राजनीति
लोक सभा अध्यक्ष ने सदन चलाने के लिए सभी दलों से मांगा सहयोग- विपक्ष ने अग्निवीर, महंगाई और रुपये की गिरती कीमत का उठाया मुद्दा

संसद के मानसून सत्र को लेकर बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने सुचारू रूप से सदन चलाने के लिए सभी दलों के नेताओं से सहयोग करने का आग्रह किया। सूत्रों के मुताबिक, विपक्षी दलों की तरफ से सर्वदलीय बैठक के दौरान अग्निवीर योजना, महंगाई और डॉलर के मुकाबले रुपये की गिरती कीमत का मुद्दा उठाया गया।
बैठक के बाद मीडिया से बात करते हुए लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि उन्होंने देश के हित में और देश की जनता के हित में सभी राजनीतिक दलों से सदन में सार्थक चर्चा और वाद-विवाद करने का आग्रह करते हुए सदन को बिना किसी व्यवधान के मर्यादा के साथ चलाने के लिए अपील की है।
बिरला ने आगे कहा कि सरकार सहित सभी राजनीतिक दलों के नेताओं ने उन्हें सदन की कार्रवाई में सहयोग करने और महत्वपूर्ण मुद्दों एवं विधेयकों पर सदन में चर्चा करने का आश्वासन दिया है। उन्होंने बताया कि बैठक में सभी दलों के प्रमुख नेताओं ने महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया है और सोमवार को दोपहर 3 बजे कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में चर्चा के मुद्दों और उसके समय को लेकर फैसला किया जाएगा।
इससे पहले शनिवार को संसद भवन परिसर में सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता करते हुए लोक सभा अध्यक्ष ने बताया कि संसद का मानसून सत्र 18 जुलाई से प्रारम्भ हो रहा है और इसके 12 अगस्त को सम्पन्न होने की संभावना है। उन्होंने आगे कहा कि निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार, सत्र में 18 बैठकें होंगी और कुल 108 घंटे का समय उपलब्ध होगा जिसमे सरकारी कार्य के लिए लगभग 62 घंटे उपलब्ध होंगे। प्रश्नकाल, शून्यकाल और गैर-सरकारी सदस्यों के कार्य के लिए बाकि का समय आवंटित किया गया है। सरकारी कार्य के अतिरिक्त, अविलंबनीय लोक महत्व के मामलों पर चर्चा के लिए आवशयकता अनुसार पर्याप्त समय आवंटित किया जाएगा।
बैठक में बिरला ने बताया कि शून्यकाल के दौरान उठाई जाने वाली सूचनाओं को प्रस्तुत करने के समय में परिवर्तन किया गया है। अब सदस्य किसी भी दिन-विशेष को सुबह 9 बजे से लेकर सत्र के उस दिन के सुबह 8 बजे तक अपनी सूचनाएं दे सकते हैं, जिस दिन वे सभा में शून्य काल में अपना मामला उठाना चाहते हैं।
बिरला ने यह सूचना भी दी कि विगत सत्रों की तरह इस सत्र में भी उचित कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन किया जाएगा तथा इसके लिए पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं। सत्र में सुरक्षा के भी व्यापक प्रबंध किए गए हैं।
हालांकि, लोक सभा अध्यक्ष की तरफ से बुलाई गई इस सर्वदलीय बैठक से ज्यादातर विपक्षी पार्टियां नदारद रही। कांग्रेस, डीएमके और वाईएसआर कांग्रेस को छोड़कर अन्य ज्यादातर विपक्षी पार्टियां इस सर्वदलीय बैठक में शामिल नहीं हुईं। विपक्षी दलों की बात करें तो बैठक में कांग्रेस की तरफ से अधीर रंजन चौधरी, डीएमके की तरफ से टीआर बालू और वाईएसआर कांग्रेस की तरफ से पीवी मिथुन रेड्डी शामिल हुए। आईयूएमएल भी इस बैठक में शामिल हुई।
सरकार और भाजपा की तरफ से केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी, अर्जुन राम मेघवाल,राजेन्द्र अग्रवाल और रमा देवी बैठक में शामिल हुई। एनडीए के घटक दलों की बात करें तो अपना दल ( एस) से अनुप्रिया पटेल और लोकजनशक्ति पार्टी की तरफ से पशुपति पारस बैठक में शामिल हुए।
तृणमूल कांग्रेस ,सपा, बसपा, टीआरएस, एनसीपी, नेशनल कांफ्रेंस, एआईएमआईएम और शिवसेना सहित कई विपक्षी पार्टियां लोक सभा अध्यक्ष द्वारा बुलाई गई इस सर्वदलीय बैठक से नदारद रही।
