खेल
जॉनसन को 1500मीटर में ओलंपिक के लिए क्वालीफाई करने की उम्मीद

जकार्ता 2018 एशियाई खेलों में 1500 मीटर के चैंपियन जिंसन जॉनसन अपनी चोट से उबर रहे हैं और उन्हें जून तक फिट होकर इस साल होने वाले टोक्यो ओलंपिक में क्वालीफाई करने की पूरी उम्मीद है।
केरल के मध्य दूरी के धावक जॉनसन को अमेरिका में ट्रेनिंग सत्र के दौरान चोट लग गई थी और उन्हें इससे उबरने में समय लगा। वह चोट के कारण इस महीने हुए फेडरेशन कप में भी शामिल नहीं हो सके।
जॉनसन ने आईएएनएस से कहा, “चीजों में अब सुधार हो रहा है। मैंने कठिन ट्रेनिंग शुरू कर दी है और इससे मेरा आत्मविश्वास बढ़ा है जो अगले दो महीने सफलता हासिल करने में मदद करेगा। जून में मैं फिट हो जाऊंगा और बेंगलुरु में होने वाले इंटर स्टेट एथलेटिक्स चैंपियनशिप के दौरान ओलंपिक बर्थ जीतूंगा।”
टोक्यो ओलंपिक क्वालीफिकेशन का समय तीन मिनट 35 सेकेंड है जबकि जॉनसन का निजी सवश्रेष्ठ समय तीन मिनट 35.24 सेकेंड है।
2018 का सत्र जॉनसन के करियर के लिए शानदार रहा और उन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों में 1500 मीटर में दो दशक पुराना रिकॉर्ड तोड़ा। वह तीन मिनट 37.86 सेकेंड के साथ पांचवें स्थान पर रहे थे। इससे पहले यह रिकॉर्ड बहादुर प्रसाद के नाम था जिन्होंने तीन मिनट 38 सेकेंड लिए थे।
जॉनसन अगस्त 2018 में हुए जकार्ता एशियाई खेलों में 1500 मीटर वर्ग में चैंपियन बने औ्र उन्होंने 800 मीटर में रजत पदक जीता था।
2018 सत्र के बाद जॉनसन 2020 ओलंपिक में अपना शानदार प्रदर्शन जारी रख सकते थे लेकिन मार्च में कोरोना वायरस के कारण ओलंपिक में 2021 तक स्थगित कर दिया गया था।
लेकिन 2019 का सत्र जॉनसन के लिए अच्छा नहीं रहा और वह चोटिल हो गए।
जॉनसन ने कहा, “मेरे करियर का वह खराब दौर था लेकिन मैं वापस अच्छे दौर में आकर खुश हूं। मैंने जनवरी में थोडी़ ट्रेनिंग शुरू की इसलिए ग्रां प्री में हिस्सा नहीं ले सका। मेरा लक्ष्य अपनी फिटनेस का वापस हासिल करना है।”
उन्होंने कहा, “उम्मीद है कि मैं जून में टोक्यो ओलंपिक क्वालीफिकेशन समय हासिल कर लूंगा। मेरे लिए यह आखिरी मौका होगा।”
राष्ट्रीय
दिल्ली-एनसीआर में बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी, तापमान में गिरावट दर्ज

नई दिल्ली, 20 जून। दिल्ली समेत पूरे एनसीआर में अगले पांच दिन झमाझम बरसात होगी। भारत मौसम विज्ञान विभाग ने इसे लेकर येलो अलर्ट भी जारी कर दिया है। गुरुवार से ही अधिकतम और न्यूनतम तापमान में काफी गिरावट दर्ज की गई है।
मौसम विभाग के मुताबिक, 20 और 21 जून की शाम और रात को हल्की से मध्यम बारिश, बिजली गिरने और तेज हवाओं की संभावना है। तापमान में भी गिरावट देखी जा रही है।
आईएमडी के मुताबिक 20 जून को अधिकतम तापमान 36 डिग्री और न्यूनतम 27 डिग्री के बीच रिकॉर्ड किया गया है, जबकि 21 जून को अधिकतम तापमान 37 डिग्री और न्यूनतम तापमान 28 डिग्री रहने की संभावना जताई गई है। जबकि ह्यूमिडिटी 80 से 82 प्रतिशत तक रहने वाली है। इसके बाद मौसम विभाग ने येलो अलर्ट जारी करते हुए यह कहा कि 22 जून से 25 जून के बीच बादल छाए रहने के साथ-साथ मध्यम से भारी बारिश का सिलसिला बना रहेगा।
