महाराष्ट्र
मराठा आरक्षण: पार्टियां एकजुट हैं लेकिन आगे की राह पथरीली है

एकनाथ शिंदे सरकार ने बुधवार को सर्वदलीय बैठक में मराठा आरक्षण पर सर्वसम्मत प्रस्ताव पारित कराकर अस्थायी ही सही, राहत हासिल कर ली। प्रस्ताव में शांति की अपील की गई और कहा गया कि आरक्षण मुद्दे का समाधान कानूनी ढांचे के भीतर खोजा जाना चाहिए। हालाँकि, जारांगे-पाटिल ने प्रस्ताव को खारिज कर दिया और सरकार पर बहुत कम काम करने का आरोप लगाया। सांगली में मराठा प्रदर्शनकारियों ने प्रस्ताव की प्रति जलाई. राकांपा नेता शरद पवार, जो उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस के इस्तीफे के लिए दबाव डाल रहे थे, प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करने वालों में से एक थे। दरअसल, उनका नाम हस्ताक्षरकर्ताओं की सूची में फड़णवीस से पहले था।
शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे की अनुपस्थिति स्पष्ट थी, लेकिन विधानमंडल में उनकी पार्टी के नेता, जैसे अनिल परब और अंबादास दानवे, उपस्थित थे। किसी भी स्थिति में, ठाकरे ऐसी किसी भी बैठक में शामिल होने के खिलाफ हैं जहां शिंदे मौजूद हों। अजित पवार भी शामिल नहीं हुए, क्योंकि वह डेंगू से पीड़ित थे और अस्पताल में थे। “सभी दल सरकार के इस रुख से सहमत हैं कि मराठा समुदाय को अन्य समुदायों के साथ अन्याय किए बिना कोटा दिया जाना चाहिए। सर्वदलीय बैठक में पिछले कुछ दिनों में आंदोलन के दौरान हुई हिंसक घटनाओं पर भी गहरी नाराजगी व्यक्त की गई और सरकार से इन पर अंकुश लगाने के लिए कड़े कदम उठाने को कहा गया है. यह सरकार पिछली सरकार द्वारा दिए गए आरक्षण को बहाल करने के लिए कानूनी रास्ता अपना रही है। इसमें कुछ और समय लगेगा. इसलिए सभी दलों ने मनोज जारांगे-पाटिल से सरकार की मदद करने और अपना अनशन वापस लेने की अपील की है और मराठा समुदाय से संयम बरतने की अपील की है, ”एकनाथ शिंदे ने कहा, जिन्होंने सह्याद्री राज्य अतिथि गृह में बैठक की अध्यक्षता की।
प्रस्ताव में कहा गया है कि जहां आरक्षण को जल्द से जल्द लागू करने की जरूरत है, वहीं कार्यकर्ताओं को यह समझना चाहिए कि सरकार को और समय की जरूरत है। उन्होंने कहा, ”हिंसा की कुछ घटनाएं हुई हैं और हो रही हैं और हम इस पर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हैं। किसी को भी कानून अपने हाथ में नहीं लेना चाहिए.” एक ओर सरकार सुधारात्मक याचिका के माध्यम से सुप्रीम कोर्ट के समक्ष सरकार का पक्ष रख रही है और न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) दिलीप भोसले के तहत एक सलाहकार समिति का गठन किया है; दूसरी ओर, इसने पिछड़ा आयोग को एक बार फिर अनुभवजन्य डेटा एकत्र करने का निर्देश दिया है। “हम डेटा संग्रह में कमियों से बचने के लिए सभी सावधानी बरत रहे हैं, जिसके कारण पिछले आरक्षण को सुप्रीम कोर्ट ने रद्द कर दिया था। हम इस संबंध में सुप्रीम कोर्ट द्वारा की गई टिप्पणियों के अनुरूप भी कार्रवाई कर रहे हैं। कल राज्य मंत्रिमंडल की बैठक के बाद, इस संबंध में सरकारी प्रस्ताव जारी किया गया है और सभी संबंधित अधिकारियों को कुनबी जाति प्रमाण पत्र जारी करने के लिए प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया गया है, ”यह कहा।