राजनीति
राहुल-प्रियंका ने एसएससी प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज को बताया अमानवीय

नई दिल्ली, 25 अगस्त। दिल्ली के रामलीला मैदान में एसएससी अभ्यर्थियों और शिक्षकों के शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर हुए पुलिस लाठीचार्ज को लेकर कांग्रेस नेताओं ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी और प्रियंका गांधी ने इस घटना को न सिर्फ अमानवीय बल्कि डरपोक सरकार की पहचान बताया।
राहुल गांधी ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, “रामलीला मैदान में शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे एसएससी अभ्यर्थियों और शिक्षकों पर बर्बर लाठीचार्ज—शर्मनाक ही नहीं, एक डरपोक सरकार की पहचान है। युवाओं ने सिर्फ अपना हक मांगा था—रोजगार और न्याय। मिली क्या? लाठियां। साफ है—सरकार को न देश के युवाओं की चिंता है, न उनके भविष्य की। क्यों हो? ये सरकार जनता के वोटों से नहीं, वोट चुराकर सत्ता में आई है।”
राहुल ने आरोप लगाया कि मोदी सरकार लगातार जनता के अधिकार छीन रही है। उन्होंने आगे लिखा, “पहले वोट चुराएंगे, फिर परीक्षा चुराएंगे, फिर नौकरियां चुराएंगे, फिर आपका हक और आवाज – दोनों कुचल देंगे! युवाओं, किसानों, गरीबों, बहुजनों और अल्पसंख्यकों – आपका वोट इन्हें चाहिए नहीं, इसलिए आपकी मांगें कभी इनकी प्राथमिकता नहीं होंगी। अब वक्त है – डरने का नहीं, डटकर मुकाबला करने का।”
कांग्रेस महासचिव और सांसद प्रियंका गांधी ने भी छात्रों पर पुलिस बल प्रयोग को अमानवीय और शर्मनाक करार दिया। उन्होंने एक्स पोस्ट में लिखा, “दिल्ली के रामलीला मैदान में प्रदर्शन कर रहे एसएससी छात्रों पर पुलिस बल प्रयोग अमानवीय और शर्मनाक है।”
उन्होंने आगे लिखा, “हर परीक्षा में धांधली, हर भर्ती में घोटाला और पेपर लीक से पूरे देश के युवा त्रस्त हैं। भाजपा राज में भर्ती प्रक्रियाओं और परीक्षाओं में व्याप्त भ्रष्टाचार युवाओं का भविष्य बर्बाद कर रहा है। उसे ठीक करने और युवाओं की बात सुनने की जगह उन पर लाठियां बरसाना दुर्भाग्यपूर्ण है। छात्रों पर क्रूरता बरतने के बजाय उनकी बात सुनी जानी चाहिए।”
राजनीति
झारखंड विधानसभा में सूर्या हांसदा मुठभेड़ और संविधान संशोधन को लेकर पक्ष-विपक्ष का हंगामा

रांची, 25 अगस्त। गोड्डा में सामाजिक एवं राजनीतिक कार्यकर्ता सूर्या हांसदा के मुठभेड़ की घटना और संविधान के 130वें प्रस्तावित संशोधन पर सोमवार को झारखंड विधानसभा में जोरदार हंगामा हुआ।
सदन की कार्यवाही शुरू होते ही पक्ष-विपक्ष के विधायक अपनी मांगों को लेकर वेल में पहुंचकर हंगामा करने लगे। स्पीकर रबींद्रनाथ महतो दोनों पक्षों से संयम और व्यवस्था बनाए रखने की अपील करते रहे, लेकिन सदस्यों पर इसका कोई असर नहीं हुआ।
उन्होंने आग्रह किया कि प्रश्न प्रश्नकाल चलने दिया जाए, लेकिन हंगामे में उनकी आवाज दब गई। ऐसे में उन्होंने सदन की कार्यवाही अपराह्न साढ़े बारह बजे तक के लिए स्थगित कर दी। भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने कार्यवाही शुरू होने के पहले सूर्या हांसदा मुठभेड़ की सीबीआई जांच की मांग को लेकर जहां सदन के बाहर धरना-प्रदर्शन किया, वहीं सदन की कार्यवाही शुरू होते ही पार्टी के तमाम विधायक नारेबाजी करते हुए वेल में पहुंच गए। सदन के बाहर धरने पर बैठे भारतीय जनता पार्टी के विधायकों ने कानून-व्यवस्था ध्वस्त होने का आरोप लगाते हुए सीएम से इस्तीफे की मांग की।
नेता प्रतिपक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि गोड्डा में चार बार चुनाव लड़ चुके सूर्या हांसदा को पुलिस ने फर्जी मुठभेड़ में मार डाला। सरकार इस मामले को दबाने में जुटी है। पूरे मामले की सीबीआई जांच होनी चाहिए। सत्ता पक्ष झामुमो, कांग्रेस और राजद के विधायकों ने भी सदन के बाहर 130वें संविधान संशोधन विधेयक के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया।
