अपराध
मुंबई समाचार: रिपोर्ट से जेजे अस्पताल में सड़न का खुलासा

मुंबई: सबसे बड़े राज्य संचालित जमशेदजी जीजीभॉय अस्पताल के अधिकारियों को क्लिनिकल दवा परीक्षण के बारे में पता था या उन्होंने अपनी आंखें मूंद ली थीं, जो कि उनकी नाक के नीचे 2018 से इसके फार्माकोलॉजी विभाग में किया जा रहा था। डीन डॉ. पल्लवी सपले को सौंपी गई पांच सदस्यीय समिति की हालिया अंतिम रिपोर्ट में महाराष्ट्र सिविल सेवा नियमों के अनुसार एक पूर्व डीन सहित तीन डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई का सुझाव दिया गया है। रिपोर्ट चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधिकारियों को सौंपे जाने की संभावना है। राज्य के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “अंतिम रिपोर्ट के अनुसार, पूर्व डीन डॉ. मुकुंद तायडे ने अस्पताल परिसर में 4,500 वर्ग फुट के तीन कमरे बिना किराया चुकाए अवैध रूप से किराए पर ले लिए। उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए और पिछले पांच वर्षों में वित्तीय लेनदेन की सीमा का पता लगाया जाना चाहिए। इस बीच, अस्पताल को अब तक परीक्षण करने वाले डॉक्टरों से फीस के रूप में लगभग ₹90 लाख मिल चुके हैं। यह संस्थान शुल्क आमतौर पर प्रमुख जांचकर्ताओं द्वारा प्राप्त भुगतान का 10% है। हालाँकि, भारत के नैदानिक परीक्षण नियमों के अनुसार, एक अस्पताल को परीक्षण करने वाली दवा कंपनी द्वारा मुख्य अन्वेषक के रूप में नामित डॉक्टर द्वारा एक राशि का भुगतान करना पड़ता है।
रिपोर्ट में पार्श्व लाइफ साइंसेज के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करने के लिए डॉ तायडे का नाम लिया गया है और फार्माकोलॉजी विभाग में तीन कमरों का उपयोग करने के लिए अस्पताल को किराए के रूप में ₹2 लाख का भुगतान किया गया था। पीडब्ल्यूडी के नियमों के मुताबिक, सरकारी निकायों में जगह किराए पर देने वाली निजी संस्थाओं से व्यावसायिक किराया लिया जाना चाहिए। निष्कर्षों से यह भी पता चलता है कि जेजे अस्पताल के सहयोगी संस्थान, सेंट जॉर्ज अस्पताल के पूर्व चिकित्सा अधीक्षक डॉ. आकाश खोबरागड़े समन्वयक थे और लापरवाही के दोषी थे क्योंकि उन्हें चल रहे नैदानिक परीक्षणों की जानकारी नहीं थी। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि धन के वितरण की निगरानी करना और नियमों का पालन सुनिश्चित करना डॉ. खोबरागड़े की जिम्मेदारी थी, लेकिन वह समन्वयक के रूप में अपना कर्तव्य निभाने में विफल रहे। डॉ. खोबरागड़े और मेडिसिन विभाग के मानद प्रोफेसर डॉ. हेमंत गुप्ता ने अधिकतम संख्या में परीक्षण किए। राज्य के एक अन्य अधिकारी ने कहा, “डॉ. गुप्ता पिछले सप्ताह जांच के लिए आए और संस्थान की फीस का भुगतान किया।”
डॉ. गुप्ता को जंबो कोविड केंद्रों से जुड़े एक कथित घोटाले की प्रवर्तन निदेशालय की जांच में भी नामित किया गया है। सूत्रों ने बताया कि डॉ. गुप्ता पार्श्व से भी जुड़े हैं। डॉ. गुप्ता ने जहां 26 लाख रुपये जमा किए हैं, वहीं डॉ. खोबरागड़े ने 12 लाख रुपये फीस के तौर पर जमा किए हैं। मामले की जांच के लिए 21 जून को जेजे अस्पताल के डीन द्वारा एक समिति का गठन किया गया था। पिछले महीने दवा कंपनियों के साथ क्लिनिकल दवा परीक्षण में शामिल अस्पताल के लगभग 28 डॉक्टरों से पूछताछ की गई है। समिति की प्रारंभिक रिपोर्ट 11 जुलाई को चिकित्सा अनुसंधान और शिक्षा निदेशालय (डीएमईआर) को सौंपी गई थी। “समिति ने 2018 के बाद से किए गए सभी नैदानिक दवा परीक्षणों और भुगतान किए गए किराए के वित्तीय ऑडिट की सलाह दी है। इसने ऐसे परीक्षणों के लिए संस्थान दिशानिर्देश भी सुझाए हैं, ”अधिकारी ने कहा।
