अपराध
जिग्नेश मेवाणी जमानत मिलने के तुरंत बाद असम में फिर गिरफ्तार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ एक ‘आपत्तिजनक’ ट्वीट के सिलसिले में असम पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने के छह दिन बाद सोमवार को असम पुलिस ने गुजरात के निर्दलीय विधायक जिग्नेश मेवाणी को कोकराझार जिले की एक अदालत द्वारा जमानत दिए जाने के तुरंत बाद फिर से गिरफ्तार कर लिया। बारपेटा जिले की पुलिस ने एक महिला पुलिस अधिकारी का शील भंग करने समेत विभिन्न आरोपों में मेवाणी को गिरफ्तार किया है।
विधायक के खिलाफ लगाए गए अन्य आरोपों में आईपीसी 294 (सार्वजनिक रूप से अश्लील कृत्य या शब्द का उपयोग), आईपीसी 323 (स्वेच्छा से चोट पहुंचाना), 353 (लोक सेवक को उसके कर्तव्य के निर्वहन से रोकना) और 354 (किसी भी महिला पर हमला या आपराधिक बल का उपयोग करना, अपमान करने का इरादा या यह आशंका कि शील भंग कर देगा) शामिल हैं।
एक महिला सब-इंस्पेक्टर ने 21 अप्रैल को बारपेटा रोड पुलिस स्टेशन में मेवाणी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें आरोप लगाया गया था, “21 अप्रैल को जब मैं गिरफ्तार आरोपी जिग्नेश मेवाणी को गुवाहाटी हवाईअड्डे से कोकराझार तक अन्य पुलिस अधिकारियों के साथ ले जा रही थी, आरोपी व्यक्ति ने मेरे प्रति अपशब्द कहे।”
“जब मैंने उसे संभलकर बोलने के लिए कहा तो वह उत्तेजित हो गया और, फिर अपशब्दों का इस्तेमाल किया। उसने मेरी ओर उंगली उठाई और मुझे डराने की कोशिश की और मुझे बलपूर्वक अपनी सीट पर धकेल दिया। इस प्रकार उसने मेरे कानूनी कर्तव्य निभाने के दौरान मुझ पर हमला किया। धक्का देते समय मुझे अनुचित तरीके से छूकर मेरी शील भंग कर दी। कोकराझार पहुंचने के बाद मैंने तुरंत अपने वरिष्ठ अधिकारियों को मामले की सूचना दी।” शिकायत की प्रति आईएएनएस के पास उपलब्ध है।
गुजरात के विधायक को पहली बार बुधवार रात को प्रधानमंत्री के खिलाफ एक ‘आपत्तिजनक’ टिप्पणी के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था। उन्होंने यह टिप्पणी 18 अप्रैल को एक ट्वीट के माध्यम से की थी।
मेवाणी को गुरुवार सुबह गुवाहाटी के लिए रवाना किया गया, जहां से उन्हें सड़क मार्ग से कोकराझार ले जाया गया।
कोकराझार जिले में मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने गुरुवार को दलित कार्यकर्ता की जमानत याचिका खारिज कर दी और उसे तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया।
रविवार को उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई के बाद अदालत ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया और उसे एक दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया और पुलिस को सोमवार को फिर से मेवाणी को अदालत में पेश करने को कहा।
अपनी दोबारा गिरफ्तारी से पहले मेवाणी ने कहा कि यह भाजपा और आरएसएस की गहरी साजिश है।
उन्होंने अदालत परिसर के बाहर मीडिया से कहा, “वे (भाजपा और आरएसएस) मेरी छवि खराब करने के लिए ऐसा कर रहे हैं और व्यवस्थित रूप से ऐसा कर रहे हैं। उन्होंने रोहित वेमुला के साथ ऐसा किया, उन्होंने चंद्रशेखर आजाद के साथ किया, अब वे मुझे निशाना बना रहे हैं।”
गुजरात के विधायक को पिछले सप्ताह उनके गृह राज्य से गिरफ्तार किया गया था।
मेवाणी की गिरफ्तारी के बाद से जिन्होंने पहले कांग्रेस को बाहरी समर्थन देने का वादा किया था, पार्टी असम के विभिन्न हिस्सों में गिरफ्तारी को ‘साजिश’ करार देते हुए प्रदर्शन कर रही है।
