राजनीति
ममता बनर्जी ने की पीएम मोदी से मुलाकात, बीएसएफ का मुद्दा उठाया

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस(टीएमसी) प्रमुख ममता बनर्जी ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात की। शाम पांच बजे दोनों नेताओं के बीच ये मुलाकात हुई। इस मुलाकात के दौरान पश्चिम बंगाल सीएम ममता बनर्जी ने पीएम के सम्मुख सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) का अधिकार क्षेत्र बढ़ाये जाने और त्रिपुरा में हुई हिंसा के मुद्दे को उठाया।
गौरतलब है कि हाल ही में केंद्र की मोदी सरकार ने बीएसएफ का अधिकार क्षेत्र सीमा से 15 किलोमीटर से बढ़ाकर 50 किलोमीटर कर दिया था। जिसका राज्य सरकारों की ओर से इसका लगातार विरोध किया जा रहा है। पंजाब के बाद पश्चिम बंगाल की ममता सरकार ने भी इसका विरोध किया था। जिसका जिक्र ममता बनर्जी ने बुधवार को प्रधानमंत्री के साथ बैठक में भी किया।
पीएम के साथ बैठक के बाद ममता बनर्जी ने कहा, “मैंने बीएसएफ के बारे में चर्चा की, बीएसएफ हमारे राज्य का दुश्मन नहीं है। मैं सभी एजेंसियों का सम्मान करती हूं लेकिन कानून-व्यवस्था जो राज्य का विषय है, उसमें टकराव होता है। इलाकों पर जबरन किसी को नियंत्रण नहीं करने दूंगी।”
“मैंने पीएम मोदी से कहा कि संघीय ढांचे को बेवजह छेड़ना ठीक नहीं है, इसके बारे में आप चर्चा कीजिए और बीएसएफ के कानून को वापस लीजिए। बीएसएफ और कानून-व्यवस्था के बीच संघर्ष होता है।”
ममता बनर्जी ने कहा, “मेरे राज्य का कुछ मुद्दा है। प्राकृतिक आपदा हुई है। आम्फान, यास जैसे चक्रवात हुए हैं। केंद्र से सहायता मिलनी है। बहुत सारी योजनाएं हैं। 96 हजार करोड़ रुपये केंद्र सरकार से मिलने की उम्मीद है। फिलहाल केंद्र की ओर से इसे रोक दिया गया है।”
पीएम मोदी से मिलने से पहले बुधवार को ममता ने बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी से मुलाकात की थी।
गौरतलब है कि ममता बनर्जी 4 दिवसीय दिल्ली दौरे पर हैं। इससे पहले टीएमसी सांसदों ने गृहमंत्री से मुलाकात करने के लिए सोमवार को गृह मंत्रालय के बाहर विरोध प्रदर्शन किया था। टीएमसी और बीजेपी के बीच अगरतला नगर निगम और 12 अन्य नगर निकायों में आगामी चुनाव को लेकर तनाव बढ़ रहा है। ये चुनाव 25 नवंबर को होगा।
टीएमसी ने पश्चिम बंगाल में लगातार तीसरी बार सरकार बनाने के बाद त्रिपुरा और गोवा में भी विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। फिलहाल इन दोनों ही राज्यों में बीजेपी की सरकार है। टीएमसी के कई बड़े नेता और सांसद त्रिपुरा और गोवा में पिछले कई महीनों से पार्टी के प्रचार में जुटे हुए हैं।
राजनीति
मोदी कैबिनेट ने लिए बड़े फैसले, रेल लाइन प्रोजेक्ट, जीरकपुर बाईपास समेत तीन परियोजनाओं को दी मंजूरी

नई दिल्ली, 9 अप्रैल। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में बुधवार को केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में तीन महत्वपूर्ण परियोजनाओं को मंजूरी दी गई। इनमें जीरकपुर बाईपास निर्माण, तिरुपति-पाकला-कटपडी सिंगल रेलवे लाइन का दोहरीकरण और कृषि सिंचाई योजना के तहत जल प्रबंधन का आधुनिकीकरण शामिल हैं। इन परियोजनाओं का उद्देश्य राज्य की यातायात सुविधाओं को सुधारना, जल संसाधनों का बेहतर उपयोग करना और आर्थिक विकास को बढ़ावा देना है।