महाराष्ट्र
मुंबई एएनसी के बड़े नशा विरोधी अभियान में 10 करोड़ रुपये मूल्य की एमडी जब्त, पांच गिरफ्तार

मुंबई: मुंबई में एंटी-नारकोटिक्स सेल ने 10 करोड़ रुपये से अधिक मूल्य की ड्रग्स जब्त करने और अपने अभियान में पांच आरोपियों को गिरफ्तार करने का दावा किया है। आरोपियों को मुंबई और नवी मुंबई से गिरफ्तार किया गया है जो मलाड और मुंबई के कई इलाकों में मादक पदार्थों की तस्करी में शामिल थे।
मुंबई एंटी-नारकोटिक्स सेल घाटकोपर इकाई ने 28 जुलाई को जोगेश्वरी इलाके में गश्त के दौरान एक संदिग्ध को गिरफ्तार किया और उसके कब्जे से 504 ग्राम मेफेडोन एमडी बरामद किया। इसके बाद, जांच आगे बढ़ी और उसका सहायक भी इसमें शामिल पाया गया। उसके कब्जे से 518 ग्राम मेफेडोन एमडी बरामद किया गया, जिससे कुल 1.033 किलोग्राम एमडी बरामद हुआ, जिसकी कुल कीमत 2055 करोड़ रुपये आंकी गई है। इस मामले में पुलिस ने एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर 2 लोगों को गिरफ्तार किया है। इसी तरह, एंटी-नारकोटिक्स सेल बांद्रा यूनिट ने मुंबई के मालाड के पठानवाड़ी में एमडी बेचते हुए एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया और उसके कब्जे से 1.96 करोड़ रुपये मूल्य की 766 ग्राम मेफेडोन एमडी बरामद की और उसे एनडीपीएस एक्ट के तहत गिरफ्तार किया। इसी तरह, मुंबई की वर्ली यूनिट ने 7 अगस्त को एनडीपीएस एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए एमडी बेचते हुए एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया।
उसके कब्जे से 72 करोड़ रुपये की एमडी जब्त की गई। इसी तरह, बांद्रा एंटी-नारकोटिक्स सेल यूनिट ने नवी मुंबई एमआईडी इलाके में एक व्यक्ति को हिरासत में लिया और उसके कब्जे से 1.024 ग्राम एमडी जब्त की। एक नाइजीरियाई नागरिक को 2 अगस्त को गिरफ्तार किया गया, जिसकी कुल कीमत 2.56 करोड़ रुपये बताई जाती है चार ऑपरेशनों में मलाड, जोगेश्वरी, दादर, एमआईडीसी, नवी मुंबई में 4.034 किलोग्राम ड्रग्स जब्त किया गया है, जिसकी कुल कीमत 10.07 करोड़ रुपये बताई जा रही है। अब तक इस मामले में 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। आरोपी मलाड मुंबई दादर इलाके में एमडी बेचते थे। एंटी नारकोटिक्स सेल ने नागरिकों से अपील की है कि वे ड्रग्स के खिलाफ पुलिस का सहयोग करें और अगर उनके पास इसके बारे में कोई जानकारी है, तो उनका नाम गुप्त रखा जाएगा और वे 1933 हेल्पलाइन पर अपनी जानकारी दे सकते हैं। मुंबई पुलिस कमिश्नर देवेन भारती के निर्देश पर डीसीपी एंटी नारकोटिक्स सेल नुनाथ ढोले ने यह कार्रवाई की है
महाराष्ट्र
निहारिका रॉय निभाएंगी एण्ड टीवी के सुपरनैचुरल कॉमेडी शो ‘घरवाली पेड़वाली‘ में सावी का किरदार!

