राष्ट्रीय समाचार
महाराष्ट्र सरकार के अधिकारियों को अब नए सख्त नियमों के अनुसार विदेश यात्रा के लिए वैध औचित्य प्रदान करना होगा; विवरण देखें

मुंबई : सरकार ने सरकारी अधिकारियों की विदेश यात्राओं को नियंत्रित करने के लिए नए नियम लागू किए हैं। अब अधिकारियों को अपनी यात्राओं के उद्देश्य, चाहे वे अध्ययन यात्राएँ हों या प्रशिक्षण, का विस्तृत विवरण देते हुए एक आवेदन जमा करना होगा। यह कदम अधूरे प्रस्ताव प्रस्तुत करने में समस्याओं की पहचान के बाद उठाया गया है। सामान्य प्रशासन विभाग ने इस प्रक्रिया के लिए दिशानिर्देश जारी किए हैं।
आवेदन में यात्रा का कारण और, यदि लागू हो, तो निजी संगठनों से प्राप्त धन का स्रोत बताना होगा। सरकारी संस्थाओं द्वारा आयोजित यात्राओं के लिए, अधिकारियों को व्यय का विवरण देना होगा। सरकार यह भी सत्यापित करेगी कि यात्रा किसने शुरू की और किसके नाम पर आयोजित की गई। रिपोर्टों के अनुसार, चार्टर्ड अधिकारियों को विदेश यात्रा के लिए विभागीय मंत्री की अनुमति लेनी होती है, जबकि निजी व्यक्तियों को सामान्य प्रशासन विभाग से अनुमति लेनी होती है।
अखिल भारतीय सेवाओं, राज्य सेवाओं और विभिन्न सार्वजनिक संस्थाओं के अधिकारियों और सदस्यों के लिए एक नया परिपत्र जारी किया गया है, जिसमें प्रस्तुतीकरण प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करने और त्रुटियों या अपूर्ण प्रस्तुतीकरणों के कारण होने वाली देरी को रोकने के लिए स्पष्ट मानदंड निर्धारित किए गए हैं। उल्लेखनीय है कि मंत्रालयिक विभागों द्वारा प्रस्तुत दस्तावेजों में अक्सर विसंगतियाँ पाई जाती थीं, जिसके कारण प्रस्ताव प्रस्तुतीकरण प्रारूप में संशोधन किया गया। पूर्व परिपत्र में निर्धारित चेकलिस्ट और सचिव प्रमाणपत्र को निरस्त कर दिया गया है, हालाँकि पिछले मानदंड अभी भी प्रभावी हैं।
हाल ही में, नासिक में मत्स्य पालन के सहायक आयुक्त, पीडी जगताप को राष्ट्रीय आपातकाल के दौरान विदेश यात्रा करने के लिए बीमारी का बहाना बनाने के आरोप में निलंबित कर दिया गया। उन्होंने वरिष्ठों को गुमराह किया, स्वास्थ्य समस्याओं का हवाला देते हुए चिकित्सा अवकाश के लिए आवेदन किया, लेकिन विदेश में छुट्टियां मनाते पाए गए। उनके निलंबन में मुख्यालय छोड़ने पर प्रतिबंध शामिल है, और आगे की जांच के परिणामस्वरूप बर्खास्तगी हो सकती है।
सरकार द्वारा दिए गए नए निर्देशों के अनुसार अधिकारी को निम्नलिखित निर्देशों का पालन करना होगा:
1. जो प्रस्ताव निर्धारित प्रारूप में नहीं होंगे या जिनमें अधूरे विवरण होंगे, उन्हें स्वीकार नहीं किया जाएगा।
2. अध्ययन दौरे और प्रशिक्षण दौरे को छोड़कर किसी भी दौरे में तीन से ज़्यादा अधिकारियों को शामिल नहीं किया जा सकता। अगर इससे ज़्यादा अधिकारी शामिल हों, तो कारण बताना होगा।