अपराध
जेएनपीए में 800 करोड़ रुपये की कथित भ्रष्टाचार: सीबीआई ने पूर्व चीफ मैनेजर, निजी कंपनियों पर केस दर्ज किया

सीबीआई ने जवाहरलाल नेहरू पोर्ट अथॉरिटी (जेएनपीए) के पूंजी ड्रेजिंग प्रोजेक्ट में 800 करोड़ रुपये से अधिक के नुकसान के आरोप में जेएनपीटी के तत्कालीन चीफ मैनेजर (पीपी डब्ल्यूडी), मुंबई और चेन्नई स्थित निजी कंपनियों व अन्य के खिलाफ 18 जून 2025 को एफआईआर दर्ज की है। आरोप है कि जेएनपीए अधिकारियों और निजी कंपनियों के बीच आपराधिक साजिश रची गई, जिससे ठेकों में भारी वित्तीय नुकसान हुआ।
यह मामला जेएनपीए के नेविगेशनल चैनल की गहराई बढ़ाने के लिए हुए पूंजी ड्रेजिंग प्रोजेक्ट से जुड़ा है, जिसमें मुंबई की एक निजी कंपनी और चेन्नई की एक अन्य कंपनी को ठेका दिया गया था। टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स (टीसीई) इस प्रोजेक्ट में प्रोजेक्ट मैनेजमेंट कंसल्टेंट के तौर पर शामिल थी।
आरोप है कि प्रोजेक्ट के पहले फेज में चैनल की मेंटेनेंस के दौरान ठेकेदारों को 365.90 करोड़ रुपये की अतिरिक्त भुगतान की गई। वहीं, दूसरे फेज में, जो पहले फेज की मेंटेनेंस अवधि से ओवरलैप करता था, ठेकेदार को 438 करोड़ रुपये की और अतिरिक्त राशि दी गई, जबकि दावा किया गया कि पहले फेज में कोई ओवर ड्रेजिंग नहीं हुई थी।
सीबीआई ने मुंबई और चेन्नई में जेएनपीए अधिकारियों, कंसल्टिंग कंपनी और आरोपी निजी कंपनियों के पांच ठिकानों पर छापेमारी की। इस दौरान प्रोजेक्ट से जुड़े कई दस्तावेज, डिजिटल डिवाइसेज और सार्वजनिक कर्मचारियों द्वारा किए गए निवेश के दस्तावेज बरामद किए गए हैं। सभी दस्तावेजों की जांच की जा रही है और मामले की जांच जारी है।
एफआईआर में नामजद आरोपी:
श्री सुनील कुमार मदाभावी, तत्कालीन चीफ मैनेजर (पीपी डब्ल्यूडी), जेएनपीटी
श्री देवदत्त बोस, प्रोजेक्ट डायरेक्टर, टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स
टाटा कंसल्टिंग इंजीनियर्स, मुंबई
बोस्कालिस स्मिट इंडिया एलएलपी, मुंबई
जान डी नुल ड्रेजिंग इंडिया प्रा. लि., चेन्नई
अन्य अज्ञात सरकारी और निजी व्यक्ति
सीबीआई मामले की गहन जांच कर रही है और आगे की कार्रवाई जारी है।
अपराध
मुंबई पुलिस ने एमडी ड्रग्स के साथ तीन तस्करों को किया गिरफ्तार, पूछताछ जारी

मुंबई, 20 जून। मुंबई पुलिस की एंटी नारकोटिक्स सेल (एएनसी) की घाटकोपर यूनिट ने एक बड़ी कार्रवाई में तीन ड्रग तस्करों को गिरफ्तार किया है। उनके कब्जे से 1.18 किलोग्राम मेथमफेटामाइन (एमडी) ड्रग्स बरामद की गई, जिसकी अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमत 2.03 करोड़ रुपये से अधिक आंकी गई है। यह कार्रवाई मुंबई के अंधेरी और घाटकोपर इलाकों में की गई।
एएनसी की घाटकोपर यूनिट ने गुप्त सूचना के आधार पर घाटकोपर बस स्टॉप के पास नियमित गश्त के दौरान दो संदिग्धों को देखा। संदिग्धों की तलाशी लेने पर पुलिस ने 40 वर्षीय कांदिवली निवासी से 257 ग्राम एमडी और 29 वर्षीय अंधेरी (पश्चिम) निवासी से 156 ग्राम एमडी बरामद किया।
दोनों से पूछताछ के आधार पर पुलिस ने अंधेरी इलाके में तीसरे संदिग्ध को पकड़ा, जिसके पास से 605 ग्राम एमडी जब्त की गई। कुल मिलाकर 1.18 किलोग्राम ड्रग्स बरामद की गई, जो नशीली दवाओं के अवैध व्यापार पर एक बड़ा प्रहार है।
