राजनीति
बिहार में कांग्रेस का ‘चेहरा’ बनेंगे कन्हैया कुमार!
वामपंथी विचारधारा छोड़कर छात्र नेता कन्हैया कुमार के कांग्रेस पार्टी में शामिल होने के बाद से ही यह कयास लगाए जाने लगे हैं कि कांग्रेस बिहार में कन्हैया को चेहरा बनाएगी। हालांकि माना यह भी जा रहा है कि वामपंथी विचारधारा से आने वाले कन्हैया के लिए यह राह आसान नहीं है।
कन्हैया ने दिल्ली में कांग्रेस की सदस्यता ग्रहण करते हुए कहा कि अगर कांग्रेस नहीं तो देश भी नहीं। ऐसे में कन्हैया यह साफ संदेश दे दिया है कि वे कांग्रेस की खोई हुई जमीन वापस लाने के लिए मशक्कत करेंगे।
बिहार की स्थिति को देखे तो पिछले कई सालों से कांग्रेस यहां अपने सहयोगियों की वैशाखी के सहारे राजनीति करती रही है, ऐसे में सवर्ण जाति से आने वाले कन्हैया जैसे युवा चेहरे को सामने लाकर पार्टी जहां विरोधियों बल्कि सहयोगियों पर भी दबाव बना सकेगी।
सूत्र बताते हैं कि कन्हैया को कांग्रेस में लाने में बिहार के कांग्रेसी नेता शकील अहमद की बड़ी भूमिका मानी जा रही है। वैसे, कांग्रेस अभी तक कन्हैया को कोई जिम्मेदारी देने की अधिकारिक घोषणा नहीं की है। पिछले दो महीने से बिहार कांग्रेस अध्यक्ष के बदलाव की चर्चा जोरों पर है। कहा तो यहां तक जा रहा है कि बिहार प्रभारी भक्त चरण दास ने कांग्रेस आलाकमान को प्रदेश अध्यक्ष को लेकर एक नाम सुझाया भी है, लेकिन अब तक घोषणा नहीं की गई है। ऐसे में कन्हैया को बिहार कांग्रेस की जिम्मेदारी मिल जाए तो कोई आश्चर्य नहीं होगा।
आंकडों पर गौर करें तो पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को बिहार में केवल एक सीट मिली थी जबकि पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस राजद और वामपंथी दलों के महागठबंधन के साथ चुनाव मैदान में उतरी थी और 19 सीटें प्राप्त कर सकी थी। वर्ष 2015 में हुए विधानसभा चुनाव में 27 सीटें कांग्रेस के हिस्से आई थी।
युवक कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ललन कुमार भी कहते हैं कि कन्हैया के कांग्रेस में आने से पार्टी को लाभ होगा। उन्होंने कहा कि बिहार की सवर्ण जातियों में सबसे मुखर वोट बैंक वाली जाति संख्या बल के अधार पर राजपूतों के बाद भूमिहार समुदाय है। बिहार के कई लोकसभा और दर्जनों विधानसभा सीटों पर इस जाति का प्रभाव है। युवा की पसंद रहे कन्हैया के आने से कांग्रेस के वे सवर्ण मतदाता जो अन्य पार्टियों में चले गए थे, वे फिर से जुड़ सकते हैं।
वैसे, कांग्रेस के एक नेता ने नाम नहीं प्रकाशित करने की शर्त पर यह भी कहते हैं कि पार्टी के पुराने युवा चेहरों को तरजीह नहीं देकर बाहर से आए नेताओं को तरजीह देने से पार्टी के पुराने नेताओं में नाराजगी भी उभरेगी।
कांग्रेस के लिए बिहार में इतना जल्द ही सबकुछ करना आसान नहीं है। कहा जा रहा है कि राजद बिहार में कांग्रेस को तेजी से आगे बढ़ने देगी, इसमें शक है। राजद का चेहरा बने तेजस्वी यादव फिलहाल विपक्षी दल के महागठबंधन के नेता है। ऐसे में राजद कभी नहीं चाहेगी कि किसी दूसरे पार्टी का नेता यहां महागठबंधन का चेहरा बने।
राजद के प्रवक्ता और विधायक भाई वीरेंद्र से जब कन्हैया के संबंध में पूछा गया तो उन्होंने कन्हैया को पहचानने से इंकार कर दिया। ऐसे में समझा जा सकता है कि कांग्रेस के लिए सबकुछ आसान नहीं है।
उल्लेखनीय है कि पिछले लोकसभा चुनाव में कन्हैया बेगूसराय लोकसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ा था, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