कैबिनेट ने पंजाब और हरियाणा में स्थित जीरकपुर बाईपास के निर्माण को मंजूरी दी। यह बाईपास छह लेन का होगा और इसकी कुल लंबाई 19.2 किलोमीटर होगी। यह परियोजना प्रधानमंत्री गति शक्ति राष्ट्रीय मास्टर प्लान के तहत एकीकृत परिवहन इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास को बढ़ावा देने के लिए महत्वपूर्ण है। बाईपास एनएच-7 (जीरकपुर-पटियाला) के जंक्शन से शुरू होकर एनएच-5 (जिरकपुर-परवाणू) के जंक्शन तक जाएगा। इसके निर्माण से जीरकपुर और पंचकूला के अत्यधिक शहरीकृत और भीड़-भाड़ वाले इलाकों से बचा जा सकेगा। यह परियोजना पटियाला, दिल्ली, मोहाली एरोसिटी से आने वाले यातायात को डाइवर्ट करके हिमाचल प्रदेश के लिए सीधी कनेक्टिविटी प्रदान करेगी, जिससे इन क्षेत्रों में यातायात की भीड़-भाड़ कम होगी। इस परियोजना की कुल लागत 1,878.31 करोड़ रुपये निर्धारित की गई है। इसका उद्देश्य यात्रा समय को कम करना और मुख्य शहरी मार्गों पर यातायात के निर्बाध संचालन को सुनिश्चित करना है।
इसके अलावा कैबिनेट ने आंध्र प्रदेश और तमिलनाडु के बीच तिरुपति-पाकला-कटपडी सिंगल रेलवे लाइन के दोहरीकरण को भी मंजूरी दी। इस परियोजना पर 1,332 करोड़ रुपये खर्च होगा और इसका उद्देश्य रेलवे की लाइन क्षमता को बढ़ाकर ट्रेनों की गति और सेवा को सुधारना है। यह दोहरीकरण परियोजना भारतीय रेलवे के सबसे व्यस्त खंडों में से एक में आवश्यक बुनियादी ढांचे के विकास को सुनिश्चित करेगा, जिससे यात्री और माल परिवहन में सुधार होगा। इस परियोजना के पूरा होने से रेलवे की कार्यक्षमता में वृद्धि होगी और भारतीय रेलवे की सेवा विश्वसनीयता में सुधार होगा, जिससे स्थानीय लोगों को रोजगार और स्वरोजगार के नए अवसर मिलेंगे।
तीसरी महत्वपूर्ण परियोजना प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत जल प्रबंधन का आधुनिकीकरण है। इस योजना को 2025-2026 की अवधि के लिए मंजूरी दी गई है, और इसकी प्रारंभिक कुल लागत 1,600 करोड़ रुपये है। इस परियोजना का उद्देश्य मौजूदा सिंचाई नेटवर्क का आधुनिकीकरण करना और किसानों को सूक्ष्म सिंचाई सुविधाएं प्रदान करना है। जल प्रबंधन के लिए एससीएडीए और इंटरनेट ऑफ़ थिंग्स तकनीक का उपयोग किया जाएगा, जिससे जल उपयोग की दक्षता में सुधार होगा। इस योजना से कृषि उत्पादन और उत्पादकता में वृद्धि होगी, जिससे किसानों की आय में बढ़ोतरी होगी और उन्हें जल संसाधनों का बेहतर उपयोग करने में मदद मिलेगी।
इन परियोजनाओं के माध्यम से सरकार की प्राथमिकता देश में बुनियादी ढांचे का विकास करना, जल संसाधनों का बेहतर उपयोग करना और आर्थिक विकास को गति देना है।
राजनीति
बंगाल की संस्कृति की अनदेखी भाजपा को पड़ेगी भारी : सौरभ भारद्वाज

नई दिल्ली, 9 अप्रैल। दिल्ली के चित्तरंजन पार्क इलाके में मांस और मछली की दुकानों को लेकर विवाद छिड़ गया है। इस विवाद के केंद्र में एक वीडियो है, जिसमें कुछ लोग डीडीए मार्केट स्थित एक मंदिर के बगल में चल रही मांस-मछली की दुकानों को जबरन बंद कराने की कोशिश कर रहे हैं।
यह मामला अब राजनीतिक रंग ले चुका है, जहां आम आदमी पार्टी ने भारतीय जनता पार्टी पर सीधा हमला बोला है।
‘आप’ नेता सौरभ भारद्वाज ने कहा, “भाजपा को देश की संस्कृति के बारे में कुछ नहीं मालूम। वे व्हाट्सएप पर जो देखते हैं, उसे ही सच मान लेते हैं। चित्तरंजन पार्क में बंगाली समुदाय के लोग रहते हैं, जो सबसे ज्यादा शिक्षित और समझदार हैं। बंगाल की संस्कृति की अनदेखी भाजपा को भारी पड़ेगी।”
उन्होंने कहा कि जिस प्रांगण में मां दुर्गा की पूजा होती है, वहां मांस और मछली भी प्रसाद स्वरूप चढ़ाई जाती है। बंगाली समाज नवरात्र में भी मांसाहार करता है, यह उनकी सांस्कृतिक पहचान है।
उन्होंने सवाल उठाया, “डीडीए ने इन दुकानों को कानूनी रूप से आवंटित किया है। ऐसे में भाजपा समर्थकों द्वारा गरीब दुकानदारों को धमकाना और धौंस जमाना बिल्कुल गलत है। भाजपा अपनी ताकत सिर्फ गरीबों पर ही क्यों दिखाती है?”
