राजनीति
मध्यप्रदेश के कृषि मंत्री ने राजीव गांधी फाउंडेशन के चंदे की जांच के आदेश को सराहा
मध्यप्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का राजीव गांधी फाउंडेशन समेत तीन ट्रस्टों की फंडिंग की जांच के गृह मंत्रालय के फैसले की सराहना की और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह के प्रति आभार जताया। पटेल ने पूर्व में गृहमंत्री को पत्र लिखकर इस फंडिंग की जांच कराने की मांग की थी। कमल पटेल की ओर से जारी किए गए बयान में बताया गया है कि केंद्रीय गृह मंत्रालय के प्रवक्ता की ओर से बुधवार को इस बारे में ट्वीट कर जानकारी दी गई। ट्वीट में कहा गया, ‘केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक अंतर-मंत्रालय कमेटी का गठन किया है, जो कि राजीव गांधी फाउंडेशन, राजीव गांधी चैरिटेबल ट्रस्ट और इंदिरा गांधी मेमोरियल ट्रस्ट की जांच करेगी। इस जांच में पीएमएलए एक्ट, इनकम टैक्स एक्ट, एफसीआरए एक्ट के नियमों के उल्लंघन की जांच की जाएगी। कमेटी की अगुवाई ईडी के स्पेशल डायरेक्टर करेंगे।”
प्रदेश के कृषि मंत्री कमल पटेल ने बताया है कि उन्होंने विगत 30 जून को केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर राजीव गांधी फाउंडेशन की जांच की मांग की थी। इसमें तत्कालीन यूपीए सरकार से चीन के संबंधों का उल्लेख करते हुए चीनी दूतावास से राजीव गांधी फाउंडेशन को करोड़ों रुपये की वित्तीय सहायता मिलने की बात कही गई थी। पटेल ने इसमें प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ की भी भूमिका की सीबीआई जांच की मांग की थी, जो उस समय केंद की यूपीए सरकार में वाणिज्य मंत्री थे।
पटेल ने गृह मंत्रालय द्वारा जांच कमेटी गठित किए जाने का स्वागत करते हुए कहा है कि इसमें शामिल नेताओं की भूमिका की जांच भी होनी चाहिए।
अपराध
मुंबई: ड्रग्स तस्करी में दो युवक गिरफ्तार, 5 लाख रुपए कैश भी बरामद

मुंबई, 3 दिसंबर: मुंबई क्राइम ब्रांच की एंटी नारकोटिक सेल की कांदिवली यूनिट ने बोरीवली इलाके से ड्रग्स तस्करी के आरोप में दो लोगों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से ड्रग्स और 5 लाख रुपए कैश बरामद किया गया।
क्राइम ब्रांच के अधिकारी ने बताया कि एंटी नारकोटिक सेल को सूचना मिली थी कि दो लोग बोरीवली इलाके में ड्रग्स की तस्करी करने के लिए आने वाले हैं। इसके बाद पुलिस ने वहां जाल बिछाया और संदिग्धों का इंतजार करने लगी। जैसे ही दोनों संदिग्ध पुलिस के पास पहुंचे, उन्हें हिरासत में लेकर तलाशी ली गई।
तलाशी में उनके पास से हाई क्वालिटी के ड्रग्स बरामद हुए, जिनकी अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कीमत करीब 50 लाख रुपए बताई जा रही है। गिरफ्तार किए गए युवक कलम्बोली (पनवेल) के रहने वाले हैं।
पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज किया और उन्हें गिरफ्तार कर लिया। दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें पुलिस कस्टडी में भेज दिया गया है।
अब क्राइम ब्रांच के अधिकारी इस मामले की गहरी जांच कर रहे हैं और यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि यह ड्रग्स किसे सप्लाई किया जाने वाला था और ड्रग्स कहां से लाए गए थे।
इससे पहले भी ड्रग्स बरामद हुआ था। ड्रग्स कारोबार से जुड़े लोगों की तलाश की जा रही है। जल्द ही उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
इससे पहले सोमवार को भी मुंबई क्राइम ब्रांच की एंटी नारकोटिक सेल की कांदिवली यूनिट ने ड्रग्स तस्करी के आरोप में एक दंपति को गिरफ्तार किया था। क्राइम ब्रांच ने उनके पास से 500 ग्राम हेरोइन बरामद की थी, जिसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में करीब 2 करोड़ रुपए थी।
गिरफ्तार आरोपी मीरा रोड इलाके के रहने वाले थे। क्राइम ब्रांच ने बताया था कि आरोपी पति-पत्नी घर में ही ड्रग्स बनाने का काम करते थे और उसके बाद इन्हें सप्लाई करते थे।
क्राइम ब्रांच ने बताया था कि दोनों के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार किया गया था। गिरफ्तारी के बाद दोनों को कोर्ट में पेश किया गया, जिसने उन्हें चार दिनों के लिए पुलिस कस्टडी में भेज दिया। क्राइम ब्रांच अब यह पता लगाने में जुट गई है कि आखिर यह ड्रग्स किसे सप्लाई करते थे और कहां से ला रहे थे।
पर्यावरण
दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) 376 दर्ज किया गया, जो ‘बेहद खराब’ श्रेणी में बना हुआ है