पार्टी ने मामले को देखने के लिए अपनी कानूनी टीम कोकराझार भी भेजी।
असम कांग्रेस अध्यक्ष भूपेन कुमार बोरा ने भाजपा सरकार पर एक साधारण ट्वीट से निपटने के लिए राज्य के पुलिस बल का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए आरोप लगाया था कि यह पुलिस द्वारा एक साजिश और ‘गुंडागीरी’ है।
ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के एक प्रतिनिधिमंडल ने भी थाने में मेवाणी से मुलाकात की थी।
माकपा विधायक मनोरंजन तालुकदार और निर्दलीय विधायक अखिल गोगोई ने भी थाने में मेवाणी से मुलाकात की थी।
41 वर्षीय विधायक पर आपराधिक साजिश, पूजा स्थल से संबंधित अपराध, धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने और शांति भंग करने वाले उकसावे का आरोप लगाया गया था।
भाजपा नेता अरूप कुमार डे ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि मेवाणी की टिप्पणी ‘एक निश्चित समुदाय के लोगों के एक वर्ग को उकसा सकती है’।
अपराध
दिल्ली के मालवीय नगर में दो युवकों पर चाकू से हमला, एक की मौत

CRIME
नई दिल्ली, 30 अगस्त। दिल्ली के मालवीय नगर थाना क्षेत्र में शनिवार सुबह एक सनसनीखेज वारदात हुई। खिड़की एक्सटेंशन के जे ब्लॉक में दो युवकों पर चाकू से हमला किया गया। इस हमले में एक युवक की मौत हो गई, जबकि दूसरे को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने हत्या, हत्या की कोशिश समेत कई धाराओं में केस दर्ज किया है। आरोपियों की धरपकड़ के लिए प्रयास जारी हैं।
पुलिस को सूचना मिली थी कि खिड़की एक्सटेंशन के जे ब्लॉक में दो युवकों पर हमला हुआ है और दोनों सड़क पर खून से लथपथ पड़े हैं। इसके बाद मदन मोहन मालवीय अस्पताल से खबर आई कि अस्पताल में लाए गए एक घायल शख्स की मौत हो गई है। पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और जांच शुरू की।
इस हमले में मारे गए युवक की पहचान खिड़की एक्सटेंशन निवासी विवेक (11) के रूप में हुई। मूल रूप से आगरा (उत्तर प्रदेश) का रहने वाला विवेक एक रेस्टोरेंट में काम करता था। उसका शव ट्रॉमा सेंटर भेजा गया।
वहीं दूसरे युवक की पहचान गुप्ता कॉलोनी, खिड़की एक्सटेंशन निवासी अमन (21) हुई। अमन डीएलएफ में काम करता था। उसका इलाज ट्रॉमा सेंटर में चल रहा है।
पुलिस के मुताबिक सुबह एक और कॉल आई, जिसमें बताया गया कि चार लड़कों के हाथ खून से सने थे और चाकू लिए हुए थे और लूटपाट के बाद भागे। सीसीटीवी फुटेज से पता चला कि इन्हीं चारों ने विवेक और अमन पर हमला किया था। पुलिस ने घटनास्थल का दौरा किया और अपराधियों को पकड़ने के लिए छापेमारी शुरू कर दी है।
जांच में पता चला कि यह हमला सुनियोजित हो सकता है। स्थानीय लोगों ने सुरक्षा बढ़ाने की मांग की है। पुलिस का कहना है कि जल्द ही अपराधियों को पकड़ लिया जाएगा। इस घटना में संलिप्त आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह सुनिश्चित किया जाएगा कि इलाके में रहने वाले लोगों को शांतिपूर्ण माहौल मिले और उन्हें दहशत के साए जीने के लिए विवश न होना पड़े।
अपराध
विरार इमारत हादसा: मामले में 5 लोग गिरफ्तार; जांच अपराध शाखा को सौंपी गई

CRIME
पालघर: विरार में रमाबाई इमारत के ढहने की घटना की जांच, जिसमें इस सप्ताह की शुरुआत में 17 लोगों की जान चली गई थी, अपराध शाखा इकाई 3 को सौंप दी गई है।