आम आदमी पार्टी की वरिष्ठ नेता आतिशी ने भी भाजपा पर हमला बोलते हुए कहा, “अगर भाजपा को मांस-मछली की दुकानों से इतनी परेशानी है, तो उन्हें पहले डीडीए से सवाल करना चाहिए, जिसने ये दुकानें आवंटित की हैं। गरीब दुकानदारों को परेशान करना और उन पर अत्याचार करना कहीं न कहीं भाजपा की उगाही की मंशा को दर्शाता है।”
इस पूरे विवाद पर स्थानीय दुकानदारों का कहना है कि यह मार्केट पिछले 70 वर्षों से यहां स्थित है और मंदिर भी मार्केट के लोगों ने ही बनवाया है। दुकानदारों का आरोप है कि कुछ लोग जबरन संस्कृति के नाम पर दुकानों को बंद करवाने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि दुकानें डीडीए से पूरी तरह से अनुमोदित हैं।
महाराष्ट्र
वानखेड़े ने काशिफ खान और राखी सावंत के खिलाफ मानहानि का मामला वापस लिया

मुंबई: एनसीबी के पूर्व जोनल डायरेक्टर एडिशनल कमिश्नर आईआरएस ने फिल्म अभिनेत्री राखी सावंत और उनके वकील काशिफ अली खान के खिलाफ दायर मानहानि का केस वापस ले लिया है। समीर वानखेड़े ने राखी सावंत और उनके वकील काशिफ अली खान देशमुख के खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर कर 11.55 लाख रुपये का मुआवजा मांगा था। वानखेड़े ने व्यक्तिगत आधार पर मामला वापस ले लिया। शिकायत वापस लेने पर काशिफ अली खान ने कहा कि हमारी मध्यस्थता पूरी हो गई है। आपसी मतभेद के बजाय हमने अपने छिपे हुए दुश्मनों के खिलाफ लड़ाई लड़ी। इसका एक उदाहरण यह है कि मैंने समीर वानखेड़े की बहन यास्मीन वानखेड़े के मामले की पैरवी की है और पूर्व मंत्री नवाब मलिक के खिलाफ मानहानि का मुकदमा भी दायर किया है।
समीर वानखेड़े ने शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को कॉर्डेलिया क्रूज मामले में गिरफ्तार किया था और इस मामले में गिरफ्तार किए गए मनमोहन धमीचा के वकील काशिफ अली खान ने अपने इंस्टाग्राम और सोशल मीडिया चैनलों पर समीर वानखेड़े के खिलाफ आपत्तिजनक और अभद्र टिप्पणी की थी, जिसके बाद वानखेड़े ने उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया और राखी सावंत ने भी उसी पोस्ट को अपने इंस्टाग्राम पर शेयर किया। चूंकि काशिफ अली खान ही राखी सावंत के कई मामलों की पैरवी कर रहे हैं, इसलिए वानखेड़े ने उन दोनों के खिलाफ मामला दर्ज कराया था, लेकिन अब वानखेड़े ने निजी कारणों के आधार पर मामला वापस ले लिया है। अदालत ने मामले की वापसी के लिए पक्षकारों को उपस्थित रहने का आदेश दिया था, जबकि वानखेड़े ने कहा कि उनका काशिफ अली के साथ समझौता हो गया है और इस समझ के बाद वानखेड़े ने मामला वापस ले लिया है।
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