एण्डटीवी शो ‘घरवाली पेड़वाली ‘ दर्शकों को भावनाओं, हंसी और डरावने सरप्राइज से भरी एक मज़ेदार रोलरकोस्टर राइड पर ले जाने के लिए तैयार है। इस अनोखी और ताज़गी भरी कहानी में चार चांद लगाने आ रही हैं जोशीली और प्रतिभाशाली अभिनेत्री निहारिका रॉय । इस शो में वह ‘ सावी ‘ का किरदार निभाती नजर आएंगी। सावी एक जेन-ज़ी लड़की है- जो निडर, आत्मविश्वास से भरपूर और फैशन में सबसे आगे इस अनोखे लव ट्राएंगल में ‘घरवाली‘ के रूप में सावी की एंट्री कई दिलचस्प मोड़ लाने वाली है। अपने स्टाइलिश एटीट्यूड और दिलकश अंदाज़ के साथ, निहारिका दर्शकों पर एक गहरी छाप छोड़ने को पूरी तरह तैयार हैं। ‘सावी‘ के अपने किरदार के बारे में बात करते हुए निहारिका रॉय ने कहा, ‘‘सावी सिर्फ़ एक किरदार नहीं है, वह एक पूरी वाइब है। वह आज की आत्मनिर्भर, आत्मविश्वासी और निडर लड़कियों का प्रतिनिधित्व करती है, जो अपनी ज़िंदगी की कमान खुद संभालना जानती हैं। मुझे उसका बेझिझक बोलना, बिंदास अंदाज़ और अपनी बात बेबाक़ी से रखने वाला स्वभाव बहुत पसंद है। वह टीवी पर दिखाए जाने वाले पारंपरिक महिला किरदारों से बिल्कुल अलग है। उसकी सबसे खास बात है उसका आधुनिक नजरिया, भावनात्मक मैच्योरिटी, और साथ ही छोटे शहर की एक हल्की-सी मासूम सी झलक। मुझे भी असल ज़िंदगी में मस्ती भरी नोंक-झोंक और अचानक की गई शरारतें पसंद हैं, इसलिए सावी का किरदार निभाना मेरे लिए काफी नैचुरल है। यह रोल मेरे लिए न सिर्फ़ रोमांचक है बल्कि इमोशनल रूप से भी बेहद खास है।”
शो को लेकर अपनी उत्सुकता ज़ाहिर करते हुए निहारिका रॉय कहती हैं, ‘‘घरवाली पेड़वाली‘ मेरे लिए इसलिए भी खास है क्योंकि इसका कॉन्सेप्ट जितना अनोखा है, उतना ही अनप्रेडिक्टेबल और एंटरटेनिंग भी है। यह कोई आम रोमांटिक शो या डेली सोप जैसा नहीं है; इसमें है एक एनर्जेटिक लव ट्राएंगल, एक रहस्यमयी भूत और भरपूर हास्य से भरे मज़ेदार ट्विस्ट। इस शो का टाइटल सुनने में जितना सिंपल लगता है, असल में कहानी में जैसे-जैसे किरदार सामने आते हैं, इसकी गहराई और क्रिएटिविटी समझ आती है। इंसानों और अलौकिक शक्तियों के बीच लगातार चलती खींचतान शो को और दिलचस्प बना देती है। ‘घरवाली’ बनकर ‘पेड़वाली’ के मुकाबले में होना अपने आप में एक मज़ेदार टकराव है, जिसे ऑन-स्क्रीन एक्सप्लोर करने के लिए मैं बेसब्री से इंतज़ार कर रही हूं।”
महाराष्ट्र
महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी में विधायक रईस शेख का पत्ता कटा, यूसुफ अब्राहनी ने ली जगह

मुंबई: (कमर अंसारी) महाराष्ट्र समाजवादी पार्टी में चल रही आंतरिक खींचतान अब खुलकर सामने आने लगी है। पिछले कई दिनों से पार्टी के वरिष्ठ नेता अबू असीम आज़मी, अपने ही विधायक रईस शेख से नाराज़ चल रहे थे। कई बार उन्होंने अपने बयानों में भी इस नाराज़गी का परोक्ष रूप से उल्लेख किया था। अब यह मामला पूरी तरह उजागर हो चुका है — महाराष्ट्र में अबू असीम आज़मी ने रईस शेख की जगह कांग्रेस छोड़कर आए यूसुफ अब्राहनी को तरजीह दी है, जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि रईस शेख को बाहर का रास्ता दिखाने की पूरी तैयारी हो चुकी है।
