राजनीति
10 मई को होंगे कर्नाटक विधानसभा चुनाव; 13 मई को नतीजे

भारत के चुनाव आयोग ने बुधवार, 29 मार्च को घोषणा की कि कर्नाटक विधानसभा चुनाव 10 मई को होंगे। नतीजे 13 मई को घोषित किए जाएंगे। चुनाव एक चरण में होंगे।
नामांकन दाखिल करने की आखिरी तारीख 21 अप्रैल है.
ईसीआई ने विज्ञान भवन के प्लेनरी हॉल में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कार्यक्रम की घोषणा की। मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने सम्मेलन के दौरान कहा, “224 सदस्यीय कर्नाटक विधानसभा का कार्यकाल 24 मई, 2023 को समाप्त होगा। प्रक्रिया को उससे पहले पूरा किया जाना है।” राजीव कुमार ने कहा कि राज्य में 5.21 करोड़ पात्र मतदाता हैं. उन्होंने यह भी कहा कि पहली बार राज्य में 80+ नागरिकों के लिए घर से वोट देने की शुरुआत की जाएगी। उन्होंने युवाओं तक पहुंचने की बात भी कही। सीईसी ने कहा कि राज्य में आज से आदर्श आचार संहिता लागू है.
राजनीतिक दल मैदान में, आगामी चुनावों के लिए उनके उम्मीदवार
मैदान में तीन शीर्ष राजनीतिक दल भारतीय जनता पार्टी, कांग्रेस और जनता दल (सेक्युलर) हैं। मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने पहले कहा था कि चुनाव कार्यक्रम की घोषणा के बाद अपने उम्मीदवारों की सूची जारी करेंगे। इस बीच कांग्रेस और आम आदमी पार्टी ने अपनी-अपनी लिस्ट जारी कर दी है।
विधानसभा में विधायकों का टूटना
विधानसभा में वर्तमान में सत्तारूढ़ भाजपा के 119, कांग्रेस के 75 और उसके सहयोगी जद (एस) के 28 विधायक हैं।
महाराष्ट्र
वकोला में गैंगवार मामले को लेकर सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने की कोशिश नाकाम, धार्मिक रंग देने की साजिश

मुंबई ; मुंबई के वकोला सांताक्रूज इलाके में हुए सामूहिक संघर्ष को हिंदू-मुस्लिम रंग देने की कोशिश तब नाकाम हो गई, जब पुलिस ने सामूहिक संघर्ष के मामले में दंगा फैलाने का मामला दर्ज कर आरोपियों की तलाश शुरू कर दी। जानकारी के अनुसार, बीती रात साढ़े नौ बजे मुस्लिम युवक खड़े थे, जबकि दूसरे गुट के युवक भी यहां खड़े थे। दोनों के बीच मामूली विवाद हुआ और इस विवाद ने हिंसा का रूप ले लिया। हालांकि, सोशल मीडिया पर इस मामले को हिंदू-मुस्लिम पहलगाम के बीच विवाद और पाकिस्तानी झंडा जलाने के तौर पर पेश करने की कोशिश की गई है, जबकि पुलिस ने इससे साफ इनकार किया है। पुलिस ने बताया है कि इन युवकों में अक्सर छोटे-मोटे विवाद होते रहते हैं और यह युवक भी इसी इलाके का रहने वाला है। ऐसे में पुलिस ने एहतियात के तौर पर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं और स्थिति पूरी तरह नियंत्रण में है।
पुलिस के अनुसार, मामूली बात को लेकर दो गुटों में झड़प हो गई थी, जिसके बाद स्थिति अब नियंत्रण में है, लेकिन तनाव अभी भी बना हुआ है। हालांकि यहां कोई हिंदू-मुस्लिम हिंसा या संघर्ष नहीं हुआ है, लेकिन सांप्रदायिक तत्व स्थिति को खराब करने की कोशिश कर रहे हैं, जिन पर पुलिस नजर रख रही है। पुलिस ने बताया कि समूह झड़प के बाद दंगा का मामला दर्ज किया गया है। पुलिस ने इस मामले में भादंसं की धारा 1889, 115, 191 के तहत मामला दर्ज कर लिया है और आरोपियों की तलाश भी जारी है। मामला दर्ज करने के बाद पुलिस अब इलाके के सीसीटीवी फुटेज से आरोपियों की पहचान कर रही है और आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए टीमें गठित कर दी गई हैं।