3. अध्ययन दौरे या प्रशिक्षण के लिए विदेश दौरे का प्रस्ताव भेजते समय अखिल भारतीय सेवा के अधिकारियों और विभागाध्यक्षों के अलावा अन्य कर्मचारियों के लिए अलग से विवरणिका तैयार करना तथा उसे संयुक्त/उप सचिवों के हस्ताक्षर के साथ संलग्न करना अनिवार्य है।
4. बिना हस्ताक्षर वाले प्रस्ताव स्वीकार नहीं किये जायेंगे।
5. मंत्रियों, विश्वविद्यालयों के कुलपतियों और स्वायत्त संस्थाओं के अध्यक्षों के विदेश दौरों के प्रस्ताव मुख्य सचिव की अध्यक्षता वाली समिति को प्रस्तुत नहीं किए जाने चाहिए।
6. तथापि, यदि कुलपति का पद किसी आईएएस अधिकारी के पास है, तो संबंधित मामले की सूचना सामान्य प्रशासन विभाग को देनी होगी।
7. अब सभी विदेशी दौरे के प्रस्ताव ई-ऑफिस प्रणाली के माध्यम से प्रस्तुत करना अनिवार्य होगा। संबंधित दस्तावेजों को हाइपरलिंक के रूप में संलग्न करना भी आवश्यक होगा।
राजनीति
संजय राउत ने महाराष्ट्र सीएम देवेंद्र फडणवीस को लिखा पत्र

मुंबई, 11 अक्टूबर: महाराष्ट्र में स्थानीय निकाय चुनावों को लेकर राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। मुंबई महानगरपालिका समेत जिला परिषद, नगर पालिका और महानगर पालिकाओं के चुनावों की तारीखों की घोषणा जल्द होने वाली है।
इससे पहले चुनाव प्रक्रिया की पारदर्शिता और निष्पक्षता को लेकर विपक्ष सहित सभी प्रमुख राजनीतिक दलों ने चिंता जताई है। इसी कड़ी में 14 अक्टूबर को दोपहर 12:30 बजे राज्य के मुख्य निर्वाचन अधिकारी एस चोकलिंगम से एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल मुलाकात करेगा।
इस प्रतिनिधिमंडल में शरद पवार, उद्धव ठाकरे, राज ठाकरे, हर्षवर्धन सपकाल और अन्य प्रमुख नेताओं के शामिल होने की पुष्टि हो चुकी है। खास बात यह है कि इस बैठक में राज्य के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को भी शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया है।
राज्यसभा सांसद संजय राउत ने शनिवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखकर इस बैठक में हिस्सा लेने का अनुरोध किया है। इस बात की जानकारी उन्होंने अपने आधिकारिक ‘एक्स’ पोस्ट के जरिए दी।
पत्र में उन्होंने कहा है कि इस पहल के पीछे कोई राजनीतिक मंशा नहीं है, बल्कि यह एक लोकतांत्रिक प्रक्रिया को मजबूत करने की कोशिश है।
संजय राउत ने अपने पत्र में लिखा, “राज्य में होने वाले इन अहम चुनावों को लेकर कुछ शंकाएं सामने आई हैं। हमारा उद्देश्य है कि चुनाव संविधान के तहत पूरी पारदर्शिता और निष्पक्षता से संपन्न हों। यह बैठक कोई राजनीतिक मंच नहीं है, बल्कि लोकतंत्र की रक्षा और चुनावी प्रक्रिया में जनता का विश्वास बनाए रखने का प्रयास है।”
उन्होंने यह भी बताया कि सभी बड़े दलों के नेताओं को इस बैठक की सूचना दे दी गई है और सभी ने इसमें शामिल होने के लिए सकारात्मक रुख दिखाया है।
बैठक के बाद यशवंतराव चव्हाण प्रतिष्ठान में सभी नेताओं की एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की जाएगी, जिसमें बैठक में हुई चर्चा और आगे की रणनीति को साझा किया जाएगा।
