राष्ट्रीय समाचार
कानपुर मुठभेड़: 10 कांस्टेबलों को चौबेपुर पुलिस थाने में मिली तैनाती

कानपुर के चौबेपुर के बिकरू गांव में आठ पुलिस कर्मियों के शहादत के बाद मंगलवार को 10 कांस्टेबलों को चौबेपुर पुलिस स्टेशन में तैनाती दी गई है। सभी सिपाही पुलिस लाइन से चौबेपुर थाने भेजे गए हैं। पुलिस अधीक्षक कानपुर दिनेश पी के जनसंपर्क अधिकारी रमेन्द्र ने बताया कि इतनी संख्या में पुलिस कर्मियों के शहीद होने बाद वहां काम प्रभावित हो रहा था, इस कारण मंगलवार को 10 कांस्टेबलों को चौबेपुर पुलिस स्टेशन में तैनाती दी गई है।
सभी सिपाही पुलिस लाइन से चौबेपुर थाने भेजे गए हैं। आईजी रेंज कानपुर के अनुसार चौबेपुर थाने का पूरा स्टाफ कानपुर एनकाउंटर के मामले में जांच के दायरे में है।
कानपुर पुलिस अधीक्षक कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार कांस्टेबल सुधीर को पुलिस लाइन से चौबेपुर भेजा गया है। इसी तरह कांस्टेबल आशीष, विमल, रवि, मोहित, नवीन, विजेन्द्र, धीरज कुमार, लवकुश, रिशी यादव को भी पुलिस लाइन से चौबेपुर में तैनाती मिली है।
इस मामले में पहले ही पूर्व एसओ चौबेपुर की भूमिका को संदिग्ध मानते हुए उन्हें सस्पेंड कर दिया गया था। सोमवार को भी चौबेपुर थाने के तीन पुलिस कर्मियों की भूमिका संदिग्ध मिलने पर उन्हें भी सस्पेंड किया गया है। सूत्र बता रहे हैं कि चौबेपुर थाने के पुलिस कर्मियों के नंबर विकास के मोबाइल में मिले हैं।
जांच टीम पूरे चौबेपुर थाने को विकास दुबे का मुखबिर मानते हुए सभी से पूछताछ कर रहे हैं।
गौरतलब हो कि हिस्ट्रीशीटर विकास को पकड़ने गई पुलिस पर घात लगाकर बैठे बदमाशों ने हमला कर दिया था। जिसमें आठ पुलिस कर्मी शहीद हो गए थे। घटना के बाद से पुलिस की कई टीमें विकास की तलाश कर रही हैं। कई जिलों में छापेमारी हो रही है।
राजनीति
चुनाव आयोग की सीपीआई के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात, कई मुद्दों पर हुई चर्चा

नई दिल्ली, 28 अगस्त। भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) और राजनीतिक दलों के बीच चुनावी प्रक्रिया को बेहतर बनाने के लिए बैठकों का दौर जारी है। इस बीच, मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की।
ईसीआई के अनुसार, मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार, चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू और डॉ. विवेक जोशी ने गुरुवार को नई दिल्ली में स्थित निर्वाचन सदन में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (सीपीआई) के महासचिव डी. राजा के नेतृत्व में आए प्रतिनिधिमंडल के साथ मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने आयोग के समक्ष कई सुझाव भी रखे।
चुनाव आयोग ने एक बयान में बताया कि पिछले 150 दिनों में ईसीआई ने विभिन्न स्तरों पर कुल 4,719 सर्वदलीय बैठकें आयोजित की हैं, जिनमें मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (सीईओ) द्वारा 40, जिला निर्वाचन अधिकारियों (डीईओ) द्वारा 800 और निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारियों (ईआरओ) द्वारा 3,879 बैठकें शामिल हैं। इन बैठकों में 28,000 से अधिक राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया है।
इसके अलावा, राष्ट्रीय और राज्यीय दलों के नेताओं के साथ 21 से अधिक बैठकें आयोजित की गई हैं, जिनमें भाजपा, बसपा, टीएमसी और आम आदमी पार्टी जैसे राष्ट्रीय दल शामिल हैं।
दरअसल, यह बैठक चुनाव आयोग द्वारा विभिन्न राष्ट्रीय और राज्यस्तरीय राजनीतिक दलों के अध्यक्षों के साथ आयोजित की जा रही चर्चाओं का हिस्सा है। इन बैठकों का उद्देश्य रचनात्मक संवाद को बढ़ावा देना और राष्ट्रीय तथा राज्यस्तरीय दलों के नेताओं को उनके सुझाव और चिंताओं को सीधे आयोग के समक्ष रखने का अवसर प्रदान करना है।
यह पहल आयोग के व्यापक दृष्टिकोण का हिस्सा है, जो मौजूदा कानूनी ढांचे के तहत सभी हितधारकों के साथ मिलकर चुनावी प्रक्रिया को और मजबूत करने की दिशा में कार्यरत है।
इससे पहले, चुनाव आयोग ने 21 अगस्त को जनता दल (सेक्युलर) के प्रतिनिधिमंडल के साथ चर्चा की थी। इस दौरान उन्होंने आयोग के समक्ष अपने सुझाव पेश किए। इसके अलावा, मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार और चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू व डॉ. विवेक जोशी ने बीजू जनता दल (बीजद) के एक प्रतिनिधिमंडल से भी मुलाकात की थी।
दुर्घटना
विरार हादसा: सीएम फडणवीस का ऐलान, ‘मृतकों के परिजनों को मिलेगी 5-5 लाख रुपए की आर्थिक मदद’