उन्होंने एक स्वर में ‘तानाशाही बंद करो’ और ‘वोट चोरी करना बंद करो’ के नारे लगाए। सदन की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने सूर्या हांसदा एनकाउंटर की जांच की मांग और रांची के नगड़ी में रिम्स-टू के लिए किसानों की जमीन जबरन छीनने का आरोप लगाते हुए वेल में घुस आए। विपक्ष के सदस्यों ने मांगों से जुड़े पोस्टर लहराए और उन्हें फाड़कर वेल में फेंक दिया। हंगामे के बीच स्पीकर ने सभा की कार्यवाही 12.30 बजे तक के लिए स्थगित कर दी।
राजनीति
अमित साटम को मिली मुंबई भाजपा अध्यक्ष की कमान, सीएम देवेंद्र फडणवीस ने दी बधाई

मुंबई, 25 जून। मुंबई भाजपा अध्यक्ष की जिम्मेदारी सोमवार को अमित साटम को दी गई। उन्होंने आशीष सेलार की जगह ली। महाराष्ट्र भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र चव्हान ने उन्हें मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की मौजूदगी में इस पद पर नियुक्त किया।
इस खास मौके पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने प्रेस वार्ता को भी संबोधित किया, जिसमें उन्होंने अमित साटम की नियुक्ति के अलावा महाराष्ट्र की राजनीति के संबंध में अपनी खुलकर अपनी बात रखी।
मुख्यमंत्री ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि पिछले लंबे समय से आशीष सेलार ने मुंबई के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी बखूबी निभाई। कई महत्वपूर्ण चुनावों में भाजपा ने उनके नेतृत्व में जीत हासिल की। मुंबई भाजपा के लिए यह एक नई उड़ान का चुनाव था। तीसरा बार भाजपा ने यह साबित किया कि वो मुंबई की सबसे बड़ी पार्टी है।
उन्होंने आगे कहा कि हमने अपनी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा सहित अन्य वरिष्ठ नेताओं से संवाद करने के बाद मुंबई के अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी अमित साटम को सौंपने का फैसला किया। सभी विधायकों ने मिलकर इनके नाम को चुना है। आज अध्यक्ष जी ने उनके नाम की घोषणा की है। अमित साटम विधानसभा में एक मुखर विधायक के रूप में प्रसिद्ध है। उन्होंने अपनी बेबाकी के दम पर लोगों के बीच में अपनी एक छवि स्थापित की है। वे मुंबई से तीन बार विधायक रहे हैं। इसके अलावा, बीएमसी में भी काम कर चुके हैं। संगठन में अलग-अलग पदों पर उन्हें काम करने का अनुभव है। उनके पास कार्यकर्ता से लेकर नेता तक का अनुभव है। मुझे विश्वास है कि उनके नेतृत्व में भाजपा नई ऊंचाइयों को छुएगी। भाजपा अपना ही रिकॉर्ड तोड़ेगी।
मुख्यमंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र में अमित साटम की भूमिका अहम होने जा रही है। एक अच्छे टीम को लेकर वे जल्द ही आगे बढ़ेंगे। मैं मुंबई के तमाम कार्यकर्ताओं की ओर से उन्हें बधाई देता हूं। हमें उन पर पूरा भरोसा है।
इसके अलावा, उन्होंने ‘वोट चोरी’ को लेकर भी अपनी बात रखी और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी पर झूठ बोलने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सबसे बड़े दुख की बात है कि हमारे महाराष्ट्र के नेताओं कों भी यह सपना आ रहा है कि राहुल गांधी सही बोल रहे हैं। लेकिन, हमें यह समझना होगा कि झूठ की कोई दुकान नहीं होती है। झूठ की किला ढह जाता है। जब तक यह लोग नहीं जानेंगे कि लोगों के बीच में जाकर हमें उनका विश्वास जीतना होता है, तब तक इन लोगों का कुछ भी नहीं होने वाला है और रही बात झूठ बोलने की, तो इससे इन लोगों को कोई भी फायदा नहीं होने वाला है।
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