राजनीति
दिल्ली में सोमवार से सामान्य समय के अनुसार खुलेंगे बाजार : मुख्यमंत्री
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को घोषणा की कि राष्ट्रीय राजधानी के बाजारों को सोमवार से अपने निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार खोलने की अनुमति दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने ट्वीट किया, “अभी तक दिल्ली में बाजारों को कोविड-19 के कारण रात 8 बजे तक काम करने की अनुमति थी। कोविड मामलों की घटती संख्या के मद्देनजर सोमवार से प्रतिबंध हटा दिया जाएगा। अब बाजार अपने सामान्य समय के अनुसार खुल सकते हैं।
महामारी की दूसरी लहर के बाद शहर को फिर से खोले जाने के बावजूद दिल्ली में बाजारों को केवल रात 8 बजे तक खुले रहने की अनुमति दी गई थी।
चूंकि पिछले कुछ हफ्तों में दिल्ली में कोविड की स्थिति में सुधार हुआ है, इसलिए चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) मांग कर रहा था कि मॉल और बाजारों के बंद होने का समय रात 8 बजे के बजाय रात 10 बजे तक बढ़ाया जाए।
इससे पहले, दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) को लिखे पत्र में सीटीआई ने कहा था कि रात 8 बजे तक दुकानों को संचालित करने की अनुमति ज्यादातर खुदरा बाजारों के लिए अपर्याप्त साबित हो रही है, खासकर त्योहारी सीजन के दौरान।
महामारी की दूसरी लहर के दौरान 19 अप्रैल से 30 मई तक दिल्ली में तालाबंदी की गई थी। चरणबद्ध तरीके से फिर से खोलने की योजना के तहत 7 जून से बाजारों को खोलने की अनुमति दी गई थी।
राजनीति
मुंबई महानगर पालिका चुनाव के बीच उद्धव ठाकरे को झटका, पूर्व विधायक सुभाष भोईर भाजपा में होंगे शामिल
मुंबई, 20 दिसंबर : महाराष्ट्र में महानगर पालिका चुनाव के बीच शिवसेना (यूबीटी) गुट को एक बड़ा राजनीतिक झटका लगा है। कल्याण रूरल सीट से पूर्व विधायक और उद्धव ठाकरे के भरोसेमंद माने जाने वाले नेता सुभाष भोईर ने अब शिवसेना (उद्धव गुट) का साथ छोड़ने का फैसला कर लिया है।
सुभाष भोईर शनिवार को भारतीय जनता पार्टी में शामिल होने जा रहे हैं।
जानकारी के अनुसार, सुभाष भोईर शनिवार सुबह 11 बजे महाराष्ट्र भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रवींद्र चव्हाण की मौजूदगी में औपचारिक रूप से पार्टी की सदस्यता ग्रहण करेंगे। उनके इस फैसले को महानगर पालिका चुनाव से पहले उद्धव ठाकरे के लिए एक बड़ा राजनीतिक नुकसान माना जा रहा है।
सुभाष भोईर ने वर्ष 2024 का विधानसभा चुनाव कल्याण रूरल सीट से शिवसेना (उद्धव गुट) के टिकट पर लड़ा था। हालांकि, इस चुनाव में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। इसके बावजूद वे उद्धव ठाकरे के मजबूत समर्थक के रूप में जाने जाते थे और लंबे समय तक उन्होंने ठाकरे परिवार के साथ अपनी निष्ठा बनाए रखी थी।
कल्याण रूरल क्षेत्र में सुभाष भोईर की अच्छी पकड़ मानी जाती है। ऐसे में उनके भाजपा में जाने से स्थानीय राजनीति पर भी असर पड़ने की संभावना है।
बता दें कि राज्य की 23 नगर परिषदों और नगर पंचायतों में अध्यक्ष व सदस्य पदों के लिए शनिवार सुबह 7:30 बजे से मतदान जारी है। मतदान प्रक्रिया शाम 5:30 बजे तक चलेगी। इस चरण में अध्यक्ष पदों के साथ-साथ विभिन्न निकायों में खाली पड़े 143 सदस्य पदों के लिए भी वोटिंग हो रही है।
21 दिसंबर को सुबह 10 बजे से मतगणना की प्रक्रिया शुरू होगी। दोपहर तक यह साफ हो जाएगा कि महाराष्ट्र के इन छोटे शहरों और नगरों की सत्ता किसके हाथ में जाएगी।
अपराध
मुंबई: माज़गाँव कोर्ट की स्टेनोग्राफर को 15 लाख रुपये रिश्वत मामले में जमानत मिल गई

मुंबई: अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश एजाजुद्दीन सलाउद्दीन काजी से जुड़े कथित रिश्वत मामले में, भ्रष्टाचार मामलों की विशेष अदालत ने शुक्रवार को माजगांव अदालत के स्टेनोग्राफर चंद्रकांत वासुदेव को इस शर्त पर जमानत दे दी कि वह जांच में सहयोग करेंगे।
वासुदेव को 10 नवंबर को जमीन विवाद मामले में अनुकूल फैसला दिलाने के बदले 15 लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। अदालत ने 24 नवंबर को उनकी पहली जमानत याचिका खारिज कर दी। दूसरी जमानत याचिका इस आधार पर दायर की गई कि उन्हें आगे हिरासत में रखने की कोई आवश्यकता नहीं है और जांच उन्हें हिरासत में लिए बिना आगे बढ़ सकती है।
