अंतरराष्ट्रीय
महाराष्ट्र सरकार को दावोस प्रवास के लिए स्विस कंपनी से 1.6 करोड़ रुपये का बिल मिला

एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार को स्विट्जरलैंड की एक कंपनी से 1.58 करोड़ रुपये के बिल का नोटिस मिला है, जो इस जनवरी की शुरुआत में दावोस में विश्व आर्थिक मंच की यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री और उनकी टीम के ठहरने के संबंध में है, इंडियन एक्सप्रेस ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
28 अगस्त की तारीख वाला यह नोटिस SKAAH GmbH नामक एक ठेकेदार द्वारा भेजा गया है, जिसने आरोप लगाया है कि राज्य द्वारा संचालित महाराष्ट्र औद्योगिक विकास निगम (MIDC) ने 1.58 करोड़ रुपये का बकाया नहीं चुकाया है। यह शिखर सम्मेलन 15-19 जनवरी तक आयोजित किया गया था। जबकि MIDC ने कुल बिल में से 3.75 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया है, 1.58 करोड़ रुपये बकाया हैं। MIDC के अलावा, यह नोटिस मुख्यमंत्री कार्यालय, विदेश मंत्री एस जयशंकर और विश्व आर्थिक मंच सहित अन्य को संबोधित है।
नोटिस के जवाब में, एमआईडीसी के सीईओ पी वेलरासु ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि उन्हें नोटिस के बारे में जानकारी नहीं है, लेकिन वे इस मुद्दे पर गौर करेंगे।
यह मुद्दा राजनीतिक विवाद में भी बदल गया है, जिसमें आदित्य ठाकरे सहित विपक्षी विधायकों ने आरोप लगाया है कि राज्य सरकार ने यात्रा पर जरूरत से ज्यादा खर्च किया है। जवाब में, महाराष्ट्र के मंत्री उदय सामंत ने सरकार का बचाव करते हुए कहा, “हमने ज्यादा खर्च नहीं किया है… हमारी कानूनी टीम इस नोटिस का जवाब देगी और देखेगी कि मामला क्या है।”
विपक्ष ने यह भी कहा कि यह मुद्दा महाराष्ट्र की प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाता है और निवेशकों को गलत संदेश देता है।
नोटिस में यह भी चेतावनी दी गई है कि अगर एमआईडीसी “1,58,64,625.90 रुपये की कुल बकाया राशि 18 प्रतिशत प्रति वर्ष ब्याज के साथ” चुकाने में विफल रहता है, तो उसके खिलाफ मुकदमा दायर किया जाएगा। इसमें यह भी कहा गया है कि इसने निर्धारित संख्या से अधिक व्यक्तियों को सेवाएं प्रदान की हैं और उनकी सभी आवश्यक मांगों को पूरा किया है।
कंपनी ने यह भी कहा कि यह मुद्दा “भारत और स्विट्जरलैंड” के बीच अंतर्राष्ट्रीय संबंधों को प्रभावित कर रहा है।
व्यापार
वेस्ट कोस्ट पेपर मिल्स के चौथी तिमाही के शुद्ध लाभ में 64 प्रतिशत से अधिक की गिरावट

मुंबई, 23 मई। वेस्ट कोस्ट पेपर मिल्स लिमिटेड ने शुक्रवार को जानकारी दी कि कंपनी का शुद्ध लाभ पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही में 130.42 करोड़ रुपए की तुलना में सालाना आधार पर 64.63 प्रतिशत घटकर 46.14 करोड़ रुपए रह गया।
कंपनी की स्टॉक एक्सचेंज फाइलिंग में बताया गया है कि शुद्ध लाभ तिमाही आधार पर 31.55 प्रतिशत कम हुआ, जो कि पिछली तिमाही में 67.41 करोड़ रुपए था।
तिमाही के लिए राजस्व में 3 प्रतिशत की मामूली गिरावट आई, जो एक साल पहले की अवधि में 1,070 करोड़ रुपए से घटकर 1,041 करोड़ रुपए रह गया।
इसी तरह, इसी अवधि के दौरान कंपनी की कुल आय लगभग 3.76 प्रतिशत घटकर 1,086.12 करोड़ रुपए रह गई, जबकि एक साल पहले यह 1,128.61 करोड़ रुपए था।
इसके अलावा, कुल व्यय लगभग 7.85 प्रतिशत बढ़कर वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में 1,030 करोड़ रुपए हो गया, जो एक साल पहले की समान अवधि में 955.03 करोड़ रुपए था।