पहलगाम आतंकी हमले या पाकिस्तानी झंडा जलाने को लेकर कोई मामला दर्ज नहीं किया गया है और न ही यह इस तरह का मामला था, लेकिन इसे धार्मिक रंग देकर वकोला में संप्रदाय विशेष के लोगों ने माहौल खराब करने के लिए सोशल मीडिया पर ऐसी अफवाहें फैलाईं, जिन्हें पुलिस ने नाकाम कर दिया है। अधिवक्ता यश मिश्रा ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल किया है, जिसमें हिंसा को पहलगाम आतंकी हमले के विरोध में हिंदू संगठनों के प्रदर्शन का मुस्लिम युवकों द्वारा विरोध बताया गया है और पाकिस्तानी झंडा जलाने के विरोध में दंगा व हिंसा का आरोप लगाया गया है। वहीं पुलिस ने इसे पूरी तरह झूठा और अफवाह बताया है।
राष्ट्रीय समाचार
भारत- पाक बॉर्डर पर बीएसएफ अलर्ट, ग्रामीणों से की गई खास अपील

गुरदासपुर, 28 अप्रैल। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए टेरर अटैक के बाद पाकिस्तान-भारत बॉर्डर से सटे गांवों में बीएसएफ अलर्ट मोड में है। पंजाब के गुरदासपुर जिले के सीमावर्ती गांव में भी सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने गश्त बढ़ा दी है। अधिकारियों ने गांव के लोगों को अलर्ट रहने के लिए कह दिया है। सुरक्षा बल ने किसानों को भी जल्द से जल्द अपनी फसलों की कटाई करने के लिए कह दिया है।
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पर्यटकों पर हुए हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बढ़ गया है। पहलगाम में 26 पर्यटकों की मौत के बाद केंद्र सरकार पाकिस्तान के खिलाफ सख्त रुख अख्तियार कर चुकी है।
गुरदासपुर जिले के सीमावर्ती गांव के किसान गुरतार सिंह ने मीडिया से बातचीत में बताया कि पहलगाम हमले के बाद दोनों देशों के रिश्ते में तनाव है। बीएसएफ ने भी हम सभी लोगों को अलर्ट रहने के लिए कहा है। बीएसएफ ने हमें स्पष्ट कर दिया है कि अगर हमें किसी भी प्रकार की संदिग्ध गतिविधि देखने को मिलती है, तो फौरन अलर्ट रहें और हर प्रकार की स्थिति का सामना करने के लिए खुद को मानसिक रूप से तैयार रखें।
उन्होंने कहा कि बीएसएफ के अधिकारियों ने हमें कहा है कि हम अपनी फसलों की कटाई कर लें। हम बीएसएफ की बातों से पूरी तरह से सहमत हैं, क्योंकि इससे पहले भी दोनों देशों के बीच युद्ध हो चुके हैं और हम देख चुके हैं कि इस युद्ध ने हमारा किस तरह से नुकसान किया है। हम तो यही चाहते हैं कि दोनों देशों के बीच युद्ध की स्थिति पैदा न हो, क्योंकि अगर ऐसा होता है, तो इससे हमारा बहुत नुकसान होगा।
किसान गुरनाम सिंह ने कहा कि पहलगाम हमले के बाद हमें स्पष्ट कह दिया गया है कि हम सभी लोग चौकस रहें, क्योंकि कुछ भी हो सकता है। भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्ते तनावपूर्ण हैं। हालांकि, हमने अपने जीवन में युद्ध देखे हैं, जिसे देखते हुए हमने खुद को मानसिक रूप से तैयार कर लिया है और किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि अगर दोनों देशों के बीच युद्ध की स्थिति पैदा होगी, तो निश्चित तौर पर इसका हमें बहुत नुकसान होगा।
वहीं, एक अन्य किसान ने भी यही बात कही। उन्होंने कहा कि हमें अलर्ट रहने के लिए कह दिया गया है, क्योंकि कुछ भी हो सकता है। जिस तरह से जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हमला हुआ है, उससे दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ गया है। हम चाहते हैं कि युद्ध न हो, क्योंकि अगर युद्ध होता है, तो इसका सबसे ज्यादा नुकसान सीमा से सटे गांव के लोगों को होगा। ऐसे में हम यही अपील करते हैं कि दोनों देशों के बीच युद्ध न हो।
राजनीति
पहलगाम आतंकी हमला: उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने बुलाया विधानसभा का एक-दिवसीय विशेष सत्र