पुलिस ने तीनों आरोपियों के खिलाफ नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस (एनडीपीएस) एक्ट की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है। सभी आरोपी वर्तमान में पुलिस हिरासत में हैं और उनसे गहन पूछताछ की जा रही है।
प्रारंभिक जांच में पता चला है कि ये आरोपी मुंबई के घाटकोपर और अंधेरी इलाकों में सक्रिय एक बड़े ड्रग तस्करी नेटवर्क का हिस्सा हो सकते हैं।
जांचकर्ताओं का मानना है कि यह गिरफ्तारी ड्रग तस्करी के एक संगठित रैकेट को उजागर करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है। पुलिस अब आरोपियों के कनेक्शन, उनके आपराधिक इतिहास और संभावित बड़े सिंडिकेट की जांच कर रही है। इसके लिए डिजिटल रिकॉर्ड, कॉल डेटा और वित्तीय लेनदेन की गहन पड़ताल की जा रही है ताकि इस नेटवर्क के अन्य सदस्यों और उनके संचालन के तरीकों का पता लगाया जा सके।
मुंबई पुलिस की ड्रग तस्करी के खिलाफ उनकी कार्रवाई निरंतर जारी है। पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे इस तरह की गतिविधियों की सूचना तुरंत दें ताकि शहर को सुरक्षित बनाया जा सके।
अपराध
बिहार में युवक ने चार साल का प्यार भुलाकर प्रेमिका को उतारा मौत के घाट, गिरफ्तार

बिहारशरीफ, 18 जून। बिहार के नालंदा जिले में एक लड़की को प्यार करने की कीमत अपनी जान देकर चुकानी पड़ी। पुलिस ने बुधवार को एक लड़की का शव नगर थाना क्षेत्र के कागजी मोहल्ला के सड़क किनारे एक नाले से बरामद किया।
आरोप है कि उसके प्रेमी ने ही उसकी हत्या कर शव को यहां फेंक दिया। पुलिस ने आरोपी प्रेमी को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के एक अधिकारी ने बताया कि मृतक लड़की की पहचान नालंदा जिले के सारे थाना क्षेत्र के ओंदा गांव निवासी पूजा कुमारी (19) के रूप में हुई है। वह भागन बिगहा की रहने वाली थी और बीते कई महीनों से बिहारशरीफ में किराए के मकान में रह रही थी।
बिहारशरीफ सदर के पुलिस उपाधीक्षक नुरुल हक ने बताया कि पुलिस को मंगलवार की रात सूचना मिली कि एक युवक ने अपनी प्रेमिका की हत्या कर शव को कहीं छिपा दिया है। पुलिस ने रात को शव को काफी खोजने की कोशिश की, लेकिन सफलता नहीं मिली। इसके बाद पुलिस ने आरोपी युवक अमित कुमार को हिरासत में लेकर पूछताछ की तो पूरा मामला सामने आ गया।
उन्होंने बताया कि पूछताछ में आरोपी ने स्वीकार किया कि वह पिछले चार वर्षों से पूजा को जानता था। दोनों की मुलाकात बरबीघा स्थित मिशन स्कूल में पढ़ाई के दौरान हुई थी।
उन्होंने बताया कि आरोपी युवक फिलहाल बिहार थाना क्षेत्र के कागजी मोहल्ला में विजय कुमार कुशवाहा के मकान में किराए पर रह रहा था।
बताया गया कि लड़की मंगलवार को यहां आई थी और किसी बात को लेकर दोनों में विवाद हुआ और आरोपी ने यहीं युवती की हत्या धारदार हथियार से कर दी। हत्या में प्रयुक्त हथियार को भी कमरे से बरामद किया गया है।
पुलिस का दावा है कि आरोपी ने स्वीकार किया है कि उसने शव को एक बड़े सूटकेस में रखकर ई-रिक्शा के जरिए कुछ दूरी पर जाकर नाले में फेंक दिया। पुलिस को घटनास्थल से खून के निशान भी मिले हैं, लेकिन सूटकेस अब तक बरामद नहीं हो सका है। पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है।
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