महाराष्ट्र
VWA सांता क्रूज़ यूनिट ने मेधावी छात्रों को सम्मानित किया “बच्चों की सफलता के पीछे माता-पिता और शिक्षकों की सबसे बड़ी भूमिका होती है”

मुंबई — VWA सांताक्रूज यूनिट द्वारा मौलाना आज़ाद हाई स्कूल, गोलीबार सांताक्रूज में आयोजित एक एजुकेशनल सम्मान कार्यक्रम में मेधावी छात्रों को ऑनरेरी सर्टिफिकेट दिए गए। कार्यक्रम की शुरुआत मुफ्ती शोएब साहब के तिलावत से हुई, उसके बाद लतीफ सर ने हम्द और इश्तियाक सर ने नात शरीफ पढ़ी। खास मेहमानों का मंच पर शॉल और मालाओं से गर्मजोशी से स्वागत किया गया। कार्यक्रम में शामिल खास मेहमानों में शामिल थे—
नासिर अली सर, सैयद शौकत अली, डॉ. ए.आर. खान, अशफाक अहमद शाह (A.O., BMC स्कूल्स), अनीस सौदागर, अखलाक सर, गालिब जमादार, डॉ. शाहबाज खान, जाकिर सौदागर, महमूद सर, अफजल भाई वगैरह। सभी लोगों ने छात्रों को कड़ी मेहनत, ईमानदारी और पॉजिटिव सोच को अपना मोटो बनाने के लिए प्रोत्साहित किया। मुख्य अतिथि अशफाक अहमद शाह ने कहा: “बच्चों का विकास माता-पिता की दुआओं और टीचरों के मार्गदर्शन से पूरा होता है।” स्पेशल अवॉर्ड्स
VWA ने जमात-ए-मुस्लिमीन ट्रस्ट गोलीबार को अवॉर्ड देकर सम्मानित किया।
डेली न्यूज़पेपर ‘बुलंद दुनिया’ ने ये अवॉर्ड दिए—
साकिब सर — रत्न अवॉर्ड,
वसीम अब्दुल सत्तार — समाज भूषण अवॉर्ड,
हाफ़िज़ नदीम — बेहतरीन सोशल सर्वेंट अवॉर्ड,
फ़ज़ल सौदागर — बेहतरीन सोशल सर्वेंट अवॉर्ड। VWA की सोशल सर्विस के पाँच ज़रूरी एरिया
VWA ज़रूरतमंद स्टूडेंट्स को लगातार पढ़ाई, सोशल अवेयरनेस, हेल्थ फैसिलिटी और कम्युनिटी डेवलपमेंट के लिए मदद करने में अहम रोल निभा रहा है। यूनिट के ऑफिसर समाज में भाईचारे और इंसानियत को बढ़ावा देने के लिए एक्टिवली काम कर रहे हैं। प्रोग्राम को सफल बनाने के लिए जिन सदस्यों ने कड़ी मेहनत की, वे हैं: ज़ाकिर सौदागर, महमूद सर, साकिब सर, इमरान सर, मुमताज़ सर, एडिटर ज़फ़र सिद्दीकी, फ़ज़ल सौदागर, साबिर अली, लतीफ़ सर, सिद्दीकी सर, अनीस सौदागर, हाफ़िज़ नदीम, शेख आरिफ़, वसीम सर, इमरान सर, नैयर सर, शफ़ीउल्लाह सर, मुमताज़ सर, अज़हर सर, नईम सर, इश्तियाक सर, शौकत सर, शाकिर सर। प्रोग्राम को मुमताज़ सर और अज़हर सर ने बहुत अच्छे तरीके से सफलतापूर्वक ऑर्गनाइज़ किया। आखिर में, नईम सर ने धन्यवाद दिया।
मनोरंजन
‘तन्वी: द ग्रेट’ को मिला इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ ऑस्ट्रेलिया में सम्मान, खुशी से झूमे अनुपम खेर

मुंबई, 10 दिसंबर: हिंदी सिनेमा में 4 दशकों से ज्यादा तक अपनी वर्सटाइल एक्टिंग से दर्शकों के दिलों पर राज करने वाले अभिनेता अनुपम खेर आज भी फिल्मों में सक्रिय हैं।
अभिनेता के लिए ये साल 2025 का साल सबसे बेहतरीन रहा है क्योंकि उनकी फिल्म ‘तन्वी: द ग्रेट’ को सिर्फ भारत में सम्मान और प्यार नहीं मिला है, बल्कि विदेशों में भी फिल्म को पसंद किया जा रहा है। अब अभिनेता की फिल्म को इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल ऑफ ऑस्ट्रेलिया में सम्मान मिला है।
ऑस्ट्रेलिया के अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में ‘तन्वी: द ग्रेट’ फिल्म को बेस्ट स्क्रीनप्ले फिल्म के अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है और उससे पहले इसी फिल्म की लीड एक्ट्रेस को शुभांगी दत्त बेस्ट एक्ट्रेस के अवॉर्ड से नवाजा गया। वैश्विक स्तर पर अपनी फिल्म को मिले इतने प्यार और सम्मान के लिए उन्होंने पूरी टीम को बधाई दी है और अपनी खुशी सोशल मीडिया के जरिए फैंस के साथ शेयर की है।