इस व्यय वृद्धि में एक प्रमुख योगदान उपभोग की गई सामग्री की लागत का था, जो वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही के 521.9 करोड़ रुपए से 26 प्रतिशत बढ़कर 657.99 करोड़ रुपए हो गई।
हालांकि, एम्प्लॉई बेनेफिट्स एक्सपेंस में लगभग 8.23 प्रतिशत की गिरावट देखी गई, जो पिछले वर्ष की तिमाही में 102.28 करोड़ रुपए से घटकर 93.87 करोड़ रुपए हो गया।
इस बीच, वित्त लागत दोगुनी से भी अधिक हो गई, जो कि वित्त वर्ष 2024 की चौथी तिमाही में 5.57 करोड़ रुपए की तुलना में 131.42 प्रतिशत बढ़कर 12.89 करोड़ रुपए हो गई।
कंपनी के ईबीआईटीडीए में भी गिरावट दर्ज की गई, जो कि पिछले वित्त वर्ष के 169.6 करोड़ रुपए से 52.4 प्रतिशत गिरकर 80.8 करोड़ रुपए हो गई।
मार्जिन पर भारी असर पड़ा, जो कि पिछले वर्ष की इसी तिमाही में 15.9 प्रतिशत की तुलना में 810 आधार अंकों की गिरावट के साथ 7.8 प्रतिशत पर आ गया।
इन चुनौतियों के बावजूद, कंपनी के बोर्ड ने 2 रुपए अंकित मूल्य वाले प्रति इक्विटी शेयर पर 5 रुपए का लाभांश देने की सिफारिश की।
250 प्रतिशत की यह लाभांश दर 31 मार्च को समाप्त होने वाले वित्त वर्ष के लिए है और आगामी वार्षिक आम बैठक (एनुअल जनरल मीटिंग) में शेयरधारकों के अप्रूवल के अधीन है।
आय की घोषणा के बाद वेस्ट कोस्ट पेपर मिल्स लिमिटेड के शेयर 2 प्रतिशत गिरकर 467.80 रुपए प्रति शेयर पर आ गए।
इस साल अब तक शेयर में 15 प्रतिशत से अधिक की गिरावट आई है।
व्यापार
केंद्र सरकार ने सीसीटीवी सॉल्यूशन पर राष्ट्रीय हैकाथॉन की घोषणा की

नई दिल्ली, 23 मई। गृह मंत्रालय (एमएचए) के तहत पुलिस अनुसंधान एवं विकास ब्यूरो (बीपीआरएंडडी) ने एनसीआरबी और साइबरपीस फाउंडेशन के सहयोग से कानून प्रवर्तन के लिए सीसीटीवी सॉल्यूशन पर राष्ट्रीय हैकाथॉन आयोजित करने की घोषणा की।
इस हैकाथॉन को इनोवेटर्स, स्टार्टअप्स और रिसर्च इंस्टीट्यूट को प्रोत्साहित करने के लिए आयोजित किया जा रहा है, ताकि वे भारतीय कानून प्रवर्तन एजेंसियों की विशिष्ट आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए स्वदेशी, सिक्योर, स्केलेबल और लागत-प्रभावी सीसीटीवी सॉल्यूशन विकसित करें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में केंद्र सरकार साइबर-सुरक्षित भारत बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।
बीपीआरएंडडी अपनी तकनीकी विशेषज्ञता और अनुभव के साथ साइबर-सुरक्षित भारत बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है।
बीपीआरएंडडी का उद्देश्य घरेलू तकनीकी समाधानों को बढ़ावा देना है जो न केवल परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करते हैं बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक सुरक्षा में भी महत्वपूर्ण योगदान देते हैं।
हैकाथॉन के हिस्से के रूप में सीसीटीवी इनोवेशन के प्रमुख क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित करते हुए चार प्रॉब्लम स्टेटमेंट रिलीज किए गए हैं। पहला; सुरक्षित और स्वदेशी सीसीटीवी हार्डवेयर और सिस्टम का विकास, दूसरा; आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और स्मार्ट वीडियो एनालिटिक्स का इंटीग्रेशन, तीसरा; सीसीटीवी नेटवर्क में साइबर सिक्योरिटी को मजबूत बनाना, चौथा; किफायती और कुशल निगरानी सॉल्यूशन को डिजाइन करना।
हैकाथॉन का ग्रैंड फिनाले जून 2025 के अंतिम सप्ताह में आयोजित किया जाएगा, जहां टॉप तीन एंट्री को नकद पुरस्कार से सम्मानित किया जाएगा।