शुरुआत में, बिल्डर नित्तल गोपीनाथ साने (48) को इस मामले में गिरफ्तार किया गया था। आगे की पूछताछ के बाद, पुलिस ने दिवंगत ज़मींदार परशुराम दलवी की बेटियों और दामाद शुभांगी भोईर (38), संध्या पाटिल (35), सुरेंद्र भोईर (46) और मंगेश पाटिल (35) को भी हिरासत में ले लिया है। सभी पाँचों आरोपियों को शनिवार को वसई सत्र न्यायालय में पेश किया जाएगा।
जांचकर्ताओं के अनुसार, दलवी ने 2008 और 2011 के बीच डेवलपर साने के साथ इमारत के निर्माण के लिए एक समझौता किया था। 2020 में, नगर निगम ने मरम्मत की आवश्यकता का हवाला देते हुए एक नोटिस जारी किया था। अधिकारियों ने पुष्टि की है कि यह संरचना अवैध थी।
मंगलवार को एक इमारत ढहने से त्रासदी हुई, जिसमें 17 निवासियों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए। जाँच लापरवाही, भूस्वामियों की जवाबदेही और अनधिकृत निर्माण में डेवलपर की भूमिका पर केंद्रित है।
अपराध
दिल्ली पुलिस ने ड्रग पैडलर को किया गिरफ्तार, 30.595 किलो गांजा बरामद

नई दिल्ली, 30 अगस्त। पूर्वी जिले की पटपड़गंज इंडस्ट्रियल एरिया थाना पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एक ड्रग पैडलर को 30.595 किलो गांजे के साथ गिरफ्तार किया। पुलिस ने गुरुवार को आईएसबीटी आनंद विहार के पास चेकिंग के दौरान यह सफलता हासिल की। आरोपी की पहचान विवेक कुमार उर्फ किट्टू (19), निवासी जिला पटना, बिहार के रूप में हुई है।
पुलिस के अनुसार, एचसी अजय कुमार और कांस्टेबल रवि क्षेत्र में गश्त कर रहे थे। इसी दौरान उन्होंने एक युवक को चार बैग लिए हुए संदिग्ध अवस्था में देखा। पुलिस टीम को देखकर वह घबरा गया और भागने की कोशिश करने लगा, लेकिन उसे तुरंत पकड़ लिया गया। जब बैगों की जांच की गई तो उनमें पैक किया गया गांजा मिला।
पकड़े गए आरोपी विवेक ने पूछताछ में बताया कि यह गांजा उसे उसके गांव के ही सुरंजन कुमार यादव ने दिया था, जिसे दिल्ली के मोती नगर और रघुवीर नगर में सप्लाई करना था। आरोपी पिछले एक साल से गांजा सप्लाई के धंधे में शामिल था। उसने अब तक 9–10 बार बिहार से दिल्ली तक खेप पहुंचाई। डिलीवरी की पूरी प्लानिंग व्हाट्सएप कॉल्स और लोकेशन शेयरिंग के जरिए की जाती थी। हर खेप लाने पर उसे 10 से 20 हजार रुपए मिलते थे। पुलिस ने मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
आरोपी ने बताया कि अक्सर उसके साथ उसका नाबालिग साथी शिव शंकर भी रहता था, ताकि संदेह कम हो। घटना के दिन भी वह साथ था, लेकिन विवेक की गिरफ्तारी से पहले ही फरार हो गया। पुलिस उसकी तलाश में जुटी हुई है।
विवेक कुमार उर्फ किट्टू, 19 वर्षीय युवक, बिहार के पटना जिले के बाढ़ थाना क्षेत्र के गांव सिकंदरा धनवान का निवासी है। वह एक साधारण परिवार से ताल्लुक रखता है, जहां उसके पिता किसान हैं। परिवार में मां, चार बहनें और एक भाई हैं। विवेक की शिक्षा केवल छठी कक्षा तक सीमित रही, जिसके बाद उसने मजदूरी शुरू की। हालांकि, बाद में वह नशा तस्करी के गैरकानूनी धंधे में शामिल हो गया। पुलिस ने उसके कब्जे से कुल 30.595 किलोग्राम गांजा बरामद किया है।
पुलिस ने आगे बताया कि आरोपी विवेक के जरिए पूरे सप्लाई नेटवर्क का पता लगाया जा रहा है। सप्लायर सुरंजन यादव और दिल्ली में गांजा रिसीव करने वाले लोगों की तलाश की जा रही है। पुलिस ने साफ किया कि नशा तस्करी में शामिल किसी भी व्यक्ति को बख्शा नहीं जाएगा।
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