेंगे।
राजनीति
इंडिगो उड़ान संकट पर मनीष तिवारी का स्थगन प्रस्ताव, एयर इंडिया हादसे में सरकार से मांगा जवाब

नई दिल्ली, 18 दिसंबर: लोकसभा में गुरुवार को कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने देश के नागरिक उड्डयन क्षेत्र से जुड़े दो गंभीर मुद्दों को लेकर सरकार को घेरा। एक ओर जहां उन्होंने इंडिगो एयरलाइंस की बड़े पैमाने पर उड़ान रद्द होने और देरी से पैदा हुई अराजकता पर संसद में स्थगन प्रस्ताव का नोटिस दिया, वहीं दूसरी ओर एयर इंडिया के अहमदाबाद विमान हादसे की जांच को लेकर सरकार के जवाब पर भी सवाल उठाए।
लोकसभा सचिवालय को दिए गए स्थगन प्रस्ताव नोटिस में मनीष तिवारी ने मांग की है कि प्रश्नकाल, शून्यकाल और दिन के सभी सूचीबद्ध कार्य स्थगित कर इंडिगो एयरलाइंस के कारण देशभर में उत्पन्न हुई गंभीर स्थिति पर तत्काल चर्चा कराई जाए। उन्होंने कहा कि इंडिगो द्वारा व्यापक स्तर पर उड़ानें रद्द किए जाने और देरी के कारण हजारों यात्री देश के अलग-अलग हिस्सों में फंसे हुए हैं।
मनीष तिवारी ने नोटिस में कहा कि जनवरी 2024 में सरकार ने डीजीसीए के फ्लाइट ड्यूटी टाइम लिमिटेशन (एफडीटीएल) नियमों के तहत पायलटों के ड्यूटी और विश्राम से जुड़े नए नियम अधिसूचित किए थे। ये नियम काफी पहले जारी कर दिए गए थे, ताकि सभी एयरलाइंस को अपने रोस्टर समायोजित करने के लिए पर्याप्त समय मिल सके। इसके बावजूद इंडिगो इन नियमों का पालन करने में विफल रही, जिसके चलते कुछ ही दिनों में एक हजार से अधिक उड़ानें रद्द करनी पड़ीं और पूरे देश में भारी अव्यवस्था फैल गई।
उन्होंने आरोप लगाया कि यह सिर्फ कुप्रबंधन नहीं है, बल्कि जानबूझकर नियमों की अनदेखी जैसा प्रतीत होता है, जिससे सरकार पर दबाव बनाकर सुरक्षा नियमों को वापस लेने की स्थिति पैदा हुई।
मनीष तिवारी ने सरकार से तत्काल जांच के आदेश देने, एयरलाइन को जवाबदेह ठहराने, प्रभावित यात्रियों को पूरा रिफंड और मुआवजा देने तथा भविष्य में इस तरह की सार्वजनिक असुविधा रोकने के लिए ठोस सुरक्षा उपाय करने की मांग की है।
मनीष तिवारी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर भी एयर इंडिया विमान हादसे को लेकर सरकार की पारदर्शिता पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा कि अहमदाबाद में हुए एयर इंडिया फ्लाइट हादसे को छह महीने से ज्यादा समय बीत चुका है, जिसमें 250 से अधिक लोगों की मौत हुई थी, लेकिन अब तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि दुर्घटना की असली वजह क्या थी। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार लगातार इस मुद्दे पर अस्पष्ट जवाब दे रही है।
मनीष तिवारी द्वारा पूछे गए लोकसभा के एक अतारांकित प्रश्न के जवाब में नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने बताया कि इस हादसे की जांच अंतरराष्ट्रीय नागरिक उड्डयन संगठन (आईसीएओ) के मानकों के अनुसार एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (एएआईबी) कर रहा है। इस जांच में विमान निर्माता देश, डिजाइन देश, पंजीकरण देश और ऑपरेटर देश सहित अन्य देशों की भागीदारी भी हो सकती है।
सरकार ने यह भी बताया कि विमान के फ्रंट और रियर दोनों एन्हांस्ड एयरबोर्न फ्लाइट रिकॉर्डर (ईएएफआर), जिनमें फ्लाइट डेटा रिकॉर्डर और कॉकपिट वॉयस रिकॉर्डर शामिल हैं, 13 और 16 जून 2025 को बरामद किए गए थे। इन्हें 24 जून 2025 को सभी सुरक्षा प्रोटोकॉल के तहत दिल्ली स्थित एएआईबी को सौंपा गया। सरकार के अनुसार, ये रिकॉर्डर लगातार सुरक्षा और सीसीटीवी निगरानी में एएआईबी के पास हैं।
स्वतंत्र जांच की मांग पर सरकार ने कहा कि एएआईबी वर्ष 2012 में एक स्वतंत्र निकाय के रूप में स्थापित किया गया था और यह 2025 के विमान दुर्घटना जांच नियमों के तहत पूरी स्वायत्तता के साथ काम करता है।
हालांकि, मनीष तिवारी का कहना है कि इतने बड़े हादसे और यात्रियों की सुरक्षा से जुड़े मामलों में सरकार को और अधिक पारदर्शिता और जवाबदेही दिखानी चाहिए ताकि जनता का भरोसा बहाल हो सके।
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