मौसम विभाग की वेबसाइट पर जारी विस्तृत पूर्वानुमान के अनुसार, सुबह से लेकर रात तक हर चरण में गरज-चमक के साथ बारिश होगी। इस दौरान बिजली गिरने और तेज हवाओं की रफ्तार 30-40 किमी प्रति घंटा रह सकती है। इन दिनों तापमान में और गिरावट देखने को मिलेगी। अधिकतम तापमान 35 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 26-27 डिग्री सेल्सियस तक आ सकता है। इस पूरे सप्ताह ह्यूमिडिटी 90 प्रतिशत तक बनी रहने की संभावना है, जिससे वातावरण उमस भरा बना रहेगा।
एक तरफ जहां बारिश के चलते तापमान में गिरावट आई है मौसम सुहाना बना हुआ है वहीं दूसरी तरफ दिल्ली-एनसीआर के कई इलाकों में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई है, जिससे आमजन को आवाजाही में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। मुख्य रूप से गुरुग्राम, नोएडा और पूर्वी दिल्ली के कई निचले इलाकों में सड़कें पानी में डूबी हुई हैं।
स्थानीय प्रशासन को जल निकासी के लिए टीमों को सक्रिय करना पड़ा है। हालांकि, राहत की खबर यह है कि 26 जून को मौसम साफ रहने की संभावना है। मौसम विभाग ने इस दिन के लिए कोई चेतावनी नहीं दी है और आसमान आंशिक रूप से साफ रहने का पूर्वानुमान है।
मौसम विभाग ने लोगों को सलाह दी है कि वे अत्यधिक आवश्यक कार्यों को छोड़कर घर से बाहर निकलने से बचें, विशेष रूप से बिजली गिरने की आशंका के दौरान खुले स्थानों से दूर रहें। यातायात विभाग ने भी जलभराव वाले मार्गों से बचने की अपील की है।
अंतरराष्ट्रीय
युद्ध तेज होने के बीच ईरान ने दक्षिणी इजराइल के सोरोका अस्पताल पर हमला किया; कई लोग घायल, कई के मलबे में फंसे होने की आशंका

तेल अवीव: इजराइल और ईरान एक दूसरे के प्रमुख शहरों को निशाना बनाना जारी रखे हुए हैं। ईरान के ताजा हमलों में गुरुवार को दक्षिणी इजराइल के सबसे बड़े अस्पताल पर ईरानी बैलिस्टिक मिसाइल से हमला हुआ। सोरोका अस्पताल को भारी नुकसान पहुंचा है। हमले में कई लोगों के घायल होने की खबर है।
उल्लेखनीय है कि सोरोका मेडिकल सेंटर इजरायल के दक्षिणी क्षेत्र का सबसे बड़ा अस्पताल है। ईरानी हमले के बाद इलाके में धुएं का गुबार छाने के कई वीडियो ऑनलाइन सामने आए हैं। क्षतिग्रस्त इमारत के मलबे में कई लोगों के फंसे होने की आशंका है।
मिडिया रिपोर्ट के अनुसार, बीर शीबा स्थित सोरोका मेडिकल सेंटर के प्रवक्ता ने कहा कि अस्पताल को विभिन्न क्षेत्रों में “व्यापक क्षति” हुई है तथा हमले में लोग घायल हुए हैं।
अभी तक अस्पताल पर हुए मिसाइल हमले में किसी के हताहत होने की कोई खबर नहीं है। अस्पताल की वेबसाइट के अनुसार, सोरोका अस्पताल में 1,000 से ज़्यादा बिस्तर हैं और यह इज़राइल के दक्षिणी हिस्से के लगभग 10 लाख निवासियों को सेवाएँ प्रदान करता है।
अंतरराष्ट्रीय
इजरायली सेना की उपलब्धियों से वर्ल्ड लीडर्स प्रभावित: नेतन्याहू