उन्होंने कैप्शन में लिखा, ‘तन्वी: द ग्रेट’ की बड़ी जीत। हाल ही में संपन्न हुए ऑस्ट्रेलिया के अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में हमने सर्वश्रेष्ठ पटकथा और सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार जीता। मेरे सह-लेखकों अभिषेक दीक्षित और अंकुर सुमन को उनके समर्पण और प्रतिभा के लिए हार्दिक बधाई और प्रिय शुभांगी दत्त को सर्वश्रेष्ठ अभिनेत्री का पुरस्कार जीतने के लिए एक बार फिर बधाई।
उन्होंने आगे लिखा, “पूरी टीम ने फिल्म के निर्माण में अपना दिल, मेहनत और आत्मा लगा दी है। ये फिल्म हम सब के लिए बहुत खास है।”
साल 1982 में ‘आगमन’ से फिल्म से डेब्यू करने वाले अनुपम खेर के लिए फिल्म ‘तन्वी: द ग्रेट’ बहुत खास है, क्योंकि इस फिल्म का डायरेक्शन उन्होंने खुद किया है और फिल्म की कहानी भी दिल के बहुत करीब है। फिल्म की कहानी को अभिनेता ने अपनी भांजी की जिंदगी से लिया है, जो ऑटिज्म से पीड़ित है लेकिन बहुत प्रतिभाशाली हैं। वे बहुत अच्छा गाना गाती हैं और उनकी वीडियो को अभिनेता अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर शेयर भी करते हैं।
‘तन्वी: द ग्रेट’ को पहले 11 जुलाई को सिनेमाघरों में रिलीज किया गया था। हालांकि बॉक्स ऑफिस पर फिल्म को अपेक्षित सफलता नहीं मिलने से अभिनेता बहुत दुखी हुए थे और उन्होंने कहा था कि अच्छी फिल्मों को दर्शकों तक पहुंचाना बहुत जरूरी है, जिसके बाद फिल्म को 26 सितंबर को रिलीज किया गया। फिल्म को 56वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्म महोत्सव में दिखाया गया और अब फिल्म एक के बाद एक अवॉर्ड भी जीत रही है।
राजनीति
सीजेआई के खिलाफ ‘मोटिवेटेड’ कैंपेन पर सुप्रीम कोर्ट और हाई कोर्ट के 44 पूर्व जजों ने जताई कड़ी आपत्ति

नई दिल्ली, 10 दिसंबर: देश के 44 पूर्व सर्वोच्च न्यायालय और उच्च न्यायालय के न्यायाधीशों ने मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) पर रोहिंग्या प्रवासियों से जुड़ी टिप्पणियों को लेकर चल रहे ‘प्रेरित और भड़काऊ अभियान’ की कड़ी निंदा की है।
न्यायाधीशों ने इस मामले में 5 दिसंबर को जारी ओपन लेटर का हवाला देते हुए स्पष्ट किया कि सुप्रीम कोर्ट की प्रतिष्ठा को प्रभावित करने का यह प्रयास स्वीकार्य नहीं है। बता दें कि पत्र में कहा गया था कि 2 दिसंबर की सुनवाई में रोहिंग्या शरणार्थियों पर अमानवीय टिप्पणी हुई।
पूर्व न्यायाधीशों ने कहा कि न्यायिक प्रक्रिया पर तर्कसंगत आलोचना हो सकती है, लेकिन वर्तमान में जो कुछ हो रहा है, वह नियमित अदालत कार्यवाही को पक्षपातपूर्ण रूप में पेश कर न्यायपालिका की वैधता पर सवाल उठाने का प्रयास है। उन्होंने विशेष रूप से बताया कि सीजेआई केवल यह पूछ रहे थे कि कानून के तहत रोहिंग्या के कौन से अधिकार या दर्जे का दावा किया जा रहा है।
पत्र में न्यायाधीशों ने यह भी रेखांकित किया कि कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि भारत में किसी भी व्यक्ति (नागरिक या विदेशी) के साथ यातना, गुमनामी या अमानवीय व्यवहार नहीं किया जा सकता और हर व्यक्ति की गरिमा का सम्मान होना चाहिए। इस बात को नजरअंदाज कर अदालत पर अमानवीयता का आरोप लगाना गंभीर विकृति है।