राजनीति
प्रधानमंत्री मोदी ने नानाजी देशमुख को दी श्रद्धांजलि, ग्रामीण विकास और राष्ट्र निर्माण में योगदान को किया याद

नई दिल्ली, 11 अक्टूबर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को ‘भारत रत्न’ नानाजी देशमुख को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि अर्पित की। इस मौके पर उन्होंने देश के ग्रामीणों, विशेषकर वंचित समाज के सशक्तिकरण के लिए उनके समर्पण और सेवा भाव के लिए नानाजी देशमुख को याद किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर लिखा, “महान नानाजी देशमुख को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि। वे एक दूरदर्शी समाज सुधारक, राष्ट्र निर्माता और आत्मनिर्भरता व ग्रामीण सशक्तिकरण के आजीवन समर्थक थे। उनका जीवन समर्पण, अनुशासन और समाज सेवा की प्रतिमूर्ति था।”
इस मौके पर पीएम मोदी ने अपने भाषण का एक छोटा-सा अंश भी शेयर किया है, जिसमें वे नानाजी देशमुख के योगदान के बारे में बता रहे थे।
उन्होंने अपने भाषण में कहा था, “नानाजी देशमुख जीवन भर देश के लिए जीए। उन्होंने दीनदयाल रिसर्च इंस्टीट्यूट के माध्यम से ‘देश के लिए जीना सीखो’ और ‘देश के लिए कुछ करके रहो’ मंत्र के साथ युवा दंपतियों को आमंत्रित किया। सैकड़ों की तादाद में युवा दंपति आगे आए। नाना देशमुख ने उन्हें ग्राम विकास के काम में लगाया। नानाजी देशमुख को मंत्रिपरिषद के लिए आमंत्रित किया गया, लेकिन जयप्रकाश नारायण के कदमों पर ही नानाजी ने भी मंत्रिपरिषद में जुड़ने से इनकार कर दिया और स्वयं को राजनीतिक जीवन से निवृत करके 60 साल की उम्र के बाद, जब तक वे जीवित रहे, करीब साढ़े 3 दशक तक उन्होंने अपना जीवन चित्रकूट और गोंडा को केंद्रबिंदु बनाकर ग्रामीण विकास के लिए खपा दिया।”
प्रधानमंत्री मोदी ने नानाजी देशमुख का वक्तव्य भी सार्वजनिक किया, जो उन्होंने 20 अप्रैल 1978 में दिया था। पीएम मोदी ने लिखा, “नानाजी देशमुख लोकनायक जेपी से बेहद प्रेरित थे। जेपी के प्रति उनकी श्रद्धा और युवा विकास, सेवा और राष्ट्र निर्माण के प्रति उनके दृष्टिकोण को जनता पार्टी के महामंत्री रहते हुए उनके की ओर से दिए गए इस संदेश में देखा जा सकता है।”
अप्रैल 1978 के अपने वक्तव्य में नानाजी देशमुख ने कहा था, “युवा पीढ़ी को राष्ट्र निर्माण के कार्य में सम्मिलित करने के लिए जरूरत है कि हम राजनीतिज्ञ अपने आचरण के द्वारा यह सिद्ध करें कि सत्ता हमारे लिए साध्य न होकर राष्ट्र निर्माण का एक रचनात्मक साधन है। यह तभी हो सकता है जब हममें से कुछ वरिष्ठ अनुभवी राजनेता स्वेच्छा से सत्ता को त्याग कर रचनात्मक कार्यों में जुटें। एक साधारण राजनीतिक कार्यकर्ता होते हुए भी मेरे मन में यह विचार इतना प्रबल होता जा रहा है कि अब मैं उसे दबा सकने में असमर्थ हूं।”
