राजनीति
केरल चर्च मामला : मोदी जैकोबाइट चर्च के अधिकारियों से मिले

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी स्थित पीएमओ में केरल के जैकोबाइट चर्च के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। इसके एक दिन पहले ही मोदी ने ऑर्थोडॉक्स चर्च के एक धड़े से मुलाकात की थी। मिजोरम के गवर्नर पी.एस. श्रीधरन पिल्लई ने प्रधानमंत्री के साथ बैठक आयोजित करने में मदद की है। बताया जा रहा है कि मोदी ने उन्हें केरल के मालंकारा ऑर्थोडॉक्स और जैकोबाइट चर्च के गुटों के बीच मध्यस्थता करने को कहा है। मोदी ने उन्हें दोनों गुटों के बीच चल रहे मुद्दों का हल निकालने को कहा है।
जैकोबाइट गुट के नेताओं ने प्रधानमंत्री से शिकायत की कि ऑर्थोडॉक्स चर्च के अधिकारी चचरें के अधिग्रहण की होड़ में लगे हैं। उन्होंने इस मामले में उनके हस्तक्षेप का आग्रह किया।
जैकोबाइट गुट के नेताओं ने मोदी को यह भी बताया कि वे केरल में कई क्षेत्रों में बहुमत में हैं, लेकिन ऑर्थोडॉक्स चर्च द्वारा उनके अधिकारों का हनन किया जा रहा है। उन्होंने प्रधानमंत्री से गुटों के बीच विवादास्पद मुद्दों को सुलझाने में मदद करने का आग्रह किया।
नेताओं ने बाद में मीडिया को बताया कि प्रधानमंत्री ने पिल्लई को चर्चाओं को आगे बढ़ाने और दोनों पक्षों को एक सौहार्दपूर्ण समाधान तक पहुंचने में मदद करने के लिए निर्देशित किया है।
जैकोबाइट और ऑर्थोडॉक्स गुट केरल में चर्चो और अन्य संस्थानों के नियंत्रण के लिए एक-दूसरे के सामने हैं उनमें गतिरोध बना हुआ है।
3 जुलाई, 2017 को सुप्रीम कोर्ट ने केरल मालंनकारा चर्च के ऑर्थोडॉक्स गुट को चर्च, पैरिश और संस्थानों सहित सभी संपत्तियों का अधिकार देने का फैसला सुनाया था।
18 नवंबर, 2017 को जैकोबाइट गुट द्वारा दायर एक समीक्षा याचिका को अदालत ने खारिज कर दिया और इस तरह से ऑर्थोडॉक्स गुट को 1,100 चर्चो और परगनों सहित संपत्तियों पर अधिकार मिलने का रास्त साफ हुआ।
शीर्ष अदालत के 1958 और 1995 में पहले के फैसले भी ऑर्थोडॉक्स चर्च गुट के पक्ष में गए थे।
इससे पहले पिल्लई ने भी दोनों गुटों में समाधान निकालने की पहल की थी। इसके बाद उन्होंने अब दोनों गुटों के साथ प्रधानमंत्री की बैठक की व्यवस्था की।
इस बीच, पिल्लई ने नई दिल्ली में मिजोरम भवन में जैकोबाइट और ऑर्थोडॉक्स चर्च के प्रतिनिधियों के लिए दोपहर के भोजन का आयोजन किया। दोनों गुटों के नेताओं ने दोपहर के भोजन में भाग जरूर लिया, मगर आपस में नजरें तक नहीं मिलाईं।
पिल्लई ने फोन पर आईएएनएस को बताया, “मैं इस मुद्दे को सुलझाने की कोशिश कर रहा हूं। किसी को दोपहर के भोजन के लिए आमंत्रित करना इस पहल का हिस्सा नहीं है। लेकिन निश्चित रूप से, मुझे खुशी है कि दोनों गुट के नेताओं ने लंच बैठक में भाग लिया।”
महाराष्ट्र
मुंबई: महिला से बदसलूकी का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल, वीपी रोड पुलिस स्टेशन की सब-इंस्पेक्टर दुर्गा खराडे के खिलाफ जांच शुरू

मुंबई के वीपी रोड पुलिस स्टेशन में उस समय हंगामा मच गया जब शिकायतकर्ता को थाने बुलाया गया। इस मामले में सब-इंस्पेक्टर दुर्गा खराडे के खिलाफ जांच शुरू कर दी गई है। दुर्गा खराडे पर एक महिला के साथ दुर्व्यवहार और गाली-गलौज करने का आरोप है, इसलिए खराडे के मामले की जांच एक एसीपी स्तर के अधिकारी को सौंप दी गई है।
जानकारी के अनुसार, पुलिस ने 18 सितंबर का वीडियो वायरल होने के बाद इस मामले में जांच शुरू की है, जिसमें सब-इंस्पेक्टर दुर्गा खराडे का एक वीडियो वायरल हुआ है, जिसमें वह शिकायतकर्ता महिला के साथ दुर्व्यवहार करती और गुस्से में उसे नीम से मारती हुई दिखाई दे रही हैं। इस घटना के बाद, सोशल मीडिया पर मुंबई पुलिस की आलोचना भी शुरू हो गई है और यह वीडियो सोशल मीडिया पर खूब शेयर किया जा रहा है।
जानकारी के अनुसार, पुलिस ने दो युवकों को बुलाया और उनके खिलाफ जमीन हड़पने और अतिक्रमण का मामला भी दर्ज किया गया है, जबकि उपरोक्त महिला बाद में उनके साथ शामिल हो गई और फिर उनके साथ दुर्व्यवहार किया। पुलिस ने सभी सीसीटीवी फुटेज और दस्तावेज एकत्र कर लिए हैं। इसके अलावा, पुलिस इस मामले में पीड़ित महिला का बयान भी दर्ज करेगी और फिर पुलिस सब-इंस्पेक्टर से पूछताछ की जाएगी, जिसके बाद पुलिस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सोशल मीडिया पर वायरल हुए वीडियो में सब-इंस्पेक्टर दुर्गा महिला के साथ बदसलूकी करती और उसे चोर कहती नज़र आ रही हैं। इस मामले में डीसीपी मोहित कुमार गर्ग ने कहा कि मामले की जाँच एसीपी को सौंप दी गई है और जाँच के बाद कार्रवाई की जाएगी।
अपराध
दिल्ली दंगा मामला : सुप्रीम कोर्ट ने उमर खालिद, शरजील इमाम की जमानत याचिका पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया

suprim court
नई दिल्ली, 22 सितंबर। सुप्रीम कोर्ट में सोमवार को 2020 दिल्ली दंगा साजिश मामले में जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद, शरजील इमाम, मीरान हैदर और गुलफिशा फातिमा की जमानत याचिका पर सुनवाई हुई। इस मामले पर 7 अक्टूबर को अगली सुनवाई होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद, शरजील इमाम, मीरान हैदर और गुलफिशा फातिमा की जमानत याचिका पर दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया। याचिकाकर्ताओं की तरफ से कहा गया कि इनमें से अधिकतर लोग छात्र हैं और 5 साल से जेल में बंद हैं।
इससे पहले, इस मामले पर 19 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी थी, लेकिन किसी कारण टल गई थी। जस्टिस अरविंद कुमार और जस्टिस एन वी अंजारिया की बेंच जमानत याचिका पर सुनवाई कर रही है।
जमानत के लिए याचिका दायर करने वालों पर गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत आरोप हैं, जो फरवरी 2020 में उत्तर-पूर्वी दिल्ली में हुई सांप्रदायिक हिंसा के पीछे कथित बड़ी साजिश से जुड़ा है।
इससे पहले, दिल्ली हाई कोर्ट ने 2 सितंबर को इमाम, खालिद और मीरान हैदर, गुलफिशा फातिमा, अतर खान, शिफा-उर-रहमान, मोहम्मद सलीम खान, शादाब अहमद और खालिद सैफी समेत 7 अन्य आरोपियों को जमानत देने से इनकार कर दिया था। एक अन्य आरोपी, तस्लीम अहमद, को भी अलग बेंच ने जमानत देने से इनकार कर दिया था।
दिल्ली पुलिस ने जमानत याचिका का कड़ा विरोध किया है। पुलिस का दावा है कि 2020 में हुए दंगे पूर्व नियोजित और सुनियोजित साजिश का नतीजा थे। पुलिस के अनुसार, आरोपियों ने हिंसा भड़काने में सक्रिय भूमिका निभाई थी।
आरोपियों को जमानत देने से इनकार करते हुए हाईकोर्ट ने कहा था कि प्रथम दृष्टया उमर खालिद और शरजील इमाम की गंभीर संलिप्तता प्रतीत होती है। कोर्ट ने उन पर लगाए गए आरोपों का हवाला दिया, जिसमें कहा गया था कि उन्होंने जो भाषण दिए, वे सांप्रदायिक प्रकृति के थे और उनका मकसद बड़ी भीड़ इकट्ठा करना था।
2020 की हिंसा नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और नेशनल रजिस्टर ऑफ सिटिजन्स (एनआरसी) के खिलाफ देश भर में हो रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच शुरू हुई थी। इस हिंसक घटना में 53 लोगों की मौत हो गई और 700 से अधिक लोग घायल हो गए।
महाराष्ट्र
मुंबई : गोवंडी में देवी की मूर्ति क्षतिग्रस्त करने के आरोप में 6 आरोपी गिरफ्तार, स्थिति तनावपूर्ण

crime
मुंबई: मुंबई के गोवंडी साठेनगर में दुर्गा माता की मूर्ति को क्षतिग्रस्त करने और उसे खंडित करने के मामले में पुलिस ने छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है। दंगाइयों ने देवी की मूर्ति के अनावरण के दौरान हिंसा की और नारे लगाने पर आपत्ति जताई। जब मूर्ति ले जा रहे श्रद्धालुओं और भक्तों ने नारे लगाए, तो उपद्रवियों ने उन पर हमला कर दिया और आरोपियों ने उन पर तलवारों, लाठियों और अन्य हथियारों से हमला किया। पुलिस ने इस मामले में शिकायत दर्ज कर छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। इसके बाद गोवंडी में हालात बिगड़ गए, लेकिन शांति स्थापित होने के बावजूद तनाव बना हुआ है।
यह घटना गोवंडी के साठेनगर में हुई। मुंबई पुलिस ने एक प्राथमिकी दर्ज कर छह लोगों को गिरफ्तार किया है। मूर्ति ले जा रहे श्रद्धालुओं का दावा है कि पहले उन्हें संगीत बजाने से रोका गया। उसके बाद, उन्हें नारे लगाने से रोका गया। जब उन्होंने नारे लगाए, तो तलवारों, डंडों और लाठियों से लैस दंगाई आ गए, उन पर हमला कर दिया और मूर्ति को क्षतिग्रस्त कर दिया। पुलिस ने मामले के हर पहलू की जांच शुरू कर दी है और यह भी पता लगा रही है कि क्या आरोपी उसी इलाके के हैं और क्या उनके खिलाफ कोई निजी दुश्मनी या द्वेष था।
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