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नई दिल्ली: सर्दी के मौसम के साथ ही बुधवार सुबह राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में धुंध की एक मोटी चादर छाई रही। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, सुबह 7 बजे शहर की वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 376 के साथ ‘बेहद खराब’ श्रेणी में बनी हुई है।
इंडिया गेट और कर्तव्य पथ के आसपास का क्षेत्र जहरीली धुंध की घनी परत में लिपटा हुआ था और इस क्षेत्र में AQI 356 दर्ज किया गया जो ‘बहुत खराब’ श्रेणी में है।
अलीपुर (366), आया नगर (360), बुराड़ी (396), धौला कुआं (303) और द्वारका (377) सहित कई अन्य प्रमुख स्टेशन “बहुत खराब” श्रेणी में रहे, जिससे दिल्ली में प्रदूषण की व्यापक प्रकृति उजागर हुई।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली के कई निगरानी स्टेशनों ने प्रदूषण का खतरनाक स्तर दर्ज किया, जिसमें अधिकांश क्षेत्रों में AQI रीडिंग 400 को पार कर गई।
राष्ट्रीय राजधानी के लगभग सभी निगरानी स्टेशनों ने वायु गुणवत्ता को ‘गंभीर’ दर्ज किया, आनंद विहार में AQI 405, अशोक विहार में 403, चांदनी चौक में 431 और जहांगीरपुरी में 406 रहा।
सीपीसीबी के अनुसार, एक्यूआई, जो 0 से 500 तक होता है, को छह श्रेणियों में विभाजित किया गया है, जिनमें से प्रत्येक प्रदूषण के स्तर और उससे जुड़े स्वास्थ्य जोखिमों को दर्शाता है।
0 से 50 के बीच के AQI को “अच्छा” माना जाता है, जो स्वास्थ्य पर न्यूनतम या शून्य प्रभाव दर्शाता है। 51 से 100 तक के AQI स्तर “संतोषजनक” श्रेणी में आते हैं, जहाँ वायु गुणवत्ता स्वीकार्य रहती है, हालाँकि बच्चों, बुजुर्गों और श्वसन संबंधी समस्याओं वाले संवेदनशील समूहों को थोड़ी असुविधा हो सकती है।
101 से 200 तक की “मध्यम” श्रेणी, प्रदूषण के बढ़ते स्तर का संकेत देती है, जिससे अस्थमा, फेफड़ों की बीमारी या हृदय रोग से पीड़ित लोगों को सांस लेने में कठिनाई हो सकती है।
201 से 300 के बीच के AQI को “खराब” माना जाता है, यह एक ऐसी श्रेणी है जिसमें लंबे समय तक रहने से अधिकांश लोगों को सांस लेने में तकलीफ हो सकती है, न कि केवल उन लोगों को जिन्हें पहले से ही स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हैं।
सर्दियों के दौरान राजधानी के कई हिस्सों में यह स्तर आम हो गया है।
301 और 400 के बीच के स्तर को “बेहद खराब” माना जाता है, जिससे लंबे समय तक संपर्क में रहने पर स्वस्थ व्यक्तियों को भी श्वसन संबंधी बीमारियों का खतरा हो सकता है। सबसे खतरनाक श्रेणी, “गंभीर”, में 401 से 500 तक के AQI मान शामिल हैं। इस स्तर पर, वायु गुणवत्ता सभी के लिए खतरनाक हो जाती है।
राजनीति
सरकारी क्षेत्र के बैंकों के विनिवेश और विलय का कोई प्रस्ताव विचार में नहीं : केंद्र

नई दिल्ली, 2 दिसंबर: सरकार ने मंगलवार को संसद में दी जानकारी में कहा कि फिलहाल सरकारी क्षेत्र के बैंकों के विनिवेश और विलय के किसी प्रस्ताव पर कोई विचार नहीं किया जा रहा है।
राज्यसभा में पूछे गए सवाल – क्या सरकार चार सरकारी बैंकों के विनिवेश या विलय के जरिए 2026 तक बड़े सरकारी बैंक बनाने की तैयार कर रही है, का जवाब देते हुए पंकज चौधरी ने कहा, “मौजूदा समय में केंद्र किसी भी सरकारी बैंक के विलय या विनिवेश के किसी प्रस्ताव पर विचार नहीं कर रही है।”
हाल ही में कई रिपोर्ट्स में दावा किया गया था कि सरकार एक पीएसबी कंसोलिडेशन ब्लूप्रिंट पर काम कर रही है, जिससे वित्त वर्ष 27 में सरकारी बैंकों की संख्या 12 से घटकर सिर्फ चार हो सकती है। इस प्रस्ताव का उद्देश्य सरकारी बैंकों की बैलेंस शीट को मजबूत करना, ऑपरेशनल एफिशिएंसी में सुधार करना और वैश्विक स्तर के प्रतिस्पर्धी बैंक बनाना है।
केंद्रीय राज्य मंत्री ने बताया कि सरकारी बैंकों का ग्रॉस नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स (एनपीए) रेश्यो जून 2025 तक कम होकर 2.51 प्रतिशत हो गया है, जो कि मार्च 2016 में 9.27 प्रतिशत के स्तर पर था।
केंद्रीय मंत्री ने आगे कहा कि राइट-ऑफ किए जाने वाले लोन की रिकवरी एक लगातार चलने वाली प्रक्रिया है और उधार न चुकाने वालों के खिलाफ बैंक लगातार एक्शन ले रहे हैं।
इससे पहले सरकार ने कहा था कि भारतीय बैंकों ने बीते तीन वर्षों में 10,000 करोड़ रुपए से अधिक के अनक्लेम्ड डिपॉजिट लोगों को वापस कर दिए हैं।
केंद्रीय मंत्री ने बताया कि 30 जून, 2025 तक, सरकारी बैंकों ने इस फंड में 58,000 करोड़ रुपए से अधिक की राशि ट्रांसफर की है, जिसमें अकेले स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) की हिस्सेदारी 19,330 करोड़ रुपए है।
निजी बैंकों की ओर से इस फंड में 9,000 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए हैं। इसमें आईसीआईसीआई बैंक, एचडीएफसी बैंक और एक्सिस बैंक की हिस्सेदारी सबसे अधिक है।
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