नानाजी ने इस मौके पर राजनीतिक कार्यों से दूर होने की घोषणा की थी। उन्होंने कहा था, “मुझे लगता है कि जीवन के 60 वर्ष पूर्ण कर लेने के बाद भी मैं सिर्फ राजनीतिक कार्य में ही लगा रहूं, यह ठीक नहीं है। अब मुझे अपना शेष जीवन रचनात्मक कार्यों में लगाना चाहिए। हमारा राष्ट्रीय मिशन होना चाहिए ‘समग्र विकास के माध्यम से समग्र क्रान्ति।’ अब यही मेरा जीवन व्रत रहेगा। मेरे इस रचनात्मक अभियान का आधार होगा देश की युवाशक्ति। विश्वास है कि इस रचनात्मक पथ पर बढ़ते समय मेरे समस्त सहयोगियों और देश के समस्त नागरिकों का शुभ आशीर्वाद मुझे प्राप्त होता रहेगा।”
राजनीति
महागठबंधन मजबूती के साथ चुनाव लड़ेगा और जीतेगा: मोहिबुल्लाह नदवी

नई दिल्ली, 10 अक्टूबर: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर इंडिया ब्लॉक गठबंधन में सीट बंटवारे पर अभी तक तस्वीर साफ नहीं हो पाई है। इस बीच, समाजवादी पार्टी के सांसद मोहिबुल्लाह नदवी ने दावा किया है कि महागठबंधन मजबूती के साथ चुनाव लड़ेगा और जीत हासिल करेगा।
मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि सीट बंटवारे को लेकर जो भी मतभेद हैं, उन्हें जल्द सुलझा लिया जाएगा। महागठबंधन चुनावी मैदान में उतरने के लिए पूरी तरह तैयार है।
समाजवादी पार्टी के संस्थापक मुलायम सिंह यादव की पुण्यतिथि पर सपा सांसद मोहिबुल्लाह नदवी ने उन्हें श्रद्धांजलि दी।
उन्होंने कहा कि मुलायम सिंह यादव ने हमें समाजवाद की विचारधारा दी। उनकी शिक्षाओं से प्रेरित होकर हमारे नेता अखिलेश यादव समाज के सभी वर्गों तक इस विचारधारा को पहुंचाने का काम कर रहे हैं। पूरा देश मुलायम सिंह यादव को याद कर रहा है। सभी लोग उनके परिवार और पार्टी के लिए दिल से दुआ कर रहे हैं।
एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत पर दिए बयान पर मोहिबुल्लाह नदवी ने कहा कि संविधान ने जाति व्यवस्था को समाप्त कर दिया है। भारतीय होना हमारी सबसे बड़ी पहचान है।
सभी को एक-दूसरे का सम्मान करना चाहिए। चाहे दलित समाज हो या वंचित समाज, सभी इस देश का हिस्सा हैं। जिन लोगों ने चीफ जस्टिस का अपमान करने की कोशिश की, वह सनातन का अपमान है। किसी को भी ऐसा करने का अधिकार नहीं है।
बसपा प्रमुख मायावती द्वारा समाजवादी पार्टी पर लगाए गए आरोपों का जवाब देते हुए नदवी ने कहा कि मायावती को इस समय दलितों के साथ खड़ा होना चाहिए था। बाबासाहेब आंबेडकर ने जो संविधान देश को दिया, वह आज खतरे में है। संविधान और उसकी विचारधारा को बचाने की सबसे ज्यादा जरूरत है। मायावती को छोटी-मोटी बातों में उलझकर या झगड़ा करके अपने नजरिए से नहीं भटकना चाहिए।
मायावती ने अपनी रैली में भाजपा की तारीफ की थी और सपा पर कई आरोप लगाए थे, जिसमें दलितों से जुड़े स्मारकों के नाम बदलने की बात शामिल थी। इस पर नदवी ने कहा कि ऐसा बिल्कुल नहीं है। बाबासाहेब का संविधान और उनकी विचारधारा समाजवाद से सबसे ज्यादा मेल खाती है। उत्तर प्रदेश में दलितों पर हुए अत्याचारों के खिलाफ समाजवादी पार्टी हमेशा खड़ी रही है।
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