मुंबई, 28 अगस्त। महाराष्ट्र के पालघर जिले के विरार इलाके में हुए हादसे पर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दुख जताया है। साथ ही उन्होंने हादसे में जान गंवाने वाले मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपए की आर्थिक मदद देने की घोषणा की।
सीएम फडणवीस ने बताया कि एनडीआरएफ की मदद से यह बचाव अभियान 48 घंटों से चल रहा है और अगले कुछ ही घंटों में पूरा कर लिया जाएगा। अब तक 9 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है।
महाराष्ट्र सीएमओ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने विरार इलाके में इमारत ढहने की दुर्घटना में 17 लोगों की मौत पर गहरा दुख व्यक्त किया है और मृतकों को भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की है। सभी परिवारों के दुःख में अपनी संवेदना व्यक्त करते हुए, मुख्यमंत्री फडणवीस ने मृतकों के परिजनों को 5-5 लाख रुपए का मुआवजा देने का ऐलान किया है। एनडीआरएफ की मदद से यह बचाव अभियान 48 घंटों से चल रहा है और अगले कुछ घंटों में पूरा हो जाएगा। अब तक 9 लोगों को सुरक्षित बचा लिया गया है।”
महाराष्ट्र के राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने हादसे पर दुख जताते हुए एक्स पोस्ट में लिखा, ”विरार इलाके में इमारत ढहने की दुर्घटना में अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है और कुछ घायल हैं। इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना में जान गंवाने वाले सभी नागरिकों के प्रति मेरी हार्दिक संवेदना। ईश्वर उनकी आत्मा को शांति प्रदान करे। मैं उनके परिवारों के दुख में शामिल हूं। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस दुर्घटना में मारे गए लोगों के परिजनों को 5-5 लाख रुपए की सहायता राशि देने की घोषणा की है। सभी एजेंसियों ने तुरंत बचाव कार्य शुरू कर दिया है और पिछले 48 घंटों से एनडीआरएफ की टीमों की मदद से यह कार्य युद्ध स्तर पर चल रहा है। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि इस दुर्घटना में घायल हुए लोगों के स्वास्थ्य में शीघ्र सुधार हो।”
मुंबई में विरार ईस्ट के नारंगी इलाके में बुधवार को एक अनधिकृत चार मंजिला इमारत का एक हिस्सा अचानक ढह गया था। हादसे में अब तक 17 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि कई लोग जख्मी हुए हैं।
राष्ट्रीय समाचार
मुंबई: असहयोग को लेकर बीएमसी के विरोध के बीच बॉम्बे हाईकोर्ट के आदेश के बाद विलिंगटन हाइट्स ताड़देव के निवासियों ने 17वीं-34वीं मंजिलें खाली कर दीं

मुंबई: बॉम्बे हाईकोर्ट के निर्देशों के बाद, ताड़देव स्थित विलिंगटन हाइट्स की सबसे ऊपरी मंजिलों के निवासियों ने अपने अपार्टमेंट खाली करना शुरू कर दिया है। उन्हें परिसर खाली करने के लिए तीन हफ़्ते का समय दिया गया था, जो कल 27 अगस्त की रात को समाप्त हो गया। अदालत की किसी भी अवमानना से बचने के लिए, 17वीं से 34वीं मंजिल तक के निवासियों ने अपार्टमेंट खाली करने का फैसला किया है।
इस बीच, कुछ निवासी निगम के असहयोग के विरोध में बीएमसी मुख्यालय पर एकत्रित हुए हैं। बैठक में मौजूद एक निवासी सतीश मेहता ने कहा, “हमें समय सीमा बढ़ने की उम्मीद थी क्योंकि हमें मुंबई फायर ब्रिगेड से अनुपालन पत्र मिल गया था। लेकिन बीएमसी वकील ने अदालत में कहा कि यह सिर्फ़ एक पत्र था, एनओसी नहीं। अगर बीएमसी सहयोग करती, तो हमें कुछ राहत मिलती।”
बैठक सुबह 11 बजे निर्धारित थी और निवासी पहली मंजिल पर संबंधित बीएमसी अधिकारियों का इंतज़ार कर रहे हैं। मुंबई के संरक्षक मंत्री मंगल प्रभात लोढ़ा के भी बैठक में शामिल होने की उम्मीद है।
मंगलवार को बॉम्बे हाईकोर्ट ने निवासियों को कोई राहत देने से इनकार कर दिया। इस तरह, 34 मंजिला इमारत की 17वीं से 34वीं मंजिल तक के अपार्टमेंट खाली करने की उनकी समय सीमा 27 अगस्त ही रह गई। कुल 27 परिवार अपने घर खाली करेंगे।
निवासियों ने कहा, “कुछ निवासी पास ही अपने दोस्तों और परिवार के घरों में चले गए हैं, जबकि कुछ किराए के अपार्टमेंट में रहने लगे हैं। हमें उम्मीद है कि 2 सितंबर की सुनवाई के दौरान अदालत हमें कुछ राहत देगी।”
बीएमसी ने स्पष्ट किया था कि अगर निवासी अदालत के आदेश के अनुसार परिसर खाली नहीं करते हैं, तो उन्हें जबरन बेदखली की प्रक्रिया के तहत आज ही नोटिस भेजा जाएगा। अदालती आदेशों की अवमानना और जबरन बेदखली से बचने के लिए, निवासियों ने बीएमसी को दिए गए वचन के अनुसार खुद ही परिसर खाली करने का फैसला किया।
जिन्हें नहीं पता, उन्हें बता दें कि मुंबई फायर ब्रिगेड से एनओसी न मिलने के कारण इमारत के पास बीएमसी से अधिभोग प्रमाण पत्र (ओसी) नहीं है।
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