अभियोजन पक्ष ने इस याचिका का विरोध करते हुए दावा किया कि उच्च न्यायालय ने न्यायाधीश के विरुद्ध कार्यवाही करने की अनुमति दे दी थी। अभियोजन पक्ष के अनुसार, 9 सितंबर को शिकायतकर्ता का कार्यालय सहयोगी एक याचिका की सुनवाई के लिए सिविल सत्र न्यायालय संख्या 14 में उपस्थित था। उसी दौरान वासुदेव ने न्यायालय के शौचालय में कार्यालय सहयोगी से संपर्क किया और उसे अनुकूल आदेश के लिए “साहब (न्यायाधीश) के लिए कुछ करने” को कहा।
वासुदेव ने कथित तौर पर शिकायतकर्ता से संपर्क किया और एक कैफे में उनसे मुलाकात की, जहां उन्होंने कथित तौर पर अपने लिए 10 लाख रुपये और जज के लिए 15 लाख रुपये की मांग की, जिसे शिकायतकर्ता ने अस्वीकार कर दिया। मामले के विवरण के अनुसार, वासुदेव ने फिर व्हाट्सएप पर शिकायतकर्ता के कार्यालय सहयोगी से संपर्क किया और कहा कि यदि पैसे का भुगतान नहीं किया गया, तो उनके खिलाफ आदेश जारी किया जाएगा। इसके बाद शिकायतकर्ता ने भ्रष्टाचार विरोधी ब्यूरो से संपर्क किया, जिसके बाद एक जाल बिछाया गया।
अभियोजन पक्ष का दावा है कि जाल बिछाने के बाद यह बात रिकॉर्ड में दर्ज है कि वासुदेव ने रिश्वत की रकम की पुष्टि के लिए काज़ी से फोन पर संपर्क किया था। दावा किया गया है कि काज़ी की सहमति के बाद वासुदेव ने रकम स्वीकार कर ली और उसे काज़ी के घर पर पहुंचाने का निर्देश दिया गया। अभियोजन पक्ष के लिए, उक्त बातचीत दोनों के खिलाफ आरोपों को साबित करने के लिए महत्वपूर्ण है।
राजनीति
जल्दबाजी में बिल पास करना गलत और संदिग्ध : कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा

नई दिल्ली, 19 दिसंबर: प्रियंका गांधी ने मनरेगा का नाम बदलने को लेकर केंद्र सरकार पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा कि इतनी जल्दबाजी में बिल पास करना गलत है और इसमें कुछ गड़बड़ लगती है। इसके अलावा, उन्होंने संसद में प्रदूषण के मुद्दे पर बात न होने पर भी नाराजगी जताई। प्रियंका गांधी और विपक्ष के दूसरे नेताओं का कहना है कि सरकार को प्रदूषण जैसे गंभीर विषय पर चर्चा करनी चाहिए थी।
कांग्रेस सांसद का यह बयान उस वक्त आया है, जब गुरुवार को विकसित भारत- गारंटी फॉर रोजगार एंड आजीविका मिशन (ग्रामीण) बिल राज्यसभा से पास हो गया। इस बिल को लेकर विपक्षी सांसद जोरदार हंगामा कर रहे हैं।
नई दिल्ली में मीडिया से बातचीत के दौरान कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा ने कहा कि मुझे यह समझ नहीं आ रहा है। सदन इतने दिनों से चल रहा है, लेकिन पिछले दो दिनों में आप 4-5 बिल लाए और उन्हें जल्दबाजी में पास कर दिया। यह गलत और सवाल उठाने वाला है।
संसद में प्रदूषण के मुद्दे पर चर्चा का जिक्र करते हुए कांग्रेस सांसद ने कहा कि चर्चा होनी चाहिए थी। हम लोगों ने अनुरोध भी किया है कि अगले सेशन में हम लोग इस पर चर्चा कर लें। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि सरकार प्रदूषण पर चर्चा करवाएगी।
मनरेगा का नाम बदलकर जी राम जी बिल किए जाने पर कांग्रेस सांसद कुमारी शैलजा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी हमेशा से कहती रही है कि हमें गरीबों के साथ खड़ा होना चाहिए। इसलिए गरीबों को अधिकार दिए गए थे ताकि वे काम मांग सकें और उन्हें कानूनी तौर पर काम देना ही पड़ता। लेकिन अब हालात ऐसे हैं कि केंद्र सरकार जो भी, जितनी भी रकम देने का फैसला करती है, उसे ही आखिरी मान लिया जाता है। इस तरह गरीबों को भुला दिया जाता है।
राजद सांसद मनोज झा ने कहा कि इस तरह से कोई बिल पास नहीं होता। लोकतंत्र ऐसे काम नहीं करता। उन्होंने कृषि कानूनों की प्रक्रिया में भी हमारी बात नहीं सुनी। हम बेबस थे और उन्होंने अपनी मर्ज़ी से इसे पास कर दिया। लेकिन जब जनता सड़क पर जागती हैं तो संसद को खामोश कर देती है।
कांग्रेस सांसद तारिक अनवर ने प्रदूषण के मुद्दे पर कहा कि सरकार जिम्मेदार है, सरकार की मंशा नहीं थी कि चर्चा हो, हम चाहते थे कि प्रदूषण पर चर्चा होनी चाहिए। प्रदूषण से देश और राजधानी की हालत कैसी है, सभी को पता है। बच्चों के लिए काफी समस्या हो रही है, बुजुर्गों को भी दिक्कतें आ रही है, सरकार ने इस पर ध्यान नहीं दिया है। हर साल प्रदूषण के मुद्दे पर कोई कारगर कदम सरकार की ओर से नहीं उठाए जा रहे हैं। आज चर्चा हो सकती थी, लेकिन सदन को स्थगित कर दिया गया। सरकार ने पूरा सेशन को टाल दिया है। प्रदूषण पर चर्चा नहीं हो पाई, इसके लिए सरकार जिम्मेदार है।
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