इसके अलावा, असाधारण और रचनात्मकता का प्रदर्शन करने वाली चुनिंदा एंट्रीज को पांच सांत्वना पुरस्कार भी दिए जाएंगे। टॉप एंट्री को 5 लाख रुपए का पुरस्कार दिया जाएगा, जबकि दूसरी और तीसरी एंट्री को क्रमशः 3 लाख रुपए और 1 लाख रुपए मिलेंगे।
हैकाथॉन एनसीआरबी की सहायता से आयोजित किया जा रहा है और साइबरपीस फाउंडेशन द्वारा तकनीकी सहायता प्रदान की जा रही है।
हैकाथॉन से प्राप्त विजयी समाधानों से पुलिसिंग में पारदर्शिता, जवाबदेही और परिचालन दक्षता बढ़ाने में एक परिवर्तनकारी भूमिका निभाने की उम्मीद है।
व्यापार
भारत एक ‘कनेक्टर देश’ के रूप में कार्य करने की मजबूत स्थिति में आगे बढ़ रहा : आरबीआई

नई दिल्ली, 22 मई। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कहा कि वैश्विक व्यापार पुनर्गठन और औद्योगिक नीति में बदलाव के बीच भारत एक ‘कनेक्टर देश’ के रूप में कार्य करने की मजबूत स्थिति में आगे बढ़ रहा है। देश टेक्नोलॉजी, डिजिटल सर्विस और फार्मास्यूटिकल्स जैसे सेक्टर में एक प्रमुख मध्यस्थ बन सकता है।
केंद्रीय बैंक की ‘स्टेट ऑफ द इकोनॉमी’ रिपोर्ट में कहा गया है कि भारतीय अर्थव्यवस्था मौद्रिक, वित्तीय और राजनीतिक स्थिरता, नीतिगत स्थिरता और निश्चितता, अनुकूल कारोबारी माहौल और मजबूत मैक्रोइकोनॉमिक फंडामेंटल के साथ-साथ ट्रांसपेरेंट, नियम-आधारित और दूरदर्शी पॉलिसी इकोसिस्टम से घिरी हुई है।
अप्रैल 2025 के आईएमएफ अनुमानों के अनुसार, भारत इस साल सबसे तेजी से बढ़ने वाली प्रमुख अर्थव्यवस्था बना रहेगा और जापान को पीछे छोड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था भी बन सकता है।
मुद्रास्फीति का दबाव काफी कम हो गया है। अब यह उम्मीद है कि मुद्रास्फीति की दर निर्धारित लक्ष्य के अनुरूप बनी रहेगी, जो कि 2025-26 के लिए निर्धारित किया गया है। उपभोक्ता और व्यवसाय आर्थिक गतिविधि को मजबूत करने के लिए आश्वस्त और सहायक बने हुए हैं।
इसके अलावा, जनवरी 2025 से रिजर्व बैंक के उपायों ने लिक्विडिटी की स्थिति को काफी हद तक आसान बना दिया है। मार्च 2025 के अंत से सिस्टम लिक्विडिटी अधिशेष में बनी हुई है।
वैश्विक पूंजी प्रवाह पर अनिश्चितताओं के बीच घरेलू संस्थागत निवेशकों (डीआईआई) ने मार्च 2025 में निफ्टी-500 कंपनियों के स्वामित्व में एफपीआई को पीछे छोड़ दिया है।
यह भारतीय इक्विटी बाजारों में एक संरचनात्मक बदलाव को दर्शाता है क्योंकि म्यूचुअल फंड और बीमा कंपनियों सहित डीआईआई ने खुदरा और एसआईपी प्रवाह के साथ एफपीआई द्वारा उत्पन्न अस्थिरता को तेजी से संतुलित किया है, जो एक स्थिर दीर्घकालिक निवेश आधार प्रदान करता है।
रिजर्व बैंक ने कहा कि भारत-पाकिस्तान तनाव कम होने, वैश्विक व्यापार परिदृश्य में सुधार और घरेलू मुद्रास्फीति में नरमी के बीच घरेलू वित्तीय बाजारों के सेंटिमेंट में बदलाव देखा गया है।
आरबीआई के अनुसार, इस परिदृश्य में, हाल ही में ब्रिटेन के साथ मुक्त व्यापार समझौते का पूरा होना द्विपक्षीय व्यापार संबंधों के मजबूत होने की ओर इशारा करता है।
आरबीआई के अनुसार, “मौजूद चुनौतीपूर्ण स्थितियों के बावजूद, भारत आत्मविश्वास के साथ इन वैश्विक चुनौतियों का सामना करने, उभरते अवसरों का लाभ उठाने और वैश्विक विकास के प्रमुख चालक के रूप में अपनी भूमिका को मजबूत करने के लिए अच्छी स्थिति में है।”
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