तेल अवीव, 19 जून। इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के अनुसार वर्ल्ड लीडर्स ने इजरायली सेना के दृढ़ संकल्प और उपलब्धियों को सराहा है।
इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते संघर्ष की शुरुआत बीते शुक्रवार से हुई। नेतन्याहू ने ईरान के खिलाफ ‘ऑपरेशन राइजिंग लायन’ शुरू करने की घोषणा की, जो ईरान के परमाणु हथियारों के खतरे को कम करने के लिए एक टारगेटेड सैन्य अभियान है।
इसके बाद तेहरान की ओर से तीव्र और आक्रामक जवाबी कार्रवाई शुरू हुई, जिससे क्षेत्र एक व्यापक युद्ध के कगार पर पहुंच गया।
नेतन्याहू ने बुधवार को राष्ट्र को संबोधित करते हुए कहा “मुझे आपको बताना चाहिए कि मैं विश्व नेताओं से बात करता हूं। वह हमारे दृढ़ संकल्प और हमारी सेना की उपलब्धियों से बहुत प्रभावित हैं। वह आपसे, इजरायल के नागरिकों से, आपकी दृढ़ भावना और आपकी दृढ़ता से भी बहुत प्रभावित हैं।”
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से मिले उनके समर्थन को लेकर इजरायली प्रधानमंत्री ने कहा, “मैं इजरायल के एक महान मित्र राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को हमारे साथ खड़े होने और इजरायल के एयरस्पेस की रक्षा में मदद करने में अमेरिका के सपोर्ट के लिए धन्यवाद देता हूं। हम अक्सर बात करते हैं, जिसमें पिछली रात की बातचीत भी शामिल है। हमारी बातचीत बहुत गर्मजोशी से हुई। मैं ट्रंप को उनके समर्थन के लिए धन्यवाद देता हूं।”
नेतन्याहू ने कहा कि ईरान के खिलाफ ‘ऑपरेशन राइजिंग लॉयन’ अभियान का उद्देश्य इजरायल के लिए दो अस्तित्वगत खतरों को दूर करना था। हम पर परमाणु खतरा और बैलिस्टिक मिसाइल का खतरा है। इजरायल इन खतरों को दूर करने के लिए कदम-दर-कदम आगे बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा, “हम तेहरान के एयरस्पेस को कंट्रोल करते हैं। हम अयातुल्ला शासन पर बहुत जोरदार हमला कर रहे हैं। हम न्यूक्लियर इंस्टॉलेशन्स, मिसाइल्स, कमांड सेंटर्स और शासन के प्रतीकों पर हमला कर रहे हैं। हमें बहुत नुकसान हो रहा है लेकिन हम देखते हैं कि घरेलू मोर्चा मजबूत है। लोग मजबूत हैं, और इजरायल राज्य पहले से कहीं अधिक मजबूत है। मैंने सरकारी मंत्रालयों को उन सभी लोगों की सहायता करने का निर्देश दिया है, जिन्हें नुकसान पहुंचा है।”
नेतन्याहू ने यह भी उल्लेख किया है कि गाजा पट्टी में ‘तीव्र लड़ाई’ जारी है। उन्होंने कहा कि इजरायल पीछे नहीं हटेगा। वह दो कार्यों को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध है- “हमास को हराना और हमारे सभी बंधकों को वापस लाना, चाहे वह जीवित हों या मृत। खेद के साथ इतना जरूर कहूंगा कि, हाल के दिनों में भी हमारे वीर सैनिक मारे गए हैं। मैं परिवारों के दुख में शामिल हूं। हम सरकार और पूरे देश की ओर से उन्हें संवेदनाएं भेजते हैं। हम तब तक संघर्ष जारी रखेंगे, जब तक हमास को हरा नहीं देते।”
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