जम्मू, 28 अप्रैल। जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद उत्पन्न स्थिति पर चर्चा के लिए विधानसभा का एक दिवसीय विशेष सत्र बुलाया है।
यह सत्र सोमवार सुबह 10:30 बजे जम्मू में आयोजित होगा। उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 की धारा 18(1) के तहत अपनी शक्तियों का उपयोग करते हुए यह आदेश जारी किया।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने एक आदेश में कहा, “मैं मनोज सिन्हा, केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर का उपराज्यपाल, जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम, 2019 की धारा 18(1) के तहत मुझे प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जम्मू में 28 अप्रैल सोमवार सुबह 10:30 बजे जम्मू-कश्मीर विधानसभा की बैठक आहूत करता हूं।”
अधिकारियों के अनुसार, पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा, क्षेत्रीय स्थिरता और अन्य संबंधित मुद्दों पर विचार-विमर्श के लिए यह विशेष सत्र बुलाया गया है। जम्मू-कश्मीर मंत्रिमंडल ने बुधवार को मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला की अध्यक्षता में हुई बैठक में उपराज्यपाल को यह सत्र आहूत करने की सलाह दी थी। मंत्रिमंडल ने इस हमले को क्षेत्रीय शांति के लिए गंभीर खतरा करार देते हुए त्वरित कार्रवाई की आवश्यकता पर बल दिया।
पहलगाम में हुए आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गई थी, जिसके बाद देशभर में आक्रोश की लहर दौड़ गई। जनता ने पाकिस्तान के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग की है। इस हमले के जवाब में भारत सरकार ने कई बड़े कदम उठाए हैं। सरकार ने सिंधु जल समझौते को निलंबित कर दिया है, जो दोनों देशों के बीच जल संसाधनों के बंटवारे का महत्वपूर्ण समझौता था। इसके अलावा, भारत ने शॉर्ट टर्म वीजा पर आए पाकिस्तानी नागरिकों को 27 अप्रैल तक देश छोड़ने का आदेश दिया था।
साथ ही, अटारी सीमा के रास्ते होने वाले व्यापार को भी रोक दिया गया है। पाकिस्तान के उच्चायोग में कर्मचारियों की संख्या को भी सीमित करने का फैसला लिया गया। पाकिस्तानी नागरिकों के लिए भारत छोड़ने की समय सीमा रविवार को समाप्त हो गई। इस आदेश के बाद देश के विभिन्न हिस्सों में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों का अपने देश लौटने का सिलसिला जारी है। आंकड़ों के अनुसार, अमृतसर के अटारी बॉर्डर के रास्ते अब तक 537 पाकिस्तानी नागरिक अपने वतन लौट चुके हैं। दूसरी ओर, पाकिस्तान में रह रहे 1387 भारतीय नागरिक भी भारत वापस आ चुके हैं।
पहलगाम हमले ने भारत-पाकिस्तान संबंधों को और तनावपूर्ण बना दिया है। केंद्र सरकार ने इस हमले को आतंकवाद के खिलाफ अपनी जीरो-टॉलरेंस नीति के तहत गंभीरता से लिया है। विशेषज्ञों का मानना है कि विधानसभा का यह विशेष सत्र न केवल हमले के बाद की स्थिति पर चर्चा करेगा, बल्कि क्षेत्र में शांति और सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए दीर्घकालिक रणनीतियों पर भी विचार-विमर्श करेगा।
उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने विधानसभा सत्र के दौरान सभी दलों से रचनात्मक सहयोग की अपील की है। उन्होंने कहा कि यह समय एकजुट होकर आतंकवाद के खिलाफ ठोस कदम उठाने का है। सत्र में आतंकी हमले के पीड़ितों को श्रद्धांजलि देने के साथ-साथ क्षेत्रीय सुरक्षा को मजबूत करने के उपायों पर भी चर्चा होने की संभावना है।
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