अगर जमीनी हकीकत पर नज़र डालें, तो रईस शेख की लोकप्रियता भी इस पूरे घटनाक्रम की एक बड़ी वजह मानी जा रही है। मुंबई और भिवंडी में रईस शेख ने अपने कार्यकाल के दौरान जनहित में कई अहम कार्य किए हैं, जिससे उनकी पकड़ जनता में मजबूत हुई है। भिवंडी विधानसभा क्षेत्र से वह लगातार दूसरी बार समाजवादी पार्टी के टिकट पर विधायक चुने गए हैं। क्षेत्र की जनता का भी मानना है कि उन्होंने रईस शेख को उनके काम के आधार पर ही दोबारा मौका दिया।
शिक्षा, सड़क, पानी जैसी मूलभूत समस्याओं को हल करने के साथ-साथ रईस शेख का आम जनता से सीधे जुड़ाव उनकी लोकप्रियता में इज़ाफा कर रहा है। यही नहीं, दक्षिण मुंबई में नगरसेवक के रूप में उनके किए गए कार्यों को आज भी लोग सराहते हैं। यही कारण है कि आगामी नगर निगम चुनावों में उनके समर्थित उम्मीदवारों को भी प्राथमिकता दी जा रही है। सूत्रों के अनुसार, अबू असीम आज़मी को रईस शेख की इसी बढ़ती लोकप्रियता से खतरा महसूस होने लगा था। पार्टी हाईकमान अखिलेश यादव की आज़मी से नाराज़गी भी इसी क्रम में देखी जा रही है। पार्टी के अंदरूनी सूत्रों के अनुसार, रईस शेख को और अधिक सशक्त होने से रोकने के लिए उन्हें अबू असीम द्वारा पार्टी से बाहर किया जा रहा है।
वहीं, कांग्रेस छोड़कर समाजवादी पार्टी में आए यूसुफ अब्राहनी को अब पार्टी में नई जिम्मेदारी दी गई है। लेकिन यह वही यूसुफ अब्राहनी हैं, जिन्होंने करीब 20 साल पहले समाजवादी पार्टी के दर्जनों नगरसेवकों को साथ लेकर कांग्रेस ज्वॉइन कर ली थी और मुंबई में समाजवादी पार्टी को लगभग तोड़ दिया था। कांग्रेस ने उन्हें मानखुर्द विधानसभा क्षेत्र से टिकट देकर विधायक बना दिया, लेकिन अगली बार वह चुनाव नहीं जीत सके।
बाद में मानखुर्द से अबू असीम आज़मी ने चुनाव लड़ा और यूसुफ अब्राहनी को हराया। दिलचस्प बात यह है कि आज़मी की इस जीत में रईस शेख की महत्वपूर्ण भूमिका रही थी। लेकिन अब पार्टी से रईस शेख को निकालने के लिए आज़मी ने उन्हीं यूसुफ अब्राहनी को पुनः पार्टी में शामिल कर लिया है, इस उम्मीद में कि वह फिर से दर्जनों नगरसेवक पार्टी में ला सकेंगे।
रईस शेख जिस पार्टी कार्यालय से वर्षों से कार्य कर रहे थे, उसे भी अब यूसुफ अब्राहनी को सौंप दिया गया है — एक स्पष्ट संकेत कि पार्टी में अब रईस शेख के लिए कोई स्थान नहीं है।
उत्तर प्रदेश समाजवादी पार्टी के हाईकमान और अखिलेश यादव के करीबी सूत्रों के अनुसार, पार्टी महाराष्ट्र में अब एक ऐसे नेता की तलाश में है, जो अबू असीम आज़मी की जगह ले सके। पार्टी को भविष्य में किसी नुकसान से बचाने के लिए आज़मी के हर निर्णय को अब अनदेखा किया जा रहा है।
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