पूर्व न्यायाधीशों ने रोहिंग्या प्रवासियों की स्थिति और कानूनी परिप्रेक्ष्य स्पष्ट करते हुए कहा कि रोहिंग्या प्रवासी भारतीय कानून के तहत शरणार्थी नहीं हैं। अधिकांश मामलों में उनकी भारत में प्रविष्टि अनियमित या अवैध है। केवल दावा करने से उन्हें कानूनी शरणार्थी दर्जा नहीं मिल सकता। भारत 1951 के यूएन शरणार्थी सम्मेलन और 1967 के प्रोटोकॉल का हिस्सा नहीं है। इसलिए भारत के कर्तव्य उसके संविधान, विदेशी और प्रवास कानूनों और सामान्य मानवाधिकारों से तय होते हैं, न कि किसी अंतरराष्ट्रीय संधि से।
अवैध प्रवासियों द्वारा आधार कार्ड, राशन कार्ड और अन्य पहचान दस्तावेज प्राप्त करना गंभीर चिंता का विषय है। यह सिस्टम की विश्वसनीयता को कमजोर करता है और दस्तावेजी धोखाधड़ी तथा संगठित नेटवर्क की आशंका पैदा करता है।
ऐसे मामलों में कोर्ट-नियंत्रित विशेष जांच दल (एसआईटी) की स्थापना आवश्यक है, जो जांच करे कि अवैध प्रवासियों ने कैसे पहचान और कल्याण दस्तावेज प्राप्त किए, कौन से अधिकारी और मध्यस्थ शामिल हैं और क्या कोई तस्करी या सुरक्षा-संबंधित नेटवर्क सक्रिय हैं।
रोहिंग्या की स्थिति म्यांमार में भी जटिल है, जहां उन्हें अवैध प्रवासी माना जाता है और नागरिकता का विवाद है। इस पृष्ठभूमि में भारतीय अदालतों को कानूनी श्रेणियों के आधार पर निर्णय लेने की आवश्यकता है, न कि राजनीतिक नारे या लेबल के आधार पर।
पूर्व न्यायाधीशों ने यह स्पष्ट किया कि न्यायपालिका का हस्तक्षेप संवैधानिक सीमाओं के भीतर है और यह देश की अखंडता बनाए रखते हुए मानव गरिमा की रक्षा कर रहा है।
संयुक्त बयान पर हस्ताक्षर करने वालों में देश के कई वरिष्ठ और प्रतिष्ठित पूर्व न्यायाधीश शामिल हैं। इनमें सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस अनिल दवे, जस्टिस हेमंत गुप्ता, राजस्थान हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस अनिल देव सिंह, दिल्ली एवं जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस बीसी पटेल और पटना हाई कोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायाधीश जस्टिस पीबी बाजंथरी समेत 44 प्रमुख पूर्व जजों के नाम शामिल हैं।
पूर्व न्यायाधीशों ने कहा, “भारत का संवैधानिक क्रम मानवता और सतर्कता दोनों की मांग करता है। न्यायपालिका ने मानव गरिमा की रक्षा करते हुए राष्ट्रीय अखंडता बनाए रखी है और इसे सकारात्मक समर्थन मिलना चाहिए, न कि नकारात्मक प्रचार।”
-
व्यापार6 years agoआईफोन 12 का उत्पादन जुलाई से शुरू होगा : रिपोर्ट
-
अपराध3 years agoभगौड़े डॉन दाऊद इब्राहिम के गुर्गो की ये हैं नई तस्वीरें
-
महाराष्ट्र5 months agoहाईकोर्ट ने मुंबई पुलिस और महाराष्ट्र प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को नोटिस जारी किया, मस्जिदों के लाउडस्पीकर विवाद पर
-
अनन्य3 years agoउत्तराखंड में फायर सीजन शुरू होने से पहले वन विभाग हुआ सतर्क
-
न्याय1 year agoमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के खिलाफ हाईकोर्ट में मामला दायर
-
अपराध3 years agoबिल्डर पे लापरवाही का आरोप, सात दिनों के अंदर बिल्डिंग खाली करने का आदेश, दारुल फैज बिल्डिंग के टेंट आ सकते हैं सड़कों पे
-
अपराध3 years agoपिता की मौत के सदमे से छोटे बेटे को पड़ा दिल का दौरा
-
राष्ट्रीय समाचार10 months agoनासिक: पुराना कसारा घाट 24 से 28 फरवरी तक डामरीकरण कार्य के लिए बंद रहेगा
